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कुछ ऐसे संकेतों के बारे में जानें जो यदि आपमें प्रकट हो रहे हैं तो समझें आपकी ग्रह दशा बिगड़ रही है

पैर हिलानाः
यदि अचानक पैर हिलाने की आदत बढ़ रही है या पैर स्वतः ही हिलने लगते हैं तो समझें कि बुध और शनि दोनों ही खराब यानी अशुभ हो रहे हैं है,आप शनि के उपाय तत्काल आरंभ कर दें तो लाभ होगा.

बालों या शरीर को खुजाने की बहुत इच्छाः
यदि बालों को या शरीर को खुजाने की सामान्य से अधिक प्रवृति दिखाई दे रही है तो आपको समझना चाहिए कि केतु ने प्रतिकूल प्रभाव दिखाना शुरू किया है. केतु का प्रतिकूल प्रभाव आगे चलकर कष्टकारी हो जाता है.

कमजोर स्मरण शक्ति, तोतलाना, अशुद्ध उच्चारणः
अगर आप बातों को बहुत भूल जाते हैं, ऐन मौके पर आपको लोगों के नाम या प्रश्नों के उत्तर नहीं याद आते. ऐसा लगता है कि कंठ तक आ गया है बस जीभ तक नहीं आ रहा. शब्दों के उच्चारण में कुछ अक्षर चबा जाते हैं जिससे अस्पष्ट उच्चारण होता है. तो ये लक्षण आपके बुध ग्रह के कमजोर होने के लक्षण हैं. समय रहते उपाय आरंभ कर दें.

दूसरों के मामलों में टाँग अडाने की आदतः
कुछ लोगों की आदत होती है बिना मांगे सलाह देना, दूसरों की समस्या में बिना वजह टांग अड़ा देना. ऐसे लोग अपने लिए सामाजिक तौर पर अपमान का कारण पैदा कर लेते हैं.ऐसे लोगों का गुरु ग्रह खराब होगा. आपको गुरू ग्रह को अनुकूल करने का प्रयास करना चाहिए.

एसिडिटी और गैस की बढ़ती तकलीफः
यदि पेट की समस्या, एसिडिटी, गैस और लीवर की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा होने लगी, साधारण भोजन से भी अपच हो जाता है तो इसका अर्थ है कि आपका गुरू ग्रह खराब हो रहा है. उसे मजबूत करने का प्रयास करना होगा.

जल्दी खाना खानाः
यदि बहुत ज्यादा भूख लगती है तो समझिए शनि और बुध खराब हो रहे हैं और दोनों ही साथ नहीं दे रहे हैं.

दांपत्य जीवन में बाधाः
विवाहित जीवन का सुख नहीं ले पा रहे, जीवनसाथी के साथ छोटी-छोटी बात पर भी क्लेश हो जाता है तो समझिए कि आपके गुरू ग्रह खराब हैं. उनकी प्रसन्नता के उपाय करने चाहिए.

कंधे झुका के रहना या हिलने-डुलने की आदतः
कंधे झुका कर चलने वाले लोग खुले विचार वाले नहीं होते. शंकालु होते हैं और किसी से भी कोई बात चाहे खुशी की हो गम की, शेयर नहीं करते.
यदि हिलते डुलते रहने की प्रवृति ज्यादा है, एक स्थान पर स्थिर नहीं रहते, स्मरण शक्ति की कमी के साथ-साथ पेट की समस्या और पसीना भी बहुत आता है तो समझिए कि गुरु और बुध दोनों खराब हैं.
🔥ज्योतिषीय उपाय🔥 विवाह हेतु :-

गुरुवार के दिन प्रातःकाल नित्यकर्म से निवृत्त होकर हल्दीयुक्त रोटियां बनाकर प्रत्येक रोटी पर गुड़ रखें व उसे गाय को खिलाएं। 7 गुरुवार नियमित रूप से यह विधि करने से शीघ्र विवाह होता है।
घर में राधा और कृष्ण का चित्र लगाएं।
घर के सभी पर्दे और बेडशीट आदि गुलाबी रंग के रखें

आरोग्य हेतु : –

घर में कोई रोगी हो तो एक कटोरी में केसर घोलकर उसके कमरे में रख दें।
दक्षिण दिशा में कभी पैर करने न सोएं।
घर का द्वार पश्‍चिम या उत्तर दिशा में रखें।
शयन कक्ष में जूठे बर्तन न रखें, इससे पत्नी का स्वास्थ्य खराब होता है।
परिवार के कोई मानसिक तनाव से ग्रस्त हो तो काले मृग की चर्म बिछाकर सोने से लाभ होता है।
किसी भी सदस्य को बुरे स्वप्न आते हो तो गंगा जल सिरहाने रखकर सोएं।
परिवार में कोई रोगग्रस्त हो तो चांदी के पात्र में शुद्ध केसरयुक्त गंगा जल भरकर सिरहाने रखें।
अगर कोई व्यक्ति मानसिक तनाव से ग्रस्त हो तो कमरे में शुद्ध घी का दीपक जलाकर रखें, इसके साथ गुलाब की अगरबत्ती भी जलाएं।
सुगंधित फूलों का गुलदस्ता सदैव अपने सिरहाने की ओर कोने में सजाएं।

