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अंक और उनके स्वामी ग्रह
ज्योतिष में 9 ग्रह माने जाते हैं इस प्रकार सभी 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 अंकों के स्वामी अलग-अलग ग्रह माने जाते हैं।

1 अंक के स्वामी – 1 अंक के स्वामी सूर्य ग्रह माने जाते हैं। सूर्य ग्रह राशि चक्र की सिंह राशि से स्वामि भी हैं। जिन जातकों का जन्म 01, 10, 19 या 28 तारीख को हुआ है उनका मूलांक 1 होता है एवं इनके मूलांक स्वामी सूर्य हैं।

2 अंक के स्वामी – 2 अंक के स्वामी अंक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा हैं। जिन जातकों का जन्म 02, 11, 20 या 29 तिथि को हुआ है उनका मूलांक 2 बनता है इसके अनुसार आपके स्वामी चंद्रमा हैं। चंद्रमा राशि चक्र में कर्क राशि के स्वामी माने जाते हैं।

3 अंक के स्वामी – 2 अंक के स्वामी देवगुरु ग्रह बृहस्पति माने जाते हैं। जो जातक 03, 12, 21 या 30 तारीख को पैदा हुए हैं उनका मूलांक 3 है और इनके मूलांक स्वामी बृहस्पति हैं।

4 अंक के स्वामी – जिन जातकों का जन्म 04, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ हो उनका मूलांक 4 होता है जिसके स्वामी नेपच्युन यानि राहू माने जाते हैं। राहू को ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह माना जाता है। इन्हें राशि चक्र की किसी भी राशि का स्वामित्व नहीं है एवं राहू जन्म से वक्री ग्रह माने जाते हैं।

5 अंक के स्वामी – जो जातक 05, 14 या 23 तारीख को जन्मे हैं उनका मूलांक 5 होगा। 5 अंक बुध का अंक माना जाता है। बुध राशि चक्र की मिथुन व कन्या राशियों के स्वामी माने जाते हैं।

6 अंक के स्वामी – 06, 15 और 24 तारीख को जन्में जातकों का मूलांक 6 होता है। 6 अंक के स्वामी शुक्र माने जाते हैं। शुक्र राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ और सातवीं राशि तुला के स्वामी भी हैं।

7 अंक के स्वामी – 07, 16 एवं 25 तारीख को जन्में जातकों का मूलांक 7 है इस अंक के स्वामी केतु माने जाते हैं। केतु भी राहू के ठीक विपरीत सिरे पर वक्री होकर गोचर करते हैं। इन्हें भी छाया ग्रह माना जाता है और राशि चक्र की किसी भी राशि के स्वामी ये नहीं हैं।

8 अंक के स्वामी – 8 अंक शनिदेव का अंक है। शनिदेव राशिचक्र की दसवीं और ग्यारहवीं राशि मकर व कुंभ के स्वामी माने जाते हैं। जो जातक 8, 17 या 26 तारीख को जन्में हैं उनका मूलांक 8 बनता है।

9 अंक के स्वामी – 9 अंक के स्वामी युद्ध के देवता मंगल माने जाते हैं। राशि चक्र की प्रथम राशि मेष व आठवीं राशि वृश्चिक के स्वामी भी मंगल हैं। जिन जातकों का जन्म 09, 18 या 27 तारीख को हुआ हो उनका मूलांक 9 व मूलांक स्वामी मंगल होते हैं।

इसी प्रकार यदि जातक का भाग्यांक भी 1 से लेकर 9 तक जो भी अंक हो उसके भाग्यांक स्वामी उस अंक का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह होगा। उदाहरण के लिये यदि आपका भाग्यांक 1 बनता है तो आपके भाग्यांक स्वामी सूर्य होंगे।
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दिन
अंक 1 के लिये शुभ दिन रविवार का होता है

अंक 2 के लिये सोमवार का दिन सौभाग्यशाली माना जाता है।

अंक 3 के लिये बृहस्पतिवार यानि गुरुवार का दिन शुभ माना जाता है।

अंक 4 के लिये शनिवार काफी शुभ दिन कहा जा सकता है।

अंक 5 के लिये बुधवार का दिन खास होता है।

अंक 6 के लिये शुक्रवार का दिन विशेष सौभाग्यशाली कहा जा सकता है।

अंक 7 के लिये रविवार का दिन अच्छा होता है।

अंक 8 के लिये शनिवार का दिन शुभ माना जाता है।

अंक 9 के लिये मंगलवार का दिन सौभाग्यशाली कहा जा सकता है।
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क्या है अंक ज्योतिष ?
अंक ज्योतिष वास्तव में अंकों और ज्योतिषीय तथ्यों का मेल कहलाता है। अर्थात अंकों का ज्योतिषीय तथ्यों के साथ मेल करके व्यक्ति के भविष्य की जानकारी देना ही अंक ज्योतिष कहलाती है। जैसे कि आप सभी इस बात से भली भाँती अवगत होंगें कि अंक 1 से 9 होते हैं। इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र मुख्य रूप से तीन मुख्य तत्वों पर आधारित होते हैं: ग्रह, राशि और नक्षत्र। लिहाजा अंक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का मिलान सभी नौ ग्रहों, बारह राशियां और 27 नक्षत्रों के आधार पर किया जाता है। वैसे देखा जाए तो व्यक्ति के अमूमन सभी कार्य अंकों के आधार पर ही किये जाते हैं। अंक के द्वारा ही साल, महीना, दिन, घंटा, मिनट और सेकंड जैसी आवश्यक चीजों को व्यक्त किया जाता है।

अंक ज्योतिष का इतिहास
जहाँ तक अंक ज्योतिष के इतिहास की बात है तो आपको बता दें कि इसका प्रयोग मिस्र में आज से तक़रीबन 10,000 वर्ष पूर्व से किया जाता आ रहा है। मिस्र के मशहूर गणितज्ञ पाइथागोरस ने सबसे पहले अंको के महत्व के बारे में दुनिया को बताया था। उन्होनें कहा था कि “अंक ही ब्रह्मांड पर राज करते हैं।” अर्थात अंकों का ही महत्व संसार में सबसे ज्यादा है। प्राचीन काल में अंक शास्त्र की जानकारी खासतौर से भारतीय, ग्रीक, मिस्र, हिब्रु और चीनियों को थी। भारत में प्रचीन ग्रंथ “स्वरोदम शास्त्र” के ज़रिये अंक शास्त्र के विशेष उपयोग के बारे में बताया गया है। प्राचीन क़ालीन साक्ष्यों और अंक शास्त्र के विद्वानों की माने तो, इस विशिष्ट शास्त्र का प्रारंभ हिब्रु मूलाक्षरों से हुआ था। उस वक़्त अंक ज्योतिष विशेष रूप से हिब्रु भाषी लोगों का ही विषय हुआ करता था। साक्ष्यों की माने तो दुनियाभर में अंक शास्त्र को विकसित करने में मिस्र की जिप्सी जनजाति का सबसे अहम योगदान रहा है।

