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खट्टी डक्‍कार का उपचार

1 अदरक :-

अदरक के स्लाइस करके उसे पानी में डालकर लगभग 10 मिनट तक उबाल – थोडा ठंडा होने पर इसमें थोड़ी – थोड़ी मात्रा में नींबू और शहद मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पिएं !

2 दही मट्ठा

लंच में दही मट्ठा को शामिल करें !

3 सौंफ :-

सौंफ खाने को आसानी से डाइजेस्ट करता है – साथ ही डक्‍कार ~ सीने में जलन जैसी कई बीमारियों से भी दूर रखता है

आधा चम्मच सौंफ को खाने के बाद जरूर खाएं – पेट से संबंधित कई सारी समस्याओं का समाधान है सौंफ ~ पानी के साथ उबालकर भी इसे पीना उतना ही लाभकारी होगा !

  1. हींग :-

चुटकी भर हींग का इस्तेमाल पेट से जुड़ी कई सारी परेशानियों का बेहतरीन इलाज होता है ~ खासतौर से जब खट्टी डक्‍कार आएं तो तुरंत इसे फांकें !

दिन में 2 से 3 बार गुनगुने पानी के साथ इसका इस्तेमाल करें – हींग को सब्जी बनाने से लेकर दाल में तड़का लगाते वक्त भी इस्तेमाल करें !

5 पुदीना :-

खट्टी डक्‍कार की समस्या को दूर करने में पुदीना भी एक अच्छा ऑप्शन है इसका एंटीस्पेमॉडिक गुण डाइजेशन को सही रखता है जिससे पेट में गैस नहीं बनती – जो डक्‍कार की वजह होती है !

पानी को अच्छे से गर्म करें और उसमें पुदीने की सूखी पत्तियों को डालकर लगभग 10 मिनट तक ढ़ककर उबालें – चाय की तरह 2 – 3 बार पिएं !

6 इलायची :-

खाने में इलायची की मात्रा डाइजेशन के लिए जरूरी जूस बनाने का काम करती है जिससे गैस नहीं बनती ~ पेट दर्द के साथ – मरोड़ जैसी समस्या कोसों दूर रहेगी!

लंच हो या डिनर – हर मील के बाद इलायची को अच्छे से चबाकर खाएं !
इसे पानी के साथ लगभग 5 – 10 मिनट उबालें फिर उसमें शहद मिला पीना भी फायदेमंद होता है !

  1. जीरा :-

तड़का लगाने से ले – मसाले के तौर पर इसका इस्तेमाल करके डक्‍कार की समस्या से झट से राहत पाई जा सकती है – दही में भूना जीरा ~ जल – जीरा जैसे कई ऑप्शन मौजूद हैl
: ❎ एक साथ नहीं खानी चाहिए( असात्म्य आहार ) ❎

•चाय के साथ कोई भी नमकीन चीज नहीं खानी चाहिए। दूध और नमक का संयोग सफ़ेद दाग या किसी भी स्किन डीजीज को जन्म दे सकता है, बाल असमय सफ़ेद होना या बाल झड़ना भी स्किन डीजीज ही है।

•सर्व प्रथम यह जान लीजिये कि कोई भी आयुर्वेदिक दवा खाली पेट खाई जाती है और दवा खाने से आधे घंटे के अंदर कुछ खाना अति आवश्यक होता है, नहीं तो दवा की गरमी आपको बेचैन कर देगी।

•दूध या दूध की बनी किसी भी चीज के साथ दही, नमक, इमली, खरबूजा, बेल, नारियल, मूली, तोरई, तिल, तेल, कुल्थी, सत्तू, खटाई, नहीं खानी चाहिए।

