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दूध पीने के नियम
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बोर्नविटा , होर्लिक्स के विज्ञापनों के चलते माताओं के मन में यह बैठ जाता है की बच्चों को ये सब डाल के दो कप दूध पिला दिया बस हो गया . चाहे बच्चे दूध पसंद करे ना करे , उलटी करे , वे किसी तरह ये पिला के ही दम लेती है . फिर भी बच्चों में केशियम की कमी , लम्बाई ना बढना , इत्यादि समस्याएँ देखने में आती है .आयुर्वेद के अनुसार दूध पिने के कुछ नियम है।

👉 सुबह सिर्फ काढ़े के साथ दूध लिया जा सकता है ।

👉 दोपहर में छाछ पीना चाहिए . दही की प्रकृति गर्म होती है ; जबकि छाछ की ठंडी।

👉 रात में दूध पीना चाहिए पर बिना शकर के ; हो सके तो गाय का घी १- २ चम्मच डाल के ले . दूध की अपनी प्राकृतिक मिठास होती है वो हम शक्कर डाल देने के कारण अनुभव ही नहीं कर पाते।

👉 एक बार बच्चें अन्य भोजन लेना शुरू कर दे जैसे रोटी , चावल , सब्जियां तब उन्हें गेंहूँ , चावल और सब्जियों में मौजूद केल्शियम प्राप्त होने लगता है . अब वे केल्शियम के लिए सिर्फ दूध पर निर्भर नहीं।

👉 कपालभाती प्राणायाम और नस्य लेने से बेहतर केल्शियम एब्जॉर्ब होता है और केल्शियम , आयरन और विटामिन्स की कमी नहीं हो सकती साथ ही बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास होगा।

👉 दूध के साथ कभी भी नमकीन या खट्टे पदार्थ ना ले .त्वचा विकार हो सकते है।

👉 बोर्नविटा , कॉम्प्लान या होर्लिक्स किसी भी प्राकृतिक आहार से अच्छे नहीं हो सकते . इनके लुभावने विज्ञापनों का कभी भरोसा मत करिए . बच्चों को खूब चने, दाने, सत्तू , मिक्स्ड आटे के लड्डू खिलाइए।

👉 प्रयत्न करे की देशी गाय का दूध ले।

👉 जर्सी या दोगली गाय से भैंस का दूध बेहतर है।

👉 दही अगर खट्टा हो गया हो तो भी दूध और दही ना मिलाये , खीर और कढ़ी एक साथ ना खाए . खीर के साथ नामकीन पदार्थ ना खाए।

👉 चावल में दूध के साथ नमक ना डाले।

👉 सूप में ,आटा भिगोने के लिए , दूध इस्तेमाल ना करे।

👉 द्विदल यानी की दालों के साथ दही का सेवन विरुद्ध आहार माना जाता है . अगर करना ही पड़े तो दही को हिंग जीरा की बघार दे कर उसकी प्रकृति बदल लें।

👉 रात में दही या छाछ का सेवन ना करे।

👉 ताजा, जैविक और बिना हार्मोन की मिलावट वाला दूध सबसे अच्‍छा होता है। पैकेट में मिलने वाला दूध नहीं पीना चाहिये।

👉 दूधक को गरम या उबाल कर पियें। अगर दूध पीने में भारी लगे तो उसे उसमें थोड़ा पानी मिला कर उबालें।

👉 दूध में एक चुटकी अदरक, लौंग, इलायची, केसर, दालचीनी और जायफल आदि की मिलाएं। इससे आपके पेट में अतिरिक्त गर्मी बढ़गी जिसकी मदद से दूध हजम होने में आसानी मिलेगी।

👉 अगर आप को डिनर करने का मन नहीं है तो आप रात को एक चुटकी जायफल और केसर डाल कर दूध पियें। इससे नींद भी अच्‍छी आती है।

👉 किसी भी नमकीन चीज़ के साथ दूध का सेवन ना करें। क्रीम सूप या फिर चीज़ को नमक के साथ ना खाएं। दूध के साथ खट्टे फल भी नहीं खाने चाहिये।

👉 दूध और मछली एक एक साथ सेवन नहीं करना चाहिये, इससे त्‍वचा खराब हो जाती है।

      

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फैट को तेजी से गलाता है खाली पेट पिया गया एक गिलास गुनगुना पानी

