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कैसी भी बवासीर व मस्से जड़ से खत्म करेंगे यह देशी घरेलु उपाय व कैसी ही कब्ज हो।
🌱बवासीर (Hemorrhoids) तरीके की होती है अंदरुनी और बाहरी। अंदर की पाइल्स में मस्से दिखाई नहीं देते पर बाहरी में मस्से गुदा से बाहर की और निकले होते है। इस रोग में जब मल त्यागते वक़्त खून निकलता है तो उसे खूनी बवासीर कहते है। ये खून इतना अधिक होता है की रोगी इसे देख कर घबरा जाता है। बाहरी बवासीर होने पर मस्से सूज कर मोटे हो जाते है जिससे इसमें दर्द, जलन और खुजली भी होने लगती है। इस लेख में हम जानेंगे बवासीर का उपचार घरेलू तरीके से कैसे करे🌱
🌱उपचार:
🌱पहला प्रयोगः डेढ़-दो कागजी नींबू का रस एनिमा के साधन से गुदा में लें। दस-पन्द्रह संकोचन करके थोड़ी देर लेटे रहें, बाद में शौच जायें। यह प्रयोग चार-पाँच दिन में एक बार करें। तीन बार के प्रयोग से ही बवासीर में लाभ होता है।🌱
🌱 बाल हरड़ (छोटी हरड़) के 2 से 5 ग्राम चूर्ण का नित्य सेवन करने तथा अर्श (बवासीर) पर अरण्डी का तेल लगाते रहने से बहुत लाभ होता है।🌱
🌱दूसरा प्रयोगः बड़ी इन्द्रफला की जड़ को छाया में सुखाकर अथवा कनेर की जड़ को पानी में घिसकर बवासीर पर लगाने से लाभ होता है।🌱
🌱तीसरा प्रयोगःनीम का तेल” मस्सों पर लगाने से एवं 4-5 बूँद रोज पीने से लाभ होता है।🌱
🌱चौथा प्रयोगः सूरन (जमीकंद) को उबाल कर एवं सुखाकर उसका चूर्ण बना लें। यह चूर्ण 32 तोला, चित्रक 16 तोला, सोंठ 4 तोला, काली मिर्च 2 तोला, गुड़ 108 तोला इन सबको मिलाकर छोटे-छोटे बेर जैसी गालियाँ बना लें। इसे सूरनवटक कहते हैं। ऐसी 3-3 गोलियाँ सुबह-शाम खाने से अर्श (बवासीर) में लाभ होता है।🌱
🌱पाँचवाँ प्रयोगः करीब दो लीटर ताजी छाछ लेकर उसमें 50 ग्राम जीरा पीसकर एवं थोड़ा-सा नमक मिला दें। जब भी पानी पीने की प्यास लगे तब पानी की जगह पर यह छाछ पी लें। पूरे दिन पानी के बदले में यह छाछ ही पियें। चार दिन तक यह प्रयोग करें। मस्से ठीक हो जायेंगे। चार दिन के बदले सात दिन प्रयोग जारी रखें तो अच्छा है।🌱
🌱छठा प्रयोगः छाछ में सोंठ का चूर्ण, सेंधा नमक, पिसा जीरा व जरा-सी हींग डालकर सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।🌱
🌱सातवाँ प्रयोग : रात में 100 gram किशमिश पानी में फूलने के लिए छोड़ दें. और फिर सुबह में जिस पानी में किशमिश को फुलाया है, उसी पानी में किशमिश को मसलकर खाएँ. कुछ दिनों तक लगातार इसका उपयोग करना🌱
🌱बवासीर में अत्यंत लाभ करता है.
आठवाँ प्रयोग : आम की गुठली के अंदर के भाग, और जामुन की गुठली के अंदर के भाग को सूखा लें.फिर इन दोनों का चूर बना लें. और फिर इस चूर को एक चम्मच हल्के गर्म पानी या मट्ठे के साथ🌱
🌱कुछ दिन तक नियमित पिएँ. यह आपको लाभ पहुंचाएगा.
