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कैसे डिप्रेशन से बाहर निकलें
(Depression Management Tips)

इस आर्टिकल में:अपने डिप्रेशन को समझना (What is Depression),
जिंदगी में सुधार लाना (Lifestyle Changes with Depression),
अच्छी आदतों को अपनाएँ,

आजकल की भाग-दौड़ भरी दुनिया में डिप्रेशन का होना एक आम बात बन गया है। डिप्रेशन से गुजरना मतलब एक पूरे बुरे हफ्ते या महीने से कहीं ज्यादा बुरे दौर से गुजरना है। डिप्रेशन एक ऐसी कमजोरी है, जो आपके लिए अपनी जिंदगी ख़ुशी-ख़ुशी जीना नामुमकिन बना देती है। यदि आपके अंदर ऐसी ही बहुत ज्यादा दुःख, अकेलेपन और किसी भी चीज़ के बारे में अच्छा ना सोच सकने की भावना घर किये हुए बैठी है, तो समझ जाइये कि आप डिप्रेशन से गुजर रहे हैं।
यदि आप अपनी जिंदगी को दोबारा उसी तरह ख़ुशी के साथ गुजारना चाहते हैं और डिप्रेशन पर काबू पाना चाहते हैं, तो इस लेख में दिए हुए कुछ आसान से चरणों को पढ़ें। (Depression se kaise baahar nikle)

चरण

विधि 1

अपने डिप्रेशन को समझना (What is Depression)

1

अपने डॉक्टर से परामर्श करें
केवल एक मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक के साथ अपने डिप्रेशन का पूरी तरह से मूल्यांकन करके आप अपने डिप्रेशन का निदान कर सकते हैं। कुछ बीमारियाँ और इलाज ऐसे भी होते हैं, जो आपके अंदर डिप्रेशन की भावना उत्पन्न कर सकते हैं। और इसी को समझने के लिए आपके डॉक्टर आपको अलग-अलग तरह की जाँच कराने का परामर्श देंगे, जिसमें आपकी शारीरिक जाँच के साथ ही इसके लक्षणों की गहराई तक पहुँचने के लिए आपका एक इंटरव्यू (आपकी मानसिक स्थिति को समझने के लिए) भी शामिल है।

2

इस बात को पहचानें कि आप डिप्रेशन में हैं
अपने डिप्रेशन पर काबू पाने के लिए, पहले तो आपको ये पता लगाना होगा कि कहीं आप डिप्रेशन के किस तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं। हालाँकि हर एक इंसान में अलग-अलग तरह का डिप्रेशन देखा जा सकता है, यहाँ पर कुछ ऐसे लक्षण मौजूद हैं, जो इस बीमारी की पुष्टि करते हैं। आपको भी डिप्रेशन हो सकता है, यदि:
आप बेकार, असहाय या फिर बिना किसी कारण के अपने आप दोषी महसूस कर रहे हैं।
आप अपनी जिंदगी के हर एक पहलू को लेकर निराशा महसूस कर रहे हैं, और ऐसी किसी भी चीज़ की कल्पना भी नहीं कर पा रहे हैं, जिससे आपमें कुछ सुधार हो सके।
आप ऊर्जा के स्तर में कमी महसूस कर रहे होंगे और फिर भले ही आप कुछ भी कर रहे हों, लेकिन जल्दी ही थकान महसूस करने लगते होंगे।
आप रातों को बेचैनी महसूस करते होंगे और रात को सही ढंग से सोने और/या सुबह जागने में परेशानी महसूस कर रहे होंगे।
आप उन सारी चीज़ों को करते हुए ख़ुशी महसूस करना बंद कर चुके हैं, जिनको कभी आप ख़ुशी-ख़ुशी किया करते थे, जैसे कि अपने दोस्तों के साथ में वक़्त बिताना, अपने शौक पूरे करना, या फिर इंटिमेट होना।
हो सकता है कि आपकी सोने की आदतों में बहुत अजीब से बदलाव आए हों, जैसे कि नींद ना आना, सुबह बहुत जल्दी उठ जाना, या फिर बहुत ज्यादा सोना।
हो सकता है कि आपकी भूख खत्म हो गई हो या फिर बहुत ज्यादा खाने लगे हों, लेकिन फिर भी इसे नहीं नियंत्रित नहीं कर पा रहे हों।
आपके लिए लोगों से बात करने की कोशिश करने से ज्यादा, अकेला रहना ज्यादा आसान हो गया है।
आप बिना किसी कारण से लगातार चिड़चिड़ापन महसूस कर रहे हैं।
आपके मन में आत्महत्या करने तक का विचार आता हो। यदि आप इस तरह से आत्महत्या करने के विचार मन में ला रहे हैं, तो ऐसे में आपको फौरन ही किसी तरह की सहायता की तलाश कर लेना चाहिए।

