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महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से जूझ रही हैं परंतु यह समस्या उतनी बड़ी नही है जितनी बड़ी लगती है।
यह रोग आजकल महिलाओं को होना एक आम बात हो गई है। नेशनल इंस्टिट्यूट्स ऑफ़ हेल्थ रिसर्च के अनुसार ५-१०% महिलाएँ इस समस्या से जूझ रही हैं। बहुत सी महिलाएँ योग को इस रोग को ठीक करने का सबसे उचित उपाय मानती हैं।
🌻यदि आपको भी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की समस्या है तो योगाभ्यास द्वारा इसे कैसे ठीक किया जा सकता है ये अवश्य जानिए। यदि आपको यह समस्या नही है तब भी यह लेख पढ़िए क्योंकि योग आपको सिर्फ लाभ ही प्रदान कर सकता है।
🌹आश्चर्य की बात यह है कि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के होने का कोई भी मुख्य कारण अभी तक पता नही चला है। अधिकांश डॉक्टर यह मानते है कि तनाव और आज कल कि आधुनिक जीवन शैली इसके होने का मुख्य कारण है।
🌹गयनेकॉलोजिस्ट, अपोलो हॉस्पिटल, डॉक्टर प्रतिमा मलिक के अनुसार, “तनाव ग्रस्त जीवन शैली जीने वाली कार्यशील आधुनिक महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम होने कि अधिक सम्भावना है।
🌻आजकल कि आधुनिक जीवन शैली से तनाव को पूरी तरह मिटाना असंभव है परंतु इसका सामना करने कि क्षमता हम अपने जीवन में ला सकते हैं। ध्यान और योग यहीं पर हमारी मदद करते हैं।
🌺पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के कुछ लक्षण
🍃समय पर मासिक धर्म का न आना
🥀बालों का झड़ना और मुँह, कमर, पेट, हाथ, व पैरों पर 🌻अधिक बालों का उगना
🍂चेहरे पर मुहांसों का होना
🌾भावनात्मक उथल-पुथल
🌾वज़न का बढ़ना
🌾अनुर्वरता
🌾पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम को योग द्वारा कैसे ठीक किया जा सकता है
🌾योग का विज्ञानं हम पर सुक्ष्म व गहरे स्तर पर काम करता है। योग हमारे शरीर में अंदर दबे हुए तनाव को बाहर निकल देता है। यह पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लक्षणों का भी उपचार कर सकता है।
🌹पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के विशेष योगासन, श्रोणि के क्षेत्र को खोल देते हैं और आराम पहुँचाते हैं। प्राणायाम द्वारा मन को आसानी से शांत किया जा सकता है। इन दोनों चीज़ों के साथ आप ध्यान भी कर सकते हो जो आपके शरीर और मन को तनाव व ज़हरीले पदार्थों से मुक्त कर देगा। श्री श्री रवि शंकर द्वारा निर्मित शक्तिशाली सुदर्शन क्रिया आपको नकारात्मक भावनओं व भावनात्मक उथल-पुथल से मुक्त कर देगी।
🌺डॉक्टर सेजल शाह द्वारा (श्री श्री योग टीचर) पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम को ठीक करने के लिए कुछ योगासन इस समस्या को ठीक करने के लिए आपको विश्राम करने कि आव्यशकता है। साँस के साथ ताल-मेल बिठा कर आप लंबी गहरी साँसे लेते हुए प्रत्येक योगासन को कीजिए।
नोट🥀: यह सभी योगासन किसी भी प्रशिक्षित श्री श्री योग प्रशिक्षक के निर्देशानुसार ही करना चाहिए। योगासन जो पेट के निचले हिस्से पर अधिक दबाव डालते हैं उनको नहीं करना चाहिए। ध्यान दे कि हर आसन में आप विश्राम करना न भूलें।
🌺🌹🥀पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लिए ८ योग आसन |
🌼तितली आसन | Butterfly Pose
🌼सुप्त बद्धकोणासन | Supta Badhakonasana
🌻भारद्वाजासन | Bharadvajasana
🌻चक्की चलनासन | Chakki Chalanasana
🌻शवासन | Shavasana
🌻पद्म साधना | Padma Sadhana
🌻सूर्य नमस्कार | Surya Namaskar

