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आजकल के इस भागदौड़ भरे युग में अनियमित जीवनशैली के चलते जो बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है वह है मधुमेह। मधुमेह को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी का जो सबसे बुरा पक्ष है वह यह है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है|

वही शुगर की बीमारी की एक खास बात ये भी है की और बीमारी जिस तरह से दवाइयों के सेवन से धीरे धीरे ठीक हो जाती है वही शुगर की बीमारी ऐसी होती है जिसका आप लाख इलाज करा ले लेकिन ये कभी ठीक नहीं होती और एक बार अगर किसी को ये बीमारी हो जाये फिर तो वो जब तक जीवित रहेगा तब तक उसे दवाइयों का सेवन करना अनिवार्य हो जाता है |ऐसे में कई बार लोग मधुमेह का घरेलू तरीके से बिह उपाय करते है जिससे उन्हें हमेशा के लिए इस परेशानी से छुटकारा मिल जाये |आज हम आपको एक ऐसा ही घरेलू उपाय बताने जा रहे है जिसके उपयोग करने से आपको इस गम्भीर बीमारी से बिना किसी नुकसान के हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी |

दोस्तों जैसा की हम सबीह जानते है की हमारे आस पास कुछ ऐसे पेड़ पौधे होते है जिनके बारे में हम अनजान रहते है और कुछ ऐसे पौधे होते है जो जहरीले होने के साथ हमारे शरीर को अमृतीय गुण प्रदान करते है। इन्ही में से एक पौधा है अकौआ का जो की एक औषधीय पादप है| इसको मदार, मंदार, आक, अर्क भी कहते हैं. इसका वृक्ष छोटा और छत्तादार होता है. पत्ते बरगद के पत्तों समान मोटे होते हैं|हरे सफेदी लिये पत्ते पकने पर पीले रंग के हो जाते हैं. इसका फूल सफेद छोटा छत्तादार होता है. फूल पर रंगीन चित्तियाँ होती हैं|

आपको बता दे इस पौधे की पत्तियों के उपयोग से आप शुगर की बीमारी से निजात पा सकते है और अब तक काफी लोग इस उपयोग से लाभान्वित हो रहे हैं | आप भी इसको उपयोग कर के इसका स्वास्थय लाभ ले सकते हैं. इसके पत्ते के इस्तेमाल से आप सिर्फ 7 दिन से 3 महीने के भीतर शुगर से मुक्त हो सकते हैं और मोटापे से भी मुक्त हो सकते हैं|यही नहीं कई लोगों को तो इसका रिजल्ट सातवें दिन ही मिल जाता है अब जब ऐसा बेहतरीन है ये पत्ता तो आइये जाने इसके पत्ते का प्रयोग.

इस उपाय को करने के लिए आपको आक के पौधे की एक पत्ती लेनी है और इस पौधे की पत्ती को उल्टा (उल्टा का मतलब पत्ते का खुदरा भाग) कर के पैर के तलवे से सटा कर मोजा पहन लें. सुबह और पूरा दिन रहने दे रात में सोते समय निकाल दें. एक सप्ताह में आपका शुगर लेवल सामान्य हो जायेगा. साथ ही बाहर निकला पेट भी कम हो जाता है|हाँ एक बात पर ध्यान दें इसका दूध आँख में ना जाये नहीं तो आप की आँखें खराब हो सकती है

अन्य लाभ

आक के कोमल पत्ते मीठे तेल में जला कर अण्डकोश की सूजन पर बाँधने से सूजन दूर हो जाती है. तथा कडुवे तेल में पत्तों को जला कर गरमी के घाव पर लगाने से घाव अच्छा हो जाता है|इसके कोमल पत्तों के धुंए से बवासीर शाँत होती है|आक के पत्तों को गरम करके बाँधने से चोट अच्छी हो जाती है. सूजन दूर हो जाती है.

आक का दूध पाँव के अँगूठे पर लगाने से दुखती हुई आँख अच्छी हो जाती है| बवासीर के मस्सों पर लगाने से मस्से जाते रहते हैं| बर्रे काटे में लगाने से दर्द नहीं होता. चोट पर लगाने से चोट शाँत हो जाती है

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