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कढ़ी पत्ता / मीठा निम (Curry Leaves)

1. परिचय -कढ़ी पत्ता, जिसे मीठा नीम के नाम से भी जाना जाता है, हर तरह के खाने में खूब इस्तेमाल होता है। इसे मीठा नीम कहा जरूर जाता है और इसकी पत्तियां देखने में नीम की पत्तियों जैसी होती हैं। लेकिन नीम के पेड़ से इसका कोई वास्ता नहीं है। ये दोनों बिलकुल अलग प्रकार की प्रजाति है।

     *कढ़ी पत्ता के फूल सफ़ेद रंग के छोटे और ख़ुशबूदार होते हैं। इसमें काले रंग के छोटे फल लगते है। इन्हे खाने में काम नहीं लिया जाता।*

           *कढ़ी पत्ता प्रायः भारत के हर भाग और हर घर में पाया जाने वाला पौधा है। भारतीय रसोई, चाहे उत्तर भारत हो या दक्षिण भारतीय, कढ़ी पत्ते का जमकर उपयोग होता है। लेकिन मध्यक्षेत्र और महाराष्ट्र में भी इसका प्रयोग खूब किया जाता है।*

           *कढ़ी पत्ते के लाभों को देखते हुए ही इसे हर तरह के खाने में उपयोग किया जाता है।*

कढ़ी पत्ते का सब्जियों और दाल में अधिक सेवन किया जाता है ।

इसे मीठे नीम की संज्ञा इसके औषधीय गुणों को बताने के लिए काफी है।

          *कढ़ी पत्ते का उपयोग   और हां, कढ़ी का स्वाद तो इस कढ़ी पत्ते के बिना अधूरा ही लगता है, तभी तो इसे कढ़ी पत्ता कहते हैं।*

    *कढ़ी पत्ता या फिर जिसको हम मीठी नीम के नाम से भी जानते हैं, भोजन में डालने वाली सबसे अहम सामग्री मानी जाती है। इसे सभी प्रकार के भोजन में तड़के के रूप में खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है। अक्‍सर लोग इसे अपनी सब्‍जियों और दाल में पड़ा देख, हाथों से उठा कर दूर कर देते हैं। पर आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।*

    *कढ़ी पत्‍ते में कई स्वास्थ्य सम्बन्धी गुण छिपे हैं। इसका उपयोग आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। इसके हरे पत्ते में शरीर के लिए फायदेमंद तत्व आयरन, कॉपर, जिंक, केल्शियम, विटामिन ए और बी, अमीनो एसिड, फोलिक एसिड आदि मौजूद होते है। इसमें कई तरह के औषधीय गुण जैसे –ऐंटी-डायबिटीक, ऐंटी-ऑक्सीडेंट, ऐंटी-माइक्रोबियल पाये जाते है*

 *यह हमारे भोजन को आसानी से हज़म करता है। अगर मठ्ठे में हींग और कढ़ी पत्‍ते को मिला कर पीया जाए तो भोजन आसानी से हज़म हो जाता है। कढ़ी पत्ता ना केवल खाने का ज़ायका बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है।*

       *इसकी ताजा पत्तियों में एक अलग ही खूशबू होती है। यह खुशबू फ्रिज में या बाहर रखने पर नहीं मिल पाती इसलिए ताजा तोड़ी हुई पत्ती ही उपयोग में लेनी चाहिए। इसकी चटनी भी बनाई जाती है।*

     *मधुमेह के रोगियों के लिए तो यह बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है। इससे मधुमेह तथा लिवर जैसी बड़ी बीमारियाँ भी दूर होने लगती है।*

   *जो लोग अपना वजन कम करना चाहते है, उनके लिए भी यह  बहुत फायदेमंद है।*

     *कढ़ी पत्ते के सेवन से दस्त में फायदा मिलता है, इससे पाचन तंत्र सुधरता है आदि। कढ़ी पत्ता लम्बे और स्वस्थ बालों के लिए भी बहुत लाभप्रद माना जाता है।*

2. आखिर क्यों आवश्यक रूप से प्रयोग किया जाता है कढ़ी पत्ता?