3

डिप्रेशन के संभावित कारणों के बारे में जानें
यद्यपि डॉक्टर्स ने लोगों के द्वारा डिप्रेशन को महसूस किये जाने को किसी एक विशेष कारण सीमित तक नहीं किया है, आमतौर पर लोगों में इस बीमारी (जी हाँ, डिप्रेशन एक बीमारी है, लेकिन लोग इसकी गम्भीरता को नहीं समझते और इसे हल्के में लेना शुरू कर देते हैं) के लक्षण आमतौर पर किसी अनुवांशिक, मनोवैज्ञानिक, और वातावरण के कारण देखे जाते हैं। आपके डॉक्टर इनमें से किसी एक को आपके डिप्रेशन का कारण बता सकते हैं:
ड्रग या अल्कोहल की लत होना। यदि आपको ड्रग या अल्कोहल की लत है, तो ये आपके डिप्रेशन का कारण बन सकती है। यदि आपको कोई लत है, तो एक डॉक्टर आपको ये बताने में मदद कर सकता है और इससे निपटने के लिए अगले चरणों की भी सलाह दे सकता है।
अनुवांशिक कारण। यदि आपके परिवार के लोगों को भी डिप्रेशन होता आ रहा है, तो संभावना है कि आपको भी डिप्रेशन हो सकता है। आप चाहें तो अपने परिवार के किसी अन्य सदस्य से, जो डिप्रेशन का शिकार बन चुका हो, बात कर सकते हैं, फिर भले ही आपको अपने अंदर इस तरह की कोई लक्षण भी ना दिखा हो; आप फिर भी अपने पैरेंट्स या परिवार के अन्य किसी सदस्य से भी इस बारे में बात कर सकते हैं, हो सकता है आपको इस बात की जानकारी ही ना हो कि आपके परिवार के किसी सदस्य को डिप्रेशन रह चुका है।
हार्मोनल असंतुलन। यदि आपको थायराइड की समस्या है, या फिर अन्य किसी तरह का हार्मोनल असंतुलन है, तो ये भी डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
अन्य कोई बीमारी। एक डॉक्टर आपको यह जानने में मदद कर सकता है, कि कहीं आपको किसी बीमारी के वजह से तो डिप्रेशन नहीं है, जैसे कि OCD जैसी चिंता विकार, या फिर पागलपन (schizophrenia) जैसा कोई मानसिक विकार, या फिर पहले से ही डिप्रेशन में हैं।[६]
आपके द्वारा लिए जा रहे किसी इलाज का साइड इफेक्ट। यदि आप किसी और बीमारी का इलाज करा रहे हैं, तो ऐसे में डॉक्टर आपको ये बता सकेंगे कि आपका डिप्रेशन किसी इलाज का एक साइड इफेक्ट तो नहीं, और इसके साथ ही आपको ठीक इसी की ही तरह असरदार और जिसमें इस तरह का कोई साइड इफेक्ट भी ना हो, किसी दूसरे इलाज की सलाह भी दे सकेंगे।[७]
मौसम में आए बदलाव के कारण। कुछ लोग मौसम के बदलने के कारण भी डिप्रेशन को महसूस करते हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि इस तरह के लक्षण आपको हर साल सर्दी के दिनों में ही देखने को मिलते हों। इस तरह के डिप्रेशन को सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) कहा जाता है।

