🌹अश्वगंधा चूर्ण🌹
🌹अश्वगंधा एक बलवर्धक व पुष्टिदायक श्रेष्ठ रसायन है। यह मधुर व स्निग्ध होने के कारण वात का शमन करने वाला एवं रस-रक्तादि सप्त धातुओं का पोषण करने वाला है। इससे विशेषतः मांस व शुक्रधातु की वृद्धि होती है। यह चूर्ण शक्तिवर्धक, वीर्यवर्धक एवं स्नायु व मांसपेशियों को ताकत देने वाला, कद बढ़ाने वाला एक पौष्टिक रसायन है। धातु की कमजोरी, शारीरिक मानसिक कमजोरी, मांसपेशियों व बुढ़ापे की कमजोरी, थकान, रोगों के बाद आने वाली कृशता आदि के लिए यह रामबाण औषधि है। इसका 1 से 3 ग्राम चूर्ण एक माह तक दूध, घी या पानी के साथ लेने से बालक का शरीर उसी प्रकार पुष्ट हो जाता है जैसे वर्षा होने पर फसल लहलहा उठती है।
🌻इसमें कैल्शियम व लौह तत्त्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। अश्वगंधा के निरंतर सेवन से शरीर का समग्र रूप से शोधन होता है एवं जीवनशक्ति बढ़ती है।
🌻कुपोषण के कारण बालकों मे होने वाले सूखा रोग में यह अत्यंत लाभदायी औषधि है।
🌹क्षयरोग व पक्षाघात में बल बढ़ाने के लिए इसे अन्य औषधियों के साथ गोघृत और मिश्री मिलाकर लिया जा सकता है। अश्वगंधा अत्यंत वाजीकारक अर्थात् शुक्रधातु की त्वरित वृद्धि करने वाला रसायन है।
🌹इसके 2 ग्राम चूर्ण को घी व मिश्री के साथ लेने से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है एवं वीर्यदोष दूर होते हैं।
🌹एक ग्राम चूर्ण दूध व मिश्री के साथ लेने पर नींद अच्छी आती है। मानसिक या शारीरिक थकान के कारण नींद न आने पर इसका उपयोग किया जा सकता है।
🌻अश्वगंधा, ब्राह्मी तथा जटामांसी समान मात्रा में मिलाकर इसका 1 से 3 ग्राम चूर्ण शहद के साथ लेने से बालक का पोषण अच्छी तरह से होता है। प्रसूति के बाद भी यह प्रयोग चालू रखें। इससे बालक के पोषणार्थ आवश्यक कैल्शियम एवं लौह तत्त्व की वृत्ति होती है। 1 से 3 ग्राम चूर्ण दूध में उबालकर प्रतिदिन सेवन करने से शरीर में लाल रक्त कणों की वृद्धि होती है।
🌻दूध के साथ सेवन करने से विस्मृति, यादशक्ति की कमी, नपुंसकता, स्वप्नदोष मिटाकर शरीर की कांति बढ़ाता है।
🌻1 से 3 ग्राम चूर्ण और 10-40 मि.ली. आँवले का रस मिलाकर लेने से शरीर में दिव्य शक्ति आती है।
🌹सभी लोग इस पौष्टिक वनस्पति का फायदा ले सकते हैं। हजारों लाखों रूपयों की विदेशी औषधियाँ शरीर को उतना निर्दोष फायदा नहीं पहुँचातीं, उतना पोषण नहीं देतीं, जितना पोषण अश्वगंधा देती है।
🌹सर्दियों के लिए पौष्टिक किसी भी 1 कि.ग्रा. पाक में 50 से 100 ग्राम अश्वगंधा डाल सकते हैं। इससे उस पाक की पौष्टिकता में कई गुना वृद्धि हो जायेगी।
🌻मात्र एक चम्मच अश्वगंधा पाक सुबह शाम मिश्री मिले हुए गुनगुने दूध के साथ खाली पेट लें।