1
🌹तितली आसन
पीसीओस की समस्या को ठीक करने में अत्यंत लाभदायक साबित हो सकता है। यह करते समय अपने पैरों को अधिक न हिलाएँ। कोशिश करें की आप इस आसन में अधिक समय के लिए बने रहे।
2
🌺सुप्त बद्धकोणासन
पीसीओस की समस्या को ठीक करने के लिए सुप्त बद्धकोणासन एक बहुत अच्छा आसन है। यह आसन बटरफ्लाई पोज़ की तरह किया जाता है परंतु फर्क सिर्फ इतना है की यह आसान लेट कर किया जाता है, इसलिए यह बहुत आरामदायक भी है। इस आसन को अच्छे संगीत के साथ और अपने कूल्हों के नीचे तकिया लगा कर भी किया जा सकता है।
3
🌼भारद्वाजासन
भारद्वाजासन में रीढ़ की हड्डी की मासपेशियों को खींचा जाता है जो की पीसीओस के मरीजों के लिए बहुत अच्छा है।
4
चक्की चलनासन
चक्कीचालसन (यह आसन चक्की चलाने के समान प्रतीत होता है।) यह एक बहुत ही आसान आसन है और इसके अनेक लाभ हैं। यह गर्भाशय,अंडाशय, किडनी और शरीर के अन्य अंगों की मालिश करता है और उन्हें तंदरुस्त बनाता है।

5
🌺शवासन
यह भी एक मुख्य आसन है जिसे पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की समस्या को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। इस आसन में आप जितना अधिक विश्राम करेंगे उतना तंदुरस्त महसूस करेंगे। पूर्णता से विश्राम करने के लिए, यह आसन योगाभ्यास के अंत में करना चाहिए।
6
🌺पद्मसाधना
यह पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के मरीजों के लिए एक बहुत अच्छी विधि है। ध्यान दे: योगाभ्यास करते समय आप नौकासन, भुजंगासन और सुपरमैन पोस जैसे आसनों को ज्यादा समय के लिए न करें क्योंकि यह आसन पेट के निचले हिस्से पर अधिक दबाव डालते हैं।

7
🌻सूर्य नमस्कार
वजन घटाने के लिए आप सूर्य नमस्कार को तेज गति से कर सकते हैं परंतु कोशिश करें कि आप रोजाना धीमी गति से भी कुछ सूर्य नमस्कार के दौरे करें जिससे आपके शरीर को विश्राम मिले।
🌹यह योगासन वज़न घटाने के लिए उत्तम है (इस रोग से पीड़ित महिलाएँ अधिकांश वज़न बढ़ने की समस्या से भी जूझती है)। डॉक्टर सेजल शाह कहती हैं, ” यदि आप योगासन द्वारा, अपनी शरीर का ५-१०% वज़न भी कम कर सकती हैं तो भी आप बहुत अच्छा महसूस करेंगी। योगाभ्यास आपके मन को शांति प्रदान करता है और आपका वज़न घटाने में मदद करता है और इस प्रकार से आपका मासिक धर्म भी सही समय पर आना शुरू हो जाता है। यदि आपको पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम है तो आपको प्रतिदिन योग व ध्यान का अभ्यास करना चाहिए।
पीसीओस कि समस्या को ठीक करने कि एक ही चाभी है और वह है: विश्राम प्राणायाम से तनाव को शरीर व मन से निकलने का एक बहुत अच्छा तरीका है। डॉक्टर सेजल शाह के अनुसार, इस रोग से ग्रसित महिलाओं को कुछ मिनट के लिए नाड़ी शोधन प्राणायाम अवश्य करना चाहिए। साँस के माध्यम से इन प्राणायाम द्वारा आप अपने मन को तनाव-मुक्त कर सकते हो। ध्यान करें और अपने अंदर एक बदलाव को देखें। ​
🥀तनाव हमेशा मन के स्तर पर आरंभ होता है और फिर शरीर के विभिन्न अंगों पर भी अपना असर डालने लगता है इसीलिए यह आवश्यक है की मन के स्तर पर इन समस्याओं को पहले देखा जाए। इन समस्याओं का हल सिर्फ ध्यान द्वारा ही निकाला जा सकता है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा की गई एक वैज्ञानिक शोध द्वारा इस चीज की पुष्टि हो गई है के ध्यान द्वारा अनेक शारीरिक लाभ मिल सकते हैं।
🌼डॉक्टर सेजल शाह कहती है, “जब हम गहराई से आत्म विश्लेषण करते हैं तो अपने आप उपचार होना शुरू हो जाता है”। जब आप आंखें बंद करके, कुछ समय विश्राम करते हैं तो आपको अपनी समस्याओं का उत्तर मिलने लग जाता है और आप उनके बारे में चिंता नहीं करते।
🌹अधिकांश वह महिलाएं जिन्हें युवावस्था में ही पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की समस्या हो जाती है हताश निराश व बेचैन हो जाती है। छोटी उम्र में ही जीवन में योग व ध्यान को अपना अंग बनाने से एक स्वस्थ मन का विकास होता है और आपका शरीर रोगों से मुक्त रहता है।
सुदर्शन क्रिया द्वारा पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से ग्रसित महिलाओं को लाभ हुआ है|