क्यों क्या जाता है अंक ज्योतिष का प्रयोग ?
अंक ज्योतिष का प्रयोग विशेष रूप से अंकों के माध्यम से व्यक्ति के भविष्य की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाती है। अंक ज्योतिष में की जाने वाली भविष्य की गणना विशेष रूप से ज्योतिषशास्त्र में अंकित नव ग्रहों (सूर्य, चंद्र, गुरु, राहु, केतु, बुध, शुक्र, शनि और मंगल) के साथ मिलाप करके की जाती है। 1 से 9 तक के प्रत्येक अंकों को 9 ग्रहों का प्रतिरूप माना जाता है, इसके आधार पर ही ये जानकारी प्राप्त की जाती है कि किस ग्रह पर किस अंक का असर है। जातक के जन्म के बाद ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही उसके व्यक्तित्व की जानकारी प्राप्त की जाती है। जन्म के दौरान ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही जातक का व्यक्तित्व निर्धारित होता है। प्रत्येक व्यक्ति के जन्म के समय एक प्राथमिक और एक द्वितीयक ग्रह उस पर शासन करता है। इसलिए, जन्म के बाद जातक पर उस अंक का प्रभाव सबसे अधिक होता है, और यही अंक उसका स्वामी कहलाता है। व्यक्ति के अंदर मौजूद सभी गुण जैसे की उसकी सोच, तर्क शक्ति, दर्शन, इच्छा, द्वेष, स्वास्थ्य और करियर आदि अंक शास्त्र के अंकों और उसके साथी ग्रह से प्रभावित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि दो व्यक्तियों का मूलांक एक ही हो तो दोनों के बीच परस्पर तालमेल अच्छा होता है।

अंकशास्त्र का महत्व
ज्योतिषशास्त्र की तरह ही अंक शास्त्र का भी महत्व ज्यादा होता है। इस विशेष विद्या के ज़रिये व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी जानकारी को हासिल किया जा सकता है। अंक ज्योतिष या अंक शास्त्र की मदद से किसी व्यक्ति में विधमान गुण, अवगुण, व्यवहार और विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके माध्यम से शादी से पहले भावी पति पत्नी का मूलांक निकालकर उनके गुणों का मिलान भी किया जा सकता है। आजकल देखा गया है कि अंकशास्त्र का प्रयोग वास्तुशास्त्र में भी करते हैं। नए घर का निर्माण करते वक़्त सभी अंकों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। उदाहरण स्वरूप घर में कितनी सीढ़ियां होनी चाहिए, कितनी खिड़कियाँ और दरवाज़े होनी चाहिए इसका निर्धारण अंक शास्त्र के माध्यम से ही किया जाता है। इसके साथ ही सफलता प्राप्ति के लिए भी लोग इस विद्या का प्रयोग कर अपने नाम की स्पेलिंग में भी परिवर्तन कर रहे हैं। जैसे कि फिल्म जगत की बात करें तो मशहूर निर्माता निर्देशक करण जौहर से लेकर एकता कपूर तक सभी ने अंक शास्त्र की मदद से अपना भाग्योदय किया है।

मूलांक का अंक ज्योतिष में महत्व
मूलांक में मुख्य रूप से अंकों का प्रयोग तीन तरीके से किया जाता है :

मूलांक : किसी व्यक्ति की जन्म तिथि को एक-एक कर जोड़ने से जो अंक प्राप्त होता है वो उस व्यक्ति का मूलांक कहलाता है। उदाहरण स्वरूप यदि किसी व्यक्ति कि जन्म तिथि 28 है तो 2+8 =10, 1 +0 =1, तो व्यक्ति का मूलांक 1 होगा।

भाग्यांक: किसी व्यक्ति की जन्म तिथि, माह और वर्ष को जोड़ने के बाद जो अंक प्राप्त होता है वो उस व्यक्ति का भाग्यांक कहलाता है। जैसे यदि किसी व्यक्ति की जन्म तिथि 28-04-1992 है तो उस व्यक्ति का भाग्यांक 2+8+0+4+1+9+9+2 = 35, 3+5= 8, अर्थात इस जन्मतिथि वाले व्यक्ति का भाग्यांक 8 होगा।

नामांक: किसी व्यक्ति के नाम से जुड़े अक्षरों को जोड़ने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वो उस व्यक्ति का नामांक कहलाता है। उदाहरण स्वरूप यदि किसी का नाम “RAM” है तो इन अक्षरों से जुड़े अंकों को जोड़ने के बाद ही उसका नामांक निकला जा सकता है। R(18, 1+8=9+A(1)+M(13, 1+3=4), 9+1+4 =14=1+4=5, लिहाजा इस नाम के व्यक्ति का नामांक 5 होगा।

इसके साथ ही आपको बता दें की अंक शास्त्र में किसी भी अंक को शुभ या अशुभ नहीं माना जाता है। जैसे की 7 को शुभ अंक माना जाता है लेकिन 13 को अशुभ, जबकि यदि 13 का मूलांक निकाला जाए तो भी 7 ही आएगा।

हर अक्षर से जुड़े अंक का विवरण निम्नलिखित है :
A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z

1 2 3 4 5 6 7 8 9 1 2 3 4 5 6 7 8 9 1 2 3 4 5 6 7 8 9

किसी भी व्यक्ति का मूलांक और भाग्यांक ये दोनों ही उसके जन्म तिथि के आधार पर निकाले जानते हैं, इसे किसी भी हाल में बदला नहीं जा सकता है। अंक शास्त्र के अनुसार यदि किसी का नामांक, मूलांक और भाग्यांक से मेल खाता हो तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में अप्रत्याशित मान, सम्मान, खुशहाली और समृद्धि मिलती है। बहरहाल आजकल लोग अपने नाम की स्पेलिंग बदलकर अपने नामांक को मूलांक या भाग्यांक से मिलाने का प्रयास करते हैं। इसमें उन्हें सफलता भी मिलती है और जीवन सुखमय भी बीतता है।
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🔱🔥किसके साथ जमेगी जोड़ी.!!?🔥🔱

👉लेकिन घबराइए मत, आज हम आपकी एक बेहतरीन हमसफर खोजने में पूरी सहायता करेंगे। लेकिन यदि आपने हमसफर खोज भी लिया है, तो हम आपके एवं उनके मूलांक को मिलाकर आप दोनों के आने वाले भविष्य पर रोशनी डालेंगे। आगे की स्लाइड्स में जानें 1 से 9 तक के अंकों के लिए कौन है परफेक्ट सोलमेट….

👉अंक 1….
ना केवल 1, 10 या 19 तारीख को जन्म लेने वाले लोग, बल्कि जिनके नाम को जोड़कर भी अंक 1 ही आता है वह भी इसी श्रेणी में आते हैं। अंकशास्त्र के अनुसार अंक 1 के जातकों में सहनशीलता नहीं होती, उन्हें जीवन में बदलाव की होड़ होती है और शायद इसीलिए ये लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहने में सफल नहीं होते।

इन्हें समझना है मुश्किल
अंक 1 के लिए परफेक्ट हमसफर की बात करें तो इनके लिए नंबर 2, 3, 5, 8, और 9 काफी सही माना गया है, इसके अलावा यदि इन्हें कोई दूसरे नंबर का पार्टनर मिले तो वहां रिलेशन को चलाना मुश्किल हो जाता है। खासतौर से नंबर 1 की नंबर 2 से नहीं बनती। नंबर 3 के साथ इनकी जोड़ी जम सकती है, लेकिन जब तक यह एक-दूसरे को समझने की कोशिश करें। लेकिन यदि परफेक्ट पार्टनर की बात करें तो इनके लिए नंबर 4 ही सही है, क्योंकि यही एक ऐसा अंक है जिसके साथ नंबर 1 के जातक खुलकर बातें शेयर कर सकते हैं।

👉अंक 2…
मूलांक 2 वाले जातक काफी रोमांटिक माने जाते हैं। इनकी ज़िंदगी में यदि सबसे महत्वपूर्ण कुछ है तो वो है ‘रिश्ते’ और उनसे जुड़ी बातें। इसलिए यह कहा जा सकता है कि यह काफी इमोशनल भी होते हैं। लेकिन यदि इनके लिए आपको परफेक्ट पार्टनर चाहिए तो कोई ऐसा खोजें जो काफी रोमांटिक हो, क्योंकि जितना प्यार ये किसी को देते हैं उतनी ही अपेक्षा भी करते हैं।

