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: हनुमान मंत्र (तंत्र बाधा निवारण मंत्र)

मनुष्य शारीरिक, मानसिक और बाहरी (भू‍त-प्रेत) नजर इत्यादि बीमारियों से परेशान रहता है। शारीरिक बीमारी के लिए डॉक्टर या वैद्य के पास जाकर मनुष्य ठ‍ीक हो जाता है। मानसिक बीमारी का सरलत‍म उपाय हो जाता है। परंतु मनुष्य जब भूत-प्रेत अथवा नजर, हाय या किसी दुष्ट आत्मा के जाल में फँस जाता है तब वह परेशान हो जाता है।

इसके ‍इलाज के लिए स्वयं एवं परिवार वाले हर जगह जाते हैं- जैसे तांत्रिक, मांत्रिक, जानकार के पास। परंतु मरीज ठीक नहीं होता है। मरीज की हालत बिगड़ने लगती है। ऐसा प्रतीत होता है कि मरीज शारीरिक एवं मानसिक दोनों ब‍ीमारी से ग्रस्त है।

ऐसे में पवन पुत्र हनुमान जी की आराधना करें। मरीज अवश्‍य ही ठीक हो जाएगा। यहाँ पर हम आपको श्री हनुमान मंत्र दे रहे हैं। जो कि 3 दिन में सिद्ध हो जाता है। इसे सिद्ध करके दूसरों की सहायता करें और उनकी प्रेत-डाकिनी, नजर करणी कवटाल तंत्र बाधा आदि सब ठीक करें।

श्री हनुमान मंत्र :-

ओम नमो आदेश गुरू को गण चले गण विर चले मसान आगे भुत चले अजनी के पुत चले राम के दुत चले कहा चले दुशमन ने लगट कीया करणी कवटाल जादु टोना कीया हात पाव का नसा उलटा दिया बच्चो को मार ना लगे दौडो दौडो हनुमान बीर मारो करणी कवटाल जादु टोने को तिर हनुमान बारा घाट भगवान बच्चो को संभाल गनपती जिव का रक्षण कर जागते रहो हनुमान राम लक्ष्मन सिता जानकी की आन कवर देश की विद्या पुरी छु

इस मंत्र की प्रतिदिन एक माला जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। हनुमान मंदिर में जाकर साधक अगरबत्ती जलाएँ। तिसरे दिन उसी मंदिर में एक नारियल व लाल कपड़े की एक ध्वजा चढ़ाएँ। जप के बीच होने वाले अलौकिक चमत्कारों का अनुभव करके घबराना नहीं चाहिए। यह मंत्र भूत-प्रेत, डाकिनी-शाकिनी, नजर, टपकार तंत्र बाधा व शरीर की रक्षा के लिए अत्यंत सफल है।
: पौराणिक शुभाशुभ विचार
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बिल्लियों का लड़ना👉 बिल्लियों के बारे में बहुत से अशुभ लक्षण बताए गए हैं। काली बिल्ली रास्ता काट ले तो उसे रास्ते पर कई लोग अपना जाना स्थगित कर देते हैं।

इसी तरह कहते हैं कि जिस भवन में या उसके एकदम पास बिल्लियां प्राय: लड़ती रहती हैं वहां शीघ्र ही विघटन की संभावना रहती है विवाद वृद्धि होती है। मतभेद होता है।

👉 बिल्ली का रास्ता काटना, रोना और आपस में दो बिल्लियों का झगड़ना अशुभ है?

👉 बिल्ली का रास्ता काटना :माना जाता है कि बिल्ली की छठी इंद्री मनुष्यों की छठी इंद्री से कहीं ज्यादा सक्रिय है जिसके कारण उसे होनी-अनहोनी का पूर्वाभास होने लगता है।

मान्यता अनुसार काली बिल्ली का रास्ता काटना तभी अशुभ माना जाता है जबकि बिल्ली बाईं ओर रास्ता काटते हुए दाईं ओर जाए। अन्य स्थ‌ित‌ियों में बिल्ली का रास्ता काटना अशुभ नहीं माना जाता है।

जब बिल्ली रास्ता काटकर दूसरी ओर चली जाती है तो अपने पीछे वह उसकी नेगेटिव ऊर्जा छोड़ जाती है, जो काफी देर तक उस मार्ग पर बनी रहती है। खासकर काली बिल्ली के बारे में यह माना जाता है। हो सकता है कि प्राचीनकाल के जानकारों ने इसलिए यह अंधविश्वास फैलाया हो कि बिल्ली के रास्ता काटने पर अशुभ होता है।

