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(पीलिया )कामला नाशक चिकित्सा…..

रोगी सम्पूर्ण आराम करे .

लघु एवं सुपाच्य भोजन ले .

भोजन में गाय का दूध मलाई निकाला हुआ दूध भूख से कम दिन में ३-४ बार.

गन्ना चूर कर खाए या मशीन साफ़ कर रस निकलवाकर ग्लूकोज दाल कर पिए दिन में २ से ३ बार.

मुंग का पानी और बिलकुल गले हुए मुंग ३-४ चम्मच दिन में ३-४ बार .

पेट भर के भोजन एक साथ करना सर्वथा वर्जित. पुरे दिन के आहार को टुकडो में बाँट कर ले.

.चिकनाई युक्त आहार का सर्वथा त्याग

चिकित्सा

१. कुटकी चूर्ण विशेष
२५० ग्राम कुटकी लेकर अच्छी तरह पिस लें उसको गाय के घी में सेक कर बराबर मात्र में मिश्री मिलाकर पिस ले.

२ ग्राम की मात्र में १ ग्लास गन्ने के रस के साथ दिन में ३ से ४ बार .

२. स्वर्णमाक्षिक सतवादी योग

स्वर्ण माक्षिक भस्म ५० ग्राम
मंडूर भष्म ४० ग्राम
रस्सिंदुर २५ ग्राम
शुद्ध गंधक २५ ग्राम
प्रवाल पिष्टी २५ ग्राम
नोसादर सत्व २५ ग्राम
सज्जी खार २५ ग्राम
यव खर २५ ग्राम
इन्द्रायण फल चूर्ण ४० ग्राम
उपरोक्त सभी वस्तुओ को मुली के स्वरस में १ दिन एवं गुवार पाठे के रस में एक दिन घुटाई कर चूर्ण बानालें.
१/२ ग्राम की मात्र में २० दिन तक लगातार शहद में मिलाकर सुबह ,दोपहर एवं शाम को चाट कर लें.

३.कामला नासक कवाथ :
हरडे १०० ग्राम
बेहडा १०० ग्राम
आवला १०० ग्राम
गिलोय १०० ग्राम
दारू हल्दी १०० ग्राम
नीम की छल १०० ग्राम
सुंठ १००० ग्राम
सभी को मोटा मोटा मोटा कूट कर रखे.
२० ग्राम की मात्रा में २०० पानी में उबालें १ कप पानी रहे तब उतार कर छान लें और हल्का गर्म रहते पिए .
यकृत लोह १० ग्राम
संख भस्म १० ग्राम
मंडूर भष्म १० ग्राम
गोऊ झरण १० ग्राम
आरोग्य वर्धिनी १० ग्राम
पुनर्नवा मंडूर १० ग्राम
सभी को मिलाकर पिस करमिला कर रखे
१/८ ग्राम दोपहर एवं रात के खाने के बाद १ चम्मच शहद के साथ चाट कर लें.
कुमारी आसव
पुनर्नवा सव
अर्क सौफ
सभी दवाओं में से २-२ चम्मच १/ कप पानी के साथ दोनों समय खाना खाने के बाद .
पीलिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
परहेज और आहार
लेने योग्य आहार

• सब्जियों का ताजा निकला रस (चुकंदर, मूली, गाजर, और पालक), फलों का रस (संतरा, नाशपाती, अंगूर और नीबू) और सब्जियों का शोरबा।
• ताजे फल, जैसे सेब, अन्नानास, अंगूर, नाशपाती, संतरे, केले, पपीता, आदि। खासकर अन्नानास विशेष रूप से उपयोगी होता है।
• पीलिया के उपचार हेतु जौ का पानी, नारियल का पानी अत्यंत प्रभावी होते हैं।
• नीबू के रस के साथ अधिक मात्रा में पानी पीने से लिवर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की रक्षा होती है।
• पीलिया की चिकित्सा हेतु लिए जाने वाले प्रभावी आहारों में फलों के रस का विशेष स्थान है। गन्ने, नीबू, मूली, टमाटर आदि का रस लिवर के लिए अत्यंत सहायक होता है।
• आँवला भी विटामिन सी का उत्तम स्रोत है। आप अपने लिवर की कोशिकाओं को स्वच्छ करने हेतु कच्चा, धूप में सुखाया हुआ या रस के रूप में आँवला ले सकते हैं।
• अनाज जैसे , चपाती, सूजी, जई का आटा, गेहूँ का दलिया, चावल आदि कार्बोहायड्रेट के बढ़िया स्रोत हैं और पीलिया से पीड़ित व्यक्ति को दिये जा सकते हैं।
इनसे परहेज करें

• तले और वसायुक्त आहार, अत्यधिक मक्खन और सफाईयुक्त मक्खन, माँस, चाय, कॉफ़ी, अचार, मसाले और दालें आदि
• सभी वसा जैसे घी, क्रीम और तेल।
योग और व्यायाम
पीलिया के रोगियों को अनावश्यक शारीरिक गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी जाती है और गंभीर मामलों में बिस्तर पर पूरी तरह आराम करना आवश्यक होता है। हालाँकि, अधिकतर मामलों में, अत्यंत हलका व्यायाम जैसे भोजन के बाद टहलना, लाभकारी होता है क्योंकि यह थकावट और आलस्य से मुकाबला करने में सहायता करता है।
योग

• पीलिया की चिकित्सा में लाभकारी योग आसनों में हैं:
• बंध पद्मासन
• मत्स्यासन
• प्राणायाम
• सर्वांगासन
घरेलू उपाय (उपचार)
तरल पदार्थों के सेवन द्वारा शरीर में पानी के आवश्यक स्तर को बनाए रखें, और आवश्यकतानुसार आराम करें।

  

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