4

ऐसी स्थितियों की खोज करें, जिनमें ये लक्षण उत्पन्न होता है
आपके मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन से पहले, ऐसे कुछ मूल कारणों की तलाश करने की कोशिश करें, जिनके परिणामस्वरूप आपके अंदर डिप्रेशन पैदा हो रहा है, और जो आपकी जिंदगी को प्रभावित कर रहा हो। ऐसा हो सकता है कि आपकी जिंदगी में ऐसी कुछ परिस्थितियाँ मौजूद हों, जो आपको प्रभावित कर रही हों और इस तरह की परिस्थिति पर आपकी प्रतिक्रिया हो, जो बदले में आपके मूड को खराब कर रही हों। यहाँ पर कुछ कारण दिए गए हैं जो आपके अंदर डिप्रेशन पैदा कर रहे हों या फिर इसकी स्थिति को और भी बदतर बना रहे हों:
किसी फ्रेंड या करीबी इंसान के खोने का गम। अपने किसी करीबी और खास इंसान के खो जाने के बाद दुःखी होना, एक आम बात है। हालाँकि, एक समय के बाद, लोग खुद-ब-खुद बेहतर महसूस करने लगते हैं। यदि आपका ये दुःख एक महीने से ज्यादा वक़्त बाद तक भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है, तो शायद आप डिप्रेशन में हैं।
किसी रोमांटिक रिश्ते में मिली मात या अधूरापन। यदि आप ब्रेकअप से गुजर रहे हैं, या फिर किसी ऐसे रिश्ते में हैं, जिसमें रहकर आपको सिर्फ दर्द ही मिल रहा है, तो शायद ये सब कुछ आपको डिप्रेशन में धकेल सकता है।
डूबता हुआ करियर। यदि आप सच में अपनी नौकरी को लेकर या अपने पूरे करियर को लेकर अंदर से दुखी हैं, मुश्किल में हैं या फिर खुद को बेकार इंसान समझते आ रहे हैं, तो आपका ये करियर भी आपको डिप्रेशन में धकेलने में काफी सहयोग देने वाला है।
अनचाहा वातावरण। यदि आप कुछ ऐसे रूममेट्स के साथ में रहते हैं, जो बहुत लाउड हैं, और जिन्हें झेल पाना भी नामुमकिन है या फिर अपने ही घर में या अपने पड़ोसियों को लेकर अंदर से नाखुश हों, तो आपका ये वातावरण भी आपको डिप्रेशन में ले जाने के लिए एक कारक बन सकता है।
आर्थिक समस्या। अगले महीने आने वाले अपने घर के किराये को लेकर चिंता में हैं, या फिर घर पर होने वाला ज्यादा खर्च भी आपको डिप्रेशन में डाल सकता है।
“बच्चे के जन्म के उपरांत।” अधिकांश महिलाऐं बच्चे को जन्म देने के बाद अक्सर अपने अंदर रोना, घबराहट, और मूड में बदलाव जैसी भावनाओं को महसूस करती हैं। ये सिर्फ एक छोटे से तनाव से बढ़कर एक बहुत ही तीव्र प्रसवोत्तर डिप्रेशन में बदल सकता है। यदि आपके लक्षण आपको इसी स्थिति की तरफ ले जाते हैं, तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात कर लें।
5

अपने लिए मौजूद इलाज के विकल्पों को समझें
आपके डॉक्टर आपसे डिप्रेशन के लिए मौजूद संभावित इलाजों के बारे बात करेंगे। आपकी बीमारी की गंभीरता के हिसाब से आपको दवा और मनोचिकित्सा दोनों की ही जरूरत पड़ सकती है। जैसे कि, दवा भी आपको इस लक्षण से राहत दिला सकती है, लेकिन फिर भी डिप्रेशन से ग्रस्त इंसान को इस बीमारी को समझने और इसका सामना करने के लिए एक स्वस्थ्य योजना बनाने की जरूरत होती है। आमतौर पर, किसी मामूली डिप्रेशन का इलाज मनोचिकित्सा के साथ-साथ जीवन शैली में बदलाव लाकर किया जा सकता है।
ऐसे इलाज जो डिप्रेशन के निदान के लिए प्रभावी हैं, उनमें सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीयौप्टेक इनहिबिटर (SSRIs), सेरोटोनिन एंड नोरेपिनेफ्रीन रीयौप्टेक इनहिबिटर (SNRIs), अटिपिकल एंटीसायकोटिक्स, ट्रायसायक्लिक एंटीडिप्रेसेंट, और मोनोअमीन ऑक्सीडेस इनहिबिटर (MAOIs) शामिल हैं।
डिप्रेशन के लिए कॉग्निटिव-बिहेवियरल थेरेपी (CBT) सबसे ज्यादा चर्चित मनोविकार संबंधी इलाज है। इस इलाज में सीधे तौर पर आपके मन में मौजूद नकारात्मक विचारों और बर्ताव को, जो कि आपके डिप्रेशन के लक्षणों को और भी बदतर बना देते हैं, पहचानना और इन्हें बदलना शामिल है। डिप्रेशन के लिए कुछ असरदार थेरेपी में एक्सेप्टेंस एंड कमिटमेंट थेरेपी (ACT), डाइयलेक्टैकल बिहेवियर थेरेपी (DBT), साइकोडाइनॅमिक थेरपी और इंटरपर्सनल थेरेपी शामिल है।
कुछ गम्भीर डिप्रेशन (या मनोविकार वाले डिप्रेशन) के इलाज के लिए अन्य विकल्प के रूप में, मस्तिष्क को उतेजित किया जाता है जिसे एलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (electroconvulsive therapy) कहा जाता है। इस तरह का उपचार बहुत कम ही रोगियों पर किया जाता है, और ज्यादातर उस समय किया जाता है, जब रोगी दवाइयों या मनोचिकित्सा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा हो।

