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किसी ने यह 25 प्रश्न पूछे थे उसका जवाब
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इन्सान ने ही भगवान का निर्माण किया है इसके तार्किक सबूत निम्नलिखित है ।???

1)~मनुष्य के अलावा दुनिया का एक भी प्राणी भगवान को नही मानता।

उत्तर👉 यह गलत बात है।ब्रम्हाजी से लेकर अनेक अनेक देवता, अनेक अनेक लोकों में भगवान का भजन एवं सेवा करते रहते हैं।एक और उदहारण शिव जी अपने पूरे परिवार एवं अनेक अनेक देवताओं, ऋषिमुनि एवं संतों के साथ हमेशा भगवान का कथा एवं भजन में मग्न रहते हैं।

2)~जहाॅ इन्सान नही पहुॅचा वहाॅ एक भी मंदिर मस्जिद या चर्च नही मिला।

उत्तर👉 वहाँ नहीं पहुँचने के कारण ही उसको वहा का ज्ञान बिल्कुल भी नहीं है।भगवद गीता एवं भागवतम में प्रमाण के तौर पर लिखा एवं कहा गया है कि अनेको अनेक ब्रम्हांड है और सभी जगह भगवान विष्णु के द्वारा ही संचालित एवं चलायमान है।अज्ञानी मनुष्य यह बात नहीं जानते।

3)~अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग देवता है।इसका मतलब इन्सान को जैसी कल्पना सुझी वैसा भगवान बनाया गया।

उत्तर👉 ऐसा बिलकुल नहीं है, शिव जी पुरे ब्रम्हांड के लिए शिव जी है।ऐसा नहीं है कि शिव जी कैलाश में शिव जी हैं तो हरिद्वार में उनको कालीजी कहा जाता है।मूर्खो के बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए।

4)~दुनिया मे अनेक धर्म पंथ और उनके अपने-अपने देवता है। इसका अर्थ भगवान भी एक नही।
उत्तर👉सबसे पहले समझाना तो यह जरुरी है कि भगवान सभी देवताओं के बाप हैं और सभी पंथ भी भगवान से शुरू होते हैं।इसलिए भगवान अपनी परम स्वतंत्र मर्जी से अनेक अनेक प्रकार की व्यवस्था संसार को चलाने के लिए समय समय पर करते हैं।

5)~दिन प्रतिदिन नये नये भगवान तैयार हो रहे है।
उत्तर👉हमेशा मनोधर्मियो से सावधान रहना चाहिए।साथ ही रोज भगवत गीता एवं भागवतम अवश्य पढ़ना चाहिए।

6)~अलग-अलग प्रार्थनायें है।
उत्तर👉बहुत स्वाभाविक एवं प्रामाणिक है।भगवान अपने सभी शरणागतों को सम्मान प्रदान करने के लिए ऐसी व्यवस्था करते हैं।

7)~माना तो भगवान नही तो पत्थर यह कहावत ऐसे ही नही बनी।
उत्तर👉बाप को भी बाप कहना पड़ता है,माँ को भी माँ पुकारना पड़ता है।जो ऐसा नहीं करते हैं माँ बाप उसे निम्न कोटि के संतान मानते हैं।फिर भगवान के बारे क्या कहना।जो कि सभी कारणों के कारण है।जो उनको मानता है उसके लिए भगवान बनकर प्रकट हो जाते हैं, जो मुर्ख उनको नहीं मानते हैं सिर्फ उनके द्वारा ही पत्थर समझे जाते है।ऐसे मूर्खो,पागल एवं मनोधर्मियो की संगति से बचना चाहिए।

8)~दुनिया मे देवताओं के अलग-अलग आकार और उनको प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग पुजा।
उत्तर👉यह बिलकुल प्रामाणिक इसमें तनिक भी संशय नहीं।हम संसार में खुले आँख एवं खुले दिमाग से देखते और समझते हैं कि सभी मनुष्यों एवं प्राणियों का रेहेन सहन अलग है और उनका जीवन शैली भी अलग अलग होता है।सभी देवता भी जीवात्मा है ।इसलिए उनका आकार अलग अलग एवं पुजा पाठ भी अलग अलग होता है। चुकी कोई भी देवता भगवान के बराबर नहीं है न हो सकते हैं इसलिए भगवान हमेशा परम पद पर विराजमान होते हैं।