  • कई बार खाना खाने से खून में रसायनिक तत्व मिल जाते हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, ऐसे में सुबह खाली पेट पानी पीने से फायदा मिल सकता है. आपके पेट में जितने भी बुरे फैट सेल्स बनते हैं खाली पेट पानी पीकर आप बाहर निकाल सकते हैं. जिन्हें आम भाषा में टॉक्सिन्स या विषैले पदार्थ कहते हैं
    .-सुबह के समय पानी पीने से त्वचा में निखार और चमक आती है. खाली पेट पानी पीने से आपकी स्किन को सबसे ज्यादा हाइड्रेट रखने की जरूरत होती है. ऐसे में स्किन के पोर्स तक पानी पहुंचता है और त्वचा टाइट रहती है. यानी एजिंग प्रक्रिया धीमी होती है.- सुबह खाली पेट पानी से मांस पेशियां मजबूत होती हैं और उनमें नई कोशिकाएं बनती हैं.
  • सुबह पानी पीने से दिन भर में किया गया भोजन शरीर को आसानी से लगता है. खाली पेट पिया गया पानी खाना सही से पचाने में मदद करता है. सुबह में अगर आप पानी पी लेंगे तो सेल्स तक पानी पहुंचेगा. जो फैटे को गलाने में भी मदद करेगा.
  • सुबह खाली पेट पानी पीने से खून साफ होता है और पेट की गंदगी भी दूर होती है. लिवर का साफ होना बेहद जरूरी है. इसलिए सुबह खाली पेट पानी पीना भी महत्वपूर्ण है. जिससे पेट में रात भर में बने विषैले पदार्थ बाहर निकल सकें. मुंह के छालों से परेशान हैं? तो अपनाएं ये आसान से घरेलू उपाय

1 नीम के पत्ते उबाल लें। इसमें लहसुन के रस की चार-पांच बूंद डालकर इससे गरारे करने चाहिए।

2 छाछ से गरारे करने पर भी मुंह के छाले ठीक होते हैं।

3 चमेली और अमरूद के 5-5 पत्ते लेकर थोड़ी देर तक मुंह में धीरे-धीरे चबाएं। थोड़ी देर बाद पानी बाहर निकाल दें। ऐसा करने से भी मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

4 मौलसरी के काढ़े में एक चुटकी फुलाई हुई फिटकरी डालकर मिला लें। इस मिश्रण के कुल्ले करने से मुंह के छालों में आराम आता है।

5 गूलर की छाल में फिटकरी डालकर कुल्ले करने चाहिए।

6 बबूल की छाल के काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।

7 मुलहठी के गरारे भी रोग में फायदा पहुंचाते हैं।

8 मुंह में लौंग का तेल लगाना चाहिए।

9 सुहागे को तवे पर फुला कर व पीसकर थोड़े से शहद में मिला लें। इस मिश्रण को छालों पर दिन में तीन-चार बार लगाएं। मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।

      

[10 रुपए में कर सकते हैं कैल्शियम की कमी को दूर, दूध से चिढ़ते हैं तो यह जानकारी आपके लिए है

  1. पानी में अदरक डाल कर उबालें। इस पानी में शहद और हल्का नींबू निचोड़ें। सुबह 20 दिन तक पिएं। कैल्शियम की आपूर्ति होगी।
  2. प्रति दिन 2 चम्मच तिल का सेवन करें। आप इसे लड्डू या चिक्की के रूप में भी ले सकते हैं।
  3. एक चम्मच जीरे को रात भर पानी में भिगो दें। सुबह इसका सेवन करें। 15 दिन में लाभ दिखेगा।
  4. 1 अंजीर व दो बादाम रात में गलाएं और सुबह इसका सेवन करें। शर्तिया फायदा होगा।
  5. रागी का हफ्ते में एक बार किसी ना किसी रूप में सेवन करें। दलिया, हलवा या खीर बनाकर ले सकते हैं। किसी भी प्रकार से रागी कैल्शियम का विश्वसनीय स्त्रोत हैं।
  6. नींबू पानी दिन भर में एक बार अवश्य लें।
  7. अंकुरित अनाज में कैल्शियम प्रचूर मात्रा में होता है। अगर आप अंकुरित आहार नहीं ले सकते हैं तो हफ्ते में एक बार सोयाबीन ले सकते हैं।

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