🐚महामृत्युंजय मन्त्र के प्रभाव के बारे में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक प्रयोग – क्या मंत्रों से संभव है ब्रेन इंजरी के मरीजों की हालत में सुधार ? -🐚 A STUDY On Effect Of MAHAMRTYUNJAY MANTRA, In R.M.L. Hospital New Dehl :
🚩सिद्धिविनायक 🚩
महामृत्युञ्जय मन्त्र या महामृत्युंजय मंत्र (“मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र”) जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वन्दना है। इस मन्त्र में शिव को ‘मृत्यु को जीतने वाला’ बताया गया है। यह गायत्री मन्त्र के समकक्ष हिंदू धर्म का सबसे व्यापक रूप से जाना जाने वाला मंत्र है।
इस मंत्र के कई नाम और रूप हैं। इसे शिव के उग्र पहलू की ओर संकेत करते हुए रुद्र मंत्र कहा जाता है; शिव के तीन आँखों की ओर इशारा करते हुए त्रयंबकम मंत्र और इसे कभी कभी मृत-संजीवनी मंत्र के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह कठोर तपस्या पूरी करने के बाद पुरातन ऋषि शुक्र को प्रदान की गई “जीवन बहाल” करने वाली विद्या का एक घटक है। ऋषि-मुनियों ने महा मृत्युंजय मंत्र को वेद का ह्रदय कहा है। चिंतन और ध्यान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अनेक मंत्रों में गायत्री मंत्र के साथ इस मंत्र का सर्वोच्च स्थान है.
मंत्र इस प्रकार है :
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
सरल भाषा में अर्थ :
“हम त्रिनेत्र भगवान शिव का मन से स्मरण करते हैं। आप हमारे जीवन की मधुरता को पोषित और पुष्ट करते हैं। जीवन और मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर अमृत की ओर अग्रसर हों।”
ICMR ने की है स्टडी के लिए फंडिंग :
गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के बचाव के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप लोग कराते रहे हैं, अबतक इसे महज उनकी आस्था ही माना जाता रहा है। लेकिन अब दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में इसके प्रभाव को जानने के लिए स्टडी की जा रही है। इस मंत्र के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास को साइंटिफिक तरीके से प्रमाणित करने के लिए स्टडी राम मनोहर लोहिया अस्पताल और कुतुब इंस्टिट्यूशनल एरिया स्थित संस्कृत विद्यापीठ के साथ किया जा रहा है।
व्रत के लाभ के बारे में मिल चूका है नोबेल प्राइस :
अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉक्टर अजय चौधरी और उनकी टीम इस पर स्टडी कर रही है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर उपवास (पीरियॉडिक फास्टिंग) का चलन अपने देश में हजारों साल से है। श्रद्धालु चतुर्दशी, एकादशी जैसे व्रत रखते हैं, लेकिन देश में इस पर कोई स्टडी नहीं हुई है। 2016 में मेडिसिन का नोबेल प्राइज जिस जापानी डॉक्टर को मिला, उन्होंने पीरियॉडिक फास्टिंग पर ही स्टडी की थी। जापानी डॉक्टर ने अपनी स्टडी में बताया कि पीरियॉडिक फास्ट करने वालों के अंदर बीमारी वाले सेल्स खत्म हो जाते हैं। खासकर कैंसर सेल्स मर जाते हैं।
40 लोगों पर दो ग्रुप बनाकर स्टडी :
डॉक्टर अजय चौधरी ने बताया कि तीन साल की स्टडी है, जो अंतिम चरण में है। 40 लोगों पर स्टडी की गई है, 20-20 के दो ग्रुप्स बनाए गए। हेड इंजरी के मरीजों को दो अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया। हेड इंजरी के इलाज का जो प्रोटोकॉल है उसके अनुसार दोनों ग्रुप के मरीजों का इलाज किया गया, लेकिन इसमें से एक ग्रुप को महामृत्युंजय मंत्र सुनाया गया। यह काम आईसीयू से बाहर हीलिंग के दौरान किया गया। कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप करने मात्र से मौत भी परास्त हो जाती है ऐसे में अस्पताल में चल रहा यह शोध काफ़ी दिलचस्प है।बहरहाल इस मंत्र का कितना फायदा उन मरीजों पर हुआ, यह दूसरे ग्रुप के साथ आकलन किया जा रहा है। इस स्टडी का प्रस्ताव डॉ अशोक कुमार की ओर से दिया गया.
स्टडी का नतीजा :
हेड इंजरी के मरीजों को इस मंत्र को सुनाने के अच्छे संकेत भी मिल रहे हैं।
फिलहाल अध्ययन के परिणामों को संकलित किया जा रहा है, लेकिन डॉ कुमार का दावा है कि जिन मरीजों के लिए प्रार्थना की गई थी उनमें नाटकीय सुधार देखा गया है.
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आप का आज का दिन मंगलमयी हो – आप स्वस्थ रहे, सुखी रहे।