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शुभयोगोंद्वाराबनाराजयोगकितनाबनाएगासफल? राजयोग शुभ योगों से कुंडली मे बना है तब विशेष राजसिक , दिव्य शुभ फल ,विशेष जीवन देगा जब राजयोग शुभ योगों से नही है तब केवल सामान्य जीवन कैसे देता है आज इसी विषय पर बात करते है और क्या आपकी कुंडली मे शुभ योगों से राजयोग है?? राजयोग जिसका सीधा सा मतलब है अच्छी सफलता, उच्च स्तरीय राजसिक जीवन, धन, अच्छी कामयाबी योग न होने पर भी अच्छी कामयाबी, राजसिक सुखों से युक्त सफलता, समाज और कार्य क्षेत्र में अच्छी स्थिति आदि, लेकिन यह सब शुभ फल जब ही मिलता है अधिक मात्रा में जब राजयोग शुभ योगो के द्वारा कुंडली में बना है।जब केंद्र भाव (1,4,7,10 भाव केंद्र ) त्रिकोण भाव (1,5,9 भाव त्रिकोण)के स्वामी शुभ योगो के द्वारा संबंध बनायेगें तब यह विशेष राजयोग बनेगा जो बहुत ज्यादा लाभ सामान्य राजयोग से ज्यादा देगा, साथ ही राजयोग की वैल्यू विशेष तब ही होती है जब शुभ योगों के द्वारा राजयोग बनत है साथ ही विशेष शुभ योगों के द्वारा राजयोग बना है तो क्या विशेष राजयोग की प्राप्ति होगी जीवन में आदि? इसे कुछ उदाहरणों से समझते है:- #उदाहरणमेषलग्नअनुसार1:- मेष में 9वे भाव(त्रिकोण भाव)स्वामी गुरु और चौथे भाव केंद्र स्वामी चन्द्र आपस में सम्बन्ध बनाकर बैठेंगे तब यह राजयोग भी है+चन्द्र गुरु के संबंध से गजकेसरी जैसा शुभ योग भी है, अब ऐसी स्थिति में यह राजयोग चन्द्र गुरु से बनने पर यहाँ अपनी दशा में उच्च सफलता, कामयाबी, धन, मकान, आदि राजसिक/राजयोगों के विशेष सुख देगा।। #उदाहरणधनुलग्नअनुसार2:- धनु लग्न में 9वे भाव स्वामी सूर्य है जबकि 10वे और 7वे भाव का स्वामी बुध है, अब यहाँ सूर्य आपस में युति करके बैठे तब यह राजयोग भी है और बुधादित्य योग भी है।यह स्थिति अब जातक को जीवन में विशेष स्थिति प्रदान करेगी, क्योंकि राजयोग शुभ योगो के द्वारा बना है।। #अब एक उदाहरण से समझते है #जबराजयोगहैलेकिनशुभयोगो के द्वारा नही है तब कैसा फल करेगा, तब कैसा जीवन देगा? #उदहारणअनुसारकुम्भ_लग्न3:- कुम्भ लग्न में जैसे 5वे भाव स्वमक बुध 10वे भाव स्वामी मंगल से सम्बन्ध बनाकर बैठे तब यह राजयोग है लेकिन सामान्य राजयोग है क्योंकि मंगल बुध आपस में कोई शुभ योग नही बनाते लेकिन यही 5वे भाव स्वामी चौथे+नवे(केंद्र त्रिकोण)स्वामी शुक्र से सम्बन्ध बनाकर बैठेगा तब यह राजयोग भी है+बुध शुक्र युति से लक्ष्मीनारायण योग भी है यह विशेष से विशेष लाभ देगा।। #इस तरह से यदि राजयोग कुंडली में शुभ योगो के द्वारा बना है तब विशेष से विशेष और असम्भव जैसे फल भी सम्भव होकर मिलेंगे, बहुत बड़े मुकाम जीवन में, पावर वाला पद, प्रतिष्ठा, अच्छी आर्थिक स्थिति, राजसिक सुखों से युक्त जीवन, मकान आदि का अतिरिक्त अच्छा सुख आदि सफलता आदि मिलकर राजसिक सुखों से युक्त अच्छा जीवन होता चला जायेगा।। इस तरह यदि शुभ योगो के द्वारा राजयोग जीवन में है तो क्या क्या विशेष फल देगा , और दिलायेगा साथ ही शुभ योगो के द्वारा राजयोग न होने पर सामान्य कैसा राजयोग देगा इसके फल व्यक्ति की कुंडली में जो फल हो रहे है मिलेंगे।। जो पाना भी सम्भव दिख रहा हो या है शुभ योगो के द्वारा बनने वाला राजयोग उसे भी सम्भव करेगा।।

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