•दही के साथ खरबूजा, पनीर, दूध और खीर नहीं खानी चाहिए।

•गर्म जल के साथ शहद कभी नही लेना चाहिए।

•ठंडे जल के साथ घी, तेल, खरबूज, अमरूद, ककड़ी, खीरा, जामुन, मूंगफली कभी नहीं।

•शहद के साथ मूली, अंगूर, गरम खाद्य या गर्म जल कभी नहीं।

•खीर के साथ सत्तू, शराब, खटाई, खिचड़ी, कटहल कभी नहीं।

•घी के साथ शहद भूल कर भी नहीं खाना चाहिए | ये तुरंत जहर का काम करेगा।

•तरबूज के साथ पुदीना या ठंडा पानी कभी नहीं।

•चावल के साथ सिरका कभी नहीं।

•चाय के साथ ककड़ी खीरा भी कभी मत खाएं।

•खरबूज के साथ दूध, दही, लहसून और मूली कभी नहीं।

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कुछ चीजों को एक साथ खाना अमृत का काम करता है जैसे–
•खरबूजे के साथ चीनी
•इमली के साथ गुड
•गाजर और मेथी का साग
•बथुआ और दही का रायता
•मकई के साथ मट्ठा
•अमरुद के साथ सौंफ
•तरबूज के साथ गुड
•मूली और मूली के पत्ते
•अनाज या दाल के साथ दूध या दही
•आम के साथ गाय का दूध
•चावल के साथ दही
•खजूर के साथ दूध
•चावल के साथ नारियल की गिरी
•केले के साथ इलायची

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कभी कभी कुछ चीजें बहुत पसंद होने के कारण हम ज्यादा बहुत ज्यादा खा लेते हैं। ऎसी चीजो के बारे में बताते हैं जो अगर आपने ज्यादा खा ली हैं तो कैसे पचाई जाएँ —-
•केले की अधिकता में दो छोटी इलायची
•आम पचाने के लिए आधा चम्म्च सोंठ का चूर्ण और गुड
•जामुन ज्यादा खा लिया तो 3-4 चुटकी नमक
•सेब ज्यादा हो जाए तो दालचीनी का चूर्ण एक ग्राम
•खरबूज के लिए आधा कप चीनी का शरबत
•तरबूज के लिए सिर्फ एक लौंग
•अमरूद के लिए सौंफ
•नींबू के लिए नमक
•बेर के लिए सिरका
•गन्ना ज्यादा चूस लिया हो तो 3-4 बेर खा लीजिये
•चावल ज्यादा खा लिया है तो आधा चम्म्च अजवाइन पानी से निगल लीजिये
•बैगन के लिए सरसो का तेल एक चम्म्च
•मूली ज्यादा खा ली हो तो एक चम्म्च काला तिल चबा लीजिये
•बेसन ज्यादा खाया हो तो मूली के पत्ते चबाएं
•खाना ज्यादा खा लिया है तो थोड़ी दही खाइये
•मटर ज्यादा खाई हो तो अदरक चबाएं
•इमली या उड़द की दाल या मूंगफली या शकरकंद या जिमीकंद ज्यादा खा लीजिये तो फिर गुड खाइये
•मुंग या चने की दाल ज्यादा खाये हों तो एक चम्म्च सिरका पी लीजिये
•मकई ज्यादा खा गये हो तो मट्ठा पीजिये
•घी या खीर ज्यादा खा गये हों तो काली मिर्च चबाएं
•खुरमानी ज्यादा हो जाए तोठंडा पानी पीयें
•पूरी कचौड़ी ज्यादा हो जाए तो गर्म पानी पीजिये
अगर सम्भव हो तो भोजन के साथ दो नींबू का रस आपको जरूर ले लेना चाहिए या पानी में मिला कर पीजिये या भोजन में निचोड़ लीजिये; 80% बीमारियों से बचे रहेंगे।

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: गले में दर्द

🌹250 मिलीलीटर पालक के पत्ते लेकर 2 गिलास पानी में डालकर उबाल लें और जब उबलने के बाद पानी आधा बाकी रह जाये तो उसे छान लें। इसके गर्म-गर्म पानी से गरारे करने से गले का दर्द ठीक हो जाता है।

🌹एक गिलास पानी में एक नींबू को निचोड़कर उससे कुल्ला और गरारे करने से आराम आता है या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से भी आराम आता है।

🌹एक छोटे चम्मच नींबू के रस में एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2 से 3 बार थोड़ा-थोड़ा खाने से गले का दर्द ठीक हो जाता है।

🌹निर्गुण्डी के पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से लाभ होता है।

🌹2 चम्मच नीम की पत्तियों के रस को एक गिलास गर्म पानी में, आधा चम्मच शहद को मिलाकर रोजाना गरारे करने से गले में जमा हुआ कफ दूर होता है।

🌹पानी में नमक को मिलाकर गरारे करने से टॉन्सिल, गले में दर्द, सूजन, दांत के दर्द आदि रोगों में आराम मिलता है।

