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पेट के अलावा इन 10 समस्याओं में भी वरदान है ईसबगोल, जरूर जानिए

  1. डाइबिटीज :- ईसबगोल का पानी के साथ सेवन, रक्त में बढ़ी हुई शर्करा को कम करने में मदद करता है।
  2. बवासीर :- खूनी बवासीर में अत्यंत लाभकारी ईसबगोल का प्रतिदिन सेवन आपकी इस समस्या को पूरी तरह से खत्म कर सकता है। पानी में भि‍गोकर इसका सेवन करना लाभदायक है।
  3. अतिसार :- पेट दर्द, आंव, दस्त व खूनी अतिसार में भी ईसबगोल बहुत जल्दी असर करता है, और आपकी तकलीफ को कम कर देता है।
  4. पाचन तंत्र :- यदि आपको पाचन संबंधित समस्या बनी रहती है, तो ईसबगोल आपको इस समस्या से निजात दिलाता है। प्रतिदिन भोजन के पहले गर्म दूध के साथ ईसबगोल का सेवन पाचन तंत्र को दुरूस्त करता है।
  5. जोड़ों में दर्द :- जोड़ों में दर्द होने पर ईसबगोल का सेवन राहत देता है। इसके अलावा दांत दर्द में भी यह उपयोगी है। वि‍नेगर के साथ इसे दांत पर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है।
  6. कफ :- कफ की तकलीफ होने पर ईसबगोल का काढ़ा बनाकर पिएं। इससे कफ निकलने में आसानी होती है।
  7. वजन कम करे :- वजन कम करने के लिए भी फाइबर युक्त ईसबगोल उपयोगी है। इसके अलावा यह हृदय को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  8. सर दर्द :- ईसबगोल का सेवन सि‍रदर्द के लिए भी उपयोगी है। नीलगिरी के पत्तों के साथ इसका लेप दर्द से राहत देता है, साथ ही प्याज के रस के साथ इसके उपयोग से कान का दर्द भी ठीक होता है।
  9. सांस की दुर्गन्ध :- ईसबगोल का प्रयोग सांस की दुर्गन्ध से बचाता है, इसके अलावा खाने में गलती से कांच या कोई और चीज पेट में चली जाए, तो ईसबगोल की मदद से वह बाहर निकलने में आसानी होती है।
  10. नकसीर: – नाक में से खून आने पर ईसबगोल और सिरके का सर पर लेप करना, फायदेमंद होता है।


: 🥘आइये जानें बेसन कढ़ी के कुछ स्वास्थयवर्धक लाभ:

  1. एनीमिया से लड़ने में मददगार – हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए यह आइरन और प्रोटीन का परफ़ेक्ट कॉम्बिनेशन होती है।
  2. चेहरे और बालों के लिए उपयोगी – चाहे मुंहासे हो, काले धब्बे या कोई अन्य त्वचा संबंधी समस्या, बेसन कॉलाजन (collagen) को बढ़ाता है और इसमें इंफ्लामेट्री (inflammatory) की विशेषताएं होती हैं।
  3. गर्भावस्था में सुरक्षित – फ़ोलेट, विटामिन B6 और आइरन के गुणों के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए यह पूरी तरह से सुरक्षित आहार है।
  4. पाचन प्रक्रिया के लिए अच्छी – पेट के लिए इसमें अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। गट-फ्लोरा (आंतों में सुरक्षित बैक्टीरिया का बनना) को बनाए रखता है और पोषक तत्वों को सोखने में मदद करता है।
  5. ग्लूटिन-फ्री आहार – बेसन के आटे में ग्लूटिन (दो तरह के प्रोटीन का मिश्रण) नहीं होता इसलिए यह ग्लूटिन-फ्री आहार का बढ़िया विकल्प है।
  6. हड्डियों के लिए अच्छी – बेसन और दही दोनों में कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे हड्डियों के लिए स्वास्थयवर्धक बनाता है। इसके अतिरिक्त फॉस्फोरस, कैल्शियम के साथ मिलकर दातों और हड्डियों के विकास में मदद करता है।
  7. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है – मेग्नीशिम के गुण होने के कारण यह मांसपेशियों को आराम देकर हृदय को स्वस्थ रखता है, जबकि फॉस्फोरस वसा के निर्माण में मदद करता है।
  8. डायबिटीज़ को नियंत्रित करती है – ग्लाइसेमिक इंडेक्स (glycemic index) के लो लेवल के कारण यह डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए अच्छा है। यह ब्लड शुगर और इंसुलिन को कम करता है।

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