            *भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ कढ़ी पत्ता हमारी सेहत को भी दुरूस्त रखने में मददगार है*

    *आइए, जानते हैं कढ़ी पत्ता या मीठे नीम के उपयोग एवं लाभ :*

१. पाचन में लाभदायक कढ़ी पत्ता – कढ़ी पत्ते अक्सर खाने में अच्छे नहीं लगते है, लेकिन अगर आप इसके सही फायदों का लाभ उठाना चाहते है, तो खाने के साथ इसके पत्ते को भी खाएं इससे आपकी पाचन क्रिया सही रहती है।

    *पाचन सम्बन्धी समस्या हो या फिर दस्त लगने पर, कड़ी पत्ते को पीसकर छाछ में मिलाकर पिएं। यह पेट की गड़बड़ी को भी शांत करेगा और पेट के सभी दोषों का निवारण करने में सहायक होगा।*

         *अगर कढ़ी पत्ते को मठ्ठे में हींग के साथ मिलाकर पीएं तो यह अपच दूर कर भोजन आसानी से हजम करने में मदद करेगा।*

*इसका रेचक (laxative) गुण खाने को जल्दी हजम करवाता है, विशेषकर जब आप बदहजमी महसूस करते हैं।*

२. मुँह में छाले और सिरदर्द की समस्या होने पर –मुंह में छाले और सिरदर्द की समस्या में ताजा करी पत्तों को चबाने से लाभ होता है।

३. मतली और अपच की समस्या में – मतली और अपच जैसी समस्‍या के लिए कढ़ी पत्‍ते का उपयोग बहुत लाभकारी होता है।

इसका सेवन डायरिया, डिसेंट्री, पाइल्स, पाचन आदि में असरकारक है।

    *इसके लिए आप कुछ कढ़ी पत्तों को पीसकर उनका रस निकालकर इसमें नींबू की कुछ बूंदे और थोड़ी चीनी मिलाकर खाने से उल्टी की तकलीफ में राहत मिलती है।*

४.मधुमेह(शुगर,डायबिटीज) के रोगियों के लिए लाभदायक -कढ़ी पत्ता पेनक्रियाज के बीटा सेल्स को एक्टिवेट करके ब्लड- शुगर लेवल को कम करने में सहायता करता है। अगर आप डाइबिटीज के रोगी हैं, तो कढ़ी पत्ता अपने भोजन में शामिल करने पर आप इस समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। ब्लड शुगर को नियन्त्रित करने के लिए यह बेहद फायदेमंद है।

        *इसलिए शूगर के रोगियों को  रोजाना सुबह उठकर 3 महीने तक लगातार कुछ कढ़ी पत्तियों का सेवन करना अत्यन्त लाभप्रद होगा। सिर्फ यही नहीं यह मधुमेह से होने वाले मोटापे को भी दूर करने में बहुत मददगार है।*

      *इसके अलावा अगर शूगर  मोटापे की वजह से हुआ है, तो कढ़ी पत्‍ता मोटापे को कम कर के मधुमेह को भी दूर कर सकता है।*

५. कफ की समस्या होने पर –सर्दियों में ज़ुकाम की स्थिति में कढ़ी पत्ता का सेवन बहुत अच्छा होता है।

  *अगर किसी को खाँसी, कफ होने, कफ सूख जाने या फेफड़ों में जमाव की शिकायत हो, तो ऐसी स्थिति में उसको कढ़ी पत्ता उसको खिलाने से बहुत लाभ होता है।*

   *इसके लिए एक चम्मच कढ़ी पत्ते के रस में एक चम्मच शहद को मिलाकर नियमित सेवन करें।*

६. एनीमिया से बचाने में सहायक कढ़ी पत्ता –कढ़ी पत्ता में आयरन तथा फोलिक एसिड दोनों पाए जाते हैं। फोलिक एसिड आयरन के अवशोषण में मददगार होता है।इस प्रकार कढ़ी पत्ता से दुगना फायदा मिलता है। अतः यह खून की कमी दूर करता है।

  *आयरन और फॉलिक एसिड का एक बेहतरीन स्त्रोत कढ़ी पत्ता आपके शरीर को आयरन सोखने में मदद करता है, और एनीमिया जैसी सम्स्याओं से आपको बचाता है। ऐसी अवस्था में कढ़ी पत्ता और खजूर खाली पेट खाने से लाभ होगा।*

७. गर्मी से ठंडक पहुँचाए कढ़ी पत्ता -गर्मियों में अक्सर पेट में जलन और दर्द होने की समस्या होने लगती है, तो उसके लिए आपको कुछ नहीं करना है बस जो छाछ की लस्सी आप पीते हैं, उसमें आपको कढ़ी पत्ते डालकर सेवन करना है, इससे आपको पेट में जल्द ही ठंडक महसूस होने लगेगी।