इनके लिए रोमांटिक पार्टनर ही खोजें
इनके लिए नंबर 1,3,4,6 और 7 फिर भी सही है, क्योंकि नंबर 2 है ही ऐसा अंक जो किसी के भी साथ एडजेस्ट करने के लिए तैयार हो जाता है। लेकिन गलती से भी इन्हें नंबर 5 और 8 के किसी जातक के साथ ना जोड़ें, यहां दिक्कतें आना शत प्रतिशत संभव है।

👉अंक 3..
3, 12 या 21 तारीख को जन्म लेने वाले जातक का मूलांक 3 होता है। तो यदि आप भी इस श्रेणी में आते हैं, तो हमें नहीं लगता कि आपको एक बेहतरीन हमसफ़र खोजने के लिए ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत है। क्योंकि आप अपने खुद के स्वभाव से ही शादी को सफल बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं।

रिश्तों को अहमियत देते हैं
मूलांक 3 वाले जातक शादी के लिए परफेक्ट कहलाते हैं, इनका झुकाव ही रिश्तों के प्रति काफी अधिक माना गया है। लेकिन फिर भी कुछ ऐसे अंक हैं जिनके प्रति यह खासतौर पर आकर्षित होते हैं जिनमें से 3, 5, 6 और 7 खास हैं। लेकिन 4 और 8 अंक से इनकी बिल्कुल नहीं बनती।

👉अंक 4…
मूलांक 4 वाले जातक लव लाइफ के मामले में अक्सर थोड़ा चूक ही जाते हैं। लेकिन पहले बता दें कि 4, 13, 22 या 31 तारीख को जन्म लेने वाले जातक इस मूलांक के भीतर आते हैं। तो यदि आपका मूलांक यही है तो शायद आपने स्वयं भी यह महसूस किया हो कि आप अपने लव पार्टनर के प्रति कुछ परेशान ही रहते हैं। दरअसल कमी उनमें नहीं है, ना ही आपमें… बस आपका स्वभाव ही ऐसा है, जो समय-समय पर बदलाव की अपेक्षा करता है।

मूलांक 6 है इनके लिए सही
लेकिन आपके स्वभाव को मूलांक 6 वाले लोग सबसे अधिक समझते हैं, इसलिए अक्सर यह पाया गया है कि मूलांक 4 एवं 6 की जोड़ी सर्वश्रेष्ठ ही है। इस अंक के अलावा शायद ही किसी अन्य अंक से मूलांक 4 वालों की जोड़ी अच्छी बनती है। बाकी नाम के लिए रिश्ते तो बनते ही हैं…

👉अंक 5…
तारीख 5, 14 या 23 को जन्म लेने वाले लोग मूलांक 5 से संबंध रखते हैं… इन्हें आप मोस्ट रोमांटिक पार्टनर कह सकते हैं। जी हां… यदि आप अपने जीवन में एक रोमांटिक पार्टनर की चाहत रखते हैं तो आपकी इस इच्छा को मूलांक 5 वाले जातक पूरी कर सकते हैं।

सभी के साथ बनती है इनकी
रिश्तों के मामले में यह खुशी बांटते हैं और खुशी ही चाहते हैं, लेकिन कितने लंबे समय तक यह तय नहीं होता। क्योंकि रोमांस की बहती हवा जैसे ही खत्म होती है, इनका अपने पार्टनर के पर्ति झुकाव कम होता जाता है। लेकिन फिर भी मूलांक 5 और 6 की जोड़ी को आप प्रेफर कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य सभी के साथ इनकी जोड़ी बन ही जाती है।

👉अंक 6..
अब बारी है अंक 6 की, जिसके साथ अमूमन सभी की जोड़ियां बन ही जाती हैं… लेकिन ये किसके साथ रहना पसंद करेंगे यह जान लें। तारीख 6, 15 या 24 को जन्म लेने वाले जातक मूलांक 6 के होते हैं और साफ तौर पर बताएं तो इनकी मूलांक 6 के साथ ही जोड़ी परफेक्ट लगती है।

👉इनके लिए मूलांक 6 ही है सही..
क्योंकि यह दोनों अंक एक-दूसरे के प्रति मिनटों में आकर्षित हो जाते हैं। इसके अलावा मूलांक 8 जिसे समझना ही बेहद मुश्किल है, उसके भी स्वभाव को काबू में करते हुए यह मूलांक उनके साथ जीवन व्यतीत कर लेता है।

👉अंक 7..
7, 16, और 25 तारीख को जन्म लेने वाले या फिर किसी जातक के नाम को जोड़कर निकाला गया अंक भी 7 हो तो उनका मूलांक 7 होता है। सच मानिए तो इनके लिए दिल से एक ही बात निकलती है कि यह काफी संवेनदशील हैं। कोई भी बुरी बात इनके दिल को काफी गहराई से चुभ जाती है, फिर चाहे वह धर्म से जुड़ी हो, इनके स्वभाव से या फिर इनसे जुड़े रिश्तों से।

👉मूलांक 9 ही इन्हें समझता है
इसलिए जो कोई भी इनका जीवनसाथी बने, उन्हें यह समझना होगा कि इनके साथ किया हुआ बुरा व्यवहार उनके अंदाज़े से कई गुणा अधिक इन पर असर करेगा। इसलिए बुरा कहने से पहले भी दस बार सोच लें… खैर यदि इनके लिए परफेक्ट सोलमेट की बात करें तो इनका ख्याल रखने की क्षमता मूलांक 9 में सबसे अधिक है। इसके अलावा मूलांक 7 से भी इनकी अच्छी बनती है।

👉अंक 8…
अंक शास्त्र में शादी एवं प्यार के संदर्भ से मूलांक 8 के जातकों को असमर्थ ही आंका गया है, लेकिन आज हम आपको इसके पीछे छिपी सच्चाई से रूबरू कराएंगे। तारीख 8, 17 और 26 को जन्म लेने वाले जातक मूलांक 8 से संबंध रखते हैं और इनके मामले में प्यार काफी संवेदनशील है। लेकिन फिर ये फेल क्यों हो जाते हैं?

इसलिए कहलाते हैं ये बुरे
कारण इनकी च्वाइस, जो एक परफेक्ट सोलमेट तलाशने के चक्कर में लोगों के घेरे में ही दबी रह जाती है। यह तय है कि मूलांक 8 वाले जातकों की मैरेड लाइफ में दिक्कतें आती हैं, लेकिन कोई इक्का-दुक्का ऐसा भी होता है जिसे मनचाहा पार्टनर मिल जाता है। अमूमन यह पाया गया है कि एक ही मूलांक के लोग अच्छी जोड़ी बनाते हैं, लेकिन मूलांक 8 के मामले में ऐसा सोचना भी पाप है।

ज़रा सोच के बनाएं जोड़ी..
क्योंकि यदि पति-पत्नी दोनों ही मूलांक 8 के हुए तो झगड़ों की कोई सीमा नहीं होगी और शादी कब तक चलेगी यह कहा नहीं जा सकता है। लेकिन 8 के बाद मूलांक 9 इनके लिए परफेक्ट है…

👉अंक 9..
9,18 या 27 तारीख को जन्म लेने वाले जातक मूलांक 9 के हैं और इनके लिए पार्टनर ढूंढ़ना इतना भी कठिन नहीं है। यह ऐसे लोग हैं जो हंसमुख मिजाज़ के होते हैं और प्यार बांटना इनका धर्म ही समझ लीजिए आप। इसलिए इनके साथ कोई भी खुश रह सकता है, लेकिन यह स्वयं किसके साथ अच्छी जोड़ी बनाते हैं यह भी जान लें।

👉नंबर 9 के साथ नंबर 9..