🥀सरीना महबूबा जो 9 वर्षों से पीसीओएस से ग्रसित है अपने अनुभव बताते हुए कहते हैं, “ मेरे लिए सबसे बड़ी समस्या थी मेरे पूरे चेहरे पर मुंहासे हो जाना जो कि मुझे बहुत परेशान कर देता था। लेकिन मैंने कभी भी कोई दवा नहीं ली। मैंने अपने प्रतिदिन के आहार पर ध्यान दिया, अत्यधिक मात्रा में सलाद व ताजा खाना खाना शुरु किया, प्रतिदिन अधिक से अधिक पानी पिया और रोजाना योगाभ्यास किया। कभी-कभी जब मेरा शरीर बहुत भारी महसूस होता है और मैं एकदम निष्क्रिय महसूस करती हूं तब सुदर्शन क्रिया द्वारा मुझे बहुत आराम मिलता है। इस क्रिया द्वारा मुझे ऊर्जा व उत्साह मिलता है और मैं बहुत अच्छा महसूस करती हूं”।
🌹सरीना और अधिक बताते हुए कहते हैं की सुदर्शन क्रिया द्वारा नकारात्मक विचार और भावनाओं के उथल-पुथल को भी संभाला जा सकता है। एक अच्छे आहार, रोजाना का योगाभ्यास, और ध्यान द्वारा सरीना ने पीसीओएस की समस्या को बहुत हद तक ठीक कर लिया है। अब उसके चेहरे पर मुंहासे आने भी कम हो गए हैं।
अध्यात्म और विज्ञान दोनों साथ-साथ चलते हैं

💐आधुनिक विज्ञान में भी योग और ध्यान को गलत जीवनशैली से होने वाले रोग जैसे मधुमेह और पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम को ठीक करने के लिए अपनाया है। आजकल डॉक्टर भी अपने मरीजो को कुछ समय ध्यान वह प्राणायाम करने के लिए प्रेरित करते हैं। डॉक्टर छाया पाटील, ऑब्स्टट्रिशन और गयनेकॉलोजिस्ट , फोर्टिस हॉस्पिटल कहते हैं, “ आज के समय मे अच्छे परिणाम लाने के लिए आध्यात्म और विज्ञान का सही ताल-मेल बिठाना आवश्यक है। दोनों को साथ साथ चलना चाहिए।
💐पीसीओएस की समस्या क्यों उत्पन्न होती है इसका सही कारण अभी तक पता नहीं लगा है परंतु सही जीवन शैली, योग व ध्यान द्वारा आप इसे ठीक कर सकते हैं। अच्छे परिणाम पाने के लिए आपको रोजाना अभ्यास करना आवश्यक है।
🥀अच्छी खबर यह है कि आप योगाभ्यास पर जितना अधिक ध्यान देंगे उतने ही अच्छे आपको परिणाम मिलेंगे। यदि आप थोड़ा सा भी कोशिश करेंगे तब भी आपको परिणाम अवश्य मिलेंगे।
🌻पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की समस्या से मुक्ति पाने के लिए आपको योगाभ्यास लंबे और निरंतर समय के लिए करना होगा।
🌸🌷🌼🌻प्रकृति के साथ जुड़ने के कुछ नुस्खे

🍃अच्छा पौष्टिक आहार लें।
🍃प्रतिदिन खूब पानी पीयें।
🍃रोज़ाना व्यायाम करें। प्रतिदिन सैर करना भी वज़न 🍃🍃घटाने का एक अच्छा उपाय है।
🍃कुछ वक्त प्रकृति के साथ अकेले बिताएँ।
🍃अपने मन को शांत करने के कुछ उपाय ढूंढे। अधिक चिंता न करें। कुछ संगीत सुने और अच्छी किताबें पढ़ें।

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