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तुलसी एक गुण अनेक
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तुलसी के बारे में घर-घर में सभी जानते हैं। हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष महत्व दिया गया हैैं। कहा जाता हैं कि जहां तुसली फलती हैं, उस घर में रहने वालों को कोई संकट नहीं आते। स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद में तुलसी के अनेक गुण के बारे में बताया गया हैं। यह बात कम लोग जानते हैं कि तुलसी परिवार में आने वाले संकट के बारे में सुखकर पहले संकेत दे देती हैं। पेटलावद के ज्योतिषी आनंद त्रिवेदी बता रहे हैं कि तुलसी एक, लेकिन गुण अनेक किय तरह से हैं।

प्रकृति की अपनी एक अलग खासियत है। इसने अपनी हर एक रचना को बड़ी ही खूबी और विशिष्ट नेमत बख्शी है। इंसान तो वैसे भी प्रकृति की उम्दा रचनाओं में से एक है जो समझदारी और सूझबूझ से काम लेता है। इसके अलावा जानवरों की खूबी ये है कि वे आने वाले खतरे, मसलन भूकंपए सुनामी, पारलौकिक ताकतों आदि को पहले ही भांप सकने में सक्षम होते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग यह बात जानते हैं कि पौधों के भीतर भी ऐसी ही अलग विशेषता है, जिसे अगर समझ लिया जाए तो घर के सदस्यों पर आने वाले कष्टों को पहले ही टाला जा सकता है।

क्यों मुरझाता है तुलसी का पौधा
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शायद कभी किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि चाहे तुलसी के पौधे पर कितना ही पानी क्यों ना डाला जाए उसकी कितनी ही देखभाल क्यों ना की जाएए वह अचानक मुरझाने या सूखने क्यों लगता है।

क्या बताना चाहता है👇
आपको यकीन नहीं होगा लेकिन तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा आपको यह बताने की कोशिश कर रहा होता है कि जल्द ही परिवार पर किसी विपत्ति का साया मंडरा सकता है। कहने का अर्थ यह है कि अगर परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई मुश्किल आने वाली है तो उसकी सबसे पहली नजर घर में मौजूद तुलसी के पौधे पर पड़ती है।

हिन्दू शास्त्र
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शास्त्रों में यह बात भली प्रकार से उल्लेख है कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानि तुलसी चली जाती है और वहां दरिद्रता का वास होने लगता है।

बुध ग्रह
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जहां दरिद्रता, अशांति व कलह का वातावरण होता है वहां कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता। ज्योतिष के अनुसार ऐसा बुध ग्रह की वजह से होता है क्योंकि बुध का रंग हरा होता है और वह पेड़-पौधों का भी कारक माना जाता है।

लाल किताब
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ज्योतिष शास्त्र से संबंधित लाल किताब के अनुसार बुध को एक ऐसा ग्रह माना गया है जो अन्य ग्रहों के अच्छे-बुरे प्रभाव को व्यक्ति तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ-फल देने वाला है तो उसका असर बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं पर भी होगा और अगर कोई अच्छा फल मिलने वाला है तो उसका असर भी बुध ग्रह से जुड़ी चीजों पर दिखाई देगा।

अच्छा और बुरा प्रभाव
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अच्छे प्रभाव में पेड़-पौधे बढऩेे लगते हैं और बुरे प्रभाव में मुरझाकर अपनी दुर्दशा बयां कर देते हैं।

विभिन्न प्रकार की तुलसी
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शास्त्रानुसार तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधों का जिक्र मिलता है, जिनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से हैं। इन सभी के गुण अलग-अलग और विशिष्ट हैं। तुलसी मानव शरीर में कान, वायु, कफ, ज्वर, खांसी और दिल की बीमारियों के लिए खासी उपयोगी है।

वास्तुशास्त्र में तुलसी
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वास्तुशास्त्र में भी तुलसी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। वास्तु के अनुसार तुलसी को किसी भी प्रकार के दोष से मुक्त रखने के लिए उसे दक्षिण-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम के किसी भी स्थान तक लगा सकते हैं। अगर तुलसी के गमले को रसोई के पास रखा जाए तो किसी भी प्रकार की कलह से मुक्ति पाई जा सकती है। जिद्दी पुत्र का हठ दूर करने के लिए पूर्व दिशा में लगी खिड़की के सामने रखें।