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: 🌹जीरा के औषधीय प्रयोग

🌻जिरा त्रिदोषशामक, वायुनाशक, वेदनाहारक और मात्रृदुग्धवर्धक है |

🌻 जिरा व मिश्री समभाग पीसकर ५-६ ग्राम मिश्रण सुबह-श्याम दूध के साथ लेने से माताएँ के  दूध बढ़ जाता है|२-३ ग्राम जीरे गुड के साथ खाने से भी माँ का दूध बढ़ जाता है |

🌻सफेद जिरा ऊबाल के उस पानी से कुछ दिन मुँह धोने से फोड़ो-फंसी, के दाग दूर होते है |

🌻जिरा और मिश्री समभाग पीसकर २ से ५ ग्राम मिश्रण चावल के पानी के साथ लेने से श्वेतपदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है |

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दादी माँ के कुछ प्रभावी घरेलू नुस्खे – पुराने समय से चली आ रही कुछ जानकारियां, जिन्हें आज की पीढ़ी भुला रही है – SIMPLE EFFECTIVE, TRADITIONAL HOME-REMEDIES – DADI MA KE NUSKHE –

अक्सर घर के बुजुर्गों के पास ही हर समस्या का समाधान मिल जाता था, जो रामबाण इलाज होता था। ऐसी ही कुछ छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं को हल करने के लि‍ए दादी मां के यह रामबाण घरेलू नुस्खे ही काफी हैं. पिछले कुछ दिनों में, पहले दो भागों में हमने ऐसे 22 घरेलू नुस्खे लिखे. 21 और 24 अगस्त को भाग-3 और 4 में बालों के झड़ने पर नियंत्रण के लिए 10 सरल उपाय लिखे. इसमें आज भाग-5 में त्वचा और चेहरे के सौंदर्य के लिए कुछ उबटन और प्राकृतिक घरेलू चीजें बता रहे हैं :

बेदाग व निखरी त्‍वचा के लिए कुछ उबटन :

हल्दी :
हल्‍दी त्‍वचा के लिए कितनी अच्‍छी होती है इस बारे में हम आपको समय-समय पर बताते रहते हैं। जी हां, हल्‍दी में मौजूद एंटी-ऑक्‍सीडेंट और करक्यूमिन नामक तत्‍व ना केवल हेल्‍थ के लिए, बल्कि आपको सुंदर बनाने में भी मददगार होते है। आपने देखा ही होगा, दुल्‍हन को शादी से पहले हल्‍दी लगाई जाती है, ताकि उस की त्‍वचा निखरी हुई दिखाई दें। हल्‍दी का उबटन बनाने के लिए आपको हल्‍दी, बेसन या आटा, ताजी मलाई, थोड़ा सा सरसों का तेल और दूध की जरूरत होती है। सबसे पहले हल्‍दी में बेसन या आटा मिला लें। फिर इसमें ताजी मलाई, दूध और थोड़ा सा सरसों का तेल मिलाकर गाढ़ा पेस्‍ट बना लें। इसे 10 मिनट चेहरे पर लगाकर ऐसे ही छोड़ दें। जब ये थोड़ा सूख जाए, तो इसे हल्‍का सा रगड़कर साफ कर लें। फिर चेहरे को पानी से धो लें।

ग्रीन-टी :
हल्‍दी की तरह ग्रीन टी में भी एंटी-ऑक्‍सीडेंट भरपूर मात्रा में होते है। इसलिए, इसका इस्‍तेमाल वेट लॉस के लिए किया जाता है। लेकिन क्‍या आप जानती हैं, कि आप ग्रीन टी का उबटन बनाकर भी अपने चेहरे पर लगा सकती हैं। ग्रीन टी का उबटन बनाने के लिए आपको 2 ग्रीन टी के बैग, 1 छोटा चम्‍मच नींबू के रस और 1 छोटा चम्‍मच शहद की जरूरत होती है। सबसे पहले 2 ग्रीन-टी बैग को पानी में अच्छी तरह डिप करें और फिर उसमें से पाउडर निकाल लें। अब इसमें नींबू का रस और शहद मिक्स कर लें। इसे अपने चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए ड्राई होने दें और फिर इसे पानी से धो लें।