6

डायरी लिखना शुरू कर दें यदि आप डायरी लिखना शुरू कर देंगे, तो इससे आपको अपने मनोभाव और डिप्रेशन की ओर, और भी ज्यादा ध्यान दे पाएँगे और दिनभर के अपने अनुभवों को परख पाएँगे। हो सके तो दिन में कम से कम एक बार अपनी डायरी में लिखने का लक्ष्य निर्धारित करें, और विशेष रूप से शाम को जब आप पूरे दिनभर में अपनी साथ हुई घटनाओं और भावनाओं को लिख सकें, उसी वक़्त लिखना आपके लिए बेहतर होगा। डायरी की मदद से आप खुद को अपनी भावनाओं के और करीब पाएंगे, खुद को कम अकेला महसूस करेंगे और उन सारी बातों के बारे में ज्यादा जानकारी पा सकेंगे, जो आपको खुश या नाखुश करती हैं।
डायरी की मदद से आप अपना ध्यान अपनी जिंदगी की तनाव भरी चुनौतियों से हटाकर खुद को कुछ वक़्त की शांति भी दे सकते हैं।

विधि 2

जिंदगी में सुधार लाना (Lifestyle Changes with Depression)

1

कुछ हानिकारक, और नुकसान पहुंचा सकने वाले रिश्तों को अपनी जिंदगी से निकाल दें: यदि ये सब आपको बहुत ज्यादा दुःख पहुँचा रहे हैं, तो इन्हें यहीं खत्म कर देने का वक़्त आ गया है, और यही सही है, खुद को दुःख में डालने से बेहतर है कि आप इन लोगों से दूर हो जाएँ। यदि आप किसी इंसान को खुद से अलग नहीं कर पा रहे हैं, जैसे परिवार का कोई सदस्य, तो ऐसे में कुछ ऐसी कोशिश करें ताकि आपको उसका कम से कम सामना करना पड़े।
क्या आपके रिश्ते में ऐसा कुछ है, जो आपको परेशान कर रहा है, तो ऐसे में उस व्यक्ति के साथ में अच्छे से बात करें। यदि आप खुद को बस इसलिए डिप्रेस्ड महसूस कर रही हैं, क्योंकि आपका पति आपको धोखा दे रहा है या फिर आपका सबसे खास दोस्त आपके पैसे चुराता है, तो उस इंसान के सामने सारी बातें रखने का और इसका कोई समाधान ढूँढने की दिशा में काम करने का वक़्त आ गया है।