नंबर 9 की नंबर 9 से ही अच्छी बनती है… यह दोनों मिलकर एक परफेक्ट रोमांटिक जोड़ी बनाते हैं। जो दुनिया के लिए मिसाल साबित होती है। इनके प्यार में केवल रोमांस ही नहीं एक जुनून भी होता है, क्योंकि मूलांक 9 के लिए सेक्स काफी जरूरी वस्तु है, जिसके बिना इनका रिलेशन अधूरा है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति सेक्स में अधिक दिलचस्पी नहीं रखता तो वह मूलांक 9 से शादी ना ही करे।
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: प्राचीन और आधुनिक अंक पद्धति | Ancient and Modern Number System of Ank Jyotish

प्राचीन एवं आधुनिक अंक शास्त्रियों द्वारा निम्न अंक पद्धतियां अपनाई गईं हैं. पाश्चात्य देशों मेंक्रोस, गुडमेन, मोन्ट्रोझ, मोरीस, जेम्स ली, हेलन हिचकोक, टेयलर आदि अंक शास्त्रियों ने अलग-अलग पद्धतियाँ अपनाई हैं. डॉक्टर क्रोस, मोन्ट्रोझ, सेफारीअल आदि की पद्धति को हिब्रू या पुरानी पद्धति के रूप में जाना जाता है. क्योंकि उसमें अंग्रेजी मूलाक्षरों को जो नंबर दिए गए हैं वह हिब्रू मूलाक्षरों के क्रम अनुसार है जबकि जेम्स ली, हेलन, हिचकोक, टेयलर, मोरिस सी. गुडमेन आदि पश्चिम के आधुनिक अंक शास्त्रियों ने अंग्रेजी मूलाक्षरों के आधुनिक क्रम अनुसार नंबर दिए हैं और इसलिए इनकी पद्धति को आधुनिक अंकशास्त्र के रूप में पहचानते हैं.

🔥ज्योतिष शास्त्र जैसी कठिन गणना करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, अंकशास्त्र में जन्म के समय की जानकारी न भी हो तब भी जन्म तारीख व नाम के आधार पर ही व्यक्ति के व्यवसाय, मित्रों, भागीदारों, उसके जीवने के उतार-चढावों तथा उसके जीवन के महत्वपूर्ण समय के लाभ व हानि संबंधी बहुत सी बातें अंकशास्त्र की सहायता द्वारा जानी जा सकती हैं.

🔥अंग्रेजी का ज्ञान तथा गणित के सरल उपयोग द्वारा अंकशास्त्र के ज्योतिष ज्ञान में निपुणता प्राप्त कि जा सकती है. प्राचीन हिब्रू पद्धति के किरो, मोन्ट्रोझ, डॉक्टर क्रोस विद्वानों ने अंकों का ग्रहों के साथ संबंधित स्वीकार्य किया था वह संबंध इस प्रकार हैं….*

👉सूर्य का धनात्मक अंक -1 और सूर्य का ऋणात्मक अंक -4, चंद्रमा का धनात्मक अंक -7 और ऋणात्मक अंक -2 है.

👉मंगल का अंक -9, बुध का अंक -5, गुरु का अंक -3, शुक्र का अंक -6, शनि का अंक -8, युरेनस का अंक -4, नेपच्यून का अंक -7..

👉आधुनिक अंकशास्त्री टेयलर, जेम्स ली, हेलन हिचकोक, गुडमेन इत्यादि इन संबंध रूप को स्वीकार नहीं करते तथा इसमें कुछ परिवर्तन करते हैं.

सूर्य का अंक -1, चंद्र का अंक -2, गुरु का अंक -3, शनि का अंक -4, बुध का अंक -5, शुक्र का अंक -6, युरेनस का अंक -7, मंगल का अंक -8, नेपच्यून का अंक -9, प्लूटो का अंक -0..

कुछ आधुनिक अंकशास्त्री तो अंकों को ग्रहों के साथ संबंधित किए बिना ही उसके गुण- धर्म आदि का वर्णन करते हैं….

हिब्रू या पुरानी पद्धति में मूलाक्षरों को निम्न अंक दिए गए हैं. यह क्रम हिब्रू मूलाक्षर के क्रम अनुसार होने से अंग्रेजी मूलाक्षर के आधुनिक क्रम से सुसंगत नहीं है.

A, B, C, D, E, F, G, H, I, J, K, L, M

1, 2, 3, 4, 5, 8, 3, 5, 1, 1, 2, 3, 4,

N, O, P, Q, R, S, T, U, V, W, X, Y, Z,

5, 7, 8, 1, 2, 3, 4, 6, 6, 6, 5, 1, 7

पुरानी पद्धति में किसी को भी 9 का अंक नहीं दिया है तथा इसमें कोई निश्चित क्रम भी नहीं है लेकिन आधुनिक पद्धति में अक्षरों को 9 अंक दिया गया है जो इस प्रकार हैं.

A, B, C, D, E, F, G, H, I,

1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,

J, K, L, M, N, O, P, Q, R,

1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,

S, T, U, V, W, X, Y, Z,

1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8,

अंकशास्त्र की पुरानी पद्धति में 11, 12 और 33 के अंकों को विशिष्ट स्थान नहीं दिया गया. लेकिन आधुनिक पद्धति में 11, 22 और 33 के अंकों को विशिष्ट स्थान प्राप्त है.

0 और 1 से 9 तक के अंकों को मुख्य या मूल अंक कहा जाता है. कुछ अंकशास्त्री 0 को अंक के रूप में स्वीकार नहीं करते फिर भी उसके अंकशास्त्र में महत्व को स्वीकारते हैं. नौ अंकों के अतिरिक्त दस से आगे के अंकों को मिश्रित अंक कहा जाता है. इस प्रकार अंकों के दो प्रकार हैं. प्रथम 1 से 9 तक के मुख्य या मूल अंक और ददूसरा 10 और उसके बाद के तक के मिश्र अंक हैं. कई बार मिश्रांकों मुख्य अंक में बदलने की आवश्यकता पड़ती है जैसे – 22 = 2+2 = 4, फ्लोरन्स केम्पबेल इन अंकों के बारे में कहते हैं कि ‘‘जिन्हें मास्टर नंबर (11 और 22) प्राप्त हैं वह नेतृत्व के गुणों से संपन्न होते है….

🔥👉मूलांक ,किसी भी व्यक्ति की,जन्मतिथि का योग अर्थात जोड़ मूलांक कहलाता है जैसे 7, 25, 16, तारीखों में जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा…..

🔥👉भाग्यांक….जन्म तिथि, माह और साल का योग भाग्यांक होता है जैसे 02 मार्च 1982 का भाग्यांक 0+2+3+1+9+8+2 =25=7 अत: इस प्रकार भाग्यांक 7 प्राप्त होता है….

🔥👉नामांक …..नामांक के लिए नाम के नम्बर को लिख कर जोड़ें जैसे किसी व्यक्ति का नाम यदि अनिल कुमार ANIL KUMAR हो तो नामांक इस प्रकार ज्ञात करेंगे. A=1, N=5, I=1, L=3, K=2, U=6, M=4, A=1, R=2…

1+5+1+3+2+6+4+1+2= 25 = इस प्रकार इस व्यक्ति का नामांक 7 है.

