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डायबिटीज और रहस्य

आपने एक बात अवश्य गौर की होगी। अस्पताल में भर्ती रोगी को जब 25 से 40 यूनिट तक इंसुलिन दी जाती है, फिर भी उसके रक्त में ग्लूकोज का लेवल लगातार ऊपर-नीचे ( Flactualate) करता है। इंसुलिन की इतनी भारी डोज देने के बावजूद रक्त में ग्लूकोज लेवल शीघ्र नियंत्रण में नहीं आता। किंतु ऐसे अनेक मधुमेह रोगियों को, जिन्हें अस्पताल की जगह घर पर रख, अपना सामान्य कामकाज जारी रखते हुए अथवा नियमित रूप में प्रातः सांय की सैर जारी रखने या जौगिंग तथा कुछ योग क्रियाओं का अभ्यास जारी रखने की सलाह दी जाती है, तो उनका मधुमेह रोग, उनके रक्त का बढ़ा हुआ ग्लूकोज स्तर इंसुलिन की कम डोज, यहां तक कि 10-12 यूनिट से ही शीघ्र नियंत्रण में आने लगता है।
इस अनुभव से एक ही बात बार-बार साबित होती है, डायबिटीज और हृदय जन्य अन्य रोगों के लिए दवा से ज्यादा महत्व शारीरिक सक्रियता, शारीरि श्रम और मांसपेशियों सक्रियता का रहता है। अतः इनका महत्व उपचार में औषधि से ज्यादा दिया जाए। क्योंकि ऐसी पेशिय सक्रियता से उनके सभी अंग तथा महत्वपूर्ण ग्रन्थियों की कार्य क्षमता अपने उच्च स्तर पर बनी रहती है।
दरअसल, नियमित रूप में 5 किमी की तीव्र गति की सैर और नियमित योग अभ्यास से न केवल व्यक्ति की शारीरिक पेशियां स्वस्थ्य-सक्रिय बनी रहती है, बल्कि उनके शरीर में पाचन-अवषोषण से लेकर उत्सर्जन और अंतःस्त्रावी ग्रथियों तक के कार्य अपने सहज, सामन्य रूप में बने रहते है। इसलिए ऐसी शारीरिक क्रियाएं उसकी बीमारियों पर भी यथाशाघ्र नियंत्रण पाने में मदद करती है।
शारीरिक सक्रियता और श्रम साध्य कार्य शारीरिक पेशिय क्षमता, हृदय, यकृत, फुफ्फस, और अन्य अंगों की कार्य क्षमता को सामान्य स्तर पर बनाये रखने में सहायक है। इससे शरीर में समस्त जरूरी पदार्थ का सामान्य नियमन बना रहता है।

इसलिए डायबिटीज और हृदय रोगियों, आथ्र्रराइटिस तथा अन्य रोगों के दौरान शारीरिक सक्रियता एंव श्रम साध्य कार्य का अपना विशेष महत्व रहता है। डायबिटीज जैसे अनेक रोंगों में बीसीएम जैसी मशीन ( BCM Machine OR Blood ciculatory Massanger Machine) का अपना महत्व रहता है। बीसीएम मशीन पर 15 मिनट तक अभ्यास 5 किमी की तीव्र गति की सैर ( Fast walking and Joking) एंव एक घंटे की तीव्र पेशीय सक्रियता अथवा योगासन के नियमित अभ्यास का एक जैसा प्रभाव ही साबित होता है।
दरअसल, आधे घंटे के योग अभ्यास और एक घंटे की तीव्र गति की सैर एंव जोगिंग जैसी क्रियाओं को जो परिणाम रहता है, वही परिणाम बी-सी-एम- नामक इस हाई टेक हैज्थ मशीन से सहज मिल जाता है। इसलिए यूएसए की एफढभ्ए और सीइ ( ADF AND CE) जैसी संस्थानों से इसे अपनी मान्यता प्रदान की है तथा यह मशीन सात से अधिक अंतराष्ट्ीय अवार्ड तक भी प्राप्त कर चुकी है। इस मशीन का प्रयोग 157 से अधिक देशों में स्वास्थ्य रक्षण के साथ-साथ डायबिटीज व हृदय संबंधी चिकित्सा में सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
मधुमेह मुक्त भारत.9878507659

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