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♦️कन्या और पुत्र संतान सुख कब मिलता है❓👇🏼👇🏼

संतान सुख जिन जातक/जातिकाओ को मिलता है और संतान गुणी भी हो तब उस जातक/जातिकाओ से ज्यादा भाग्यशाली माता-पिता कोई नही हो सकता।किसी किसी माता-पिता को पुत्र सन्तान होने पर लड़की संतान की भी चाह रहती है तो किसी किसी के घर लड़की संतान होने पर पुत्र संतान की भी चाहत रहती है मतलब लड़का-लड़की दोनों संतान हो।
👉कब और किन ग्रह राशियों के प्रभाव से लड़की संतान भी होगी और लड़का संतान भी❓❓👇🏼👇🏼
🔹जन्मकुंडली का 5वा भाव संतान का होता है अब जैसे कि शुक्र-चन्द्र और 2,4,6,8,10,12 राशियां स्त्री राशियां होती है जबकि सूर्य मंगल गुरु यह पुत्र संतान वाले ग्रह है तो शनि राहु केतु बुध यह पुत्री/पुत्र दोनों संतान की देते है अपनी स्थिति के अनुसार जैसा भी योग कन्या या पुत्र संतान का योग बनाकर बैठे होंगे।जब 5वे भाव पर स्त्री ग्रहों और स्त्री राशियों का प्रभाव होगा तब केवल कन्या संतान और जब 5वे भाव पर पुरुष ग्रहों और पुरुष राशियों का प्रभाव होगा तब केवल पुरुष संतान की होती है,जबकि स्त्री पुरुष दोनों तरह के ग्रहों/राशियों का संबंध 5वे भाव या 5वे भाव से होगा तब लड़की-लड़का दोनों संतान की प्राप्ति होगी।
👉इसे इस प्रकार से समझे👇🏼👇🏼
🔹मेष लग्न के जन्मकुंडली में जैसे सूर्य पाचवे भाव का स्वामी होता है साथ ही यहाँ 5वे भाव मे सिंह राशि(5) आती है को स्वयं पुरुष राशि है अब यहाँ यदि कोई 5वे भाव मे पुरुष ग्रह जैसे गुरु मंगल या सूर्य स्वयम बैठे या शनि भी हो और स्त्री ग्रहों का प्रभाव न हो तब केवल पुरुष संतानों की प्राप्ति होगी क्योंकि 5वे भाव पर पुरुष ग्रहों और पुरूष राशियों का ही प्रभाव है।।
🔹 तुला लग्न के जन्मकुंडली में 5वे भाव का स्वामी शनि बनता है और 5वे भाव मे स्वयम पुरुष राशि तुला लग्न में कुंभ होती है लेकिन यही अब 5वे भाव मे केवल चन्द्र ही आकर कुंभ राशि मे बैठ जाये और शनि भी किसज स्त्री राशि जैसे 2,4,6,8,10,12 नम्बर वाली में होगा तब यहाँ केवल कन्या संतान ही होगी, लेकिन यदि 5वे भाव पर पुरूष ग्रहों जैसे मंगल सूर्य गुरु का ज्यादा से ज्यादा प्रभाव हुआ तब पुरुष संतान भी होगी लेकिन यदि पुरुष ग्रहों का प्रभाव न हुआ तब केवल कन्या संतान होगी,
👉इसे इस प्रकार से समझे👇🏼👇🏼
वृश्चिक लग्न के जन्मकुंडली मे 5वे में मीन राशि(स्त्री राशि)होने से बृहस्पति 5वे भाव का स्वामी बनेगा क्योंकि मीन राशि का स्वामी बृहस्पति है अब 5वे भाव मे यहां मीन राशि(स्त्री राशि) शुक्र(स्त्री ग्रह) भी बैठा हो साथ ही मीन राशि 5वे भाव मे पुरुष ग्रह मंगल सूर्य गुरु भी हो या इनमे से दो पुरुष ग्रह हो तब यहाँ 5वे भाव पर स्त्री/पुरुष दोनों तरह के ग्रह और स्त्री राशि का प्रभाव होने से यहाँ ऐसे जातक-जातिका को पुत्री-पुत्र दोनों संतानो का सुख मिलेगा।। संतान के इस तरह के योग यदि के लिए सप्तमांश कुंडली(संतान कुंडली) मे भी यही स्थिति होगी तब इसी तरह के लड़की/लड़के संतान सुख योगों के अनुसार लड़की/लड़का या लड़की- लड़का दोनों संतानों का सुख मिलता है।।

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