2

स्वस्थ रिश्ता बनाए रखें
हो सकता है कि आप अकेले में और हर किसी से दूर रहना चाहते हों, लेकिन यदि आप दूसरों के साथ में वक़्त बिताएँगे, तो ये आपके मूड के लिए सही भी हो सकता है। अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों पर और इसके साथ ही यदि आपका कोई खास इंसान भी है, तो उस पर भी विश्वास करें। ऐसे लोगों के साथ अपना ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिताएं, जो आपको अपने लिए और सारी दुनिया के लिए सकारात्मक महसूस कराते हों। अच्छे और सच्चे दोस्त ना सिर्फ डिप्रेशन का सामना करने में आपकी मदद करेंगे बल्कि ये आपको महसूस कराएँगे कि आप प्यार के लायक हैं और सहयोग भी प्रदान करेंगे।
यदि आपका कोई दोस्त या परिवार का सदस्य डिप्रेशन से जूझ रहा है, तो उससे इस बारे में बात करें और देखें कि उनकी ओर से आपको क्या सलाह मिलती है। किसी ऐसे इंसान से बात करना, जो आपकी ही तरह के लक्षणों का सामना कर रहा है, भी आपको ऐसा महसूस करा सकता है कि आप अकेले नहीं हैं।
यदि आप किसी रिश्ते में हैं, तो रोमांस के लिए कुछ समय निकालें या अपने साथी के साथ कुछ वक़्त अकेले में बिताएं। अपने साथी के साथ समय-समय पर कुछ खास वक़्त बिताकर अपने रिश्ते का और अपने जीवन का भरपूर आनन्द उठाएं।
परिवार के लिए ज्यादा से ज्यादा वक़्त निकालें। आपके परिवार की ओर से आपके अंदर प्यार और समर्थन मिलने की भावना का जन्म होगा, तो कोशिश करें कि इनके साथ अपना ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिताया जाए। यदि आपका परिवार आपसे दूर है, तो ऐसे में आप जितना ज्यादा वक़्त इनसे फोन या अन्य किसी माध्यम से जुड़ सकें, जुड़ें।

3

अपना सारा वक़्त कुछ ऐसे कामों को करने में व्यतीत कर दें, जिन्हें करना आपको अच्छा लगता है:
एक बिजी शेड्यूल बनाकर आप सारा वक़्त सक्रिय रहेंगे, केन्द्रित रहेंगे और आपके मन में सिर्फ आगे क्या करना है, उस अगले काम का विचार ही रहेगा। आप चाहें तो हफ्ते की शुरुआत में ही अपने हर एक दिन का शेड्यूल बनाकर रख सकते हैं या फिर हर रात को अपने अगले दिन का शेड्यूल बना सकते हैं। आप जिस भी तरीके को चुनते हैं, बस उस पर डटे रहने का लक्ष्य निर्धारित करें। यहाँ पर कुछ चीज़ें दी गई हैं, जिनके लिए आपको वक़्त निकालना चाहिए:
सकारात्मक और मददगार दोस्तों के लिए।
एक्सरसाइज के लिए।
अपनी रुचियों और शौक के लिए।
दबाव को कम करने, जर्नल लिखने या मेडीटेट करने के लिए।
ऐसा कुछ मजेदार करने के लिए, जो आपको खुश कर सके।
घर से बाहर निकलकर कुछ करने के लिए। सारा वक़्त बस घर में रहकर ही ना बिता दें। इसकी जगह पर बाहर जाएँ, धूप में निकलें, या किसी कॉफ़ी शॉप में जाकर अपना होमवर्क या पढाई करें, ताकि आप खुद को दूसरों से कम ही अलग महसूस करें।

4

एक नए शौक ,पैशन (passion) की तलाश करें
हो सकता है कि आपको अपनी नौकरी पसंद ना हो, लेकिन अभी आप इस स्थिति में नहीं हैं कि अपना करियर बदल सकें। अपनी जिंदगी में कुछ नए पैशन तलाश कर लेने से आपको जीने के लिए एक नया मकसद मिल जाएगा। ये पैशन कुछ भी हो सकता है, जिसे आप दिल से करना चाहते हैं, फिर भले ही ये ऐसी कोई गतिविधि हो, जिसके बारे में आप कुछ भी ना जानते हों। यहाँ पर पैशन की तलाश करने के कुछ शानदार तरीके मौजूद हैं:
अपने कलात्मक पक्ष को ढूंढें। वाटरकलर पेंटिंग करें, सिरेमिक्स, ड्राइंग या पॉटरी क्लास करें।
लेखन के जरिये अपने आपको व्यक्त करें। कुछ कविता लिखना शुरू कर दें, छोटी कहानी लिखें या चाहें तो अपनी नोवेल का पहला चैप्टर भी लिख दें।
किसी दूसरी भाषा को सीखने में दिलचस्पी जगाएँ।
अपने लिए एक नए स्पोर्ट की तलाश करें। कराटे, बॉलरूम डांसिंग, या योग क्लास कर लें।
वॉलीबॉल या फुटबॉल जैसे किसी एक टीम स्पोर्ट की तलाश कर लें। आप नए-नए लोगों से मिलकर भी अपने लिए एक नए पैशन की तलाश कर सकते हैं।
किसी बुक क्लब में शामिल होकर पढाई के प्रति अपने लगाव की तलाश करें।

