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साधना क्या है?

• जो बदलाव लाओगे जीवन में उसी का नाम साधना है, साधना ऐसी चीज नहीं है कि बदलाव तुम्हें यहां लाने हैं और उस कमरे में जाकर के कोई गुप्त प्रक्रिया करोगे और फिर लौट करके आओगे तो पाओगे कि यहां बदलाव आ गए हैं।
• जो कुछ जिंदगी में अनावश्यक है उसको हटाना साधना है, जो कुछ जीवन में आवश्यक है लेकिन अनुपस्थित है, उसको लाना साधना है और क्या साधना है?
• हम यह देख ही नहीं पाते कि हम जैसे हैं उसी के कारण तो तकलीफ है और फिर उसी के कारण साधना की जरूरत है, हम साधना के सामने भी शर्त रख देते हैं कि वह हमारे ही ढांचों में किसी तरह से फिट हो जाएँ, समायोजित हो जाएं।
• यह और कुछ नहीं है यह वही पुरानी चाहत है कि कर्म करें और कर्म फल न भुगतना पड़े।
• साधना आपकी बीमारी दूर करने के लिए नहीं होती है वह आपको आपसे दूर करने के लिए होती है हम अपनी बीमारी खुद हैं।
• नहीं, बीमारी कहीं बाहर से नहीं आ गई है हम जो हैं उसी के जर्रे-जर्रे का नाम बीमारी है, इसीलिए साधना खुद को बचाए-बचाए नहीं हो सकती इसीलिए साधना इतनी मुश्किल होती है।
• यह बहुत-बहुत प्रचलित प्रश्न है बार-बार आता है सामने कि जिंदगी जैसी चल रही है मैं जैसा हूं उसको बनाए रखते हुए दुख से मुक्ति कैसे हो जाए या साधना कैसे हो जाए, नहीं हो सकती लेकिन अगर आप बार-बार मांग करेंगे तो कोई ना कोई आपको मिल जाएगा जो तरीका बता देगा वह कहेगा देखो खुद को बचाए-बचाए साधना इस तरीके से हो सकती है निश्चित रूप से जो तरीका आपको बताया जा रहा है वह झूठा होगा अनुपयोगी होगा बल्कि हानि प्रद होगा।
• अधिकांश अध्यात्म यही है बीमारी के ऊपर सफाई का आवरण, बीमारी को तो बचाए रखना है और उसके ऊपर लीपापोती कर देनी है सफाई की।
• ऊपर-ऊपर आप जो कुछ भी कर रहे हैं उससे आंतरिक ताकत कैसे आ जाएगी और गड़बड़ी जो हुई है वो सारी अंदर-अंदर हुई है मैं कहता हूं मैं, मेरा जीवन, मेरी धारणा है मेरी सोच।
• हमारी जो व्यक्तिगत सोच होती है उसकी सीमा समझिए सोच कभी यह सोच नहीं सकती कि वह गलत है, वह इतना तो फिर भी मान लेगी कि इस बार गलत हो गई, अरे मैंने गलत सोच लिया एक दफे गलत हो गई यह तो वो फिर भी मान लें, पर यह वह मान ही नहीं सकती कि सोच का जो केंद्र है जो स्रोत है वो ही गलत है।
• जिस स्रोत से ही हमारे सब कर्म, सब विचार उठते हैं, उस स्रोत को ही नकली देख पाना, उसको चुनौती दे पाना, उसको बदलने की हिम्मत कर पाना ये साधना है।
• साधना एक तरह से पुनर्जन्म की तैयारी है।
• आदमी वही पुराना रह गया भीतर से तो साधना हुई नहीं है।

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