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सोरियासिस(Psoriasis) रोग के घरेलू उपाय
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इस रोग में चमडी मोटी होने लगती है और उस पर खुरंड और पपडियां उत्पन्न हो जाती हैं। ये पपडिया सफ़ेद चमकीली हो सकती हैं। इस रोग के भयानक रुप में पूरा शरीर मोटी लाल रंग की पपडीदार चमडी से ढक जाता है। यह रोग अधिकतर केहुनी,घुटनों और खोपडी पर होता है। यह रोग वैसे तो किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन देखने में ऐसा आया है कि १० वर्ष से कम आयु में यह रोग बहुत कम होता है। १५ से ४० की उम्र वालों में यह रोग ज्यादा प्रचलित है। यह रोग आनुवांशिक भी होता है जो पीढी दर पीढी चलता रहता है।

1◆ बादाम १० नग का पावडर बनाले। इसे पानी में उबालें। यह दवा सोरियासिस रोग की जगह पर लगावें। रात भर लगी रहने के बाद सुबह मे पानी से धो डालें।

2◆ एक चम्मच चंदन का पावडर लें।इसे आधा लिटर में पानी मे उबालें। तीसरा हिस्सा रहने पर उतारलें। अब इसमें थोडा गुलाब जल और शकर मिला दें। यह दवा दिन में ३ बार पियें।

3◆ पत्ता गोभी सोरियासिस में अच्छा प्रभाव दिखाता है। उपर का पत्ता लें। इसे पानी से धोलें।हथेली से दबाकर सपाट कर लें।इसे थोडा सा गरम करके प्रभावित हिस्से पर रखकर उपर सूती कपडा लपेट दें। यह उपचार लम्बे समय तक दिन में दो बार करने से जबर्दस्त फ़ायदा होता है।

4◆ पत्ता गोभी का सूप सुबह शाम पीने से सोरियासिस में लाभ होता है।

5◆ नींबू के रस में थोडा पानी मिलाकर रोग स्थल पर लगाने से सुकून मिलता है।
नींबू का रस तीन घंटे के अंतर से दिन में ५ बार पीते रहने से छाल रोग ठीक होने लगता है।

6◆ शिकाकाई पानी मे उबालकर रोग के धब्बों पर लगाये।

7◆ केले का पत्ता लगा कर ऊपर कपडा लपेटें। फ़ायदा होगा।

8◆ पीडित भाग को नमक मिले पानी से धोना चाहिये।

9◆ इस रोग को ठीक करने के लिये जीवन शैली में बदलाव करना जरूरी है। सर्दी के दिनों में ३ लीटर और गर्मी के मौसम मे 5 से 6 लीटर पानी पीने की आदत बनावें। इससे विजातीय पदार्थ शरीर से बाहर निकलेंगे।

10◆ सोरियासिस चिकित्सा का एक नियम यह है कि रोगी को 10 से 15 दिन तक सिर्फ़ फ़लाहार पर रखना चाहिये। उसके बाद दूध और फ़लों का रस चालू करना चाहिये।

11◆ रोगी के कब्ज निवारण के लिये गुन गुने पानी का एनीमा देना चाहिये। इससे रोग की तीव्रता घट जाती है।

12◆ अपरस वाले भाग को नमक मिले पानी से धोना चाहिये फ़िर उस भाग पर जेतुन का तेल लगाना चहिये।

13◆ खाने में नमक वर्जित है।
स्पेशल औषधियां == आप कोरीयर से दवाई मंगवा सकते है ।
पंचतिक्तघृत गुगल — 2 सुबह – 2 शाम
देशी घी – 4 चम्मच सुबह – शाम
दूध – एक गिलास गर्म यह सुबह शाम खाली पेट ले यानी खाना खाने से एक घन्टा पहलें ।
खदिरारीष्ट + महामजिष्ठादिरिष्ट, 4 – 4 चम्मच बराबर पानी से लें । खाना खाने के आधा घन्टे बाद ।
स्पे. आरोग्यवर्धिनी बटी – 10 ग्राम
स्पे. गधंक रसायन – 10 ग्राम
रसमाणिक्य – 5 ग्राम
प्रवाल पिष्टि – 5 ग्राम लें सबसे पहले रसमाणिक्य खरल में डाल कर पीस लें फिर दोनो टेबलेट पीस कर प्रवालपिष्टि मिलाकर रख लें और कागज़ की 20 पुड़िया बना ले । 1 सुबह और शाम को ले ।
महामरीचयादि तेल —- लगाने के लिए ।
सबसे पहलें अपना पेट साफ़ अवश्य कर ले ।
नोट : अपने निजी डॉ. की सलाह से ले ।

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