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गर्भावस्था में उल्टी : कारण और घरेलू उपाय

प्रेगनेंसी का दौर महिलाओं के लिए किसी जंग से कम नहीं होता है, क्योंकि इस दौरान उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं, जिसकी वजह से उन्हें उल्टी, पेट दर्द, कमर दर्द आदि परेशानियां होती हैं। गर्भावस्था में उल्टी या जी मिचलाना को मॉर्निंग सिकनेस कहते हैं, लेकिन यह दिन और रात कभी भी हो सकती है। प्रेगनेंसी में सामान्य उल्टी होना महिलाओं के स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह अत्यधिक हो रही है तो यह चिंता का विषय बन जाता है।

गर्भावस्था में उल्टी क्यों होती है?

आमतौर पर गर्भावस्था में उल्टी (pregnancy me vomiting) हार्मोनल बदलाव की वजह से होती है, लेकिन इसके पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं,

पेट में एसिडिटी होना – पेट में एसिडिटी होने की वजह से गर्भवती महिलाओं को उल्टी हो सकती है

ज्यादा थकान होना – कई बार गर्भवती महिलाएं ज़रूरत से ज्यादा थक जाती हैं, जिससे उन्हें मॉर्निंग सिकनेस हो सकती है।

तनाव होना – विशेषज्ञों की माने तो गर्भावस्था में उल्टी (pregnancy me vomiting) होने के पीछे तनाव भी हो सकता है, क्योंकि इससे गर्भवती महिला में भावनात्मक उतार चढ़ाव होता है।

आनुवांशिक कारण होना – गर्भावस्था में उल्टी आने की वजह आनुवांशिक भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी मां को प्रेगनेंसी के समय यह समस्या थी तो आपको भी हो सकती है।

ज्यादा उम्र में गर्भवती होना – गर्भावस्था में उल्टी की समस्या उन महिलाओं को ज्यादा होती है, जोकि 30 की उम्र के बाद गर्भवती होती हैं।

गर्भावस्था में उल्टी कितने समय तक होती है?

गर्भधारण के कितने समय तक महिलाओं को मार्निंग सिकनेस से परेशान होना पड़ सकता है, यह पूरी तरह से उनके हार्मोनल बदलाव पर निर्भर करता है।

दरअसल, कई महिलाओं को यह शुरूआती दिनों में ही होती है तो कुछ महिलाओं में यह तीन महीनों तक बनी रहती है और कुछ महिलाओं में तो यह समस्या पूरे नौ महीने बरकरार रहती है।

इसके अलावा, गर्भावस्था में उल्टी (pregnancy me vomiting) कुछ महिलाओं को सिर्फ सुबह के समय होती है तो कई महिलाएं इससे रात और दिन परेशान रहती है।

गर्भावस्था में उल्टी होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

गर्भावस्था में उल्टी (pregnancy me vomiting) होने के साथ साथ अगर नीचे लिखे गये लक्षण गर्भवती महिला को दिखाई दें तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करना चाहिए –

उल्टी के साथ बुखार आना। उल्टी के साथ पेट में दर्द होना। उल्टी के साथ दस्त होना। उल्टी के साथ चक्कर आना।

गर्भावस्था में उल्टी कम करने के घरेलू उपाय क्या है?

सिम्फोरिकार्पस रेसि 200 इपीकॉक 200 दोनो की 2 2 बूंद दिन में 3 4 बार

काले चने का पानी पीएं – गर्भावस्था में उल्टी से राहत पाने के लिए रात को एक मुठ्ठी काले चनों को एक गिलास पानी में भिगो के रख दें और इसके बाद सुबह उठकर इस पानी को पीएं। ऐसा करने से मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness in hindi) यानि उल्टी या मतली से बचा जा सकता है।

नींबू पानी पीएं – प्रेगनेंसी में उल्टी (pregnancy me vomiting) से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को एक गिलास नींबू पानी में आधा चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए।

उल्टी के साथ बुखार भी है तो तुलसी के पत्तों का रस ओर जीरे का पानी पीएं – गर्भावस्था में उल्टी होने पर गर्भवती महिलाओं को तुलसी के पत्तों को पीस कर, उसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर पीना चाहिए, इससे जल्दी आराम मिल सकता है।

सूखा धनिया खाएं – गर्भावस्था में उल्टी (pregnancy me vomiting) से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को सूखा धनिया पीस कर थोड़ी थोड़ी देर बाद लेते रहना चाहिए, इससे काफी जल्दी आराम मिल सकता है।

आंवले का मुरब्बा खाएं – गर्भावस्था में उल्टी से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को रोज़ाना एक आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए, इसको खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और इससे उल्टी आने की संभावना कम होती है।

बिना मैदे वाला बिस्कुट खाएं – गर्भावस्था में उल्टी होने पर गर्भवती महिलाओं को बिस्कुट खाना चाहिए, क्योंकि इससे किसी भी तरह की दुर्गंध नहीं आती है।

सुबह झटके से नहीं उठें – गर्भवती महिलाओं को उल्टी (pregnancy me vomiting) और जी घबराने पर सुबह झटके से नहीं उठाना चाहिए, बल्कि उन्हें किसी चीज़ का सहारा लेकर आराम से उठना चाहिए।

सुबह उठते ही रसोई में न जाएं – सुबह उठते ही गर्भवती महिलाओं को रसोई में नहीं जाना चाहिए, क्योंकि वहां मौजूद चीजों से दुर्गंध आ सकती है, जिससे उल्टी हो सकती है।

खाली पेट न रहें – गर्भवती महिलाओं को खाली पेट नहीं रहना चाहिए, उन्हें थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ ज़रूर खाते रहना चाहिए।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं – गर्भवती महिलाओं के शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, ऐसे में उन्हें दिन में 8 से 10 गिलास पानी ज़रूर पीना चाहिए।

गर्भावस्था में सफर करने के दौरान महिलाओं को क्या क्या चीज़ें रखनी चाहिए?