८. कढ़ी पत्ता से दस्त की समस्या में राहत –कढ़ी पत्ते में एन्टी बैक्टिरीयल और एन्टी-इन्फ्लैमटोरी गुण मौजूद होते है। जिसके चलते यह पेट में होने वाली गड़बड़ियों से राहत दिलाते हैं। इसमें मौजूद अन्य गुण “माइल्ड लैक्सटिव”, दस्त से राहत दिलाने में मददगार है।

      *दस्त होने पर कढ़ी पत्ते को क्रश करके बटरमिल्क के साथ दिन में तीन बार लेने से राहत मिलती है।*

९. वजन घटाने हेतु कढ़ी पत्ता –कढ़ी पत्ता से वज़न को भी आसानी से घटाया जा सकता है। इन पत्तों के सेवन से आपके शरीर का जमा फैट निकल जाता है और इसमें जो फाइबर होता है वह शरीर से विषाक्त पदार्थों या टॉक्सिन को निकाल देता है।

   *प्रतिदिन नियमित कढ़ी पत्ता खाने से वज़न घटता है और कोलेस्ट्रोल भी कम होता है। आम  तौर पर लोग खाने में ज़ायका बढ़ाने के लिए कढ़ी पत्ता का प्रयोग करते हैं, लेकिन दु:ख की बात यह है कि लोग इसको फेंक देते हैं। इसलिए अगली बार आप प्लेट में  कढ़ी पत्ता न छोड़कर चबाकर खायें और आसानी से वज़न घटायें।*

     *अगर आप अपने बढ़ते हुए वजन से परेशान हैं और कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। तो आप अपनी डाइट में कड़ी पत्ता को शामिल करके अपने वज़न घटने की प्रक्रिया को बढ़ा सकते हैं।*

   *इसलिए आप प्रतिदिन कढ़ी पत्ते की कुछ पत्‍तियां प्रात:- सायं चबाकर खा जाएं। इससे आपको वज़न कम करने में सफलता अवश्य मिलेगी।*

१०. कोलेस्ट्रॉल घटाकर हृदय को सुरक्षित रखता कढ़ी पत्ता –कढ़ी पत्ते में LDL कोलेस्ट्रॉल कम करने की प्रकृति होती है। LDL कोलेस्ट्रॉल ह्रदय की बीमारियों का कारण होता है। इस तरह कढ़ी पत्ता दिल के लिए लाभदायक होता है। और इसके सेवन से दिल की बीमारी से बचा जा सकता है।

११. तनाव दूर करने में सहायक कढ़ी पत्ता –जितना भोजन में आप इसको नियमित रूप से शामिल करेंगे उतना ही आपका तनाव दूर होगा।

   *कढ़ी पत्ते की कुछ पत्‍तियां प्रात:- सायं चबाकर खा जाएं। इससे आपका तनाव घटेगा ।*

१२. लीवर को स्वस्थता देता कढ़ी पत्ता –लीवर शरीर का बहुत महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। कई प्रकार के काम करता है। स्वस्थ रहने के लिए लीवर का निरन्तर बिना रुके सही तरीके से काम करना जरुरी होता है। कढ़ी पत्ता लीवर को सशक्त बनाता है

 *यह लीवर को बेक्टिरिया तथा वायरल इन्फेक्शन से बचाता है। इसके अलावा यह फ्री रेडिकल्स, हेपेटाइटिस, सिरोसिस आदि कई प्रकार की बीमारियों से लीवर को बचाता है।*

       *लीवर को स्वस्थ रखने के लिए भी कढ़ी पत्ते का जूस पिया जाता है,जो लीवर के लिए लाभकारी होता है।*

१३. किडनी रोग नाशक कढ़ी पत्ता –कढ़ी पत्ते किडनी के लिए लाभकारी होते है। जिन लोगों की किड़नी में दर्द रहता है, उनके लिए सिर्फ कढ़ी पत्‍ता ही नहीं बल्कि इसकी जड़ भी काफी उपयोगी होती है। अगर वह प्रात:-सायं 1-2 चम्मच इसका रस नियमित पिएं तो उन्‍हें अवश्‍य फायदा होगा।

१४. कैंसर नाशक कढ़ी पत्ता – कढ़ी पत्ता में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट तथा फेनोल्स गुण पाए जाते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते है। जिससे व्यक्तियों को कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी से होने से बचाता है। कढ़ी पत्ता के विशेष तत्व ल्यूकेमिया , प्रोस्टेट कैंसर तथा कोलोरेक्टल कैंसर आदि से बचाव करने में सक्षम पाए गए है। कई प्रकार के विटामिन की मौजूदगी भी ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस तथा फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाते है।