संतान में सुधार
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नियंत्रण या मर्यादा से बाहर निकल चुकी संतान को पूर्व दिशा से रखी गई तुलसी के तीन पत्तों को किसी ना किसी रूप में खिलाने पर वह आपकी आज्ञा का पालन करने लगती है।

कारोबार में वृद्धि
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कारोबार की चिंता सताने लगी है, घर में आय के साधन कम होते जा रहे हैं तो दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखी तुलसी पर हर शुक्रवार कच्चा दूध और मिठाई का भोग लगाने के बाद उसे किसी सुहागिन स्त्री को दे दें। इससे व्यवसाय में सफलता मिलती है।

नौकरी पेशा
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अगर आप नौकरी पेशा हैं और ऑफि स में आपका कोई सीनियर परेशान कर रहा है तो ऑफि स की खाली जमीन पर या किसी गमले में सोमवार के दिन तुलसी के सोलह बीज किसी सफेद कपड़े में बांध कर ऑफि स जाते ही दबा दीजिए। इससे ऑफिस में आपका सम्मान बढ़ेगा।

शालिग्राम का अभिषेक
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घर की महिलाएं रोजाना पंचामृत बनाकर शालिग्राम का अभिषेक करती हैं तो घर में कभी भी वास्तुदोष की हालत नहीं आएगी।

शारीरिक फायदे
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ज्योतिष के अलावा शारीरिक तौर पर भी तुलसी के बड़े लाभ देखे गए हैं। सुबह के समय खाली पेट ग्रहण करने से डायबिटीज, रक्त की परेशानी, वात, पित्त आदि जैसे रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। प्रतिदिन अगर तुलसी के सामने कुछ समय के लिए बैठा जाए तो अस्थमा आदि जैसे श्वास के रोगों से जल्दी छुटकारा मिलता है।

वैद्य का दर्जा
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शास्त्रों में तुलसी को एक वैद्य का दर्जा भी दिया गया है, जिसका घर में रहना अत्यंत लाभकारी है। मनुष्य को अपने जीवन के प्रत्येक चरण में तुलसी की आवश्यकता पड़ती है। साथ ही आधुनिक रसायन शास्त्र भी यह बात स्वीकारता है कि तुलसी का सेवन, इसका स्पर्श, दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।

ध्यान रखें तुलसी की ये 10 बात
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पुरानी परंपरा है कि घर में तुलसी जरूर होना
चाहिए। शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और
देवी का स्वरूप बताया गया है। यदि आपके घर में भी
तुलसी हो तो यहां बताई जा रही 10 बातें हमेशा
ध्यान रखनी चाहिए। यदि ये बातें ध्यान रखी
जाती हैं तो सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा
हमारे घर पर बनी रहती है। घर में सकारात्मक और
सुखद वातावरण रहता है। पैसों की कमी नहीं आती
है और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ भी
मिलता है। यहां जानिए शास्त्रों के अनुसार बताई
गई तुलसी की खास बातें…

1🌱तुलसी के पत्ते चबाना नहीं चाहिए
तुलसी का सेवन करते समय ध्यान रखें कि इन पत्तों
को चबाए नहीं, बल्कि निगल लेना चाहिए। इस तरह
तुलसी का सेवन करने से कई रोगों में लाभ मिलता है।
तुलसी के पत्तों में पारा धातु के तत्व होते हैं। पत्तों
को चबाते समय ये तत्व हमारे दांतों पर लग जाते हैं
जो कि दांतों के लिए फायदेमंद नहीं है। इसीलिए
तुलसी के पत्तों को बिना चबाए ही निगलना
चाहिए।

