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मधुमेह (डायबिटीज)

मेरा दर्द हर परिवार अपने जीवन के आमदनी का 70 से 80 ℅ किसी न किसी बीमारी के इलाज में खर्च कर रहा है जिससे प्रतिवर्ष 2ढाई लाख परीवार प्रतिवर्ष गरीबी रेखा से नीचे जा रहे हैं मुख्य कारण है इलाज पर खर्च।
आजकल मधुमेह आम बीमारी हो गयी है। हर 10वाँ इंसान इस रोग के चपेट में है या आने वाला है।जब कोई इस रोग से ग्रसित होता है तो उस इंसान के भोजन में जितनी भी मीठी चीजे खाता है( चीनी,मिठाई,शक्कर,गुड़ आदि) वह ठीक प्रकार पचती नही है आर्थत अग्नाशय उचित मात्रा इन्सुलिन नही बनता इसलिये चीनी तत्व मुत्र मार्ग से सीधा निकलता है। जिन लोगो को चिंता,मोह,लालच,तनाव रहता है वे इस रोग से ग्रसित होते हैं। शुरू मे इस रोग में भूख अधिक लगती है धीरे धीरे भूख कम हो जाती है, शरीर सूखने लगता है, कब्ज की शिकायत , वजन कम होना, अधिक पेशाब आना , व जख्म का न भरना इसके लक्षण है।

घरेलू व रामबाण इलाज:-
अनुवांशिक होने पर परहेज व उपचार ही सन्तुलित (रोक)रखता है अनुवांशिक न होने पर इसका जड़मूल से इलाज है ।

भस्त्रिका 10 मिंट अनुलोम विलोम 10 मिंट कपालभाती 30 मिंट इन तीन प्रणायाम के साथ इन घरेलू उपाय में किसी एक के नियमित के साथ यम नियम का पालन कर इस रोग को नष्ट किया जा सकता है

  1. देशी गौमूत्र प्रतिदिन 1 कप सेवन से एक वर्ष में ही खात्मा।
  2. जामुन सर्वोत्तम औषधि है। इसका फल, इसकी गुठली का चूर्ण, व हरे पत्तो की चटनी ।
  3. टमाटर का सूप या कच्चा टमाटर, टमाटर की चटनी व टमाटर की खटाई का सेवन लाभदायक होता है।
    4.भिंडी का पानी (3 4 भिंडी को दो भाग कर एक गिलास पानी मे रात को भिगो दें सुबह इस पानी को भोजन के 1 घण्टे बाद पिये ) 7 दिन इससे इसकी अधिकता कम हो जाती है।
    5.पान के साथ चार रति बंग भस्म लेने से दूर होता है।
  4. प्रातः काल 20 ग्राम गिलोय व बराबर शहद लेना लाभकारी होता है।
    7.प्रतिदिन रात्रि विश्राम से पहले शहद के साथ त्रिफला लेना
    8.जौ व चने की बराबर मात्रा के आटे की रोटी लाभदायक
    9.आँवले का काढ़ा में हल्दी व शहद मिलाकर पीना चाहिये
  5. नागोरी,असंगध,विधरा की बराबर मात्रा का चूर्ण मिश्री युक्त देशी गाय का दूध के साथ सर्वोत्तम
    11.मेथी की सब्जी, इसके बीजों के चूर्ण की फंकी व इसके 2 चम्मच दानों को एक गिलास पानी मे रात को भिगोकर सुबह पानी का पीना व दानों को चबा कर खाना अति उत्तम रहेगा
  6. मूली का नियमित सेवन व मूली,गाजर,पालक का मिश्रित रस में जीरा व सेंधा या काला नमक मिलाकर पीना चाहिये
    13.प्रातः काल बेलपत्र की 5 6 कोमल पत्ति को चबा कर रस का सेवन
  7. प्रातः काल करेले,बेल पत्र का मिश्रित रस में काली मिर्च, भुना जीरा व 2 3 चम्मच शहद मिलाकर शर्बत पीना
    15.100ग्राम बरगद की छाल को 2 लीटर पानी मे उबले पानी एक चौथाई रहने पर छानकर पीने से रोग में तत्काल आराम मिलता है
  8. जामुन की गुठली का चूर्ण,सौठ,गुड़मार बूटी की बराबर मात्रा का चूर्ण ग्वारपाठे(एलोवेरा) के रस में चटनी जैसा बनाकर शहद के साथ चाटना लाभदायक होता है।
  9. प्रातः काल 10 12 निम की कोमल पत्ती को चबाने व निम के दातुन का उपयोग करना चाहिये
    18.पिसी हुई हल्दी को शहद के साथ चाटना चाहिये
  10. कच्चे केले की सब्जी खानी चाहिए
    20.त्रिफला चूर्ण में बराबर मेथी चूर्ण को मिलाकर 2 चम्मच प्रातः काल गुनगुने जल से लेना चाहिए
  11. गिलोय,आँवला व गोरखु की बराबर मात्रा का चूर्ण एक एक चम्मच शहद के साथ सुबह दोपहर,शाम लेना लाभकारी होता है
    22.करेले के पत्तों का रस लेना चाहिए
  12. लौकी का जूस तुलसी,धनिया,पुदीना युक्त लाभदायक होता है।
    24.मधुमेह नाशक चूर्ण बनाकर सेवन कर सकते है जामुन गुठली का चूर्ण 100 ग्राम
    करेला चूर्ण 100 ग्राम,निम निम्बोली चूर्ण 100 ग्राम,तेजपत्ता चूर्ण 100 ग्राम,मेथी दाना चूर्ण 100 ग्राम व बेलपत्र चूर्ण 250 ग्राम मिलाकर(वाग्भट्ट आयुर्वेदा की मधुमेह रक्षक चूर्ण)
    प्रतिदिन भोजन के आधे घण्टे पहले या बाद में 2 चम्मच मुह में ले इसे लार के साथ घुल कर जाने दे बाद में गुनगुना पानी पी लें । इसके लगातर 3 महीने के सेवन से मधुमेह का नाश होता है।
  13. बादाम चूर्ण 100 ग्राम
    भुना चना चूर्ण 100 ग्राम,व इंद्र जौ चूर्ण 100 ग्राम मिलाकर
    प्रतिदिन भोजन के आधे घण्टे पहले या बाद में 1 चम्मच मुह में ले इसे लार के साथ घुल कर जाने दे बाद में गुनगुना पानी पी लें । इसके लगातर 3 महीने के सेवन से मधुमेह का नाश होता है।