5

ज्यादा उदार बन जाएँ

डिप्रेशन से गुजरने के बाद अपने करीबी लोगों और अपने आसपास के लोगों के प्रति उदारता दिखाकर अपनी जिंदगी को दूसरी ओर लेकर जाएँ। इस तरह उदार बनकर आप खुद को किसी लायक समझने लगेंगे और अपने आसपास के लोगों के साथ अपने संबंधों को और भी बेहतर कर पाएँगे।

अपने किसी करीबी दोस्त की मदद करें। ऐसा जरूरी नहीं है कि आपको उसे कोई बहुत बड़ी मदद देना है — यदि आपके बेस्टफ्रेंड का पूरा एक हफ्ता बुरा गुजरा है, तो आप उसे लंच पर ले जा सकते हैं, या उसके कपडे धोने में मदद कर सकते हैं। मदद करके आपको भी बेहतर महसूस होगा।
अपनी स्थानीय लाइब्रेरी में वालंटियर करें। बच्चों और बड़ों को पढने के आनंद की तलाश करने में मदद करें।
बुजुर्गों के लिए, जवानों के लिए, या बेघर हुए लोगों के लिए बने किसी केंद्र को वालंटियर करें और उनकी मदद करने के लिए आपसे जो भी बन सके, करने की कोशिश करें।
अपने स्थानीय पार्क को साफ करके अपनी कम्युनिटी की मदद करें। प्रकृति के साथ वक़्त बिताकर आपको अपने मूड में सुधार लाने में मदद मिलेगी।

विधि3

अच्छी आदतों को अपनाएँ

1

सोने-जागने की आदत में सुधार लाएं
अपने सोने की आदतों में सुधार लाकर भी आप अपने मानसिक स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं।
अपने अनुसार सोने के लिए एक ऐसे शेड्यूल की तलाश करें, जो आपके हिसाब से बेहतर हो। यहाँ पर कुछ ऐसी गतिविधियाँ मौजूद हैं, जिन्हें आप कर सकते हैं:
हमेशा सुबह एक ही वक़्त पर उठाना और रात को एक ही वक़्त पर सोना शुरू कर दें। इस तरह से आपको महसूस होगा कि आप पूरी तरह से आराम कर चुके हैं और इसके साथ ही, आदत बन जाने के कारण आपको सही समय पर सोने और जागने में भी आसानी होगी।[२३]
अपने दिन की सही शुरुआत करें। बेड से उतरने से पहले लेते-लेते ही चार-पांच बार अलार्म बंद करने के बजाय बेड से उतरें, और एक गिलास पानी पियें।
एक प्री-स्लीप रूटीन (सोने से पहले की आदत) को विकसित करें। सोने से पहले टीवी बंद कर दें, अपना फोन टेबलेट दूर रख दें, बेड पर बहुत ज्यादा तीव्र ध्वनि आना और पढना टालें।
अपनी डाइट में कैफीन की मात्रा को कम या खत्म ही कर दें, खासकर दोपहर के बाद। कैफीन आपके लिए सोना मुश्किल बना सकती है।
जब तक ज्यादा ही जरूरत ना पड़े, तब तक आधे घंटे से ज्यादा लंबी झपकी लेना टालें — ये आपको और ज्यादा थकान और आलस भर देगा।

2

एक्सरसाइज करें
दिन में सिर्फ 30 मिनट की एक्सरसाइज भी आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर डाल सकती है। एक्सरसाइज करके आपको ऊर्जा मिलेगी और सारा दिन प्रेरित महसूस कर सकेंगे।
अपने अनुसार कोई एक एक्सरसाइज चुन लें औत फिर उसे करना शुरू कर दें।
यहाँ तक हर दिन सिर्फ 20 मिनट चलना भी एक अच्छी एक्सरसाइज है और आपके लिए काफी मददगार भी साबित हो सकती है।
वर्कआउट करने के लिए एक जिम की तलाश कर लें। इस तरह से आपको एक्सरसाइज करना और भी अच्छा लग सकता है।
जब आप वर्कआउट करें, तो अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित करें। जैसे कि आपका लक्ष्य एक खतरनाक योग स्टंट सीखना या 50 पुश अप्स करना, भी हो सकता है।

