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💐#सिंदूरलगानेकी_परंपरा💐

💐#सुहागनस्त्रियोंका_प्रतीक💐

हमारे हिंदू परंपराओं में से अधिकतर के
पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण जरूर
छुपा हुआ है।

वहीं,ऐसा ही एक कारण मांग में सिंदूर
भरने के पीछे भी मौजूद है।

कहते हैं हमारे सिर के बीचो बीच जिस
स्थान पर मांग भरी जाती है यानी कि
सिंदूर लगाया जाता है वहां एक विशेष
ग्रंथि पाई जाती है, जिसे हमारे शास्त्रों
में ब्रह्मारंध्र कहा गया है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि
स्त्रियों के शरीर में यह जगह बहुत अधिक
संवेदनशील मानी जाती है।

यही नहीं,इस खास जगह पर सिंदूर लगाने
से आपको तनाव से मुक्ति मिलेगी व साथ
ही दिमाग से जुड़ी कई तरह की बीमारियां
होने की संभावना भी कम हो जाती है
क्योंकि सिंदूर में पारा नाम की धातु
उपस्थित रहती है।

यदि पत्नी के माँगके बीचो बीच सिन्दूर
लगा हुआ है तो उसके पति की अकाल
मृत्यू नही हो सकती है।

जो स्त्री अपने माँगके सिन्दूर को बालोसे
छिपा लेती है उसका पति समाजमेँ छिप
जाता है।

जो स्त्री बीच माँग मेँ सिन्दूर न लगाकर
किनारे की तरफ सिन्दूर लगाती है उसका
पति उससे किनारा कर लेता है।

यदि स्त्रीके बीच माँग मेँ सिन्दूर भरा है तो
उसके पति की आयु लम्बी होतीहै।

रामायण मेँ एक प्रसंग आता है जब
बालि और सुग्रीवके बीच युध्द हो रहा
था तब श्रीरामने बालि को नही मारा।

जब बालि के हाथो मार खाकर सुग्रीव
श्रीरामके पास पहुचा तो श्रीरामने कहा
की तुम्हारी और बालि की शक्ल एक सी
है इसिलिये मैँ भ्रमित हो गया।

अब आप ही बताइये श्रीरामके नजरोसे
भला कोई छुप सकता है क्या ?

असली बात तो यह थी जब श्रीराम ने यह
देख लिया की बालि की पत्नी तारा का माँग
सिन्दूरसे भरा हुआ है तो उन्होने सिन्दूरका
सम्मान करते हुये बालि को नही मारा।

दूसरी बार जब सुग्रीवने बालिको
ललकारा तब तारा स्नान कर रही
थी उसी समय भगवानने देखा की
मौका अच्छा है और बाण छोड दिया।

अब आप ही बताइये की जब माँग मेँ सिन्दूर
भरा हो तो परमात्मा भी उसको नही मारते
फिर उनके सिवाय कोई और क्या मारेगा।

यह पोस्ट मै इसीलिये कर रहा हू की
आजकल फैशन चल रहा है सिन्दूर न
लगाने की या हल्का लगाने की या बीच
माँग मेँ न लगाकर किनारे लगाने की।

मैँ आशा करता हुँ की मेरे इस पोस्टसे
आप लोग सिन्दूरका महत्व समझ गयी
होँगे और अपने पतिकी लम्बी आयु और
अच्छे स्वास्थय के लिये अपने पतिके नाम
का सिन्दूर अपने माँगमेँ भरे रहेगी।

सिन्दूर मरकरी और सल्फ़र के मिश्रण से
बनता है। सिंदूर का रासायनिक सूत्र HgS
होता है।

इसे रसायन विज्ञान में मरक्यूरिक सल्फाइड
(Mercuric Sulphide)के नाम से जाना
जाता है।

रासायनिक सिन्दूर (सिनाबार) पानी में
अघुलनशील होता है अर्थात यह पानी
में घुल नहीं सकता है।

पहले के समय में सिन्दूर को लोग घर पर
ही बना लिया करते थे परंतु अब हर कोई
बाज़ारों में बिकने वाला सिंथेटिक सिन्दूर
खरीदते हैं।

सिंदूर या सिनाबार पाउडर साधारणतः
नारंगी लाल रंग का होता है।

सिन्दूर में लेड ऑक्साइड,सिंथेटिक डाई
और मरक्यूरी सल्फेट होता है।

इसके अंदर लाल कच्चा सीसा पाउडर के
रूप में होता है।

सिन्दूर हल्दी, चूना और मरकरी से बनता है।
मरकरी शरीर के तापमान को कम रखता है,
दिमाग को शांत रखता है और
तनाव भी कम करता है।

मान्यताओं के अनुसार अगर पत्नी के मांग
के बीचो-बीच सिंदूर लगा हुआ होता है,तो
उसके पति की अकाल मृत्यु कभी नहीं हो
सकती है। साथ ही यह भी माना जाता है
कि स्त्री द्वारा लगाया गया सिंदूर उसके
पति को बड़ी-सी-बड़ी संकट से
बचाता है।
💐

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