चंदन पाउडर :
चंदन पाउडर हमारी त्‍वचा के लिए बहुत अच्‍छा होता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्व चेहरे को बूढ़ा होने से बचाते हैं। ये त्‍वचा को टाइट कर उसे जवां बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा चंदन में हर्बल एंटीसेप्टिक गुण होते है। इसके अलावा अगर यह सनटैन को भी ठीक करता है। चंदर का उबटन बनाने के लिए आापको थोड़े से चंदन पाउडर, 1 छोटा चम्‍मच टमाटर और नींबू के रस की जरूरत होती है। सबसे पहले चंदन पाउडर में इन दोनों चीजों को अच्‍छी तरह से मिलाकर पेस्‍ट बना लें। फिर इसे अपने चेहरे पर 10-15 मिनट लगाएं और फिर ताजे पानी से धो लें। आप इसका इस्‍तेमाल रोजाना कर सकती हैं। ऐसा करने से ना केवल आपकी स्किन ग्‍लोइंग होगी बल्कि यह एलर्जी व पिंपल्स जैसी समस्याओं को भी दूर करेगा।

बादाम :
बादाम में विटामिन, प्रोटीन और मिनरल्स का खजाना छुपा होता है. इसलिए ये स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है। बरसों से स्किन केयर में बादाम का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसे लगाने से एजिंग से निजात और स्किन से कालेपन दूर होने की समस्या कम होती है। इसके अलावा, बादाम में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो चेहरे में निखार लाते हैं और स्किन का रूखापन भी दूर करते हैं। रात को 10-15 बादाम को भिगो दे और सुबह उठकर इसे छील कर इसका पेस्ट बना लें। फिर इसमें हल्‍का सा दूध और शहद मिला कर आप स्क्रब की तरह इस्तेमाल करें। रेगुलर ऐसा करने से आपको खुद फर्क महसूस होगा।
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[🌿मीठा नीम अगर नहीं करते पसंद, तो फायदे जानकर हर सब्जी में डालने लगेंगे

  1. सबसे पहले तो इसकी ताजा पत्तियों में एक अलग ही खुशबू होती है, जो फ्रिज में या बाहर रखने पर कम होती जाती है, इसलिए कोशिश रहे कि हमेशा ताजा करी पत्ते का इस्तेमाल करें। 
  2. कुछ लोग करी पत्ता सब्जी से बाहर निकालकर रख देते हैं, जबकि इसे खा लेना चाहिए। करी पत्ता बहुत पौष्टिक होता है। इसमें मैग्नेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, कॉपर और विटामिन भी होता है। 
  3. लीवर शरीर का बहुत महत्‍वपूर्ण हिस्सा है और इसका निरंतर बिना रुके सही तरीके से काम करना जरुरी होता है। करी पत्ता लीवर को सशक्त बनाता है। यह लीवर को बैक्‍टीरिया तथा वायरल इंफेक्शन से बचाता है। इसके अलावा यह फ्री रेडिकल्स, हेपेटाइटिस, सिरोसिस जैसी कई बीमारियों से भी बचाता है। 
  4. करी पत्ता में पर्याप्त मात्रा में विटामिन A होता है। विटामिन A आंखों के स्वास्थ्‍य के लिए बहुत जरूरी होता है। इसकी कमी से आंखों की रोशनी कम होना जैसी कई समस्या हो सकती है। तो विटामिन A की कमी को पूरा करने के लिए भी आपको करी पत्ते का सेवन करना चाहिए। 
  5. करी पत्ते में LDL कोलेस्ट्रॉल कम करने की प्रकृति होती है। LDL कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर दिल की बीमारियां हो जाती हैं। इस तरह करी पत्ता दिल की बीमारियों से भी आपको दूर रखता है। 
  6. करी पत्ते में बालों को मॉइश्‍चराइजिंग करने वाले कई गुण मौजूद होते हैं। जो बालों को गहराई से साफ करते हैं और इन्‍हें बढ़ाने के साथ-साथ मजबूत भी बनाते हैं। करी पत्ते की सूखी पत्तियों का पाउडर बनाकर तिल या नारियल के तेल में मिला लें, फिर इस तेल को थोड़ा गर्म करके सिर में मसाज करें। इसे रातभर रखें और फिर सुबह शेंपू कर लें। इस प्रकार मालिश करने से बाल गिरना बंद हो जाएंगे और वह मजबूत भी होंगे।

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हर समय पैर ठंडे रहते हैं तो इन घरेलू उपायों को अपनायें

आयरन युक्‍त आहार लें

आयरन की कमी के कारण शरीर के अंगों तक ऑक्‍सीजन ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता, और आपके पैर ठंडे हो जाते हैं। इसलिए आयरन की कमी को दूर करने के लिए अपने आहार में खजूर, सेब, दाल, बींस, रेड मीट, गुड़, पालक, सोयाबीन, टोफू और बादाम आदि को शामिल करें।

