Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

कसरत और योग में क्या है अंतर

योग एक ऐसी प्रमाणिक व्यायाम पद्धति है, जिसके लिए न तो ज्यादा साधनों की जरुरत होती है और न ही अधिक खर्च होता है। इसलिए पिछले कुछ सालों से योग की लोकप्रियता और इसका अभ्यास करने वालों की संख्या पूरे संसार में लगातार बढ़ती जा रही है।

बहुत से लोग अभी भी योग को सिर्फ कसरत या व्यायाम के रूप में ही जानते हैं। परंतु ये सच नहीं है। योग सिर्फ एक कसरत नहीं है। कसरत में तो आप सिर्फ शारीरिक प्रक्रिया करते हैं। लेकिन योग में आप शारीरिक, मानसिक एवं भावात्मिक प्रक्रिया करते हैं।

यहाँ हमने योग और कसरत में क्या अंतर होता है ये बताया है:

  1. जगह और साधन:

कसरत के लिए आपको पर्याप्त जगह और साधन/ समान की ज़रूरत होती है।

लेकिन योग के लिए आपको सिर्फ एक मैट और थोड़ी सी जगह की ज़रूरत होती है।

  1. साँस लेना:

कसरत में आप अपनी साँसों पर ध्यान नहीं देते और साँसें काफी तेज़ हो जाती है।

योग में साँसों पर संतुलन सिखाया जाता है और आसन के आधार पर सांस लेनी होती है।

  1. तीव्रता:

कसरत तीव्रता और प्रबलता पे ज़ोर देती है, जिससे मांसपेशियों को नुकसान भी पहुच सकता है।

योग धीमी गति से किया जाता है और सहनशक्ति बढ़ाता है। योग से मांसपेशियाँ कमजोर नहीं होती।

  1. पाचन शक्ति:

कसरत से पाचन शक्ति तेज़ हो जाती है जिससे भूख ज़्यादा लगती है और इंसान अधिक खाता है।

योग से पाचन शक्ति धीरे होती है जिससे भूख कम होती है और इंसान कम खाने लगता है।

  1. ऊर्जा:

कसरत से तेज़ी से ऊर्जा खर्च होती है जिससे आप थक जाते हैं।

योग करते समय ऊर्जा धीरे धीरे खर्च होती है जिससे आप थकते नहीं बल्कि तारो ताज़ा महसूस करते हैं।

  1. जागरूकता:

कसरत करते समय आपको अपना ध्यान केन्द्रित नहीं करना होता।

योग करते समय आपको अपनी साँसों और आसान पर ध्यान केन्द्रित करना होता है जिससे शरीर के प्रति जागरूकता बढ़ती है।

  1. सिद्धांत:

कसरत में कोई सिद्धांत नहीं होता।

योग पाँच सिद्धांतों पर आधारित है: सही भोजन, सही सोच, सही सांसें, नियमित व्यायाम और आराम।

  1. योग्यता:

कसरत से केवल शारीरिक योग्यता बढ़ती है।

योग से शारीरिक, मानसिक और भवात्मिक योग्यता बढ़ती है।

  1. बाधाएँ:

कसरत हर उम्र का इंसान नहीं कर सकता जैसे की वृद्ध या बीमार व्यक्ति।

योग हर उम्र का व्यक्ति कर सकता है। बीमार इंसान भी कुछ आसान साँसों की क्रिया कर सकता है।
🙏🙏🌹🌹💐💐

Recommended Articles

Leave A Comment