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मुंह से बदबू दुर्गंध आना

 *जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके मुंह से बदबू आने लगती है। सांस में बदबू, मुंह और जीभ में छाले पड़ जाने के कारण भी होती है। दांत एवं मसूढ़ों के रोग होने व इसमें कीड़े लग जाने पर भी मुंह से बदबू आती रहती है।*

सांस तथा मुंह से बदबू आने के लक्षण

  *मुंह में छाले व जीभ पर दाने होने से भोजन खाने में बहुत ज्यादा तीखा लगने लगता है। मुंह और सांसों से बदबू आने लगती है। मुंह में बार-बार लार व थूक आता रहता है।*

सांस तथा मुंह से बदबू आने का कारण :-

इस रोग के होने का सबसे प्रमुख कारण मुंह और जीभ पर छाले पड़ जाना है। जब छालों से पीव निकलती है तो मुंह व सांसों से बदबू आने लगती है।

पेट की पाचनक्रिया के खराब हो जाने के कारण भी मुंह से बदबू आती रहती है।

दांतों व मसूढ़ों में कीड़ें लग जाने के कारण दांतों में सड़न व मसूढ़ों से खून निकलने लगता है जिससे मुंह और सांसों से दुर्गंध आने लगती है।

कब्ज बनने के कारण भी मुंह और सांसों से दुर्गंध आने लगती है।

सांस तथा मुंह से बदबू आने का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

इस रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को रोग के होने के कारणों को दूर करना चाहिए। फिर इसका उपचार करना चाहिए जैसे यदि किसी व्यक्ति के दांत में कीड़ा लग गया हो तो उसे सबसे पहले दांत में से कीड़ा निकलवाने का उपचार करना चाहिए।

कुलंजन को मुंह में रखकर चूसने से मुंह और सांस से दुर्गंध आना बंद हो जाती है तथा मुंह सुगंधित हो जाता है।

त्रिफला की जड़ की छाल को मुंह में रखकर चबाने से यह रोग ठीक हो जाता है।

लौंग को हल्का भूनकर चबाते रहने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

4 ग्राम सुहागा को लगभग 125 मिलीलीटर पानी में मिलाकर गरारे करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

इस रोग से पीड़ित रोगी के पेट में कब्ज बन रही हो तो रोगी व्यक्ति को अपना पेट साफ करने के लिए एनिमा क्रिया करनी चाहिए और इसके बाद गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करना चाहिए। इससे मुंह की बदबू का रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

यदि सांस तथा मुंह से बदबू आने के कारण पाचनक्रिया खराब होने से है तो इसके कारणों को दूर करना चाहिए। फिर भोजन करने के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबानी चाहिए। इससे मुंह की बदबू खत्म होती है और बैठी हुई आवाज खुल जाती है।

प्रतिदिन सुबह 1 गिलास पानी में 1 नींबू निचोड़कर कुल्ला करने से मुंह तथा सांस की दुर्गंध दूर होती है।

20 से 40 मिलीलीटर त्रिफला अर्क प्रतिदिन 4 बार सेवन करने से मुंह की दुर्गंध मिट जाती है।

10-10 ग्राम जटामासी, कूट, सौंफ, नरकचूर, बड़ी इलायची, सफेद जीरा और बालछड़ लेकर कूट लें। फिर इसमें 70 ग्राम खांड मिलाकर रखें। रोजाना सुबह-शाम 5-5 ग्राम की मात्रा में इस मिश्रण को पानी के साथ खाने से मुंह की बदबू व मुंह में लार का आना बंद हो जाता है।

25 ग्राम बालछड़ को अच्छी तरह से कूटकर और छानकर रख लें। प्रतिदिन 2-2 ग्राम इस चूर्ण को पानी के साथ सुबह-शाम खाने से मुंह के रोग व दुर्गंध मिट जाती है।

मुलेठी को चबाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

जीरे को भूनकर खाने से मुंह व सांसों की बदबू खत्म हो जाती है।

तुलसी के पत्ते रोजाना भोजन करने के बाद चूसते हुए चबाने से मुंह में सब तरह की बदबू खत्म हो जाती है।

किसी को नाक में दुर्गंध आती हो तो तुलसी के पत्ते का रस निकालकर सूंघें। इससे नाक की दुर्गंध दूर होती है और कीड़े मर जाते हैं।

मुंह में दुर्गंध व पानी आता हो तो अनार के छिलके पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को प्रतिदिन सुबह-शाम आधा चम्मच की मात्रा में पानी के साथ खाने से मुंह की दुर्गंध व लार आना बंद हो जाता है।

अनार के छिलकों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध मिट जाती है।

पुदीने को पीसकर पानी में घोल लें। इस पानी से दिन में 3 से 4 बार कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध व अन्य रोग भी ठीक हो जाते हैं।

हरा धनिया खाने से मुंह की दुर्गंध खत्म होती है और मुंह सुगंधित हो जाता है।

मुंह से दुर्गंध आने पर अदरक के 1 चम्मच रस को 1 गिलास पानी में घोलकर कुल्ला करें। इस पानी से दिन में 2 से 3 बार कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।

इलायची चबाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है तथा मुंह में खुशबू फैलती है।

लगभग 15 दिन तक रोजाना 10 मुनक्का खाने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है। इससे कब्ज और मुंह से आने वाली बदबू भी खत्म हो जाती है।

कुलिंजन को मुंह में रखकर चूसते रहने से मुंह व शरीर की दुर्गंध खत्म हो जाती है।

लता कस्तूरी के बीज चबाने से मुंह स्वच्छ एवं सुगंधित हो जाता है।

सांस तथा मुंह से बदबू आने पर सलाई गुग्गुल 600 से 1200 मिलीग्राम की मात्रा में बबूल की गोंद के साथ मिलाकर खाने से लाभ होता है।

लौंग को हल्का भूनकर चबाने या मुंह में रख कर चूसते रहने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

कपूर कचरी को मुंह में रखकर चबाने से मुंह से बदबू आने का रोग ठीक हो जाता है और उसके साथ-साथ सांसों से बदबू आना भी बंद हो जाता है।

जायफल के छोटे-छोटे टुकड़ों को दिन में 2-3 बार चूसते रहने से मुंह की दुर्गंध और फीकापन दूर हो जाता है।

मुंह में बदबू आती हो तो जीरे को भूनकर खाएं। इस प्रयोग से मुंह की बदबू दूर हो जाती है तथा रोगी का यह रोग ठीक हो जाता है।

*तुलसी के पत्ते को मुंह में रखकर चूसने से मुंह तथा सांस में से बदबू आने का रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
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निरोगी रहने हेतु महामन्त्र

मन्त्र 1 :-

• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें

• ‎रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें

• ‎विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)

• ‎वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)

• ‎एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)

• ‎मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें

• ‎भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें

मन्त्र 2 :-

• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)

• ‎भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)

• ‎सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये

• ‎ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें

• ‎पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये

• ‎बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूर्णतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें

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