🌹पसीना अधिक आता है तो……
ज्यादा पसीना (pasina)बहने के कारण शरीर में पानी और लवणों की कमी हो जाती है जिसके कारण सिर में दर्द, नींद, चिड़चिड़ापन और कभी-कभी उल्टी भी आने लगती है। व्यक्ति अपना कोई भी निर्णय नहीं ले पाता है। उसका शरीर ठंड़ा पड़ने लगता है और उसकी सांस और नाड़ी की रफ्तार बहुत तेज हो जाती है। ऐसे में रोगी को टमाटर के रस में नमक और पानी मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पिलाते रहना चाहिए। नींबू पानी भी शरीर में आई लवणों की कमी को दूर करता है। गर्म वातावरण में ज्यादा देर तक खाली पेट काम नहीं रहना चाहिए।
विभिन्न औषधियों से उपचार-
- मूंग को सेंककर पीस लें। फिर इसमें पानी डालकर अच्छी तरह से मिलाकर लेप की तरह शरीर पर मलने से पसीना ज्यादा आना बन्द हो जाता है।
2. हरड़ को बारीक पीस लें। जहां पसीना अधिक ज्यादा आता हो, इसको मल लें और मलने के 10 मिनट बाद नहा लें। इससे ज्यादा पसीना आना बन्द हो जाता है।
- 1 चम्मच पिसी हुई फिटकरी को 2 गिलास ठंड़े पानी में मिलाकर हाथ-पैरों को धोने से पसीना(pasina) नहीं आता है।
फिटकरी को पानी में घोलकर शरीर को धोने से पसीना आना कम हो जाता है। - अगर पैरों में पसीना बहुत ज्यादा आता हो तो पहले पैरों को गर्म पानी में रख लें, फिर ठंड़े पानी में रखे और दोनों पैरों को आपस में रगड़ लें। फिर पैरों को बाहर निकालकर किसी कपड़े से पोंछ लें। 1 हफ्ते तक लगातार यह क्रिया करने से बहुत लाभ होता है।
[: गले में दर्द होने पर विभिन्न औषधियों से उपचार ……
विभिन्न कारणों से गले में दर्द होता है जैसे- किसी चीज से गले पर चोट लगती है, गला छील जाता है, अधिक गर्म पदार्थ खाने या पीने के कारण गला जल जाने पर गले में दर्द होता है। इसके अलावा गले में सूजन आ जाने या कफ बनने के कारण भी दर्द होता है। - रीठा : रीठे के छिलके को पीसकर लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग की मात्रा में शहद को मिलाकर सुबह-शाम रोगी को चटाना चाहिए।
- शहतूत : शहतूत का शर्बत पीने से गले की खुश्की और दर्द ठीक हो जाता है।
- मूली : मूली का रस और पानी को बराबर मात्रा में लेकर उसमें नमक मिलाकर गरारे करने से गले के घाव ठीक हो जाते हैं।
- साबुत धनिया : हर 3-3 घंटे के अंदर 2 चम्मच सूखा साबुत धनिया को चबा-चबाकर चूसते रहने से हर प्रकार के गले का दर्द दूर होते हैं।
- फिटकरी : भुनी हुई फिटकरी को ग्लिसरीन में मिलाकर गले में डालकर कुल्ला करने से गले के दर्द में आराम मिलता है।
- अजीब : अजीब के रस को रूई के फाये में लगाकर 2 से 3 बूंद गले में सुबह-शाम लगाने से गले के रोगों में लाभ मिलता है।
- इमली : इमली के पानी से कुल्ला करने से गले का दर्द दूर हो जाता है।
- पालक :
पालक के पत्तों को उबालकर पानी छानकर, पत्तों को निचोड़ लें। इसके गर्म-गर्म पानी से गरारे करने से गले का दर्द ठीक हो जाता है।
250 मिलीलीटर पालक के पत्ते लेकर 2 गिलास पानी में डालकर उबाल लें और जब उबलने के बाद पानी आधा बाकी रह जाये तो उसे छान लें। इसके गर्म-गर्म पानी से गरारे करने से गले का दर्द ठीक हो जाता है।
- नींबू :
एक गिलास पानी में एक नींबू को निचोड़कर उससे कुल्ला और गरारे करने से आराम आता है या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से भी आराम आता है।
एक छोटे चम्मच नींबू के रस में एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2 से 3 बार थोड़ा-थोड़ा खाने से गले का दर्द ठीक हो जाता है।
- बच: बच के लगभग आधा ग्राम चूर्ण को थोड़े गर्म दूध में डालकर दिन में तीन बार पिलाने से गले में जमा हुआ कफ ढीला पड़कर निकल जाता है और गले का दर्द खत्म हो जाता है।
- निर्गुण्डी :
निर्गुण्डी के पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से लाभ होता है।
निर्गुण्डी के तेल को मुंह, जीभ तथा होठों में लगाने से तथा हल्के गर्म पानी में तेल में मिलाकर मुंह में थोड़ी-सी देर रखने से लाभ पहुंचता है।
- नीम : 2 चम्मच नीम की पत्तियों के रस को एक गिलास गर्म पानी में, आधा चम्मच शहद को मिलाकर रोजाना गरारे करने से गले में जमा हुआ कफ दूर होता है।
- नमक : पानी में नमक को मिलाकर गरारे करने से टॉन्सिल, गले में दर्द, सूजन, दांत के दर्द आदि रोगों में आराम मिलता है।
निरोगी रहने हेतु महामन्त्र
मन्त्र 1 :-
• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें
• रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें
• विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)
• वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)
• एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)
• मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें
• भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें
मन्त्र 2 :-
• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)
• भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)
• सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये
• ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें
• पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये
• बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूर्णतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें
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बदन दर्द के घरेलु उपचार
आज कल की अति व्यस्त भाग दौड़ भरी जिंदगी में लगातार काम करते रहने, समय पर खान पान ना करने, अत्यधिक शारीरिक श्रम करने, पर्याप्त नींद ना लेने वा तनाव की वजह से शरीर पर जल्दी ही थकावट हावी हो जाती है, बदन दर्द करने लगता है जिससे किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है ।
कुछ आसान से उपाय जिनकी सहायता से आप अपने बदन दर्द से निजात पा सकते है ।
- लहसुन की चार पाँच कुलियाँ छीलकर और आधा चम्मच अजवायन के दाने तीस ग्राम सरसों के तेल में डालकर धीमी-धीमी आँच पर पकायें। लहसुन और अजवायन काली पडने पर तेल उतारकर उसे छान लें। इस हल्के गर्म तेल की मालिश करने से हर प्रकार के बदन दर्द में आराम मिलता है।
- अखरोट के तेल की मालिश करने से हाथ पैरों की ऐंठन दर्द जल्दी ही दूर हो जाता है।
- 10 ग्राम कपूर और 200 ग्राम सरसों का तेल शीशी में भरकर उसे बंद करके धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक हो जाए तब इस तेल की मालिश से हर तरह का बदन दर्द, माँसपेशियों का दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाता हैं।
- हल्दी में दर्द निवारक मानी गयी है। बदन दर्द में हल्दी चूर्ण को दूध के साथ लेने पर शीघ्र ही राहत मिलती है।
- बदन दर्द से बचने के लिए फल और सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक करें। ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन करें । * सरसों के तेल में नमक मिलाकर गुनगुना करके पूरे बदन पर मालिश करके गर्म पानी में नहा लें। इससे तुरंत राहत मिलती है।