👉राशि क्रम संख्या…Numbers Assigned to each Zodiac Sign….मेष 1, वृष 2, मिथुन 3, कर्क 4, सिंह 5, कन्या 6, तुला 7, वृश्चिक 8, धनु 9….

🔥👉1 से 9 तक के अंक के बाद के अंक ज्योतिष में अंकों की पुनरावृत्ति होती है,अतः हम 9 के बाद के वाले अंक को इस क्रम में रखते हैं जैसे , मकर 10 = 1+0 = 1, कुंभ 11 = 1+1 = 2, मीन 12 = 1+2 =3…

इस प्रकार हम राशि, उनके स्वामी का शुभ सहयोगी अर्थात सहानुभूति अंक प्राप्त कर सकते हैं…
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🔱🔥एक मूलांक की विशेषताएं ..🔥🔱

👉मूलांक 1 अद्वितिय भाव से युक्त होता है इसलिये यह श्रेष्ट है .इसका स्वामी ग्रह सूर्य है इस मूलांक वालों की प्रवृत्ति रचनात्मक होती है. यह सदा स्वंतत्र रहना चाहते हैं, इसका अपना व्यक्तित्व होता है ,कभी कभी इनके विचारों मे इतनी दृढ्ता आ जाती है कि वह हठी भी कहे जाते हैं और जो लोग इनके अहम को स्वीकार कर लेते हैं वह इनके मित्र हो जाते हैं व जो अस्वीकार कर देते हैं वह इनके शत्रु बन जाते हैं.

इन व्यक्तियों में अपनी परंपरा के प्रति आदर भाव रहता है. देश भक्ति व निष्ठा का भाव भी इनमें पूर्ण रूप से समाहित रहता है. इनके अंदर कुछ नया करने की चाह हमेशा रहती है. यह लोग अपने लक्ष्य के प्रति सचेत रहते हैं तथा उसे पूर्ण करने के लिए निरंतर अग्रसर रहते हैं. यह अपने कार्य को पूरी निष्ठा एवं लगन के साथ करते हैं.

यह नई विचार धारा और नई सोच के साथ कार्य करते हैं. अपने कार्य में भी यह अपनी इस सूझ-बूझ को दर्शाने का प्रयास करते हैं. इन्हें जो काम दिया जाता है उसमें यह किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते और स्वच्छंद रूप से कार्य करने की चाहत रखते हैं. इन्हें काम में किसी कि रोक- टोक पसंद नहीं आती. सुन्दर और सुरुचिपूर्ण जीवन इन्हे पसंद है. यह सौंदर्य प्रेमी और कला के पुजारी होते हैं.

👉मूलांक एक की कमियाँ | Negative Characteristics of Moolank – 1
सूर्य प्रधान जातक मे कुछ कमजोरियां या यह कहें कि बुराइयां भी समाहित रहती हैं. जैसे अभिमान ,लोभ ,अविनय, दिखावा ,जल्दबाजी, अहंकार इत्यादि कुछ दुर्गुण इनके जीवन को प्रभावित करते हैं. अपनी इन कमियों के परिणाम स्वरूप इनका विकास उचित प्रकार से नहीं हो पाता और कई बार इन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है, साथ ही साथ यह अपने दुश्मनों को नही पहचान पाने के कारण उनसे परेशानी भी झेलते हैं.

प्रत्येक कार्य में दखल देने की आदत के कारण न चाहते हुए भी यह दूसरों के लिए अच्छे नहीं हो पाते. अपने अहम के कारण इस मूलांक के लोग कभी – कभी अपनी हठ में निरंकुश हो जाना इनके स्वभाव में देखा जा सकता है. जो इस मूलांक के लोगों कि बहुत बड़ी कमज़ोरी होती है.

एक मूलांक वाले व्यक्ति दूसरों पर जल्द ही विश्वास कर लेते हैं. इस कारण इन्हें कभी कभी धोखा भी सहना पड़ता है. धन कमाने मे जितनी मेहनत करते हैं, उतना ही खुले हाथों से लुटाते हैं. इसलिये इनके पास धन नही टिकता है. व्यर्थ के दिखावे से भी बचना चाहिए….
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: 🔱🔥अंक शास्त्र में दो( 2)मूलांक.. 🔥🔱

अपना विशेष स्थान रखता है. मूलांक दो का स्वामी ग्रह चंद्रमा को माना गया है. चंद्रमा शितलता का कारक है यही अंतर्मन की भावनाओं का संचालन भी करता है. हमारे भीतर की शितलता उसी का आधार है. अशुभ चंद्रमा मानसिक तनाव देता है, इसके साथ ही मानसिक बीमारियाँ भी चंद्रमा के कारण होती है. समस्त अच्छे-बुरे विचारों का निर्धारण चंद्रमा के शुभ तत्व पर निर्भर करता है. मूलांक 2 वाले लोग चंद्रा से प्रभावित होते हैं. किसी भी महीने की 2, 11, 20 और 29 को जन्मे व्यक्तियों का मूलांक 2 होता है.

चंद्रमा मन का स्वामी है इसलिए दो मूलांक वाले व्यक्तियों का मन सर्वाधिक प्रभावशाली होता है. मूलांक दो हृदयता का प्रतीक है यह द्वैतवादी मूलांक है इस मूलांक के लोग अनुवेषक प्रवृत्ति के होते है किंतु अपने विचारों को ज्यादा समय तक क्रियांवित नही कर पाते है. इसके गुण शारीरिक से ज्यादा बौद्धिक रूप मे अधिक परिलक्षित होते है.

2 मूलांक वाले व्यक्ति कल्पना शक्ति कलाप्रिय तथा कलाप्रेमी होते हैं, इनकी शारीरिक शक्ति मध्यम बल से युक्त होती है, परन्तु मानसिक शक्ति उत्तम होती है अत: बौद्धिक कामों में तेज एवं बुद्धिमान होते हैं.

🔥👉मूलांक दो वालों का स्वाभाव..

👉दो मूलांक वाले लोग सभ्य, सहृदय, सुशील, मृदुभाषी होते हैं. चन्द्र तत्व की प्रधानता के कारण इसका स्वभाव कल्पनाशीलता से भरा होता है. इनकी मन: स्थिति चंद्रमा से प्रभावित होने के कारण चंद्रमा की भांति ही घटती-बढ़ती रहती है. इनमें स्थायित्व का भाव होता है. मूलांक 2 को चन्द्र ग्रह संचालित करता है. इस कारण इस मूलांक के व्यक्ति अत्यधिक भावुक होते हैं. चन्द्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है अत: मूलांक 2 वाले अत्यंत कोमल स्वभाव के होते हैं.

मूलांक दो की विशेषताएँ ….मूलांक दो में अभिमान नहीं होता, इस मूलांक वाले लोग सहिष्णु, कल्पनाशील, कलात्मक,प्रवृत्ति और रोमांटिक होते है. मूलांक 1के ही भांति ये अनुवेषक प्रवृत्ति के होते हैं किंतु अपने विचारों को 1 मूलांक वालों की तरह क्रियांवित नहीं कर पाते हैं. इसके गुण शारीरिक से ज्यादा बौद्धिक रूप मे अधिक परिलक्षित होते हैं.

इनकी बुद्धि चातुर्य काफी अच्छा होता है तथा बुद्धि विवेक के कार्यों में दूसरों से बाजी मार ले जाते हैं. एक लोकप्रिय व्यक्ति होते हैं तथा स्वयं की मेहनत से अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर लेते हैं.