     *अतः प्रात:-सायं 5-7 कढ़ी पत्ते चबाकर अवश्य खा जाएं ।*

१५. कोलेस्ट्रोल कम करने में सहायक कढ़ी पत्ता -कढ़ी पत्ते का नियमित सेवन कोलेस्ट्रोल को कम करने में मददगार है। अतः प्रात:-सायं 5-7 कढ़ी पत्ते चबाकर अवश्य खा जाएं या 1-2 चम्मच इसका रस सेवन करें।

१६. असमय सफेद होने वाले बालों को काला करे कढ़ी पत्ता –कढ़ी पत्ता में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो विशेष औषधीय गुण लिए हैं। बालों की सुन्दरता, उन्हें झडऩे से रोकने और उन्हें सफेद होने से रोकने में कढ़ी पत्ता विशेष रूप से मददगार है। यह बालों के रोम को शक्ति देता है। कोई भी कारण हो, समय से पहले बाल सफेद होने पर कढ़ी पत्ते का सेवन विशेष उपयोगी है। कढ़ी पत्ते में विटामिन बी होता है जो बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान कर बालों की प्राकृतिक रंगत लौटाता है।

      *इसके नियमित सेवन से आपके बालो को काला होने में भी मदद मिलेगी।*

 *असमय सफेद होते हुए बालों को रोकने का आयुर्वेदिक उपचार प्रयोग करने का सही तरीका यह है कि आप इसके तेल से भी  अपने बालो की देखभाल अच्छे से कर सकते हैं। इस तेल को सप्ताह में एक या दो बार जरूर लगाएं।*

तेल बनाने की विधि :-कढ़ी पत्ते का एक गुच्छा लेकर उसे साफ पानी से धो लें और सूरज की धूप में तब तक सुखा लें, जब तक कि यह सूख कर कड़ा न हो जाए। फिर इसे पाउडर के रूप में पीस लें अब 200 एम एल नारियल के तेल में या फिर जैतून के तेल में लगभग 4 से 5 चम्मच कढ़ी पत्ते मिक्स कर के उबाल लें। दो मिनट के बाद आँच बंद कर, तेल को ठंडा होने के लिए रख दें। ततपश्चात तेल को छान कर किसी एयर टाइट शीशी में भर कर रख लें। प्रतिदीन सोने से पहले रोज रात को यह तेल लगाएं और इससे अपने सिर की अच्छे से मसाज भी करें। अगर इस तेल को हल्की आँच पर गरम कर के लगाया जाए तो जल्दी असर दिखेगा। अगली सुबह सिर को नैचुरल शैंपू से धो लें। इस ट्रीटमेंट को आप रोज या फिर हर दूसरे दिन आजमां सकते हैं।

    *इस हेयर टॉनिक को लगाने से आपके बालों की जितनी भी समस्‍या होगी वह सब दूर हो जाएगी।*

*कढ़ी पत्ते को आँवले के तेल में मिलाकर लगाने से भी यह बालों में टॉनिक का काम करता है।*

१७. बालों का गिरना,डेंड्रफ एवं जुओं हेतु कढ़ी पत्ता – लोग कढ़ी पत्ते का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन अभी भी कढ़ी पत्तों की खूबियों से अंजान हैं। कढ़ी पत्ते में काफी मात्रा में प्रोटीन और बीटा कैरोटीन नामक पोषक तत्व होते हैं। ये दोनों तत्व बालों को झडऩे और पतला होने से रोकता है। इसके अलावा इन पत्तियों में मौजूद एमिनो एसिड और एंटी ऑक्सिडेंट्स बालों की जड़ों को ताकत देते हैं। साथ ही डैंड्रफ दूर करने में भी कढ़ी पत्ता बहुत उपयोगी है।

    *अगर आपके बाल झड़ रहें हों या फिर अचानक सफेद होने लग गए हों तो कढ़ी पत्‍ता जरुर खाएं। इससे बाल मजबूत, लम्बे और चमकदार हो जाते हैं।*

      *अगर आपको कढ़ी पत्‍ता समूचा नहीं अच्‍छा लगता तो बाजार से उसका पाउडर खरीद लें और फिर उसे अपने भोजन में डाल कर खाएं।*

