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सर्दियाँ आने ही वाली है … ..
एडियाँ क्यों फटती हैं सर्दियों में….

सर्दियों के मौसम में ठंडी हवा का हमारी त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है। त्वचा शुष्क हो जाती है, इसलिए सर्दियों में त्वचा को विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
त्वचा की देखभाल में लापरवाही बरतने से सर्दियों में हाथ-पांव की त्वचा फटने लगती हैं। सबसे अधिक एड़ियां प्रभावित होती हैं।
कभी-कभी तो एड़ियां इतनी फट जाती है कि चलने में काफी कठिनाई होती है और उन फटी दरारों से खून निकल आता है।
पांवों की देखभाल में लापरवाही बरतने से उनपर मैल जमने लगती है जो पांवों व एड़ियों के फटने का कारण बनती है।
अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यस्त रहने वाली महिलाएं जल्दी-जल्दी स्ान कर लेती हैं और पांवों और एड़ियों की साफ-सफाई पर विशेष रूप से ध्यान नहीं दे पाती जिससे उन पर मैल जमकर एड़ियां फट जाती हैं।
अन्य तत्वों के समान कैल्शियम भी शरीर के लिए लिए आवश्यक तत्व है। इस तत्व के अभाव में एड़ियां फटती हैं। हमेशा नंगे पांव चलने से उन पर धूल जम जाती है जिसके कारण एड़ियां फटती हैं।
यदि आप अपनी एड़ियों को फटने से बचाना चाहती है तो घर पर भी नंगे पांव न रहें। अधिक देर तक पानी में रहकर काम करने से भीगी एड़ियां फट जाती हैं। खुश्की भी एड़ियों के फटने के कारणों में से है।
यदि आपकी एड़ियां फट गयी हैं, चलने में पीड़ा होती है या दरारों से खून निकलता है तो नीचे लिखी सावधानियां बरतें। इससे एड़ियों की पीड़ा कम होगी तथा फटी दरारें भी भरेंगी।
पानी में बोरेक्स पाउडर या नमक मिलाकर करीब उसमें 5 मिनट पांवों को रखें। फिर पांवों को धोकर व तौलिए से अच्छी तरह पोंछकर जैतून का तेल लगा लें।
एक चम्मच एरंड का तेल एक चम्मच नींबू का रस तथा एक चम्मच गुलाब जल को एक साथ मिला लें। रात को सोते समय इस मिश्रण से एड़ियों की मालिश करें। इससे बिवाई में लाभ मिलेगा।
बिवाइयों पर मेंहदी का लेप लगाएं। बिवाई सेमुक्ति मिलेगी।
यदि एड़ियों पर फटी दरारें गहरी हों तो डिटोल मिले पानी में एड़ियों को डुबाकर कुच देर रखें। इससे उभरी त्वचा नरम हो जायेगी। उसे तेज ब्लेड से काट दें और उस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगा लें। त्वचा काटते समय ध्यान रखें कि जीवित त्वचा न कटे।
आम की गुठली को पीसकर महीन पाउडर बनाकर नारियल तेल में मिलाकर बिवाइयों पर लगाएं। इससे दरारें भरेंगी और एड़ियों का कालापन भी दूर होगा।
एक कटोरी मधुमक्खी के मोम को गर्म कर लें। उसमें आधा कटोरी सरसों का तेल मिलाएं। अब एक पतीली पानी में यह मिश्रण छान लें। थोड़ी देर में मिश्रण पतीली की तली में बैठ जायेगा।
पानी फेंककर तली में जमा मिश्रण को किसी पात्र में रख लें। रोज रात को सोते समय एड़ियों को साफ करके उस पर लगाएं। इसके इस्तेमाल से फटी एड़ियों में लाभ मिलता है।
यदि फटी एड़ियों से खून निकलता हो तो वेसलीन लगाकर गर्म कपड़े से सेंक दें। विटामिन बी कम्प्लेस का सेवन करें। लाभ प्राप्त होगा।
किसी बर्तन में 100 ग्राम वनस्पति घी गर्म करें। उसमें करीब 300 ग्राम मेहंदी की हरी पत्तियां डालकर धीमी आंच पर गर्म करें। बीच-बीच में चलाते रहें। जब मेहंदी की पत्तियां जलकर ब्राउन हो जाएं तो उसे आंच से उतारकर ठंडा करें।
अब पत्तियों को निकाल कर निचोड़ लें और घी को किसी पात्र में रख लें। इसे रोज एक बार एड़ियों पर लगाएं।
इसके इस्तेमाल से सालों फटी रहने वाली एड़ियां भी ठीक हो जाती हैं। इस मरहम को लगाने के बाद एड़ियों पर धूल-मिट्टी न लगने दें और हल्के गर्म पानी से ही पैर धोएं……

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