प्रेगनेंसी में महिलाओं को उल्टी की समस्या कभी भी हो सकती है, ऐसे हालात में अगर उन्हें सफर करना पड़े तो वह अपने साथ निम्न चीज़ों को ज़रूर रखें –

पानी की बोतल रखें – प्रगेनेंसी के समय अगर गर्भवती महिला को सफर करना पड़े तो उन्हें अपने साथ पानी की बोतल ज़रूर रखनी चाहिए।

टिशू पेपर रखें या रुमाल – गर्भवती महिलाओं को इस समय अगर सफर करना पड़े तो उन्हें अपने साथ टिशू पेपर ज़रूर रखना चाहिए।

नींबू रखें – गर्भावस्था में उल्टी (pregnancy me vomiting) होने पर अगर गर्भवती महिला को सफर करना पड़े तो उन्हें नींबू ज़रूर रखना चाहिए और थोड़ी थोड़ी देर में इसे चाटते रहना चाहिए, इससे सफर में उल्टी से बचा जा सकता है।

पॉलिथीन रखें – गर्भवती महिला को अगर सफर करना पड़े तो उन्हें अपने साथ पॉलिथीन रखनी चाहिए, ताकि अगर बीच रास्ते में उल्टी आएं तो इसका इस्तेमाल कर सके।

बिस्कुट रखें – गर्भावस्था में सफर के दौरान महिलाओं को अपने साथ बिस्कुट रखने चाहिए और इसे थोड़ी थोड़ी देर बाद खाते रहना चाहिए, क्योंकि ज्यादा देर तक भूखे रहने की वजह से उल्टी हो सकती है।

ताजें फल रखें – गर्भावस्था में सफर के दौरान महिलाओं को अपने साथ ताजें फल जैसे- अनार, केला, सेब आदि रखने चाहिए और इसे थोड़ी थोड़ी देर में खाते रहना चाहिए।

सूखे मेवे – गर्भवती महिलाओं को सफर के दौरान अपने साथ सूखे मेवे रखने चाहिए, जैसे- बादाम, काजू आदि और इन्हें थोड़ी थोड़ी देर में खाते रहना चाहिए।

इन सबके अलावा गर्भवती महिलाओं को अपनी ज़रूरत की तमाम चीजें रखनी चाहिए, ताकि वो सफर के दौरान कोई भी परेशानी की शिकार न हो।

क्या गर्भावस्था में उल्टी होना बेबी के लिए सही है

गर्भावस्था में उल्टी (pregnancy me vomiting) की समस्या से लगभग 85 प्रतिशत महिलाएं गुजरती हैं, ऐसे में उनके मन में यह सवाल होता है कि कहीं इससे उनके बेबी को नुकसान तो नहीं होगा।

गर्भावस्था में उल्टी होने से शिशु को तब तक कोई नुकसान नहीं होता है, जब तक गर्भवती महिला खाने को आसानी से पचा लेती हैं, क्योंकि यह बेबी के विकास और स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी होता है।

गर्भावस्था में उल्टी (pregnancy me vomiting) होने पर गर्भवती महिलाओं को परेशान नहीं होना चाहिए, बल्कि वें ऊपर बताए गये उपायों को आज़मा कर इससे छुटकारा पा सकती हैं। इसके अलावा, अगर दिन में पांच से सात बार उल्टियां हो रही हो या फिर इसके साथ बुखार वगैरह हो तो उन्हें डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करना चाहिए।

होमेओपेथी द्वारा

इपिकाक- इपिकाक औषधि जी मिचलाना और उल्टी आने पर बहुत ही अच्छा असर करती है। गर्भवती स्त्री को उल्टी आने के काफी देर के बाद भी जी मिचलाता रहता है। उल्टी हो जाने के बाद भी उसे ऐसा महसूस होता है जैसे कि दुबारा उल्टी होने वाली है। रोगी स्त्री का पेट ढीला होकर बिल्कुल नीचे की ओर लटक जाता है। भोजन को देखते ही उसका जी खराब हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों में अगर रोगी स्त्री को इपिकाक औषधि की 30 या 200 शक्ति देनी चाहिए।

सीपिया- रोगी स्त्री को सुबह के समय कुछ भी खाने से पहले ही जी मिचलाने लगता है और कुछ खाते ही उल्टी करने का मन करता है। रोगी स्त्री को भोजन को देखते ही यहां तक कि उसकी खुशबू से ही जी मिचलाने लगता है। एक करवट लेटने से उसका जी मिचलाना तेज हो जाता है। रोगी स्त्री को हर चीज का स्वाद नमकीन ही लगता है। उसका मन अचार, चटनी जैसी खट्टी चीजें खाने का करता है। इस तरह के गर्भावस्था के जी मिचलाने और उल्टी आने जैसे लक्षणों में सीपिया औषधि की 30 या 200 शिंक्त का प्रयोग लाभदायक रहता है।

निरोगी मन्त्र का कटरता से पालन चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाये

निरोगी रहने हेतु महामन्त्र

*मन्त्र 1 :- *

• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें
• ‎रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें
• ‎विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)
• ‎वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)
• ‎एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)
• ‎मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें
• ‎भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें

मन्त्र 2 :-

• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)
• ‎भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)
• ‎सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये
• ‎ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें
• ‎पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये
• ‎बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूणतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें

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