बिल्ली का रोना👉 बिल्ली के रोने की आवाज बहुत ही डरावनी होती है। निश्‍चित ही इसको सुनने से हमारे मन में भय और आशंका का जन्म होता है। माना जाता है कि बिल्ली अगर घर में आकर रोने लगे तो घर के किसी सदस्य की मौत होने की सूचना है या कोई अनहोनी घटना हो सकती है।

बिल्ली का आपस में झगड़ना👉 बिल्लियों का आपस में लड़ना धनहानि और गृहकलह का संकेत है। यदि किसी के घर में बिल्लियां आपस में लड़ रही हैं तो माना जाता है कि शीघ्र ही घर में कलह उत्पन्न होने वाली है। गृहकलह से ही धनहानि होती है।

बिल्ली से जुडे अन्य अशुभ लक्षण
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👉 लोक मान्यता है कि दीपावली की रात घर में ब‌िल्ली का आना शुभ शगुन होता है।

👉 बिल्ली घर में बच्चे को जन्‍म देती है तो इसे भी अच्छा माना जाता है।

👉 किसी शुभ कार्य से कहीं जा रहे हों और बिल्ली मुंह में मांस का टुकड़ा लिए हुए दिखाई दे तो काम सफल होता है।

👉 बिल्ली की जेर को लाल कपड़े में लपेटकर बाजू पर बांधने से कालसर्प दोष से बचाव होता। ऊपरी चक्कर, नजर दोष, प्रेत बाधा इन सभी में ब‌िल्ली की जेर बांधने से लाभ मिलता है।

👉 यदि सोए हुए व्यक्ति के ‌स‌िर को बिल्ली चाटने लगे तो ऐसा व्यक्ति सरकारी मामले में फंस सकता है।

👉 बिल्ली का पैर चाटना निकट भविष्य में बीमार होने का संकेत होता है।

👉 ब‌िल्ली ऊपर से कूदकर चली जाए तो तकलीफ सहनी पड़ती है।

👉 यदि आप कहीं जा रहे हैं और बिल्ली आपके सामने कोई खाने वाली वस्तु लेकर आए और म्याऊं बोले तो- अशुभ होता है। यही क्रिया आपके घर आते समय हो तो- शुभ होता है।

अन्य अशुभ लक्षण
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👉 यदि घर के मुख्य द्वार से सांप का प्रवेश होता है तो इसके मतलब है कि गृहस्वामी या गृहस्वामिनी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।

👉 यदि घर में कोई चोट खाया या घायल पक्षी या उसका कोई काटा हुआ अंग आंगन में गिरता है तो महासंकट आने वाला है।

👉 घर में यदि कुतिया प्रसव करती है तो यह घर के मुखिया के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है। इसके कारण शत्रु की वृद्धि होती है तथा अपने ही परिवार में मतभेद होने लगते हैं।

👉 यदि घर की छत, दीवार या घर के किसी भी कोने में लाल रंग की चींटिया घुमती या रेंगती हुई दिखाई दे तो समझ लीजिए कि संपत्ति का क्षय होने वाला है या यदि पंख वाली चींटियां हो तो घर में बिना किसी कारण के क्लेश की स्थिति उत्पन्न होने लगती है।

👉 यदि घर में रसोईघर का प्लेटफार्म का चटक या टूट जाए या फिर चाकला टूट या तड़क जाए तो यह दरिद्रता की निशानी है।

👉 यदि घर में दूध बार बार जमीन पर गिरता हो, किसी भी कारण से तो घर में क्लेश और विवाद की स्थिति बनती है।

👉 यदि जिस दिन नए घर में प्रवेश करना हो तो, उसी दिन सूर्योदय के समय कोई भी पशु रोता है तो उस दिन गृह प्रवेश टाल दें यह संकेत शुभ नहीं होता है घर में प्रवेश करते ही दुःख आरम्भ हो जाएंगे।

👉 शुभ कार्य के लिए विचार चल रहा हो तब यदि छिपकली की आवाज सुनाई दे तो कार्य की असफलता होती है।

👉 यदि आकाश में तारे टूटते दिखाई दें तो यह स्वास्थ्‍य खराब होने की सूचना होती है। इसी के साथ नौकरी में खतरा एवं आर्थिक तंगी आने लगती है।

