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शंख भस्म

शंख भस्म के प्रचलित आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग आधुनिक वैद्य पित्त दोष शांत करने हेतु करते है | शंख भस्म जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत होता है यह शंख द्वारा बनायी जाती है | शंख भस्म मुख्य रूप से यकृत, लीवर और उदर रोगों में लाभ प्रदान करती है | शंख भस्म की पकृति क्षारीय होने से यह हाइपर एसिडिटी के उपचार में प्रमुख रूप से प्रयोग की जाती है |
शंख भस्म/Shankh Bhasma पेट में बनने वाले हाइड्रोक्लोराइड एसिड को अपने क्षारीय गुण द्वारा बेअसर कर देती है | जिससे रोगी को तुरंत आराम मिलने लगता है | गैस्ट्रिक अल्सर में शंख भस्म का प्रयोग विशेष रूप से लाभ प्रदान करता है | गैस्ट्रिक अल्सर और पेप्टिक अल्सर में शंख भस्म को अविपत्तिकर चूर्ण के साथ प्रयोग किया जाता है |
शंख भस्म के लाभ : –
विशेष रूप से शंख भस्म/Shankh Bhasma का प्रभाव हमारे पाचन संस्थान पर होता है | यह शरीर की पाचन क्रिया को मजबूत बनाती है | पित्त दोष दूर करने में यह एक चमत्कारी औषधि है | आइये जाने है शंख भस्म को किन-किन रोगों के उपचार में प्रयोग में लाया जा सकता है :
 पेट में एसिडिटी की समस्या दूर करने में शंख भस्म का प्रयोग किया जाता है | प्रथम दिन से ही एसिडिटी की समस्या में रोगी को लाभ मिलने लगता है |
 यकृत वृद्धि और तिल्ली वृद्धि में भी शंख भस्म का प्रयोग फायदा करता है |
 जिन लोगों को खाना खाने के बाद पेट में आफरा बन जाता है | पेट अधिक फूल जाता है उनके लिए शंख भस्म का प्रयोग लाभ प्रदान करने वाला है |
 पेट में एसिड की अधिकता होने से अक्सर भूख की कमी देखी गयी है | जिन लोगों को अपच के करना भूख कम लगती हो उन्हें शंख भस्म के प्रयोग से लाभ मिलता है |
 पेट में अल्सर हो जाने पर शंख भस्म द्वारा उपचार संभव है | अल्सर होने पर वैद्य शंख भस्म को अन्य औषधियों के साथ मिलाकर इसके सेवन की सलाह देते है |
 लम्बे समय तक पेट में एसिड अधिक बनने से यह खाने की नली को क्षतिग्रस्त कर देता है | इस स्थिति में पेट के एसिड लेवल को नियंत्रित कर खाने की नली का उपचार किया जाता है | रोगी की इस स्थिति को आधुनिक चिकिस्ता में GERD रोग कहा गया है |
 पतले दस्त आना और डायरिया जैसी समस्याओं में शंख भस्म का प्रयोग लाभ प्रदान करता है |
 जानकार वैद्य शंख भस्म का प्रयोग चेहरे के कील-मुहासे और फुंसिया दूर करने में भी करते है |
 वैद्य अपने अनुभव के आधार पर शंख भस्म का प्रयोग उपरोक्त रोगों के अतिरिक्त अन्य रोगों के उपचार में भी करते है |
शंख भस्म एक सुरक्षित औषधि है | इसका प्रयोग वैसे तो हानि रहित है, फिर भी औषधि का प्रयोग करने से पूर्व किसी अच्छे वैद्य द्वारा परामर्श लेना उचित होगा | शंख भस्म का प्रयोग लम्बी अवधि के लिए निरंतर नहीं करना चाहिए |

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