परहेज व अन्य उपयोगी बाते

  1. रात्रि भोजन नही करना चाहिये शाम 7 बजे से पहले ही कर ले
  2. रात्रि भोजन के बाद 10 से 20 मिंट वज्रासन व बैठे व 1000 कदम चले भोजन के 1 से डेढ़ घण्टे बाद विश्राम करें पहले 20 मिंट बायीं करबट सोये।
    3.भगवान की बनी मीठी वस्तुएं खा सकते हैं इंसान के हाथों की बनी (चीनी या चीनी से बनी कोई) नही खा सकते है।
  3. मिट्टी के बर्तन का बना भोजन करे तो सर्वोत्तम
  4. पानी के सूत्रों व अन्य आयुर्वेदिक यम नियम का पालन करे
    जय माता दी
    स्वस्थ व समृद्ध भारत निर्माण हेतु
    एक अपील अनुरोध आग्रह विनती

स्वथ्य शरीर से धन कमाया जा सकता है लेकिन धन से स्वथ्य शरीर नहीँ

आप से बेहतर आप के शरीर को कोई नही जान सकता

85% रोगों का इलाज आप स्वम कर सकते हैं

आपको अपने भोजन को पहचानने की जरूरत है
साथ ही ये नियम का पालन करे

  1. खाना खाने के 90 मिनट बाद पानी पिये
  2. फ्रीज या बर्फ (ठंडा) का पानी न पिये
  3. पानी को हमेशा घुट घुट कर पिये ( गर्म दूध की तरह)
  4. सुबह उठते ही बिना कुल्ला किये गुनगुना पानी पिये
    5.खाना खाने से 48 मिनट पहले पानी पिये
  5. सुबह में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो जूस पिये
  6. दोपहर में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो मठ्ठा पिये
  7. रात्रि में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो दूध पिये
  8. उरद की दाल के साथ दही न खाए (उरद की दाल का दही बडा )
    10.हमेशा दक्षिण या पूर्व में सर करके सोये
  9. खाना हमेशा जमीन पर सुखासन में बैठ कर खाये
  10. अलमुनियम के बर्तन का बना खाना न खाए(प्रेशर कुकर का )
    13.कभी भी मूत्र मल जम्हाई प्यास छिक नींद इस तरह के 13 वेग को न रोकें
  11. दूध को खड़े हो कर पानी को बैठ कर पिये
  12. मैदा चीनी रिफाइंड तेल और सफेद नमक का प्रयोग न करे ( इसकी जगह पर गुड , काला या सेंधा नमक का प्रयोग करे)