👉 जिस घर में बिच्छू कतार बनाकर बाहर जाते हुए दिखाई दें तो समझ लेना चाहिए कि वहां से लक्ष्मी जाने की तैयारी कर रही हैं।

👉 पीला बिच्छू माया का प्रतीक है। ऐसा बिच्छू घर में निकले तो घर में लक्ष्मी का आगमन होता है।

👉 जिस घर में प्राय: बिल्लियां विष्ठा कर जाती हैं, वहां कुछ शुभत्व के लक्षण प्रकट होते हैं।

👉 घर में चमगादड़ों का वास अशुभ है।

👉 जिस भवन में छछूंदरें घूमती हैं वहां लक्ष्मी की वृद्धि होती है।

👉 जिस घर के द्वार पर हाथी अपनी सूंड ऊंची करे वहां उन्नति, वृद्धि तथा मंगल होने की सूचना मिलती है।

चूहों का घर में होना अशुभ है👉 जिस घर में काले चूहों की संख्या अधिक हो जाती है वहां किसी व्याधि के अचानक होने का अंदेशा रहता है।

यह भी माना जाता है कि चूहे हमारे घर की शांति, समृद्धि को धीरे धीरे कुतर कर खा जाते हैं। अत: चूहों का घर में रहना अशुभ माना गया है।

यह भी माना जाता है कि यदि घर में काले रंग के चूहे बहुत अधिक तादाद में दिन और रात भर घूमते रहते हो तो, समझ लीजिए कि किसी रोग या शत्रु का आक्रमण होने वाला है।

कुत्तों का लड़ना👉 आपस में लड़ते हुए कुत्ते दिख जाएं तो व्यक्ति का किसी से झगड़ा हो सकता है। शाम के समय एक से अधिक कुत्ते पूर्व की ओर अभिमुख होकर क्रंदन करें तो उस नगर या गांव में भयंकर संकट उपस्थित होता है।

यदि आप घर से बाहर कहीं जा रहे हैं और आपके पीछे पीछे कुत्ता भी चल दे तो यह किसी अनहोनी का संकेत हैं। अच्छा है कि आप उधर की यात्रा टाल दें। यह भी माना जाता है कि यदि कुत्ता ऐसा करता है तो आप पर मौत का साया मंडरा रहा है। आप किसी गंभीर बिमारी की चपेट में आने वाले हैं या आपके साथ कोई दुर्घटना होने वाली है। हालांकि यह अंधविश्वास ही माना जाता है।

कुत्ते के रोने को अशुभ क्यों माना जाता है?
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कुत्ते का रोना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि घर के सामने घर की ओर मुंह करके कोई कुत्ता रोए तो उस घर पर किसी प्रकार की विपत्ति आने वाली है या घर के किसी सदस्य की मौत होगी।

कुत्ते से जुड़े अन्य शुभाशुभ लक्षण
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👉 मान्यता है कि घर के सामने सुबह के समय यदि कुत्ता रोए तो उस दिन कोई भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए। यदि किसी मकान की दीवार पर कुत्ता रोते हुए पंजा मारता दिखे तो समझा जाता है कि उक्त घर में चोरी हो सकती है या किसी अन्य तरह का संकट आ सकता है।

👉 यदि कोई व्यक्ति किसी के अंतिम संस्कार से लौट रहा है और साथ में उसके कुत्ता भी आया है तो उस व्यक्ति की मृत्यु की आशंका रहती है अथवा उसे कोई बड़ी विपत्ति का सामना करना पड़ सकता है।

👉 माना जाता है कि पालतू कुत्ते के आंसू आए और वह भोजन करना त्याग दे तो उस घर पर संकट आने की सूचना है।

👉 आप किसी कार्य से बाहर जा रहे हैं और कुत्ता आपकी ओर देखकर भौंके तो आप किसी विपत्ति में फंसने वाले हैं। ऐसे में उक्त जगह नहीं जाना ही उचित माना जाता है।

👉 घर से निकलते समय यदि कुत्ता अपने शरीर को कीचड़ में सना हुआ दिखे और कान फड़फड़ाए तो यह बहुत ही अपशकुन है। ऐसे समय में कार्य और यात्रा रोक देनी चाहिए।

👉 कुत्ता यदि सामने से हड्डी अथवा मांस का टुकड़ा लाता हुआ नजर आए तो अशुभ।

👉 संभोगरत कुत्ते को देखना भी अशुभ माना गया है, क्योंकि इससे आपके कार्य में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं और परिवार में झगड़ा हो सकता है।