चंद्रमा के प्रभाव स्वरूप इस मूलांक के व्यक्तियों की रूचि सदैव परिष्कृत होती हैं. यह लोग बुराई में भी अच्छाई ढूंढ लेते हैं. मूलांक दो वाले लोग सभ्य, सहृदय, सुशील, मृदुभाषी होते है. इनमें दूसरों के मन की स्थिति जान लेने की क्षमता होती है. दो मूलांक वाले लोग मित्र बनाने मे सक्षम हैं, सौंदर्य प्रेमी भी होते है इनमें सौंदर्य बोध कि अच्छी समझ होती है.

मूलांक दो में स्पष्टता का भाव निहित होता है इनकी निश्छलता व निष्कपटता से सभी प्रभावित होते हैं और इनका सम्मान करते हैं. इन्हें लोगों से प्रेम भी अधिक प्राप्त होता है. यह लोग अकेले रहना पसंद नहीं करते इन्हें किसी न किसी का साथ अवश्य चाहिए होता है.

👉मूलांक 2 की कमियाँ | Difficulties of Moolank 2..
👉मूलांक दो वाले लोगों के अंदर एक ही कार्य को लम्बे समय तक चला पाना कठिन होता है यह जो कुछ भी सोचते विचारते हैं उन सभी पर टिके नहीं रह पाते या तो कार्य को अधूरा छोड़ देते हैं या फिर कार्य को लेकर मन विचलित ही रहता है. एक काम मे मन नहीं लगा पाते. अपने आत्मविश्वास कि कमी भी होती है इस कारण हीन भावना के शिकार भी हो जाते हैं…

मूलांक दो में उतावलापन भी बहुत होता है एकाग्रता का अभाव रहता है. अत्यधिक भावुक होते हैं अत: किसी कि भी बातों में जल्द ही आ जाते हैं. इनमें विचारों और योजनाओं के प्रति उद्विग्नता, अस्थिरता, निरंतरता का अभाव होता है. आत्मविश्वास की कमी. ये अत्यधिक संवेदनशील होते है. यदि इन्हें इनके मन मुताबिक माहौल ना मिलें तो ये शीघ्र निराश हो जाते है.

आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं अन्य के दु:ख दर्द से जल्द परेशान हो जाना इनकी कमजोरी है. मूलांक दो वाले मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रुप से आप कमजोर होते हैं यह लोग शारीरिक कार्य के बदले मानसिक कार्य करने में ज्यादा बेहतर होते हैं.

आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं.दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमज़ोरी है…
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🔱⚜🔥मूलांक तीन (3)

👉अंक शास्त्र का एक प्रभावशाली मूलांक है. मूलांक तीन के अधिष्ठाता ग्रह बृहस्पति हैं अत: मूलांक तीन के व्यक्तियों पर गुरू ग्रह का बहुत प्रभाव होता है. पाश्चात्य ज्योतिष अनुसार भी इस मूलांक के जातक गुरु (बृहस्पति) के प्रभाव से युक्त रहते हैं. मूलांक तीन को त्रिभुज का परिचायक माना जाता है, इसे बल, चेतना एवं पदार्थ पर नियंत्रण करने वाला माना गया है. मूलांक 3 मानसिक क्षमता व विवेक का कार्य करने वाला होता है. मूलांक 3 साहस, नेतृत्व के गुणों से युक्त एवं महत्वाकांक्षा से भरपूर होता है. जिनका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, या 30 तारीख़ को हुआ हो ,उनका मुलांक 3 होता है.

🔥👉मूलांक 3 की विशेषताएँ | Characteristics of Moolank 3..
मूलांक तीन के व्यक्तियों में महत्वाकांक्षी प्रवृत्ति, शासन करने की चाह, अनुशासन की योग्यता जैसे स्वभाविक गुण होते हैं. मूलांक तीन से प्रभावित लोग रक्षा, राजकीय, प्रशासनिक, पदाधिकारी अथवा किसी भी विभाग का अध्यक्ष हो सकते हैं.

मूलांक 3 वाले व्यक्ति सदा स्पष्टवादी स्वभाव के होते हैं, यह अपने कार्यों को लेकर सचेत रहते हैं और किसी भी भ्रांति से स्वयं को दूर रखने का प्रयास करते हैं. मूलांक तीन अपने कार्यों में शिथिलता नहीं आने देता है.

मूलांक तीन वालों में विचारों का स्पष्ट अनुमोदन करने की प्रवृत्ति होती है अपने इस स्पष्ट स्वभाव के कारण लोग इन्हें पसंद करते हैं. अपने नैतिकता से भरपूर विचारों द्वारा यह सभी के हृदय में समा जाते हैं.

गुरु ग्रह के प्रभाव वश इनके विचारों में धार्मिकता का समावेश होता है, इस कारण धर्म-कर्म के क्षेत्र में इनको अच्छी उपलब्धियाँ एवं ख्याति प्राप्त होती है.

मूलांक 3 के जातक नई खोजों एवं नई स्थापनाओं की चाह में लगे रहते हैं. मूलांक तीन अध्यनशील होकर निरंतर मानसिक खोजों में लिप्त रहते हैं इस कारण विद्या अध्ययन, अध्यापन जैसे बौद्धिक कार्यों मे यह सफलता प्राप्त करते हैं.

मानसिक रूप से समृद्ध होते हैं, किसी भी विषय को समझने की इनमें क्षमता बहुत अच्छी होती है, तर्क एवं ज्ञान शक्ति द्वारा यह दूसरों को प्रभावित करते हैं.

मूलांक तीन वालों की सामाजिक स्थिति इनकी काफी अच्छी रहती है यह किसी का भी अहित नहीं करते हैं तथा समाज में ये अग्रणी स्थान भी प्राप्त करते हैं. स्वभाव से ये शांत, कोमल हृदय, मृदुवाणी एवं सत्यवक्ता होते हैं.

मूलांक तीन दैवी गुणों से युक्त माना जाता है इसमें आध्यात्मवादीता तथा आकर्षक स्वभाव होता है. यह हर परिस्थितियों में स्वयं को प्रसन्नचित रखने का प्रयास करते हैं. कितनी ही बाधाएँ आ जाएँ ये विचलित नहीं होते और आत्मविश्वास द्वारा धैर्य एवं शांत चित से कार्य को करते रहते हैं.

🔥👉मूलांक तीन की कमियाँ | Demerits of Moolank 3
तीन का स्वामी गुरु है इस कारण इस मूलांक में अनुशासन के प्रति काफी कठोरता का भाव रहता है और यह शासक जैसे व्यवहार करता है काम में ढील बर्दाश्त नहीं करते अत: अपने इस स्वभाव के कारण इसके अधीन कार्यरत कर्मचारी इनके विरोधी भी बन सकते हैं.

कोई भी नया कार्य शुरू करने पर उसे पूर्ण होने से पहले ही ये उसे बीच में ही छोड़ देते हैं. इनकी एक बड़ी कमज़ोरी यह है कि ये असफल नहीं होना चाहते अत: सफलता न मिलने पर यह घोर निराशा में चले जाते हैं और इस कारण आपके कार्य प्रभावित होने लगते हैं अत: इन बातों से बचने की आवश्यकता है.

धन का संग्रह इनके लिए कठिन होता है क्योंकि ये लोग खर्च करने पर हजारों रुपये खर्च कर देते हैं इस कारण आवश्यकता पड़ने पर धन की कमी खलती है ओर तकलीफ़ में जीवन व्यतीत करना पड सकता है इसलिए इस बात पर हमेशा ध्यान दें कि ‘तेते पांव पसारिए, जेती लंबी सौरि’, इसके अनुसार कार्य करने पर आप जीवन में सफल और सुखी रहेंगे.

