🥀अपने आजतक विभिन्न प्रकार की दालें खाई भी होंगी और बनाई भी, लेकिन आज हम आपको उन सभी के गुण और फायदों से अवगत करने जा रहे है :
🌻१. अरहर की दाल
अरहर की दाल को अगर दालों के राजा की उपाद्धि दी जाये तो बिलकुल सही होगा। इसे कई लोग तुवर दाल के नाम से भी जानते है।
इसमें प्रोटीन , पोटैशियम, सोडियम , विटामिन ए , बी १२ , कार्बोहायड्रेट मौजूद है।
भांग का नशा उतारने के लिए तुवर की कच्ची दाल को पानी में पीसकर पिलाया जाता है।
इतना ही नहीं, कोई घाव को अगर सूखाना हो, तो अरहर की दाल के पत्तो को पीसकर उसपर लगाया जाता है।
🌺२. मूंग की दाल (पिली )
धूलि हुई मूंग की दाल को पिली मूंग दाल कहा जाता है।
यह दाल पचाने में काफी आसान होती है – यही कारण है कि किसी भी रोगी को खाने में मूंग दाल की खिचड़ी ही दी जाती है।
गर्भवती महिलाओ के लिए इसका फायदेमंद माना गया है क्योकि इसमें फाइबर, आयरन और प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है।
यह दाल शरीर में जमा हुए अतिरिकत कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है।
🍁३. चना दाल
काले चने द्वारा निर्मित इस दाल में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा प्रचुर होती है।
चने की दाल का सेवन अगर मधुमेह रोगी करे तो उन्हें इससे लाभ होगा।
इसमें कोलेस्ट्रॉल बहुत कम मात्रा में पाया जाता है।
अनिमिआ , पीलिया , कब्ज के रोगियों को इस दाल का सेवन करना चाहिए।
🍁४ मसूर दाल
मसूर दाल सामानयतः लाल रंग की होती है।
यह दाल फाइबर और प्रोटीन का खजाना है।
इस दाल के सेवन से पेट और पाचन सम्बन्धित सभी रोग दूर हो जाते है।
इस दाल का अगर सूप बना कर लिया जाये तो गले और आंतो के सभी रोगो को दूर करता है।
खून की कमी जिन्हें है, उनके लिए मसूर दाल का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
🌹५. उड़द दाल“अगर दालों में राजा अरहर है तो इसे हम रानी कह सकते हैं।”
इस दाल में आयरन की मात्रा काफी अधिक होती है।यह दाल को अगर एक हफ्ते तक रोज खाया जाये तो यह कोई भी मूत्र रोग दूर कर सकती है।
उड़द की दाल की खीर खाने से रूप रंग में निखार आता है।
६🌼. लोबिया दाल ( चवले की दाल ) :
यह दाल पचाने में काफी आसान है।
लोबिया में एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद है जो कैंसर के वायरस से लड़ने में मदद करते है।
यह दाल मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है।