👉 यदि किसी के दरवाजे पर लगातार कुत्ता भौंकता है तो परिवार में धनहानि या बीमारी आ सकती है।

👉 मान्यता है कि कुत्‍ता अगर आपके घुटने सूंघे तो आपको कोई लाभ होने वाला है।

👉 यदि आप भोजन कर रहे हैं और उसी समय कुत्ते का रोना सुनाई दे, तो यह बेहद अशुभ होता है।

कुछ जीवो का बार-बार दिखने का मतलब
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आज भी हमारे समाज में शकुन-अपशकुन से जुड़ी बहुत सारी मान्यताएं प्रचलित हैं। शकुन शास्त्र में बहुत ऐसी मान्यताओं के बारे में बताया गया है जिनका सीधे तौर पर हमारे जीवन से संबंध होता है। इनमें से कुछ मान्यताओं के पीछे वैज्ञानिक तो कुछ के पीछे मनोवैज्ञानिक तथ्य छिप होते हैं। जबकि कुछ मान्यताएं केवल भ्रांति होती हैं। आज हम आपको पशु-पक्षियों से संबंधित कुछ संकेत व शकुन-अपशकुन के बारे में बता रहे हैं। शकुन शास्त्र के अनुसार जानिए कहीं जाते समय यदि इनमें से कोई पशु या पक्षी नजर आए तो इसका क्या मतलब हो सकता है-

चील👉 आजकल यह जिव बहुत ही कम दिखाई देता है। लेकिन इस जीव के दिखने से हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। चील का संबंध मृत परिजनों से होता है। इसलिए अगर आपको अचानक और लगातार चील या इसकी तस्वीर दिखने लगे, तो समझें कि आपके पूर्वजों का आशीर्वाद आपके साथ है।

सांप👉 अगर आपको लगातार सपने में या आसपास सांप दिखने लगे तो इसका मतलब है जल्दी ही आप पर कोई मुसीबत आ सकती है या आपके साथ कुछ बुरा हो सकता है। इसलिए जो भी करें, सोच-समझकर करें।

बाज👉 अगर आपको आए दिन रास्ते में बाज या उसका चित्र नजर आए तो ये शुभ संकेत है। इसका मतलब ये हो सकता है कि जल्दी ही आपकी लाइफ में कुछ सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है।

कौआ👉 कौए मृत शरीर के आसपास अधिक दिखते हैं, इसलिए इनका दिखना अशुभ संकेत माना जाता है। बहुत सारे कौए एक साथ दिखे तो जल्दी ही आप किसी मुसीबत में फंस सकते हैं।

उल्लू👉 उल्लू का बार-बार दिखना महज संयोग नहीं है। ये धन लाभ से संबंधित संकेत हो सकता है। इसका मतलब है कि जल्दी ही लंबे समय से रूका हुआ पैसा आपको मिल सकता है।

तोता👉 अगर बार-बार तोता दिखे तो ये काम में सफलता मिलने का संकेत है। अगर आप कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं समझ लीजिए आपको उसमें सफलता मिल सकती है।

गिरगिट👉 रास्ते में बार-बार गिरगिट दिखे तो ये काम में रुकावट आने का संकेत है। आपका कोई बनता काम अटक सकता है या फिर पैसा मिलने में देरी हो सकती है। काम को टालें नहीं।
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: किस ग्रह के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करें ? – WHICH RUDRAKSH TO WEAR, FOR WHICH PLANET ? :

ज्योतिष में अशुभ ग्रहों व प्रतिकूल ग्रहयोगों के लिए हवन शान्ति, दान, कवच धारण, एवं रुद्राक्ष धारण, तथा अनुकूल, पर निर्बल ग्रहों के लिए रत्न धारण करवाया जाता है।

आइए जानते हैं कि किस ग्रह के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है :

  1. सूर्य- सूर्य के लिए एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
  2. चंद्र- चंद्र के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
  3. मंगल- मंगल के लिए तीन मुखी अथवा ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
  4. बुध- बुध के लिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
  5. गुरु- गुरु के लिए पांच मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
  6. शुक्र – शुक्र के लिए छह मुखी अथवा तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
  7. शनि- शनि के लिए सात मुखी अथवा चौदह रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
  8. राहु- राहु के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
  9. केतु- केतु के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
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    आप का आज का दिन मंगलमयी हो – आप स्वस्थ रहे, सुखी रहे – इस कामना के साथ।


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