मूलांक तीन वालों में नैतिकता व अनुशासन में रहने की चाह होती है इस कारण यह स्वयं अपने नियम व कानून बनाने लगते है तथा इन कानूनो को पालन कराने के लिये अड़ जाते है. इसी कारण झगड़ालू प्रवृत्ति के नही होते हुये भी लोग इन्हें झगड़ालू एवं दुश्मन समझने लगते हैं.

मूलांक तीन वाले व्यक्ति बहुत स्वाभिमानी होते है और किसी प्रकार का एहसान लेना इन्हें पसंद नही आता यह स्वतंत्र रहना पसंद करते हैं रोक टोक होने पर क्रोधित हो जाते है.

मूलांक तीन वाले शांत स्वभाव होने के बावजूद जल्दबाज़ी में भी खूब रहते हैं और अच्छे स्वभाव के होने के बावजूद कई बार किसी की परवाह किए बगैर खरी बात कह देते हैं. जिससे लोग इनके दुश्मन भी हो सकते हैं.

मूलांक तीन में शासन कि प्रवृत्ति होने के कारण यह तानाशाह हो जाते हैं इस कारण दूसरों के लिए दुश्मन बन जाते हैं अपने सदैव के वर्चस्व हासिल करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण रखें. मूलांक तीन वाले जिद्दी भी होते हैं, इन्हें शत्रु और मित्र की पहचान नहीं होती, इस कारण इनके जीवन में गुप्त शत्रु भी हो सकते हैं…
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🔱🔥मूलांक चार (4)…🔥🔱

मूलांक ज्योतिष के प्रमुख अंकों में से एक है. मूलांक 4 को सूर्य के धनात्मक रूप अथवा राहु का परिचायक माना जाता है. भारतीय अंकशास्त्र में 4 मूलांक का अधिष्ठाता ग्रह राहु है और पाश्चात्य मतानुसार मूलांक 4 के प्रतिनिध ग्रह ”हर्षल” अर्थात यूरेनस को माना जाता है. मूलांक 4 का संबंध सूर्य तथा मूलांक 1 से माना जाता है. मूलांक चार के जातकों के जीवन में उतार-चढ़ाव बने रहते हैं और जीवन की यह परिस्थितियां अचानक ही आती हैं जिनकी इन्हें कल्पना भी नहीं होती. 4, 13, 22, 31 तारीख को जन्में व्यक्तियों का मूलांक 4 होता है.

🔥👉मूलांक 4 की विशेषताएं | Characteristics of Moolank-4..
मूलांक चार के व्यक्ति संघर्षशील होते हैं. मूलांक 4 अपना एक अलग विचार प्रस्तुत करता है, इनकी विचारधारा आम लोगों से प्रायः अलग होती है, इस कारण इस जातक के कई मित्र, विरोधी या शत्रु हो जाते हैं. इनके व्यवहार में विरोध की प्रमुखता होती है जो जीवन के प्रत्येक मोड़ पर दिखाई देती है. इस कारण लोग इन्हें लड़ाकू व झगडा़लू भी समझ बैठते हैं

मूलांक चार के जातक समाज सुधारक, प्राचीन प्रथा के उन्मूलक तथा आधुनिक प्रथा को अपनाने वाले एवं संस्थापक होते हैं. समाज में व्याप्त रूढ़ियों को दूर करने का प्रयास करते हैं

मूलांक चार पर राहु का प्रभाव पड़ता है इस कारण चार मूलांक के लोग साहस, प्रगति, विध्वंस, विस्फोट, आश्चर्यजनक कार्य, तथा असंभावित कार्य करने वाले होते हैं.

4 मूलांक वाले सामाजिकता व राजनीति क्षेत्र में भी नवीनता लाने में विश्वास रखते हैं. चार मूलांक वाले सहजता पूर्वक या जल्द ही किसी से संबंध स्थापित अथवा मित्रता नहीं कर पाते हैं किंतु जब मित्र बना लेते हैं तो बहुत अच्छे मित्र साबित होते हैं.

इनका व्यक्तित्व रहस्यमय होता है,तथा जीवन में लाभ-हानि, उत्थान-पतन आकस्मिक होता है. इनकी मन:स्थिति का पता लगाना कठिन होता है. अपनी महत्वपूर्ण बातों को गोपनीयता के साथ संभाले रखते हैं. राहु की रहस्यात्मकता इनके चरित्र में परिलक्षित होती है.

मूलांक चार के जीवन में सहसा एवं आश्चर्यजनक प्रगति होती है, जीवन में अनेक असंभावित घटनायें भी घट सकती हैं. मूलांक 4 वाले कभी तो उच्चता के शिखर पर होते हैं और कभी यह न्यूनता को पाते हैं, इनको निरंतर कार्य में लगे रहना पड़ता है और नये-नये परिवर्तन तथा आविष्कारों से यह अपने नाम को रौशन करने का प्रयास करते हैं.

मूलांक चार में नवीनता का समावेश होता है पुरानी प्रथाओं, रीतियों के विरोधी होते हैं तथा उनमें सुधार करने का प्रयास भी करते हैं समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास करते हैं. अपने कार्यों द्वारा प्राचीन प्रथाओं को नवीन रूप देने की कोशिश करते हैं.

इनके जीवन का मूल रहस्य यह है कि किसी भी परिस्थितियों की परवाह नहीं करते तथा अनुशासन और दृढ़ संकल्प द्वारा यह विपरीत परिस्थितियों से भी निकल आते हैं.

मूलांक 4 की कमियां | Demerits of Moolank-4
अपने जीवन में ये धन संग्रह अधिक नहीं कर पाते हैं, व्यय अधिक करते हैं इन जातकों को ढेर सारा रुपया मिले तो उसे अधिक सोचे समझे बगैर खर्च कर डालते हैं. अत: इन्हें अपव्यय करने पर नियंत्रण तथा धन संचय करना चाहिए.

नाम, यश अधिक प्राप्त करते हैं यदि ये अपनी संघर्ष करने की प्रवृत्ति पर अंकुश रखकर, सहनशील तथा सहिष्णु बन सकें और शत्रुता कम पैदा करें, तो अपने जीवन में अधिक सफलता अर्जित करते हैं.

मूलांक चार के जातकों को अधिक क्रोध भी आता है तथा यह तुनकमिजाज वाले होते हैं. कभी-कभी अत्यधिक श्रम एवं मानसिक थकान के कारण सिरदर्द, गर्मी से उत्पन्न रोग, मानसिक तनाव आदि का सामना करना पड़ता है.

मूलांक 4 वाले अपने स्वभाव तथा विचारधारा में बदलाव लाने का प्रयास करें और प्रतिद्वंन्द्विता तथा संघर्ष करने वाली प्रवृति का त्याग कर दें, तो हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं.

मूलांक चार के जातकों का पारिवारिक और दाम्पत्य जीवन कुछ क्लेशयुक्त भी रहता है. इन्हें पत्नी के स्वास्थ्य की सदैव चिंता बनी रहती है. यदि परिवार के सदस्य उनकी देखभाल करते हैं, तो भी वे अपने को हमेशा अकेला ही समझते हैं इनका अकेलापन दूर नहीं हो पाता है.

मूलांक चार वाले कई बार वे बहुत स्वार्थी भी बन जाते हैं और अपने मन को अकारण दुःख देते हैं, इस कारण हताशा में जीवन व्यतीत करते हैं और अधिक दुःखी रहते हैं.