नौवाँ प्रयोग : हर दिन 8-10 ग्लास पानी पीना सुरु कर दे .🌱
बवासीर में क्या खाये :
🌱1* करेले का रस, लस्सी, पानी।
2* दलिया, दही चावल, मूंग दाल की खिचड़ी, देशी घी।
3* खाना खाने के बाद अमरुद खाना भी फायदेमंद है।
4* फलों में केला, कच्चा नारियल, आंवला, अंजीर, अनार, पपीता खाये।
5* सब्जियों में पालक, गाजर, चुकंदर, टमाटर, तुरई, जिमीकंद, मूली खाये।🌱
🌱बवासीर में परहेज क्या करे:
बवासीर का उपचार में जितना जरुरी ये जानना है की क्या खाये उससे जादा जरुरी इस बात की जानकारी होना है की क्या नहीं खाये।🌱
🌱1* तेज मिर्च मसालेदार चटपटे खाने से परहेज करे।
2* मांस मछली, उडद की दाल, बासी खाना, खटाई ना खाएं।
3* डिब्बा बंद भोजन, आलू, बैंगन।
4* शराब, तम्बाकू।
5* जादा चाय और कॉफ़ी के सेवन से भी बचे।🌱
🌱बवासीर से बचने के उपाय:🌱
दोस्तों बहुत से लोग इस बीमारी से प्रभावित है पर हम कुछ बातों का ध्यान रख कर इससे बच सकते है।
1* खाने पिने की बुरी आदतों से परहेज करे जैसे धूम्रपान और शराब।
2* खाने में मसालेदार और तेज मिर्च वाली चीजें न खाये।
3* पेट से जुडी बीमारियों से बचे।
4* कब्ज़ की समस्या बवासीर का प्रमुख कारण है इसलिए शरीर में कब्ज़ न होने दे।
5* गर्मियों के मौसम में दोपहर को पानी की टंकी का पानी गरम हो जाता है, ऐसे पानी से गुदा को धोने से बचे।
जब कब्ज लम्बे समय तक रहने से होता है।
🌱खूनी व वादी दो तरह के होते हैं उपाय:-🌱
🌱1. पानी के सूत्रों का पालन करें।
- आँवले या त्रिफला का चूर्ण सुबKह शाम शहद या दही के साथ ले
3.अनार के छिलके का चूर्ण दिन में 3 बार पानी से - अनार के पेड़ की छाल का काढा मिश्री व सौंठ मिलाकर पीने से
5.मूली का रस नमक मिलाकर
6.1चम्मच मेथी को पीसकर 300 ml बकरी के दूध में 1 चम्मच हल्दी व काला नमक मिलाकर पीने से
7.सुबह 3 4 पके अमरूद
8.गाजर व पालक के रस
9.छोटी पिपली चूर्ण शहद के साथ
10.बड़ी इलायची को जलाकर इसका चूर्ण सुबह दोपहर शाम
11.शीशम के पत्तो का रस
12.काला तिल मक्खन
13.करेले का रस व मिश्री
14.प्याज के रस में घी व मिश्री
15.हरड़ चूर्ण गुड़ के साथ
16.अरण्ड का तेल पीने से
17.काशीफल का रस - अंगूर का नियमित सेवन से काले हो तो अतिऊतम
- गौमूत्र के सेवन से
- कपूर केला खाने से हप्ते में 2 बार एक माह तक
23.चने के दाने के बराबर फिटकिरी पाउडर सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ नियमित सेवन से।🌱
🌱लेप
लालफिटकिरी व सरसो तेल मस्सों के लिये
निम व कनेर के पत्तो का लेप
निम का तेल लगाने से
हल्दी और कड़वी तोरई का लेप
ताजे मखान व हरड़ चूर्ण का लेप
तम्बाकू के पत्तो की चटनी का लेप
अरण्ड तेल लगाएं🌱
🌱बवासीर,भंगदर,गुदाचीर,मस्से,खुनी बवासीर,खुजली व कब्ज इत्यादि रोगो लाभकारी🌱
🌱बार-बार गुदा के पास फोड़े का निर्माण होना ,मवाद का स्राव होना ,मल त्याग करते समय दर्द होना ,मलद्वार से खून का स्राव होना ,मलद्वार के आसपास जलन होना ,मलद्वार के आसपास सूजन ,मलद्वार के आसपास दर्द ,खूनी या दुर्गंधयुक्त स्राव निकलना ,थकान महसूस होना।🌱
🌱निरोगी रहने हेतु महामन्त्र🌱
🌱मन्त्र 1 :-
🌱• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें🌱
🌱• रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें🌱
🌱• विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)🌱
🌱• वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)🌱
🌱• एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)🌱
•🌱 मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें🌱
🌱दोस्तों कब्ज ना होने दें क्योंकि कब्ज ही बवासीर को जन्म देती है।
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