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हमारे पूर्वजों की दूरदर्शिता 🙏🙏
5000 वर्ष पूर्व सनातन धर्म के श्लोक जो कि पेंडेमिक की दशा में स्वस्थ रहने की शिक्षा देते है—-

1 »
लवणं व्यञ्जनं चैव घृतं तैलं तथैव च ।
लेह्यं पेयं च विविधं हस्तदत्तं न भक्षयेत् ।।
धर्मसिन्धू ३पू. आह्निक

—-नमक, घी,तेल,चावल,और दूसरे अन्य खाद्य पदार्थ सीधे हाथ से नही परोसने चाहिए ,चम्मच का प्रयोग करें

Salt, ghee, oil, rice and other food items should not be served with bare hand. Use spoons to serve.

2 »
अनातुरः स्वानि खानि न स्पृशेदनिमित्ततः ।।
मनुस्मृति ४/१४४
बिना कारण अपनी इंद्रियों (आंख,नाक,कान आदि) का स्पर्श न करे।

Without a reason don’t touch your own indriyas (organs like eyes, nose, ears, etc.)

3 »
अपमृज्यान्न च स्न्नातो गात्राण्यम्बरपाणिभिः ।।
मार्कण्डेय पुराण ३४/५२

वस्त्र जो एक बार पहने हुए हो बिना धुले न प्रयोग करे।स्नान के बाद स्वयं को सुखाये

Don’t use clothes already worn by you & dry yourself after a bath.

4 »
हस्तपादे मुखे चैव पञ्चाद्रे भोजनं चरेत् ।।
पद्म०सृष्टि.५१/८८
नाप्रक्षालितपाणिपादो भुञ्जीत ।।
सुश्रुतसंहिता चिकित्सा २४/९८

भोजन करने से पूर्व हाथ ,पैर,व मुँह धोये

Wash your hands, feet, mouth before you eat.

5 »
स्न्नानाचारविहीनस्य सर्वाः स्युः निष्फलाः क्रियाः ।।
वाघलस्मृति ६९

स्नान एवम शुद्धि के बिना सभी कर्म निष्फल हो जाते हैं

Without a bath or Snan and Shudhi, all Karmas (duties) done are Nishphal (no use).

6 »
न धारयेत् परस्यैवं स्न्नानवस्त्रं कदाचन ।।
पद्म० सृष्टि.५१/८६

दूसरों के द्वारा प्रयोग किए वस्त्र जैसे तौलिये आदि का प्रयोग स्नान के बाद न करे

Don’t use the cloth (like towel) used by another person for drying yourself after a bath.

7 »
अन्यदेव भवद्वासः शयनीये नरोत्तम ।
अन्यद् रथ्यासु देवानाम् अर्चायाम् अन्यदेव हि ।।
महाभारत अनु १०४/८६

पूजा के समय ,सोते समय ,बाहर जाते समय अलग अलग वस्त्रो का प्रयोग करे

Use different clothes while sleeping, while going out, while doing pooja.

8 »
तथा न अन्यधृतं (वस्त्रं) धार्यम् ।।
महाभारत अनु १०४/८६

दुसरो के धारण किये वस्त्रो को न पहनें

Don’t wear clothes worn by others.

9 »
न अप्रक्षालितं पूर्वधृतं वसनं बिभृयाद् ।।
विष्णुस्मृति ६४

वस्त्रो को एक बार प्रयोग के बाद बिना धोये न प्रयोग करे

Clothes once worn should not be worn again before washing.

10 »
न आद्रं परिदधीत ।।
गोभिसगृह्यसूत्र ३/५/२४

गीले वस्त्र न पहने

Don’t wear wet clothes.

11 »
चिताधूमसेवने सर्वे वर्णाः स्न्नानम् आचरेयुः।
वमने श्मश्रुकर्मणि कृते च।।
विष्णुस्मृति २२

सदैव बल कटवाने के बाद स्नान करें
अंत्येष्टि क्रिया से लौटने के बाद अवश्य स्नान करें

Take a bath on return from cremation ground. Take a bath after every haircut.

ये सुरक्षात्मक उपाय हमे 5000वर्ष पूर्व सनातन धर्म मे सिखाए गए थे ।हम व्यक्तिगत साफ सफाई का महत्व तब से जानते हैं जब कोई माइक्रोस्कोप नही था ।हमारे पूर्वजों ने वैदिक ज्ञान में इसको सदआचरण कहा ।

आज के परिदृश्य में यह कितना सत्य है।

सनातन ही सत्य है और सत्य ही सनातन है।

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