9)~अभी तक किसी इन्सान को भगवान मिलने के कोई प्रमाण नही है।
उत्तर👉यह जिसने लिखा और जिसने कहा है उससे बड़ा मुर्ख,गधा,पागल,मनोधर्मी आज तक इस जगत में हुआ नहीं है।श्रीमद भागवतम में अनेकों कथाये भरी हुई है, जिसमे भगवान अनेक अनेक भक्तो को दर्शन दिया है एवं उनके साथ बरसो बिताये है।भागवतम पढ़ने एवं सुनने से ऐसे मूर्खो की बुद्धि ठीक हो जायेगी।

10)भगवान को मानने वाला और नही मानने वाला भी समान जिंदगी जीता है।
उत्तर👉यह बिलकुल गलत है।बहुत सरे कीटाणु, बैक्टेरिया खुले आँखो से नहीं दीखते है लेकिन उनके मौजूदकी के कारण लोग भयंकर बीमारियो से ग्रस्त हो जाते हैं।लेकिन डॉक्टर जब उसे सुक्ष्म दर्शन यंत्र के द्वारा जाँच करता है तब वास्तविक बीमारी और जीवाणु का पता चल जाता है।फिर उचित दवा एवं परहेज के द्वारा ठीक किया जाता हैं।ठीक उसी प्रकार भगवन को मानने वाला हमेशा भगवान के द्वारा संग्रक्षित रहता है और नहीं मानने वाला अनेक बीमारियों से ग्रषित होते रहता है।

11)~भगवान किसी का भी भला या बुरा नही कर सकता।
उत्तर👉ऐसा जो भी सोचते हैं उनको अनेक अनेक मंदिरों में जो भीड़ इक्कठा होता है उसे ध्यान पूर्वक देकर विचार करना चाहिए।वो मुर्ख है या एकत्रित जनसमुदाय मुर्ख है क्योंकि सभी जीव यह जानते हैं कि सिर्फ और सिर्फ भगवन ही उनके परम हितैषी है।

12)~भगवान भ्रष्टाचार अन्याय चोरी बलात्कार आतंकवाद अराजकता रोक नही सकता।
उत्तर👉क्योंकि इसके लिए मोदी ,पुलिस डिपार्टमेंट और अनेक डिपार्टमेंट संसार में स्थापित है।

13)~छोटे मासुम बच्चों पर बंदुक से गोलियाॅ दागने वालों के हाथ भगवान नही पकड सकता।
उत्तर👉क्योंकि कर्म करने की आजादी भगवान ने सबको दी है।जब की फल देने का अधिकार अपने पास सुरक्षित रखा है।इसलिए हज़ारो हज़ार बार सोचकर कर्म करना चाहिए।ऐसे हज़ारो प्रश्नों के उत्तर भागवतम एवं भगवत गीता में लिखा हुआ है।पढ़ने से सारा अज्ञान दूर हो जायेगा नहीं तो प्रश्नों के महाजाल में फस कर यह जीवन बेकार हो जायेगा

14)~मंदिर मठ आश्रम प्रार्थना स्थल जहाॅ माना जाता है कि भगवान का वास होता है वहाॅ भी बच्चे महिलाए सुरक्षित नही है।
उत्तर👉आप जैसे लोगो के कारण।

15)~मंदिर मस्जिद चर्च को गिराते समय एक भी भगवान ने सामने आकर विरोध नही किया।
उत्तर👉पहले कहा जा चूका है कि सबको कर्म करने की आजादी है बाद में पूरा हिसाब ब्याज सहित आता है

16)~बिना अभ्यास किये एक भी छात्र को भगवान ने पास किया हो ऐसा एक भी उदाहरण आज तक सुनने को नही मिला।
उत्तर👉आप मुर्ख हो ,अनेको ऐसे उदाहरण हैं ग्रंथो में।जैदेव गोस्वामी के लिए भगवान जगन्नाथ जी ने गीतगोविंदम लिखा था।

17)~बहुत सारे भगवान ऐसे है जिनको 25 साल पहले कोई नही जानता था। वह अब प्रख्यात भगवान हो गये है।
उत्तर👉वे सिर्फ आप और आप जैसो के भगवान है