3

अपने खानपान में सुधार करें
अच्छा और संतुलित मात्रा में लिया गया खाना भी डिप्रेशन से लड़ने में आपकी काफी मदद कर सकता है। भले ही आपकी भूख कम होती जा रही है, फिर भी आपको दिन में कम से कम तीन बार भोजन का सेवन करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। आपको वजन कम करना शुरू कर देने की भी जरूरत नहीं है या डिप्रेशन के दौरान अपने खानपान का खास ध्यान रखने की भी जरूरत नहीं है, बल्कि हर दिन सेहतमंद खाना खाने से आपकी मानसिक और शारीरिक स्थिति में सुधार आएगा।[२६]
खाना ना भूलें — खासतौर पर नाश्ता करना तो कभी ना भूलें। हर दिन में तीन बार खाना खाने से आपको सारा दिन सकारात्मक और केन्द्रित बने रहने के लिए आवश्यक योग्य ऊर्जा मिलेगी।
अपनी डाइट में ज्यादा सब्जियां और फलों को शामिल कर लें। इन्हें शुगर युक्त स्नैक्स और जंक फ़ूड की जगह पर इस्तेमाल करें।
हर दिन फल, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन की संतुलित मात्रा का सेवन करें।
कभी-कभी खुद को कुछ छूट भी दे सकते हैं। यदि आप कभी अपनी तृष्णा को पूरा करेंगे, तो इससे आपको भी अच्छा महसूस होगा।

4

सकारात्मक विचार रखें
यदि आप सकारात्मक रूप से सोचना शुरू कर देंगे, तो इस तरह से आप अपनी जिंदगी और संसार को कुछ इस तरह से देखना शुरू कर देंगे, जो आपके अंदर मायूसी की जगह, उम्मीद को बना देगा। सकारात्मक रूप से सोचने के लिए आपको अपनी नकारात्मक भावनाओं को पहचानना सीखना होगा और सकारात्मक विचारों के साथ में इनका सामना करना होगा। सकारात्मक रूप से सोचना शुरू करने के लिए आपको हर दिन अपनी कम से कम पाँच चीज़ों के लिए आभार व्यक्त करना सीखना होगा।

आप जितना भी ज्यादा सकारात्मक व्यवहार करते हैं, उतना ही ज्यादा सकारात्मक विचार आपके मन में आएँगे। अपनी जिंदगी में मौजूद कुछ सकारात्मक चीज़ों के बारे में बात करें और अपना सारा वक़्त उन्हीं चीज़ों को पूरा करने में लगाएँ, जो आपको पसंद हैं।
यदि आप अपना ज्यादा से ज्यादा वक़्त उन्हीं चीज़ों को करने में लगाते हैं, जो आपको ख़ुशी देती हैं और ऐसी चीज़ें जो आपको दुखी करती हैं, इनके बारे में सोचने में अपना कम वक़्त बिताएँगे, तो आप और भी ज्यादा अच्छे विचार मन में लाने योग्य बन जाएँगे।

5

अपने बाहरी दिखावट को बेहतर बनाएँ
: अपनी साफ-सफाई पर कम ध्यान देना भी डिप्रेशन का ही एक साइड इफेक्ट है:
हालाँकि आप अपने लुक्स को बदलकर या साफ-सफाई का ध्यान रखकर डिप्रेशन से पूरी तरह से निजात भी नहीं पा सकते, लेकिन ऐसा करके आपको अपने लिए अच्छा जरुर महसूस होने लगेगा। हर रोज नहाएँ, दांतों को साफ करें और बालों को भी नियमित रूप से धोएं।
आप चाहे जैसे भी महसूस करते हों, लेकिन जब कभी भी आप लोगों का सामना करें, हमेशा ही सभ्य नजर आएँ। ये आपके कांफिडेंस और आपकी अहमियत को बढ़ावा देगा।
यदि आपको लगता है कि आपका ज्यादा वजन ही आपके डिप्रेशन का कारण है, तो ऐसे में अपने बाहरी दिखावट को बदलने का लक्ष्य भी आपके मूड को बेहतर बना सकता है।

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