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#अपानवायुमुद्रा ….

1- सबसे पहले आप जमीन पर कोई चटाई बिछाकर उस पर #पद्मासनयासिद्धासनमेंबैठ_जाएँ , ध्यान रहे की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो ।

2- #अपनेदोनोंहाथोंकोअपनेघुटनोंपर_रख लें और हथेलियाँ आकाश की तरफ होनी चाहिये ।

3- अब #अपनेहाथकीतर्जनीअंगुलीकोमोड़कर #अंगूठेकीजड़मेंलगादेंतथामध्यमा व #अनामिकाअंगुलीकेप्रथमपोरको_अंगूठे के प्रथम पोर से स्पर्श कर हल्का दबाएँ और कनिष्ठिका अंगुली को सीधी रहने दें ।

4- अपना #ध्यानसाँसोंपरलगाकरअभ्यास करना चाहिए। अभ्यास के दौरान सांसों को सामान्य रखना है।

#अपानवायुमुद्रा

#अपानवायुमुद्राकेअभ्यासहररोज़करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय अपान #वायुमुद्रा_मुद्रा का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।

#अपानवायुमुद्राकाअभ्यास_प्रातः, एवं सायंकाल को 10-15 मिनट के लिए किया जा सकता है ।

#अपानवायुमुद्रासेलाभ

*1. *#अपानवायुमुद्रा का #ह्रदय पर विशेष प्रभाव पड़ता है । #HEART_ATTACK_रोकने में एवं HEART ATTACK हो जाने पर भी अपान वायु मुद्रा तत्काल लाभ पहुँचती है ।*

#अपानवायुमुद्रासोरबीटेटकीगोलीका कार्य करती है – दो तीन सेकंड के भीतर ही इस मुद्रा का लाभ आरम्भ हो जाता है । रोगी को चमत्कारिक राहत मिलती है । बढ़ी हुई वायु के कारण ही ह्रदय की रक्तवाहिनियाँ शुष्क होने लगती हैं – उनमें सिकुडन पैदा होने लगती है । ह्रदय में रक्त संचार कम हो जाता है वायु मुद्रा से ह्रदय की नालिकाओं की सिकुडन दूर होती है । और ह्रदय में रक्त संचार बढ़ जाता है ।

2.#अपानवायुमुद्राकेनियमितअभ्यासकरने से #ह्रदयशूलदूर होता है ।

3. #अपानवायुमुद्रालगाह्रदयकेसभीरोगदूर होते हैं ।

4. #अपानवायुमुद्रालगाकरनियमितअभ्यास करने से #उच्चरक्तचापऔरनिम्नरक्तचाप_दोनों ही ठीक होते हैं ।

5. #दिलकीधड़कनबढ़जाये या धीमी हो जाये – दोनों ही स्थितियों में #दिलकीधड़कनसामान्यकरती है ।

6.#अपानवायुमुद्रालगाकरनियमितअभ्यास करने से #घबराहटव , #स्नायुतंत्रकेसभी_रोगों में लाभकारी ।

7. #अपानवायुमुद्रालगाकरनियमितअभ्यास करने से #फेफड़ोंकोस्वस्थ_बनाती है – #अस्थमा में #फायदेमंद है ।

8. #अपानवायुमुद्रा के नियमित अभ्यास करने से#पेट की वायु , #गैस , #पेट #दर्द , #गुदा रोग , #एसिडिटी , #गैस से ह्रदय की जलन सभी ठीक होते हैं ।

9. #सिर दर्द , #आधे सिर का दर्द ,#सिर दर्द वास्तव में पेट की खराबी से ही होता है । #सिर दर्द में अपान वायु मुद्रा का चमत्कारी लाभ होता है । अनिंद्रा अथवा अधिक परिश्रम से होने वाले रोग भी ठीक होते हैं ।

10. #सीढियां चढ़ने से पहले 5 से 7 मिनट #अपान वायु मुद्रा लगाने से सीढियां चढ़ते हुए न साँस फूलेगा न ही घुटनों में दर्द होगा ।

11.अपान वायु मुद्रा लगा कर नियमित अभ्यास करने से #हिचकी आनी बंद हो जाती है । #दांत दर्द में भी लाभदायक ।

12. #आँखों का अकारण झपकना भी रुकता है । हमारी संस्कृति में स्त्रियों की दायीं आंख व पुरुषों की बायीं आँख का फड़कना अशुभ माना जाता है #अपान वायु मुद्रा से इसमें लाभ मिलता है ।

13. अपान वायु मुद्रा लगा कर नियमित अभ्यास करने से#वातपित्तकफ तीनों दोषों को #दूर करती है । रक्तसंचार प्रणाली , #पाचन प्रणाली सभी को ठीक करती है ।

14.#अपान वायु मुद्रा लगा कर नियमित अभ्यास से #शरीर एवं मन के सभी #नकारात्मक दबाव दूर करती है ।

15. #भोजन करते समय यदि भोजन का कोई कण सांस की नली में चला जाता है तो सांस उखड़ने लगती है । एक-दो मिनट में ही सांस रुक कर मृत्यु हो सकती है । ऐसी आपात स्थिति में अपान वायु मुद्रा अत्यन्त कारगर है

#अपान वायु मुद्रा के दौरान सावधानी

#अपानवायुमुद्रा खाली पेट करनी चाहिए । इस मुद्रा को करते समय अपना ध्यान भटकना नहीं चाहिए ।

#अपानवायुमुद्रा एक शक्तिशाली मुद्रा है इसमें एक साथ तीन तत्वों का मिलन अग्नि तत्व से होता है इसलिए इसे निश्चित समय से अधिक बिलकुल भी नही करना चाहिए और इस मुद्रा को दिन में दो बार 10-15 मिनट तक ही लगाएं ।

*#अपान_वायु मुद्रा लगा कर #वज्रासन में बैठकर करने से #ह्रदय रोग में बहुत जल्दी लाभ होता है

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