।। प्रशंसा और निंदा ।।*
अगर लोग आपकी निंदा करें तो करने दो | सब लोगों को अपनी तरफ से छुट्टी दे दो , वे चाहे निंदा करें , चाहे प्रशंसा करें, जिसमे वे राजी हों, करें | आप सबको छुट्टी दे दो तो आपको छुट्टी (मुक्ति) मिल जाएगी !प्रशंसा में तो मनुष्य फँस सकता है , पर निंदा में पाप नष्ट होते हैं | कोई झूठी निंदा करे तो चुप रहो सफाई मत दो | कोई पूछे तो सत्य बात कह दो | बिना पूछे लोगों में कहने की जरुरत नहीं | बिना पूछे सफाई देना (सत्य की सफाई देना) सत्य का अनादर है भरत जी कहते हैं
जानहुँ रामु कुटिल करी मोही | लोग कहउ गुरु साहिब द्रोही ||
सीता राम चरण रति मोरें | अनुदिन बढ़उ अनुग्रह तोरें |
दूसरा आदमी हमें खराब समझे तो इसका कोई मूल्य नहीं है | भगवान दूसरे की गवाही नहीं लेते |दूसरा आदमी अच्छा कहे तो आप अच्छे हो जाओगे , ऐसा कभी नहीं होगा | अगर आप बुरे हो तो बुरे ही रहोगे | अगर आप अच्छे हो तो अच्छे ही रहोगे , भले ही पूरी दुनियां बुरा कहे | लोग निंदा करे तो मन में आनंद आना चाहिए | एक संत ने कहा है –” मेरी निंदा से यदि किसी को संतोष होता है, तो बिना प्रयत्न के ही मेरी उन पर कृपा हो गयी ; क्योंकि कल्याण चाहने वाले पुरुष तो दूसरों के संतोष के लिए अपने कष्टपूर्वक कमाए हुए धन का भी परित्याग कर देते हैं ( मुझे तो कुछ करना ही नहीं पड़ा ) “|
हम पाप नहीं करते , किसी को दुःख नहीं देते, फिर भी हमारी निंदा होती है तो उसमें दुःख नहीं होना चाहिए , अपितु प्रसन्न होना चाहिए | भगवान की तरफ से जो होता है , सब मंगलमय ही होता है | इसलिए मन के विरुद्ध बात हो जाए तो उसमें आनंद मनाना चाहिए |
वेदमाता बगलामुखी
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:जीवन की 20 अनमोल बातें:
- जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना क्योँकि बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है।
- किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस ‘मक्खी’ की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है।
- टूट जाता है गरीबी मे वो रिश्ता जो खास होता है, हजारो यार बनते है जब पैसा पास होता है।
- मुस्करा कर देखो तो सारा जहाँ रंगीन है वर्ना भीगी पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है।
- जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलतीऔर जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नही मिलती।
- बुरे दिनो का एक अच्छा फायदा अच्छे-अच्छे दोस्त परखे जाते है।
- बीमारी खरगोश की तरह आती है और कछुए की तरह जाती है जबकि पैसा कछुए की तरह आता है और खरगोश की तरह जाता है।
- छोटी छोटी बातो में आनंद खोजना चाहिए क्योकि बड़ी बड़ी बातें तो जीवन मे कुछ ही बार होती है।
- ईश्वर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज ना होना क्योकि ईश्वर वह नही देता जो आपको अच्छा लगता हे बल्कि वह देता है जो आपके लिए अच्छा होता है।
- लगातार हो रही असफलफताओ से निराश नही होना चाहिए क्योकीं कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है।
- ये सोच है हम इसांनो की कि एक अकेला क्या कर सकता है पर देख जरा उस सूरज को वो अकेला ही तो चमकता है।
- रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो उन्हे तोड़ना मत क्योकि पानी चाहे कितना भी गंदा हो अगर प्यास नही बुझा सकता पर आग तो बुझा सकता है।
- अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला, मिटटी के बने लोग कागजो मे बिक जाते है।
- इंसान की तरह बोलना न आये तो जानवर की तरह मौन रहना अच्छा है।
- जब हम बोलना नही जानते थे, तो हमारे बोले बिना “माँ” हमारी बातो को समझ जाती थी और आज हम हर बात पर कहते है ” छोड़ो भी “माँ” आप नही समझोगी” ।
- ” शुक्रगुजार हूँ उन तमाम लोगो का जिन्होने बुरे वक्त मे मेरा साथ छोङ दिया क्योकि उन्हे भरोसा था कि मै मुसीबतो से अकेले ही निपट सकता हूँ।
- शर्म की अमीरी से इज्जत की गरीबी अच्छी है।
- जिदंगी मे उतार चङाव का आना बहुत जरुरी है। क्योकि ECG मे सीधी लाईन का मतलब मौत ही होता है।
- रिश्ते आजकल रोटी की तरह हो गए जरा सी आंच तेज क्या हुई जल भुनकर खाक हो गए।
- सबसे सुन्दर वाक्य,,
जिदंगी मे अच्छे लोगो की तलाश मत करो पगलु खुद अच्छे बन जाओ ।
क्या पता आपसे मिलकर शायद किसी की तालाश पूरी हो जाए।।
शिवगोरक्ष कल्याण करे ।
शिवशक्ति भक्ति, शक्ति, मुक्ति, सद्बुद्धि दे ।
भैरव उस्ताद सदा सहाय ।।