आप से विनती है कि आप ऊपर के पांच नियम का पालन जरूर करेंगे क्योंकि स्वथ्य शरीर बहुत ही ज्यादा कीमती है

स्वथ्य शरीर से पैसा और खुशियाँ पाया जा सकता है लेकिन पैसा और समय से स्वस्थ शरीर नहीं

अब आप को स्वयं चिकसक बनने की जरूरत है

आप अपने शरीर को जितना जानते हैं उतना डॉक्टर नही

आप अपने सगे संबंधियों व जाने अनजाने दोस्तों अर्थात हर इंसान तक इस संदेश को पहुँचाये।
6.मौसम के फल व सब्जी व सलाद ही खाये

  1. बिना छिलके बाली दाल न खाए
  2. मिक्स दाल, मिक्स सब्जी न खाएं
  3. भोजन में पहले मीठा बाद में खट्टे का उपयोग करें
  4. भोजन के बाद निम्बू रस 2 3 बून्द जरूर पिये
    11.कुकर,फ्रिज,माइक्रो ओवन की रखी वस्तु न खायें
    12.दूध व दूध की बनी वस्तु न खायें
  5. नास्ते के समय भरपेट भोजन करे । दोपहर या शाम को गुड़ मूंगफली,गुड़ चना, व अंकुरित अनाज का सेवन करें
    14.हमेशा भोजन में मौटा अनाज का सेवन करे
  6. जीवन मे कभी ये रोग किसी को न हो इसके लिए हमेशा पहले मिठी वस्तुये खाये बाद में खट्टा ।
      मधुमेह

डॉ. वेद प्रकाश मधुमेह होने के कई कारण बताते हैं जैसे_शारीरिक परिश्रम न करना,ज्यादा खाना, उल्टा सीधा खाना, मिठाई ज्यादा खाना

जबकि इस रोग के निम्न लक्षण. हैं__ रोगी के मूत्र मे शक्कर जाने लगती है ! उस शक्कर को द्वारा शरीर के उपयोगी पदार्थ निकलने लगते हैं जिससे रोगी का शरीर. धीरे धीरे कमजोर हो जाता है ! रोगी को बार बार पेशाब आने लगता है, अनिन्द्रा, भूख की कमी, प्यास अधिक व बेचैनी आदि

मधुमेह रोगियों के उपचार के लिए डॉ.वेद प्रकाश(8051556455)कि किसी भी होमियोपैथिक दवा दुकान से निम्न दवा का मूल अर्क लाकर सभी को एक मे मिला लें फिर इससे 15 बून्द दिन मे 4 बार आधा कप पानी के साथ लें ! ऐसा करने से काफी लाभ मिलता है वो भी बिना किसी नुकसान के __सिजिजियम जम्बोलियम. Q 15ml + एब्रोमा ऑगस्टा Q. 15ml +जिम्नेमा सिल. Q 15ml + एसिड फॉस Q 15ml

ऐसे रोगियों को चावल, आलू,चीनी, गुड़ , मैदा, तेल, अण्डा, मॉस, धुम्रपान, तेज मिर्च मसाला,आदि का प्रयोग बन्द कर दें ! भोग विलास से दूर रहें,
यह मैसेज को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाएँ जिससे ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य लाभ हो सके ! अधिक जानकारी या प्रत्येक दिन होमियो टिप्स के लिए संपर्क करें __8051556455

होमेओपेथी के लिये परम् आदरणीय डॉक्टर वेद प्रकाश जी से रात्रि 9 बजे के बाद कलम कॉपी के साथ सम्पर्क करें (8709871868)

अमर शहीद राष्ट्रगुरु, आयुर्वेदज्ञाता, होमियोपैथी ज्ञाता स्वर्गीय भाई राजीव दीक्षित जी के सपनो (स्वस्थ व समृद्ध भारत) को पूरा करने हेतु अपना समय दान दें

मेरी दिल की तम्मना है हर इंसान का स्वस्थ स्वास्थ्य के हेतु समृद्धि का नाश न हो इसलिये इन ज्ञान को अपनाकर अपना व औरो का स्वस्थ व समृद्धि बचाये। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और जो भाई बहन इन सामाजिक मीडिया से दूर हैं उन्हें आप व्यक्तिगत रूप से ज्ञान दें।

सभी मित्रों व इस लेख को पढ़ने वालों से आग्रह पुर्वक विनती है इस ज्ञान को शेयर करे जिससे हमारे आपके जानकारों का स्वस्थ व समद्धि की रक्षा हो जिससे हमारा देश स्वस्थ व समृद्व बने।

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