हाइड्रोथेरेपी भी है मददगार

हाइड्रोथेरपी भी आपकी इस समस्‍या को दूर करने में मदद करती है। इस थेरेपी में गर्म और ठंडे दोनों तरह के पानी का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए आपको पहले 2 मिनट तक ठंडे पानी में पैरों को डूबोकर रखना होगा। फिर पैरों को एक मिनट के लिए गुनगुने पानी में रखना होगा। ऐसा कम से कम 15 मिनट तक करें, फिर पैरों को अच्‍छे से तौलिये से पोंछकर मोजे पहन लें।

पैरों की एक्‍सरसाइज करें

पैरों की एक्‍सरसाइज करने से भी आपको बहुत फायदा मिलता है। एक्‍सरसाइज करने के लिए दोनों पैरों की उंगलियों के भार पर एक मिनट तक खड़े होने के बाद धीरे-धीरे अपनी एडियों पर वापस जमीन पर आये। ऐसा 10 मिनट तक कीजिये। साथ ही आप इस एक्‍सरसाइज को भी कर सकते हैं जैसे अपने पैर के पंजे की मदद से जमीन पर पड़ा कोई रूमाल उठाने की कोशिश करें। इसके अलावा बैठकर दोनों पैरों के पंजों को क्‍लॉक वाइज 10-20 बार घुमाइये।

अदरक और ग्रीन टी का सेवन

समस्‍या से बचने के लिए अदरक और ग्रीन टी को अपने नियमित दिनचर्या में शामिल करें। इसके लिए 2 कप पानी में अदरक के छोटे से टुकडे को 10 मिनट तक उबाल कर छान लें। फिर उसमें शुद्ध शहद मिलाकर दिन में 2 या 3 बार सेवन करें। इसके अलावा दिन में 2-3 कप ग्रीन टी पिएं, लेकिन ध्‍यान रहें अगर आप ग्रीन टी में चीनी लेते हैं तो चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल करें और दूध कतई न मिलाएं।

मैग्नीशियम युक्‍त आहार

मैग्‍नीशियम ब्‍लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अपने आहार में मैग्‍नीशियम युक्‍त आहार जैसे पालक, चुकंदर, ब्रोकली, सीफूड, एवोकाडो, खीरा, बींस, आलू, साबुत अनाज, कद्दू के बीज, तिल के बीज और बादाम आदि को शमिल करें। इसके साथ ही आप मैग्नीशियम सल्फेट का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक टब में गर्म पानी लेकर, इसमें आधा कप मैग्नीशियम सल्फेट डालें। इस पानी में 15 से 20 मिनट तक पैरों को डुबोकर रखें। हफ्ते में दो बार इस उपाय को करने से आपको बहुत फायदा होगा।

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[ जब रोजाना करेंगे इन चीज़़ों का सेवन,बीमारी रहेगी कोसों दूर,

बदलते मौसम के अलावा भी अक्सर अगर आप सर्दी, जुकाम और फीवर का शिकार होते रहते हैं तो ये आपकी खराब इम्युनिटी की ओर इशारा करता है। जिसकी सबसे बड़ी वजह आपका खराब खानपान होता है। खाने में हरी सब्जियों और फ्रूट्स के अलावा ड्राईफ्रूट्स और कुछ मसाले भी होते हैं जो इम्युनिटी को बूस्ट कर आपको रखते हैं लंबे समय तक बीमारियों से कोसों दूर। जानेंगे इन सुपरफूड्स के बारे में…

  1. हल्दी का प्रयोग न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि ढेर सारे रोगों से भी बचाती है। हल्दी का भोजन में प्रयोग करने के साथ ही दवा के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इसमें करक्यूमिन नामक पोषक तत्व पाया जाता है। यह पोषक तत्व हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत करता है। हल्दी में कैंसर रोधी गुण भी पाए जाते हैं। हल्दी सर्दी-जुकाम से राहत दिलाने के साथ ही घावों के जल्दी भरने में भी मदद करती है।
  2. लगभग हर मौसम में आसानी से मिलने वाली इस हरी पत्तेदार सब्जी में ढेर सारे गुण मौजूद होते हैं। पालक फ्लेवोनॉयड्स, कैरोटेनॉयड्स, विटामिन सी, ई आदि का अच्छा स्रोत मानी जाती है। यह इम्यून सिस्टम के लिए बहुत अच्छे सर्पोट का काम करती है।
  3. विटामिन सी से भरपूर यह फल न केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है, बल्कि पाचनतंत्र को भी सही रखने में मदद करता है।

