46 से 50 बीमारियों का कारण है पित्त का बढ़ना, जरूर जानिए इसका उपाय …
✍🏻शरीर में वात-पित्त और कफ का संतुलन आपको स्वस्थ रखता है, लेकिन इनके असंतुलित होने पर आपको किसी न किसी प्रकार से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पित्त के बढ़ने पर आपको 46 से 50 बीमारियों का खतरा होता है। जानिए पित्त को सही और संतुलित रखने के लिए क्या खाएं और क्या नहीं –
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छाछ – दही का सेवन करने के बजाए इसे पतला करके छाछ के रूप में या लस्सी का सेवन करें। इस में अजवाइन का प्रयोग करना पित्त विकार के लिए फायदेमंद रहेगा।
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काला नमक – छाछ के साथ या खाद्य पदार्थों के साथ काले नमक का सेवन करें लेकिन काला नमक दिन में ही प्रयोग करना फायदेमंद रहेगा।
3 काला जीरा – काला जीरा पित्त के संतुलन में काफी सहायक होता है। अगर पित्त की समस्या है तो काले जीरे को डाइट में शामिल करें।
4 गाय का घी –
घी तो आप खाते ही होंगे, लेकिन कोशिश करें कि गाय के घी का प्रयोग करें। यह पित्त की समस्या में लाभ देता है।
5 आंवला – आंवला रात को भिगो दें।
सुबह उसी में मसलकर छान लें। अब मिश्री जीरा कूटकर मिला कर पिएं।
क्या न खाएं –
आयोडीन युक्त नमक का सेवन ज्यादा न करें।
फास्ट फूड, तले हुए, गरम व जलन वाले खाने से बचें।
[: जरुरी हेल्थ टिप्स:-
1 .पसीने में पानी पीना, छाया में बैठकर अधिक हवा खाना, छाती व सिर में दर्द पैदा करते हैं।
2 .भोजन के दौरान थोड़ा-थोड़ा पानी पीना, भोजन के बाद ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।
3 .दिनभर बैठक का काम करने वाले व्यक्ति को प्रातः घूमना चाहिए।
4 .जूठा पानी पीने से टीबी, खांसी व दमा आदि बीमारियां पैदा होती हैं।
5 .पेट में पानी हो तो दो गोले नारियल का पानी नित्य सेवन करें।
6 .महिलाओं को विशेषकर अंगूर सेवन ज्यादा करना चाहिए।
7 .दही में बेसन मिलाकर उबटन की तरह मलें, शरीर की बदबू रफूचक्कर हो जाएगी।
8 .सांस फूलने पर दही की कढ़ी में देसी घी डालकर कुछ दिन खाएं।
9 .लू से छुटकारा पाने के लिए मिश्री के शरबत में एक कागजी नीबू निचोड़कर पीएं।
10 .कांच या कंकर खाने में आने पर ईसबगोल भूसी गरम दूध के साथ तीन समय सेवन करें।
11 .घाव न पके, इसलिए गरम मलाई (जितनी गरम सहन कर सकें) बांधें।
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