रोजगार हेतु :

शुक्ल पक्ष के सोमवार को पड़ने वाले सिद्ध योग में 3 गोमती चक्र चांदी के तार से बांधकर हमेशा अपने पास रखें। नौकरी में भाग्योदय होगा और अगर जातक का व्यापार-व्यवसाय हो तो भी आशातीत फायदा होगा।
बजरंग बली का फोटो, जिसमें उनका उड़ता हुआ चित्र हो, घर में रखना चाहिए और उसकी पूजा करना चाहिए।
रोज सुबह पक्षियों को 7 प्रकार के अनाजों को एकसाथ मिलाकर खिलाएं और मंदिर में दर्शन करें।

संतान हेतु : –

संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों को रामेश्वरम् की यात्रा करनी चाहिए तथा वहां सर्प-पूजन करवाना चाहिए। इस कार्य को करने से संतान-दोष समाप्त होता है।

सुखी दांपत्य जीवन हेतु :

हर रोज तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं। ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
शयनकक्ष में राधा-कृष्ण की आलिं‍गनबद्ध तस्वीर लगाएं।
विवाह होने से 4 दिन पहले 7 साबुत हल्दी की गांठ, पीतल के 3 सिक्के या टुकड़े, थोड़ा-सा केसर, थोड़ा-सा गुड़ व चने की दाल किसी पीले कपड़े में बांधकर कन्या अपनी ससुराल की दिशा की ओर फेंक दे। इससे कन्या ससुराल में सुखी दांपत्य जीवन में रहेगी।
जो स्त्री शनिवार को चमेली के तेल का दीपक जलाकर ‘श्री सुन्दरकाण्ड’ का पाठ करती है, उसका दांपत्य जीवन सुखों से युक्त रहता है।

मानसिक शांति हेतु :-

प्रतिदिन रात में कपूर जलाकर सोएं
दिन में एक बार चांदी के गिलास में पानी पीएं, इससे क्रोध पर नियंत्रण रहेगा।
घर में जाले न लगने दें, इससे मानसिक तनाव होता है।
शाम के समय घर में सुगंधित और पवित्र धुआं करें।
घर के विद्युत उपकरण जो कर्कश ध्वनि करते हैं, उन्हें समय-समय पर मरम्मत करवाते रहें।

बरकत हेतु : –

रात में झूठे बर्तन न रखें, इससे बरकत चली जाती है।
भोजन करने के बाद थाली में हाथ न धोएं।
भोजन करने के बाद थाली के सामने बहुत देर तक न बैठे रहें।
भोजन करने के बाद थाली को पंडेरी या किचन स्टैंड के नीचे न रखें।

आकस्मिक संकट से बचने हेतु :-

दरवाजों के कब्जों में तेल डालते रहें अन्यथा दरवाजा खोलते या बंद करते समय आवाज करते हैं, जो कि वास्तु के अनुसार अत्यंत अशुभ और अनिष्टकारी होता है।
प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ें।
सुबह, शाम और रात को कपूर जलाना न भूलें।
घर से बाहर जाते वक्त कभी भी झगड़कर न जाएं।
बाहर जाते से पहले कुछ मीठा खाकर जाएं।

घर हो वास्तु अनुसार : –

1. घर हो वास्तु अनुसार।
2. घर का द्वार उत्तर, पश्चिम या पूर्व दिशा में हो।
3. घर सदा साफ-सुथरा रखें।
4. घर के भीतर अनावश्यक वस्तुएं नहीं रखें।
5. घर में ढेर सारे देवी और देवताओं के चित्र या मूर्तियां न रखें।
6. घर का ईशान कोण हमेशा खाली रखें या उसे जल का स्थान बनाएं।
7. दरवाजे के ऊपर भगवान गणेश का चित्र और दाएं-बाएं स्वस्तिक के साथ लाभ-शुभ लिखा हो।
8. घर में मधुर सुगंध और संगीत से वातावरण को अच्छा बनाएं। रात्रि में सोने से पहले घी में तर किया हुआ कपूर जला दें।

धन-समृद्धि हेतु :-
प्रतिदिन धन और समृद्धि के बारे में ही सोचें।
घर में वास्तु अनुसार चित्र लगाएं।
धनवान बनने के पांच उपाय:-
जेब में हमेशा 10 और 5 के सिक्के रखें।
तिजोरी में हल्दी की गांठ रखें।
एकादशी का व्रत रखें। विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करें।

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