4.  दही का सेवन केवल भोजन का स्वाद ही नहीं बढ़ाता है, बल्कि इसमें ढेर सारे चमत्कारी गुण होते हैं, जो न केवल आपको फिट रखते हैं, बल्कि कई गंभीर रोगों से भी बचाते हैं। 

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[मेथी दाने से करें शुगर कंट्रोल

  • इंटरनेशनल जर्नल फॉर विटामिन एंड न्यूट्रिशन रिसर्च में छपे एक अध्ययन के अनुसार, प्रतिदिन 10 ग्राम मेथी दाने को गर्म पानी पीने से टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। मेथी दाने का पानी इतना हेल्दी होता है कि इसे पीने से ब्लड शुगर लेवल कम होने लगता है। इसमें काफी मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन क्रिया को तेज करता है। इसके साथ ही यह शरीर द्वारा शुगर के इस्तेमाल को भी बेहतर करता है। पिएं ब्लू टी, होंगे सेहत को कई फायदे
  • मेथी दाना का पानी बनाना बहुत ही आसान है। एक से डेढ़ चम्मच मेथी दानों को रात को एक गिलास में पानी डालकर भिगो दें। सुबह उठकर इस पानी को अच्छे से छान लें और फिर इसे खाली पेट पिएं।

इससे शरीर का ब्लड शुगर लेवल नियत्रित रहता है और डायबिटीज से बचाव होता है। यह डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार है। मेथी में मौजूद गेलेक्टोमैनन नामक फाइबर, खून में शुगर के अवशोषण को कम करता है।

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सुबह-सुबह टहलने से होने वाले फायदे

सुबह-सुबह ताजी ठंडी हवा में टहलने से आपकी फिटनेस तो बरकरार रहती ही है साथ ही आप कई गंभीर बीमारियों से भी दूर रहते हैं।नियमित रुप से की जाने वाली मार्निंग वॉक से आप हृदय रोग और गैस की समस्या के अलावा ऐसी ही कई बीमारियों से भी दूर रह सकते हैं।

