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अगर चाहिए स्वस्थ तन और मन तो कीजिए गायत्री मंत्र का जाप
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कहते हैं कि यदि आप संस्कृत भाषा में अलग-अलग मंत्रों का उच्चारण करते हैं तो आपका तन और मन स्वस्थ रहता है, और कहीं आप उच्चारित किए जाने वाले मंत्रों का अर्थ भी जानते हों तो फिर सोने पर सुहागा.
संस्कृत मंत्रों का सूची में सबसे ऊपर आता है गायत्री मंत्र. इस मंत्र के हर एक शब्द के अलहदा मायने हैं. आप भी इसे जानिए:-

  1. दिमाग को शांत रखता है
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    गायत्री मंत्र की शुरुआत ओम शब्द से होती है. ओम शब्द का उच्चारण आपके ओंठ, जीभ, तालु, गले के पिछले हिस्से और खोपड़ी में कंपन पैदा करता है. ऐसा माना जाता है कि हार्मोनों के रिलीज की वजह से दिमाग शांत होता है. गायत्री मंत्र के अक्षर कुछ इस कदर बिठाए गए हैं कि उनका उच्चारण करने से दिल और दिमाग को ठंडक पहुंचती है.
  2. प्रतिरोधी क्षमता विकसित करता है
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    जीभ, ओंठ, वोकल कॉर्ड, तालु और दिमाग पर इस मंत्र के उच्चारण और उससे निकलने वाले कंपन की वजह से हाइपोथैलमस ग्लैंड से हारमोन का स्त्राव होता है. इस हारमोन के स्त्राव की वजह से इंसान को ख़ुश रखने वाले हार्मोन शरीर से बाहर निकलते हैं. ये हार्मोन इंसान में शारीरिक विकारों व व्याधियों से लड़ने की क्षमता को भी पुख्ता करते हैं.
    गायत्री मंत्र के उच्चारण से शरीर के भीतर के चक्र या केंद्रों को भी राहत पहुंचती है.
  3. किसी भी चीज़ को जल्दी सीखने व एकाग्रचित्त होने में मदद करता है
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    अब इसमें हम अपनी ओर से कुछ नहीं कह रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय जर्नल ऑफ योगा ने उनके एक रीसर्च व अध्ययन में कहा है कि संस्कृत मंत्रों के उच्चारण से इंसान अपेक्षाकृत ज़्यादा बेहतर एकाग्रचित्त रह सकता है. गायत्री मंत्र के लगातार उच्चारण से शरीर के भीतर मौजूद चक्र झंकृत हो जाते हैं.
  4. आपके सांस लेने की क्षमता मजबूत होती है
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    मंत्र के उच्चारण के दौरान आपको सिलसिलेवार व लंबे स्वाश लेने पड़ते हैं जो आपके स्वाश लेने की शक्ति को मजबूत करते हैं. इससे न सिर्फ़ आपका फेफड़ा मजबूत होता है बल्कि इस तरह से सांस लेने से आपका रक्त संचार भी बढ़िया हो जाता है.
  5. आपके दिल को स्वस्थ रखता है
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    ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपने वाली रिपोर्ट को गर सही मानें तो गायत्री मंत्र का उच्चारण दिल की धड़कन को भी बेहतर तालमेल में रखता है. इसकी वजह से मनुष्य के भीतर का रक्तचाप भी नियंत्रण में रहता है.
  6. नसों के कार्य क्षमता को नियंत्रित रखता है
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    मंत्र के उच्चारण के साथ ही शरीर के अलग-अलग हिस्से में होने वाली कंपन दिमाग व नसों में होने वाले रक्तसंचार को काबू में रखती है. ये मंत्र उच्चारण दिमाग व शरीर में मौजूद नसों में बेहतर तालमेल स्थापित करने में मदद करते हैं.
  7. तनाव को कम करने व उससे होने वाली नुकसान की भरपाई
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    मंत्र के उच्चारण से तनाव व चिंता तो कुछ इस कदर गायब होते हैं जैसे गदहे के सिर से सींघ. और यदि आप मंत्र उच्चारण को रोज का शगल बना लेते हैं तो विश्वास मानिए कि इससे बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता.
  8. दिमाग को मजबूत व अवसाद को बहुत दूर रखता है
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    गायत्री मंत्र के उच्चारण से दिमाग नियंत्रण में रहता है. अंतर्राष्ट्रीय योगा जर्नल में एक अध्ययन के छपने के बाद इस बाद का खुलासा हुआ है कि यह मंत्र अवसाद से उबरने में सहायक होता है. अब मैं तो इस स्टडी से पूरी तरह सहमत हूं, हो सकता है कि आप भी हों.
  9. शरीर व चेहरे पर चमक ले आता है
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    इस मंत्र के उच्चारण से शरीर के भीतर कुछ ऐसे हार्मोन्स रिलीज होते हैं कि शरीर व चेहरे पर स्वत: ही चमक आ जाती है. और साथ ही वे लंबे समय तक जवां रहने में मदद करते हैं.
  10. अस्थमा से भी राहत दिलाता है
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    गायत्री मंत्र के उच्चारण के दौरान लोग लंबी सांस लेते हैं और उन्हें थोड़ी देर तक रोक कर रखते हैं. यह पूरी प्रक्रिया फेफड़े को मजबूत करती है और अस्थमा के मरीजों के लिए ख़ास सहायक होती है।


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