2🌱शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए। इस संबंध में एक कथा बताई गई है। कथा के अनुसार, पुराने समय दैत्यों के राजा
शंखचूड़ की पत्नी का नाम तुलसी था। तुलसी के पतिव्रत धर्म की शक्ति के कारण सभी देवता भी शंखचूड़ को हराने में असमर्थ थे। तब भगवान विष्णु ने
छल से तुलसी का पतिव्रत भंग कर दिया। इसके बादशिवजी ने शंखचूड़ का वध कर दिया।
जब ये बात तुलसी को पता चली तो उसने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दिया। विष्णुजी ने तुलसी का श्राप स्वीकार कर लिया और कहा कि तुम धरती पर गंडकी नदी तथा तुलसी के पौधे के रूप में हमेशा रहोगी। इसके बाद से ही अधिकांश पूजन कर्म में तुलसी का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है, लेकिन शंखचूड़ की पत्नी होने के कारण तुलसी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जाती है।

3🌱कब नहीं तोड़ना चाहिए तुलसी के पत्ते तुलसी के पत्ते कुछ खास दिनों में नहीं तोड़ना चाहिए। ये दिन हैं एकादशी, रविवार और सूर्य या चंद्र ग्रहण समय। इन दिनों में और रात के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। बिना वजह तुलसी केपत्ते कभी नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने पर दोष लगता है। अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते तोड़ना, तुलसी को नष्ट करने के समान माना गया है।

4🌱रोज करें तुलसी का पूजन हर रोज तुलसी पूजन करना चाहिए। साथ ही, तुलसी के संबंध में यहां बताई गई सभी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। हर शाम तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

5🌱तुलसी से दूर होते हैं वास्तु दोष
घर-आंगन में तुलसी होने से कई प्रकार के वास्तु दोष भी समाप्त हो जाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति पर भी इसका शुभ असर होता है।

6🌱तुलसी घर में हो तो नहीं लगती है बुरी नजर मान्यता है कि तुलसी से घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती है। साथ ही, घर के आसपास की किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा पनप नहीं पाती
है। सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

7🌱तुलसी से वातावरण होता है पवित्र
तुलसी से घर का वातावरण पूरी तरह पवित्र और
हानिकारक सूक्ष्म कीटाणुओं से मुक्त रहता है। इसी
पवित्रता के कारण घर में लक्ष्मी का वास होता है
और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

8🌱तुलसी का सूखा पौधा नहीं रखना चाहिए घर में
यदि घर में लगा हुआ तुलसी का पौधा सूख जाता है
तो उसे किसी पवित्र नदी में, तालाब में या कुएं में
प्रवाहित कर देना चाहिए। तुलसी का सूखा पौधा
घर में रखना अशुभ माना जाता है। एक पौधा सूख
जाने के बाद तुरंत ही दूसरा पौधा लगा लेना
चाहिए। घर में हमेशा स्वस्थ तुलसी का पौधा ही
लगाना चाहिए।

9🌱तुलसी है औषधि भी
आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बूटी के समान माना
जाता है। तुलसी में कई ऐसे गुण होते हैं जो बहुत-सी
बीमारियों को दूर करने में और उनकी रोकथाम करने
में सहायक होते हैं। तुलसी का पौधा घर में रहने से
उसकी महक हवा में मौजूद बीमारी फैलाने वाले कई
सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट करती है।

10🌱रोज तुलसी की एक पत्ती सेवन करने से मिलते हैं ये
फायदे
तुलसी की महक से सांस से संबंधित कई रोगों में लाभ
मिलता है। साथ ही, तुलसी का एक पत्ता रोज सेवन
करने से हम सामान्य बुखार से बचे रहते हैं। मौसम
परिवर्तन के समय होने वाली बीमारियों से बचाव
हो जाता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक
क्षमता बढ़ती है, लेकिन हमें नियमित रूप से तुलसी
का सेवन करते रहना चाहिए।

एक और बात तुलसी कृष्ण को बेहद प्यारी हैं,इसलिये प्रतिदिन कान्हा के चरणों में तुलसीदल यानि तुलसी का पत्ता ज़रूर अर्पण करना चाहिये..

कृष्णसेवा के प्रत्येक भोग में तुलसी दल रखकर अर्पण करना चाहिये

“तुलसी कृष्ण प्रेयसी नमो: नमो:”


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