Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

🌹🌹 जय मां पीताम्बरा🌹🌹
🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿

यज्ञकेवैज्ञानिकअनुसंधान पर आधारित तथ्य_:

(१) रूस के वैज्ञानिक #श्री_शिरोविच ने एक पुस्तक में लिखा है कि :-

“गाय के घी को अग्नि में डालने से उससे उत्पन्न धुआँ परमाणु विकिरण के प्रभाव को बड़ी मात्रा में दूर कर देता है । भारतीय परिप्रेक्ष्य में यह प्रक्रिया यज्ञ ‘ के नाम से जानी जाती है ।”

(२) वैज्ञानिक परीक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि यज्ञ – धूम्र से निकलने वाले अणु रेडिएशन में मौजूद अल्फा , बीटा और गामा पार्टिकल से कॉफी बड़े होते हैं । रेडिएशन पर्टिकल ( अण ) आगे बढ़ने के लिए यज्ञ – धूम्र के बड़े पर्टिकल से टकरा कर अपनी उर्जा खो देते हैं । इस तरह विकिरण का प्रभाव बहुत कम हो जाता है । जापान में हुए रेडिएशन के प्रभाव को यज्ञ के माध्यम से कम किया जा सकता है । ( राज . पत्रिका 24 / 03 / 11 जयपुर संस्करण )

(३) पूना में फर्ग्युसन कॉलेज के जीवाणु शास्त्रियों ने एक प्रयोग किया उन्होंन 36 ‘ x22 ‘ x10 ‘ घनफुट के एक हॉल में एक समय का अग्निहोत्र किया परिणाम स्वरूप 8000 घनफुट वायु में कृत्रिम रूप से निर्मित प्रदूषण का 77 . 5 % हिस्सा खत्म हो गया इतना ही नहीं इस प्रयोग से उन्होंने पाया कि एक समय के अग्निहोत्र से ही 96 % हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते है यह सब यज्ञ की पुष्टीकारक गैसों से ही सम्भव हुआ है । ( अग्निहोत्र )

(४) जलती शक्कर में वायु शुद्ध करने की बहुत बड़ी शक्ति विद्यमान है । इससे चेचक , हैजा , क्षय आदि बीमारियाँ तुरन्त नष्ट हो जाती है ।

(५) मुनक्का , किशमिश आदि फलों को ( जिनमें शक्कर अधिक होती है ) जलाकर देखा तो पता चला कि इनके धुएँ से आन्त्रिक ज्वर ( TYPHOID ) के कीटाणु 30 मिनट में और दूसरे रोगों के कीटाणु एक या दो घण्टे में नष्ट होते हैं ।

( #वैज्ञानिकट्रिलवर्टवैदिकयज्ञविज्ञान )

(६) विभिन्न रोगों के जन्तुओं को समाप्त करने के लिए यज्ञ से सरल तथा सुलभ पद्धति अन्य कोई नहीं है ।

—————— एम . मॉनियर , #चिकित्साशास्त्री ( एन्शिएण्ट हिस्ट्री ऑफ मेडिसिन )

(७) शक्कर के दहन से उत्पन्न धुएँ में पर्यावरण परिशोधन की विचित्र शक्ति है । इससे क्षय रोग , चेचक , हैजा आदि बीमारियों के विषाणु नष्ट हो जाते हैं ।

—————– #वैज्ञानिक_टिलवर्ट ( फ्रांस )

(८) केसर तथा चावल को मिलकार हवन करने से प्लेग के कीटाणु भी समाप्त हो जाते हैं ।

————— – डॉ . कर्नल किंग

(९) अमेरिका , चिली , पॉलैण्ड , जर्मनी आदि देशों में अग्निहोत्र ( हवन ) की लोकप्रियता बढ़रही है । विश्व के अनेक देशों में रोगों को दूर करने के लिए , प्रदूषण को दूर करने के लिए , तथा कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए यज्ञ चिकित्सा ( #Havan_Therapy ) का प्रचलन बढ़रहा है।

(१०) गाय के घी के साथ हवन की सामग्री यज्ञ कुण्ड में जलाकर विशेष शक्तिशाली बनकर दूषित वायुमंडल के 99 प्रकार के दुर्गुणों को सरलता से नष्ट कर देती है ।

     

🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏

Recommended Articles

Leave A Comment