  1. टहलने से बेहतर कुछ नहीं:- लोग स्वस्थ व फिट रहने के लिए कई चीजें करते हैं। जैसे एक्सरसाइज करते हैं, जिम जाते हैं और योगा भी करते हैं। लेकिन मेडिकल साइंस और बुजुर्गों के अपने अनुभव बताते हैं कि शरीर को स्वस्थ व फिट रखने के लिए सुबह या शाम टहलने का और कोई बेहतर विकल्प नहीं।
  2. मधुमेह से बचाए:- नियमित रुप से टहलना मदुमेह रोगियों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। मधुमेह के कई मरीज सुबह की सैर के बाद अपने ब्लड सुगर के स्तर में कमी पाते हैं। इन मरीजों के लिए इन्सुलिन के बजाय सुबह की सैर अच्छा विकल्प होता है। इससे आप मधुमेह के खतरे सेभी बच सकते हैं।
  3. स्वस्थ हृदय:- बढ़ती उम्र में अगर हर रोज कम से कम दो मील पैदल चला जाए तो मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है। ऐसे लोगों को हृदयाघात होने का खतरा भी कम हो जाता है। तेज गति से टहलने से हृदय की धड़कनें तेज होती हैं जिससे शरीर में गर्मी पैदा होती है। इस दौरान शरीर में ऑक्सीजन का बेहतर असर होता है जो बिना थके आपको हमेशा फिट रखता है।
  4. वजन कम करें:- वजन घटाने के लिए हर रोज तेज रफ्तार से आधा घंटा टहलना काफी फायदेमंद होता है। आधे घंटे में तय की गई दूरी में 150 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है। इस तरह से शरीर के वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।
  5. तनाव कम करे:- टहलना न सिर्फ एक्सरसाइज है बल्कि यह आपके मूड को भी अच्छा कर देता है, क्योंकि इस दौरान स्ट्रेस कम हो जाता है और आंतरिक शक्ति में इजाफा होता है। शुरुआत के कुछ दिनों में यह आपको थकान भरा लग सकता है लेकिन धीरे-धीरे आपको इसकी आदत हो जाएगी।
  6. अर्थराइटिस से बचाए:- शरीर के जोड़ों को मजबूत और फिट रखने में नियमित रूप से टहलना एक अचूक उपाय है। ऑर्थराइटिस और हड्डियों के फ्रैक्चर होने की समस्या में यह काफी राहत पहुंचाता है। जो महिलाएं रजोनिवृत्ति के दौर में पहुंच चुकी होती हैं, वह अगर हर दिन लगभग एक मील चलने की आदी हैं तो उनके शरीर की हडि्डयों का घनत्व अधिक होता है।
  7. लंबी उम्र का राज:- हर रोज तेज गति से टहलने पर आपकी उम्र बढ़ती है। एक नए शोध के मुताबिक सिर्फ 75 मिनट तेज स्पीड से टहलने से ही आपकी उम्र 1.8 साल बढ़ सकती है। यदि कोई अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को थोड़ी मात्रा में भी शामिल करता है जैसे यदि वह हर सप्ताह केवल 75 मिनट तेज गति टहले तो ऐसा न करने वालों की तुलना में वे दीर्घायु हो सकते हैं।
  8. स्तन कैंसर से बचाए:- एक नए अध्ययन के अनुसार रजोनिवृत्ति के पश्चात प्रतिदिन एक घंटा टहलने से महिलाओं में स्तन कैंसर की आशंका में काफी कमी आती है। ‘दि अमेरिकन कैंसर सोसाइटी’ की टीम का कहना है कि अगर महिलाएं टहलने को हर रोज अपनी दिनचर्या में शामिल करें तो वे स्तन कैंसर के खतरे से काफी हद तक बच सकती हैं।
  9. मानसिक स्वास्थ्य:- जो लोग हर रोज टहलते उनकी याददाश्त अन्य लोगों के मुकाबले अच्छी होती है। टहलने से याददाश्त के साथ ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है। टहलते समय प्रकृति के करीब होने से तन-मन रिलैक्स हो जाता है और चिंतन करने की क्षमता सहज ही बढ़ जाती है। अवसादग्रस्त और नकारात्मक सोच वाले लोगों के लिए टहलना काफी फायदेमंद है।
  10. कोलेस्ट्रोल कम करें:- शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ने से हृदय रोग, रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है लेकिन यदि आप हर रोज तीस मिनट की वॉक करते हैं तो शरीर में गुड कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ता है जो शरीर के जरूरी और फायदेमंद भी होता

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[ डेंगू का उपचार:. Dengue Special
आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है जिससे कई लोगों की जान जा रही है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l
तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l

यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो ये चार चीजें रोगी को दे ।
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l

  • पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
  • गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर “गिलोय घनवटी” ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l

यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l
[शरीर सुन्न हो जाने के 14 घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं:

1. पपीता और सरसों

पपीते या शरीफे के बीजों को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर सुन्न होने वाले अंगों पर धीरे-धीरे मालिश करें|

2. सोंठ, लहसुन और पानी

सुबह के समय शौच आदि से निपट कर सोंठ तथा लहसुन की दो कलियों को चबाकर ऊपर से पानी पी लें| यह प्रयोग आठ-दस दिनों तक लगातर करने से सुन्न स्थान ठीक हो जाता है|

3. अजवायन, लहसुन और तिली तेल

तिली के तेल में एक चम्मच अजवायन तथा लहसुन की दो पूतियां कुचलकर डालें| फिर तेल को पका-छानकर शीशी में भर लें| इस तेल से सुन्न स्थान की मालिश करें|

  1. बादाम

बादाम का तेल मलने से सुन्न स्थान ठीक हो जाता है|

5. पीपल और सरसों

पीपल के पेड़ की चार कोंपलें सरसों के तेल में मिलाकर आंच पर पकाएं| फिर छानकर इस तेल को काम में लाएं|

  1. सोंठ, पीपल, लहसुन और पानी

सोंठ, पीपल तथा लहसुन – सभी बराबर की मात्रा में लेकर सिल पर पानी के साथ पीस लें| फिर इसे लेप की तरह सुन्न स्थान पर लगाएं|

  1. बादाम

बादाम घिसकर लगाने से त्वचा स्वाभाविक हो जाती है|

8. कालीमिर्च और इलायची

कालीमिर्च तथा लाल इलायची को पानी में पीसकर त्वचा पर लगाएं|

  1. नारियल और जायफल

100 ग्राम नारियल के तेल में 5 ग्राम जायफल का चूर्ण मिलाकर त्वचा या अंग विशेष पर लगाएं|

