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🌼चिरौंजी(चारोली) का विभिन्न रोगों में उपयोग :

🥀1. रक्तातिसार (खूनी दस्त): चिरौंजी के पेड़ की छाल को दूध में पीसकर शहद मिलाकर पीने से रक्तातिसार (खूनी दस्त) बंद हो जाता है।

2.💐 पेचिश: चिरौंजी के पेड़ की छाल को दूध में पीसकर शहद में मिलाकर पीने से पेचिश रोग ठीक हो जाता है।

🥀3. खांसी:

🌷 खांसी में चिरौंजी का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है। चिरौंजी पौष्टिक भी होती है। इसे पौष्टिकता की दृष्टि से बादाम के स्थान पर उपयोग करते हैं।

🌼 छठवें महीने के गर्भाशय के रोग: चिरौंजी, मुनक्का और धान की खीलों का सत्तू, ठण्डे पानी में मिलाकर गर्भवती स्त्री को पिलाने से गर्भ का दर्द, गर्भस्राव आदि रोगों का निवारण हो जाता है।

4🌺. शीतपित्त:

🌷 चिरौजी की 50 ग्राम गिरी खाने से शीत पित्त में जल्दी आराम आता है।
🌻 चिरौंजी को दूध में पीसकर शरीर पर लेप करने से शीतपित्त ठीक होती है।
🌺 चिरौंजी और गेरू को सरसों के तेल में पीसकर मलने से पित्ती शान्त हो जाती है।

  1. अकूते के फोड़े: चिरौंजी को दूध के साथ पीसकर लगाने से अकूते क🌺 फोड़े में आराम आ जाता है।

🥀. चेहरे की फुंसियां: चेहरे की फुंसियों पर चिरौंजी को गुलाबजल में पीसकर मालिश करने से चेहरे की फुंसियां ठीक हो जाती हैं।

🌼. रंग को निखारने के लिए: 2 चम्मच दूध में आधा चम्मच चिरौंजी को भिगोकर लेप बनाकर चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट के बाद चेहरे को धो लें। यह क्रिया लगातार 45 दिन तक करने से चेहरे का रंग निखर जाता है और चेहरे की चमक बढ़ जाती है। इसको लगाने से रूखी और सूखी त्वचा भी कोमल हो जाती है।

  1. सौंदर्यप्रसाधन:
    🌻
    💐 त्वचा के किसी भी तरह के रोग में चिरौंजी का उबटन (लेप) बनाकर लगाने से आराम आता है।स्नेहा आयुर्वेद ग्रुप
    💐 चिरौंजी (Charoli) के तेल को रोजाना बालों में लगाने से बाल काले हो जाते है।

9.🥀 शारीरिक सौंदर्यता: ताजे गुलाब के फूल की पंखुड़िया, 5 चिरौंजी के दाने और दूध की मलाई को पीसकर होठों पर लगा लें और सूखने के बाद धो लें। इससे होठों का रंग लाल हो जाता है और फटे हुए होंठ मुलायम हो जाते हैं।

🌹चिरौंजी ( चारोली ) के अन्य उपयोगी लाभ व प्रयोग :

१]🌼 चिरौंजी(Charoli) के सेवन से शारीरिक शक्ति बढ़ती है, थकावट दूर होती है तथा मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है |

२💮] यह वीर्य को गाढ़ा बनाती है | शुक्राणुओं की कमी व नपुंसकता में इसे दूध के साथ लें |

३] 💐यह ह्रदय को शक्ति देती है तथा दिल की घबराहट में अत्यंत लाभदायी है |

४]🥀 चिरौंजी(Charoli) शीतपित्त में अति लाभप्रद है | शीतपित्त के चकत्ते होने पर दिन में एक बार १५ – २० चिरौंजी के दानों को खूब चबा- चबाकर खायें तथा दूध में पीस के चकत्तों पर इसका लेप करें |

५💐] गले, छाती व पेशाब की जलन में चिरौंजी का सेवन लाभदायी है |स्नेहा समूह

६]🌸 मूँह एवं जीभ के छाले होने पर इसके ३ – ४ दाने खूब देर तक चबायें तथा इसका रस मूँह में इधर – उधर घूमाते रहें, फिर निगल जायें | इस प्रकार दिन में ३ – ४ बार करें |

७🌺] इसे दूध के साथ पेस्ट बना के लगाने से त्वचा चमकदार बनती है, झाँईयाँ दूर होती हैं |

८]🍂 सिरदर्द व चक्कर आने में पिसी चिरौंजी दूध में उबालकर लें |

सावधानी :🌾 पचने में भारी एवं कब्जकारक होने से भूख की कमी व कब्ज के रोगियों को इसका सेवन अल्प मात्रा में करना चाहिए |

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