★★★अत्यधिक जम्हाई को रोकने के प्रभावशाली उपाय ★★★
जिस प्रकार मनुष्य नाक के द्वारा सांस लेता है उसी तरह मुंह के द्वारा जम्भाई (Jamhai/Yawning)लेकर हवा शरीर के अंदर खींचता है। इस तरह जम्भाई लेने से शरीर में अतिरिक्त आक्सीजन की पूर्ति होती है। इस तरह बार-बार मुंह खोलकर हवा खींचना और छोड़ना ही जम्भाई कहलाता है। जभ्भाई कभी-कभार हो जाये तो कोई बात नहीं लेकिन जम्भाई ज्यादा आने से यह असहनीय हो जाता है। जम्भाई के बार-बार आने से रोगी परेशान हो जाता है और इस रोग को खत्म करने के लिये उपचार कराना आवश्यक हो जाता है।
◆◆◆ ज्यादा जम्हाई का कारण ◆◆◆
यदि हम कुछ लोगों के सामने बैठे हों और उस समय जम्भाई (Jamhai/Yawning)के कारण मुंह को बार-बार खोलना पडे़ तो बहुत ही खराब लगता है। जम्भाई का बार-बार आना भी एक रोग है और इसके कारण शरीर में आलस्य भरा रहता है, काम में मन नहीं लगता है और यदि काम करना भी पडे़ तो शीघ्र ही मन ऊब जाता है। जम्भाईयां या तो शरीर में थकावट बनी रहने के कारण आती है या फिर नींद ठीक से न आने के कारण।
कुछ यह भी कारणों से जम्हाई बार बार आ सकती हैं :
अगर बार-बार आती हो जम्हाई, तो न करें इसे अनदेखा ⤵
प्रतिदिन के खाने-पीने, काम करने एवं सोने के अनुसार हमारा शरीर ढल जाता हैं। साथ ही साथ समय और मौसम भी एक महत्वपूर्ण रोल अदा करता हैं। इन नियमों में बदलाव होने से हमें जम्हाई आती हैं। यदि आप रात में देर से सोते हैं या पूरे दिन काम करते-करते थक जाते हैं तो दिन में एक दो बार जम्हाई आ सकती हैं। परंतु,जब आपको यह जम्हाई हद से ज्यादा आती हो तो भी हम इसे इग्नोर कर देते हैं। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि बार-बार जम्हाई आने के पीछे कई बीमारियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं जम्हाई किन-किन बीमारियों के बारे में संकेत देती हैं।
- थाइरॉयड (Thyroid)
आपको बता दें कि बार-बार जम्हाई आना हाईपोथाइरॉयड की निशानी हो सकती हैं। ऐसा शरीर में थाइरॉयड हॉर्मोन के कम बनने पर होता हैं। इसके अलावा कई बार कुछ दवाईयों के साइड इफेक्ट्स की वजह से भी जम्हाई ज्यादा आती हैं। - हार्ट प्रॉब्लम (Heart problem)
बार-बार जम्हाई आने का संबध हार्ट प्रॉब्लम से हो सकता हैं। जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता हैं। - नींद की समस्या (Sleep problem)-
शरीर में एनर्जी की कमी होना और नींद पूरी न होने पर बार-बार जम्हाई आने लगती हैं। - तनाव (Stress)-
आपको बता दें तनाव बढ़ने पर हमारे मस्तिष्क का टेम्प्रेचर बढ़ता हैं। जिससे जम्हाई ज्यादा आती हैं। इससे हमारा दिमाग ठंडा हो जाता हैं और हमें ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मिलती हैं।
●●● आयुर्वेदिक घरेलु उपचार ●●●
१. हींग : लोहे के बर्तन में घी के साथ हींग को भून लें। इस हींग के साथ हरीतकी, सोंठ, सेंधानमक और कालीमिर्च को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोजाना 1 से 3 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सेवन करने से जम्भाई के रोग में लाभ होता है।
२. सरसों : जम्भाई को रोकने के लिये सरसों के तेल में सेंधानमक और हींग को अच्छी तरह से मिलाकर पूरे शरीर पर मालिश करने से इस रोग में लाभ मिलता है।
३. धनिया : धनिये का चूर्ण गरम पानी के साथ लेना चाहिए। यदि यह रोग बन गया हो तो धनिये के 20 दानों को 1 लीटर पानी में उबालकर इस पानी से मुंह धोने से जम्भाइयां आनी खुद ही बंद हो जाती हैं।