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🍁किस चीज की कमी के कारण कौन सा रोग होता है

🔸1.रोगी के रोग की चिकित्सा करने वाले निकृष्ट , रोग के कारणों की चिकित्सा करने वाले औसत और रोग-मुक्त रखने वाले श्रेष्ठ चिकित्सक होते हैं ।
अष्ट्रांग ह्रदयम्

🔸2. लकवा- सोडियम की कमी के कारण होता है ।

🔸3. हाई बी पी में –  स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करें ।

🔸4. लो बी पी – सेंधा नमक
डालकर पानी पीयें ।

🔸5. कूबड़ निकलना-
फास्फोरस की कमी ।

🔸6. कफ – फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है गुड़ व शहद खाएं ।

🔸7. दमा, अस्थमा – सल्फर की कमी ।

🔸8. सिजेरियन आपरेशन –
आयरन , कैल्शियम की कमी ।

🔸9. सभी क्षारीय वस्तुएं दिन
डूबने के बाद खायें ।

🔸10. अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें ।

🔸11. जम्भाई – शरीर में
आक्सीजन की कमी ।

🔸12. जुकाम – जो प्रातः काल
जूस पीते हैं वो उस में काला
नमक व अदरक डालकर पियें ।

🔸13. ताम्बे का पानी – प्रातः
खड़े होकर नंगे पाँव पानी
ना पियें ।

🔸14.  किडनी – भूलकर भी
खड़े होकर गिलास का पानी
ना पिये ।

🔸15. गिलास एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें,  लोटे का कम  सर्फेसटेन्स होता है ।

🔸16. अस्थमा , मधुमेह , कैंसर से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।

🔸17. वास्तु के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।

🔸18. परम्परायें वहीं विकसित होगी जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगी।

🔸19. पथरी – अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर होती है । 

🔸20. RO का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए सहजन की फली सबसे बेहतर है ।

🔸21. सोकर उठते समय हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का स्वर चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।

🔸22. पेट के बल सोने से हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है । 

🔸23.  भोजन के लिए पूर्व दिशा , पढाई के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।

🔸24.  HDL बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।

🔸25. गैस की समस्या होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।

🔸26.  चीनी के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से पित्त बढ़ता है । 

🔸27.  शुक्रोज हजम नहीं होता है फ्रेक्टोज हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।

🔸28. वात के असर में नींद कम आती है ।

🔸29.  कफ के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।

🔸30. कफ के असर में पढाई कम होती है ।

🔸31. पित्त के असर में पढाई अधिक होती है ।

🔸32. योग-प्राणायाम-  कफ प्रवृति वालों को नहीं करना चाहिए , वात प्रवृति वालों को थोड़ा,  पित्त प्रवृति वालों को ज्यादा करना चाहिए । 
🔸33.  आँखों के रोग – कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।

🔸34. शाम को वात- नाशक चीजें खानी चाहिए ।

🔸35. पित्त प्रवृति वालों को प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए ।

🔸36. सोते समय रक्त दबाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।

🔸37. व्यायाम – वात रोगियों के लिए मालिश के बाद व्यायाम , पित्त वालों को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । कफ के लोगों को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।

🔸38. भारत की जलवायु वात प्रकृति की है दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।

🔸39. जो माताएं घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं है ।

🔸40. निद्रा से पित्त शांत होता है मालिश से वायु शांति होती है , उल्टी से कफ शांत होता है तथा उपवास ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।

🔸41.  भारी वस्तुएँ शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।

🔸42. दुनियां के महान वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टाईन हों।

🔸43. माँस खाने वालों के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।

🔸44. तेल हमेशा लकड़ी की गाणी का और गाढ़ा खाना चाहिए , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।

🔸45. छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है । 

🔸46. कोलेस्ट्रोल की बढ़ी हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।

🔸47. मिर्गी दौरे में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए ।

🔸48. सिरदर्द में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।

🔸49. भोजन के पहले मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है । 

🔸50. भोजन के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें । 

🔸51. अवसाद में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड़ और अमरुद में अधिक है । 

🔸52.  पीले केले में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोड़ा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमें कैल्शियम अधिक होता है।

🔸53.  छोटे केले में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है।

🔸54. रसौली की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।

🔸55.  हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।

🔸56. एंटी टिटनेस के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें ।

🔸57. ऐसी चोट जिसमें खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चों को एक बूंद पानी में डालकर दें ।

🔸58. मोटे लोगों में कैल्शियम की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।

🔸59. अस्थमा में नारियल दें । नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है दालचीनी +गुड़ +नारियल दें।

🔸60. चूना बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है । 

🔸61.  दूध का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।

🔸62.  गाय का घी सबसे अधिक पित्तवर्धक व कफ व वायुनाशक है । 

🔸63.  जिस भोजन में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए । जैसे – प्रेशर कूकर का पका खाना।

🔸64.  गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।

🔸65.  गाय के दूध में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।

🔸66.  मासिक के दौरान वायु बढ़ जाता है , ३-४ दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे  गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।

🔸67. रात में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।

🔸68. भोजन के बाद वज्राशन में बैठने से वात नियंत्रित होता है ।

🔸69. भोजन के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।

🔸70. अजवाईन अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है ।

🔸71. अगर पेट में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें ।

🔸72. कब्ज होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए । 

🔸73. रास्ता चलने, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए । 

🔸74. जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है । 

🔸75.  बिना कैल्शियम की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।
🔸76. स्वस्थ व्यक्ति सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।

🔸77. भोजन करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।

🔸78. सुबह के नाश्ते में फल , दोपहर को दही व रात्रि को दूध का सेवन करना चाहिए ।

🔸79. रात्रि को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए जैसे – दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि ।

🔸80.  शौच और भोजन के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी बंद रक्खें।

🔸81. मासिक चक्र के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए ।

🔸82. जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।

🔸83. जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।

🔸84. एलोपैथी ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है ।

🔸85. खाने की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है ।

🔸86 . रंगों द्वारा चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ….. अंत में लाल रंग ।

🔸87. छोटे बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए ।

🔸88. जो सूर्य निकलने के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है ।

🔸89. बिना शरीर की गंदगी निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं ।

🔸90. चिंता , क्रोध , ईष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।
🔸91.  गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।

🔸92. प्रसव के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चों को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती  है ।

🔸93. रात को सोते समय सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा ।

🔸94. दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए ।

🔸95. जो अपने दुखों को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है ,वही मोक्ष का अधिकारी है ।

🔸96. सोने से आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है ।

🔸97. स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है ।

🔸98 . तेज धूप में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है ।

🔸99. त्रिफला अमृत है जिससे वात, पित्त , कफ तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना । देशी गाय का घी , गौ-मूत्र भी त्रिदोष नाशक है ।

🔸100. इस विश्व की सबसे मँहगी दवा लार है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है , इसे ना थूके ।


                  

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