  *क्योंकि इसमें विटामिन बी1, बी3 और बी9 मौजूद होता है, साथ ही इसमें आयरन, फ़ॉस्फ़ोरस और कैल्शियम भी मौजूद होता है, जिसका सेवन करने से आपके बाल घने लम्बे और मजबूत बनते हैं।*

   *इसके अतिरिक्त यह आपके बालों में होने वाले डैंड्रफ को भी खत्म करता है। इसके तेल को नियमित लगाने से आपके बालों में जल्द ही फायदा मिलेगा। अतः उपरोक्त तेल सप्ताह में दो बार अवश्य लगाएं।*

        *इसके लिए आप अपनी अँगुलियों को सिर पर हल्के - हल्के घुमाते हुए सिर पर तेल फैलाएं। सिर धोने से 40 मिनट पहले यह तेल लगाएं। इस विधि से यह तेल सफेद हो रहे बालों को काला करने में मदद करेगा।*

   *इसके पत्तों का पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से जुओं से छुटकारा मिलता है।*

कढ़ी पत्ते को आँवले के तेल में मिलाकर लगाने से यह बालों में टॉनिक का काम करता है।

१८. कढ़ी पत्ता से रुखे-सूखे बालों का उपचार – कढ़ी पत्ता से तैयार उपरोक्त तेल, रुखे-सूखे और बेजान बालों की खूबसूरती लौटाने में फायदेमंद है

१९. बालों की पोषकता हेतु, दही और कढ़ी पत्ते का मिश्रण –कढ़ी पत्तों को कुछ मात्रा में लेकर दही के साथ पीसें। इस मिश्रण को अपने बालों में लगाकर कुछ देर बाद धो लें। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन आहार में कढ़ी पत्ते का सेवन भी बालों के लिए पोषकता प्रदान करता है।

२०. कढ़ी पत्ते से बना हेयर टॉनिक अत्यन्त लाभप्रद –कढ़ी पत्ते से बालों के लिए हेयर टॉनिक भी बना सकते हैं। इसे बनाने के लिए पत्तों को इतना उबालें कि वह पानी में घुल कर पानी का रंग हरा कर दे। इस टॉनिक को १५-२० मिनट तक अपने सिर पर लगाएं। हफ्ते में २ बार इस हेयर टॉनिक को बालों में लगाने से बालों को बहुत फायदा पहुंचता है।

          *कढ़ी पत्ते को नीम और शिकाकाई के साथ मिलाकर बालों पर लगाने से बालों की हर तरह की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।*

२१. नेत्र ज्योति वर्द्धक –कढ़ी पत्ता में पर्याप्त मात्रा में विटामिन A होता है। विटामिन A आँखों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से रतोंधी नामक बीमारी हो सकती है, आँखों की रोशनी भी कम हो सकती है और भी बहुत सी परेशानियां हो सकती हैं।

  *इसलिए आँखों की बीमारियों में इसका सेवन अत्यन्त लाभकारी हैं। कढ़ी के पत्ते जोकि नेत्र ज्योति को बढ़ाने में भी काफी सहायक हैं। यह भी माना जाता है कि यह कैटरैक्‍ट जैसी भंयकर बीमारी को भी दूर करता है।*

२२. त्वचा सम्बन्धी रोग, मुँहासे इत्यादि हेतु कढ़ी पत्ता –किसी भी तरह के त्वचा से सम्बन्धित रोग में कढ़ी पत्ता फायदेमंद है। यदि आप लम्बे समय से मुहाँसों या अन्य समस्याओं से परेशान हैं तो प्रतिदिन कुछ कढ़ी पत्ते अवश्य खाएं और इसका पेस्ट बनाकर उन पर लगाएं।

२३. त्वचा का जलना या कटना में सहायक कढ़ी पत्ता –कढ़ी पत्ते के पेस्ट को जले और कटे स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है। यह इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है।

२४. महिलाओं के मासिक धर्म की समस्याएं – मासिक धर्म के समय महिलाओं को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर कढ़ी पत्ते का सेवन किया जाये तो बहुत फायदा हो सकता है । आप अपने खाने में कढ़ी पत्ते का सेवन करें और इसके पत्तों को सुखाकर चूर्ण बना लें और सुबह शाम पानी के साथ सेवन करें इससे बहुत लाभ होगा।

२५. कीट-दंश नाशक कढ़ी पत्ता – यदि जहरीले कीड़े ने काट लिया हो तो इसके फलों तथा कढ़ी पत्ते को आँवले के तेल में मिलाकर लगाने से लाभ मिलता है।

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