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ज्योतिष और मनहूस मकान

सदियों से हर धर्म, हर समाज मे यह मान्यता रही है। कि कुुछ जमीन, खेत या मकान अभिशप्त और मनहूस होते है। जिनमे रहने वाले लोगो या किरायदारों को जानी अंजानी मुसीबतों तथा मृत्यु तक का सामना करना पड़ता है। लोग ऐसे मकानों या जमीनों को छोड़ कर भाग जाते हंैं। बहुत बड़े या सुंदर मकान बहुत ही कम कीमत पर बिकने या किराये पर मिलने पर भी कोई उन्हें लेने को तैयार नहीं होता है। अमरीका के लौंग आईलैण्ड की एमिटी विला, सिल्वर ओक्स, भानगढ का किला, कराची का पूर्व अमरीकी राज दूतावास, आॅस्ट्रिया का कैसल आॅफ मिरर आदि ऐसी ही मनहूस ईमारते हैं। ज्योतिषीय आधार पर किसी मकान या जमीन के मनहूस होने के निम्न कारण होते है जो जमीन किसी से जबरन छीनी या धोखे से हड़पी गई हो विशेषतः निःसंतान, विधवा, निर्बल या बीमार की व्यक्ति की। यदि मकान किसी शमशान, कब्रिस्तान, मजार, कब्र, या समाधि पर या उसके निकट बना हुआ हो वहां किसी देवी देवता का थान या सती का चैरा आदि रहा हो। किसी जमीन या मकान मे हत्या, आत्महत्या, एक या अनेक अकाल या दुःमरण मौत हुयी हो। किसी मकान मे प्रेत पूजा, तांत्रिक पूजा, बलि आदि दी जाती रही हो या किसी प्रेतात्मा का वास हो जहां कभी भयानक महामारी, अग्निकांड या नरसंहार या अत्याचार हुआ हो जो मकान बरसों से खाली पड़ा हो या किसी वीरान, बंजर जमीन पर बना हो जो मकान अत्यन्त जर्जर, खंडहरनुमा हो देखने मे डरावना लगे जिसकी दीवारें टूटी या चटकी हुयी हों प्लाॅस्तर उखड़ा हुआ हो दीवारों पर घास उग आई हो। जिस मकान मे चमगादड़, उल्लू, गिद्ध या पुराने सर्प का वास हो या जिस जमीन या मकान मे विशाल जंगली पेड़, ईमली, बेर, पीपल, बरगद, बबूल, चिलबिल, नागफनी और मेंहदी के पेड़ लगें हो। ज्योतिष मे चतुर्थ भाव चतुर्थेश, मंगल व बुध जमीन के तथा शुक्र,-बुध जैमिनी मत से केतु मकान के कारक ग्रह हैं। राहू-केतु, शनि-मंगल व मांदि शाप व मनहूसियत के कारक है। चैथे भाव मे शनि की मांदि, राहू या केतु से युति या चैथे भाव मे मंगल की मांदि, राहू या केतु से युति हो तो मकान या जमीन मनहूस हो चतुर्थेश का शनि-मंगल, राहू,-केतु या मांदि से युत होना मकान को मनहूस बनाता है। जंमपत्री मे मंगल- राहू, या मंगल- शनि, या शुक्र राहू या शुक्र केतु, बुध राहू या बुध मंगल या मंगल केतु, चन्द्र राहू या चन्द्र केतु की ग्रह योग हो या ये ग्रह परस्पर दृष्टि संबध बनाये या उपरोक्त ग्रह बाधक भाव मे जाये या उसके स्वामी से संबध बनायें तो मकान या जमीन मनहूस हो ऐसे मकान, बेरोजगारी तलाक, पागलपन, असाध्य बीामरी, दुर्घटना, आत्महत्या, अकाल मृत्यु, घर मे सभी सदस्यों का अविवाहित रहना, या सभी का तलाक हो जाना गंभीर घाटा, भारी कर्जा, कलह, संतानहीनता निर्धनता आदि समस्यायें देते है। कभी-कभी यह दोष बड़े भंयकर होते है ऐसै मे सपंत्ति बेच देने या छोड़े देने के अलावा और कोई चारा नही रहता है। जमीन या मकान की मनहूिसयत दूर करने के लिये नीचे कुछ उपचार दिये जा रहें है।

  1. घर मे लाल, गहरा भूरा, चाकलेटी, या काले रंग का न्यूनतम करें सफेद, गुलाबी, केसरिया, हरा व आसमानी रंग का प्रयोग करें।
  2. घर मे फूलों की फुलवारी या फलदार शुभ वृक्ष लगाये।
  3. तुलसी, क्रिसमस ट्री, अशोक, केला, पपीता, नीम, आम अनार, नारियल, पलाश जैसे पेड़ लगायें मंेंहदी, बेर, ईमली, पीपल, बरगद, जंगली पेड़ नागफनी कैक्टस कभी ना लगायें।
  4. टूटे-फूटे मकान की तुरंत मरम्मत करवायें घास आदि साफ करें मकान की रंगाई पुताई करवायें घर मे अनावश्यक कबाड़ ना एकत्रित करें घर के किसी भी भाग मे अंधेरा ना रखें वहाँ समुचित तेज लाईट की व्यवस्था करें।
  5. घर मे नियमित हनुमान जी, भगवान विष्णु, माता लक्षमी जी की, भगवान शिव जी, माँ दुर्गा जी की, गंगा माता की पूजा करे।खेत, जमीन हेतु ग्राम देवता या क्षेत्र देवता की पूजा करें समस्या गंभीर होने पर महामृत्युजंय, भागवत, रामायण का पाठ व दुर्गाजी का हवन करवायें। पितर पक्ष मे पितरों को पानी दें। अमावस्या की रात पितरों के लिये एक माला गायत्री जप कर चैराहे पर चैमुखी दीपक जला कर एक आदमी का भोजन पानी रख कर पितरों से रक्षा की प्रार्थना करें।
  6. घर मे मनहूस पेड़ों को कटवा दें। यदि मकान के निकट शमशान, कब्रिस्तान, मजार, समाधि हो तो उस ओर ऊँचे वृक्ष या ऊँची दीवार बना दें। घर मे नियमित नमक का पोछा दें। तुलसी पर दिया जलायें। अमावस्या को एक पत्तल में चावल मे काले तिल मिलाकर पूरे घर की परिक्रमा करें फिर उसे चैराहे पर रख आये।
  7. किसी विद्वान पंडित, ज्योतिषी या संत महात्मा से परामर्श लें। उपरोक्त उपायों से आपका मकान दोषमुक्त होकर शुभ फल प्रदान करने लगेगा।

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