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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के सामान्य उ पाय
क- पूरे दिन गर्म पानी (Hot Water) पीजिए.
ख- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्‍यान का अभ्यास करें.
ग- खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय

क- रोज सुबह 10 ग्राम (1 चम्‍मच) च्यवनप्राश लें. मधुमेह रोगियों (Diabetic patients) को शुगर फ्री च्यवनप्राश खाना चाहिए.
ख- तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ और मुनक्‍का से बना काढ़ा/ हर्बल टी (Herbal tea) दिन में एक या दो बार पीजिए. अगर आवश्‍यक हो तो अपने स्‍वाद के अनुसार गुड़ या ताजा नींबू का रस मिलाएं.
ग- गोल्डन मिल्क- 150 मिली गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर (turmeric powder)- दिन में एक या दो बार लें.

सरल आयुर्वेदिक प्रक्रियाएं

क- नाक का अनुप्रयोग – सुबह और शाम नाक के नथुनों में (प्रतिमार्ष नास्य) तिल का तेल/ नारियल का तेल (coconut oil) या घी लगाएं.
ख- ऑयल पुलिंग थेरेपी- एक चम्‍मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लीजिए. उसे पिएं नहीं बल्कि 2 से 3 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें. उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें. ऐसा दिन में एक या दो बार किया जा सकता है.

सूखी खांसी/ गले में खराश के दौरान की प्रक्रिया

क- पुदीने के ताजे पत्तों या अजवाईन के साथ दिन में एक बार भाप (Steam) लिया जा सकता है.
ख- खांसी या गले में जलन होने पर लवांग (लौंग) पाउडर को गुड़/ शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 से 3 बार लिया जा सकता है.
ग- ये उपाय आमतौर पर सामान्य सूखी खांसी और गले में खराश को ठीक करते हैं. हालांकि अगर ये लक्षण बरकरार रहते हैं तो डॉक्‍टर (Doctor) से परामर्श लेना बेहतर होगा.🙏

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