18)~खुद को भगवान समझने वाले अब जेल की हवा खा रहे है।
उत्तर👉यह वास्तविक और प्रामाणिक शिक्षा है कि हमें मनोधर्मी नहीं बनना चाहिए।

19)~दुनिया मे करोडों लोग भगवान को नही मानते फिर भी वह सुख चैन से रह रहे है।
उत्तर👉पूर्व जन्म के संचित फल के कारण।

20)~हिन्दु अल्लाह को नही मानते। मुस्लिम भगवान को नही मानते। इसाई भगवान और अल्लाह को नही मानते। हिन्दु मुस्लिम गाॅड को नही मानते। फिर भी भगवानों ने एक दुसरे को नही पुछा कि ऐसा क्यो?
उत्तर👉जो भी नहीं मानते हैं वे वास्तविक में न तो धार्मिक है,न हिन्दू है ,न मुस्लिम है,न सिख, न ईसाई है सिर्फ मनोधर्मी है।

21)~एक धर्म कहता है कि भगवान का आकार नही।दुसरा भगवान को आकार देकर फेन्सी कपडे पहनाता है।तीसरा अलग ही बताता है।मतलब सच क्या है?
उत्तर👉सच यह है कि भगवान सबके बाप है। जभी सब बेटो का आकार हैं तो बाप का भी आकार निश्चित है,बेटे फँसी कपडे पहनते हैं इसलिए बाप को भी पहनते हैं यही सही है।

22)~भगवान है तो लोगों मे उसका डर क्यों नही?
उत्तर👉क्योंकि वे अधर्मी हो गए हैं।

23)~मांस भक्षण करने वाला भी जी रहा है और नही करने वाला भी जी रहा है। और जो दोनो खाता है वह भी जी रहा है।
उत्तर👉 जीवन देने वाला परमात्मा ही है वही लोगो को उनके कर्म के अनुसार क्रियाए प्रदान करता है जिसने पूर्व जन्म में किसी को मारा या मार कर खाया है अगलेजन्म में उसे स्वयं भी इसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा जो मास नही खा रहा ये उसके पूर्व जन्म के संचित पुण्यो का फल है और जो खाता है ये पापो का फल अगर वो ऐसा नही करेगा तो प्रारब्ध भोग कैसे भोगेगा जो उसे आगे भी चुकाना है।

23)~रूस, अमेरिका भगवान को नही मानते फिर भी वे महासत्ता है।
उत्तर👉महासत्ता के बारे में आपको जानकारी नहीं है।रूस ,अमेरिका भगवान के अधीन है।यह प्रमाण है कि वह के लोग, अनेक अनेक प्राथनाएं करते रहते हैं।

24) जब ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की तो फिर चार वर्ण की व्यवस्था सिर्फ भारत में क्यों पाई जाती है? अन्य देशों में क्यों नही पाई जाती है ? जब पिछले जन्म के कर्म के आधार पर जातियों का निर्माण किया गया है तो भारतीय जातियां अन्य देशों में क्यों नहीं पायी जाती है ?
उत्तर👉 क्योंकि भारत ही एक शुद्ध और पवित्र देश है।जन्म के आधार पर जाती व्यवस्था प्रामाणिक नहीं है ।यह चालाक मनुष्यों की देंन है।भगवत गीता में कहा गया है कि गुण एवं कर्म के आधार पे चार वर्णो को स्थापित किया गया है।

25) जब वेद ईश्वर वाणी है तो भारत के अलावा अन्य देशों में वेद क्यों नहीं हैं? तथा वेद सिर्फ ब्राह्मणों की भाषा संस्कृत में क्यों है अन्य भाषाओं जैसे बंगाली, उड़िया, उर्दू, अंग्रेजी, मलयालम, तेलगु, फारसी, आदि में क्यों नहीं है? क्या इन भाषाओं को बोलने वालों केलिए वेद नहीं है?
उत्तर👉यह संपूर्ण पृथ्वी भरे वर्ष था इसलिए इसे महाभारत भी कहा जाता है।उस समय संस्कृत ही मुख्य भाषा थी।
भागवतम एवं भगवत गीता,रामायण,महाभारत और भक्त माल अगर जीवन में पढ़ते रहेंगे तो ऐसे प्रश्नों का जवाब सरलता से प्राप्त हो जायेगा।


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