10. लहसुन और पानी

एक गांठ लहसुन और एक गांठ शुंठी पीस लें| इसके बाद पानी में घोलकर लेप बना लें| इस लेप को त्वचा पर लगाएं|

  1. घी

रात को सोते समय तलवों पर देशी घी की मालिश करें| इससे पैर का सुन्नपन खत्म हो जाएगा|

  1. चोपचीनी, पीपरामूल, मक्खन और दूध

5 ग्राम चोपचीनी, 2 ग्राम पीपरामूल और 4 ग्राम मक्खन – तीनों को मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें|

13. बेल, पीपल, चित्रक और दूध

बेल की जड़, पीपल और चित्रक को बराबर की मात्रा में लेकर आधा किलो दूध में औटाएं| फिर रात को सोते समय उसे पी जाएं|

  1. सैन्धव तेल

सैन्धव तेल की मालिश से सुन्नपन में काफी लाभ होता है|

शरीर सुन्न हो जाने का कारण

शरीर के किसी अंग के सुन्न होने का प्रमुख कारण वायु का कुपित होना है| इसी से वह अंग भाव शून्य हो जाता है| लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि खून के संचरण में रुकावट पैदा होने से सुन्नता आती है| यदि शरीर के किसी विशेष भाग को पूरी मात्रा में शुद्ध वायु नहीं मिलती तो भी शरीर का वह भाग सुन्न पड़ जाता है|

शरीर सुन्न हो जाने की पहचान

जो अंग सुन्न हो जाता है, उसमें हल्की झनझनाहट होती है| उसके बाद लगता है कि वह अंग सुन्न हो गया है| सुई चुभने की तरह उस अंग में धीरे-धीरे लपकन-सी पड़ती है, लेकिन दर्द नहीं मालूम पड़ता|

हाथ-पैर सुन्‍न पड़ जाएं तो अपनाएं ये घरेलू उपचार

अगर हाथ पैरों में जन्‍नाहट होती है तो अपने आहार में ढेर सारे विटामिन बी, बी6 और बी12 को शामिल करें। इनके कमी से हाथ, पैरों, बाजुओं और उंगलियों में सुन्‍नता पैदा हो जाती है। आपको अपने आहार में अंडे, अवाकाडो, मीट, केला, बींस, ओटमील, दूध, चीज़, दही, मेवे, बीज और फल शामिल करने चाहिये। आप चाहें तो
vitamin B-complex supplement भी दिन में दो बार खा सकते हैं।हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां, मेवे, बीज, ओटमील, पीनट बटर, सोया बीन, अवाकाडो, केला, डार्क चॉकलेट और लो फैट दही आदि खानी चाहिये। आप रोजाना मैग्‍नीशियम 350 एम जी की सप्‍पलीमेंट भी ले सकती हैं। पर इस बारे में डॉक्‍टर से जरुर बात कर लें।हाथ और पैरों के खराब ब्‍लड सर्कुलेशन से ऐसा होता है। इसलिये उस प्रभावित हिस्‍से को ऊपर की ओर उठाइये जिससे वह नार्मल हो सके। इससे सुन्‍न वाला हिस्‍सा ठीक हो जाएगा। आप अपने प्रभावित हिस्‍से को तकिये पर ऊंचा कर के भी लेट सकते हैं।सबसे पहले प्रभावित जगह पर गरम पानी की बोतल का सेंक रखें। इससे वहां की ब्‍लड सप्‍पलाई बढ़ जाएगी। इससे मासपेशियां और नसें रिलैक्‍स होंगी। एक साफ कपड़े को गरम पानी में 5 मिनट के लिये भिगोएं और फिर उससे प्रभावित जगह को सेंके। आप चाहें तो गरम पानी से स्‍नान भी कर सकती हैं।व्‍यायाम करने से शरीर में ब्‍लड र्स्‍कुलेशन होता है और वहां पर ऑक्‍सीजन की मात्रा बढ़ती है। रोजाना हाथ और पैरों का 15 मिनट व्‍यायाम करना चाहिये। इसके अलावा हफ्ते में 5 दिन के लिये 30 मिनट एरोबिक्‍स करें, जिससे आप हमेशा स्‍वस्‍थ बने रहें।

NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।

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