मूलांक चार वाले बहुत ही संवेदनशील होते है .इनकी भावनाओ को शीघ्र ही ठेस पहुचती है यह अपने आपको ये अकेला महसुस करते है तथा अपने आप को हताश और निराश महसूस करते है

मूलांक चार के लोग अलग ही दृष्टिकोण अपनाते हैं किसी बहस या परिचर्चा मे विरोधी रुख अपनाते है .इस कारण कभी कभी अन्य लोग इन्हें स्वार्थी एवं झगड़ालु समझ सकते है और इनके शत्रु भी बन जाते हैं परन्तु ये ऐसे होते नही है.

दूसरों के परामर्श बिना कुछ भी नही कर सकते है .इस कारण स्वंतत्र निर्णय लेना कठिन होता है. कई बार दूसरों को हानि पहुँचा कर अपना स्वार्थ भी सिद्ध कर लेते है परंतु इन्हें बाद में अपनी गलती का पश्चाताप भी होता है….
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🔱अंक शास्त्र जन्मांक – 5🔱

  1. (पांच ) : जिन बच्चों या व्यक्तियों का जन्म महीने की , 05 , 14 , 23 , तारीख को हो
    उनका जन्मांक 5 पांच होता है | सूक्ष्म एवं विशेष गणना करने के लिए मूलांक निकालना चाहिए ,
    जिसके लिए दिन, मास , वर्ष की गणना करनी चाहिए | जिन व्यक्तियों का जन्मांक 5 पांच होता है वह
    जातक बुध से प्रभावित रहता है | जन्मांक पांच के जातक जन्म से ही हठधर्मी तथा भाग्यशाली होते
    हैं | पांच अंक वाले जातक दूसरों के प्रति बहुत उदार एवं व्यवहार कुशल होते हैं, तथा सभी कार्यों को
    सही तरीके से करना पसंद करते हैं | पांच अंक के जातक के व्यवसाय, एकाउंट से सम्बंधित, चार्टेड
    अकाउंटेंट , वकील, सचिव, मैनेजर, प्रशासक आदि हो सकते हैं | पांच अंक के व्यक्ति बहुत ही शान्त
    प्रकृति के होते हैं | पांच अंक वाली स्त्रियाँ व्यवहारिक एवं अच्छे चरित्र की होती हैं तथा घर के काम में
    पूर्ण दक्ष होती हैं | एवं अपने पति को गृह कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य जैसे सिलाई, संगीत, पाक, लेखन
    , ब्यूटीपार्लर आदि के कार्य करके आर्थिक सहायता करती हैं | पांच अंक की स्त्रियाँ अपने पति के सभी
    कार्यों में सम्पूर्ण सहयोग देती हैं | जन्मांक पांच के जातकों को त्वचा सम्बन्धी रोग, गले से सम्बंधित
    रोग, पक्षाघात आदि रोगों की संभावना रहती है | सभी प्रकार की परेशानियों के लिए जातक को पन्ना
    को सोने की अँगूठी में फिट करवा कर बुधवार के दिन प्रातः बुध की होरा के समय पूजा घर में जाकर
    अँगूठी को दूध में व् गंगाजल में स्नान करवा कर बुधदेव के मंत्र “ ॐ बं बुधाय नमः “ का उच्चारण
    १०८ बार करके अँगूठी को सिद्ध करके तर्जनी उँगली में पहनना चाहिए |अंक शास्त्र

जन्माक पांच (5 ) के लिए अनुकूल :अंक शास्त्र
समयावधि : २२ मई से २1 जून तक का समय
अधिष्ठाता ग्रह : बुध
शुभ वार : बुधवार एवं शुक्रवार
तारीख : 5 , 14 और 23
मित्रता : मूलांक 1, 3 ,5 ,8 वाले व्यक्ति
रंग : हरा
दिशा : उत्तर व् पूर्व
रत्न : पन्ना
धातु : कांस्य….

जन्माक पांच (5 ) के लिए प्रतिकूल :
समयावधि : २2 जून से २3 जुलाई तक का समय
अधिष्ठाता ग्रह :
शुभ वार : शनिवार
तारीख : 7 , 16 और 25
मित्रता : मूलांक 2 और 6 वाले व्यक्ति
रंग : गहरा लाल और काला
दिशा : पश्चिम
रत्न : नीलम और गोमेद
धातु : लोहा….
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भाग्यांक जन्मांक षष्ठ के जीवन का रहस्य।

👉 अंक शास्त्र ( Numerology ) में मूलांक 6 के अधिष्ठाता ग्रह शुक्र / Venus हैं इसलिए मूलांक षष्ठ के व्यक्तियों पर शुक्र ग्रह के विशेषताओं का विशेष प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, और 24 को हुआ है तो आपका मूलांक 6 होगा और आप मृत्युपर्यंत 6 अंक से किसी न किसी रूप में प्रभावित होते रहेंगे।मूलांक 6 वाले चित्रकला, संगीत और साहित्य में बहुत रूचि रखते है।

👉अंक शास्त्र – मूलांक 6 की स्वाभाविक विशेषताएं | Characteristics of Moolank 6
मूलांक 6 का स्वामी ग्रह शुक्र ( Venus ) है शुक्र सुंदरता, भोग, विलास, प्रेम एवं शान्ति का कारक है। मूलांक 6 वाले व्यक्ति का शरीर मनोहर होता है उसे देखने वाले देखते ही रह जाते है। आप देखने में सुंदर एवं अत्यंत ही आकर्षक होते हैं। जिस स्त्री का मूलांक 6 होता है वह बहुत ही सुंदर और मनमोहक होती हैं।
👉मूलांक 6 के स्वामी ग्रह शुक्र का सम्बन्ध दैत्य गुरू शुक्राचार्य से है। शुक्र ग्रह मुख्यतः मुख्यत: भोग का कारक है। इस मूलांक के व्यक्तियों में खाओ पियो और मस्त रहो वाली बात चरितार्थ होती है।
आप कलाप्रेमी और सौंदर्य के पुजारी होते है। आप महंगे वस्त्र के शौकीन होते है। आपको ब्रांडेड कपडा पहनना ही अच्छा लगता है। यही आप अंतःवस्त्र ( Innear Wear ) भी ब्रांडेड ही पहनना पसन्द करते है। भौतिक सुख ही वास्तविक सुख है ऐसा आपका सोचना है। आप विश्वसनीय व्यक्ति होंगे। आप कोई भी काम शांति प्रिय होकर करना चाहते है।
मूलांक 6 वाले स्वस्थ, दीर्घायु, और खुश मिजाज होते हैं। मूलांक 6 वाले जातक में दूसरों को आकर्षित करने का गुण जितना होता है, उतना अन्य किसी भी मूलांक में नहीं होता। आप शीघ्र ही अनजान व्यक्तियों के साथ घुल-मिल जाते है । मूलांक 6 वाले व्यक्ति मिलनसार होते है और इसी कारण आप परिवार तथा समाज में लोकप्रिय होते है ।
आपकी अधिक रूचि अन्य सुन्दर व्यक्तियों एवं वैसी वस्तुओं में अधिक होती है जो दिखने में सेक्सी लगे । विपरीत लिग अथवा स्त्री को प्रभावित करने करने की आपमें विशेष शक्ति होती है। मूलांक 6 वाले जातक यदि पुरुष है तो आपका मन सुदंर और मनमोहक स्त्रियों को पाने के लिए हमेशा लालायित रहता है और वैसी स्त्रियों से दोस्ती के लिए आप कुछ करने के लिए तैयार रहते है। इस कारण इनका सुन्दर स्त्रियों से सम्पर्क रहता है। ठीक इसके विपरीत यदि आप स्त्री है और आपका मूलांक 6 है तो आप का मन हमेशा सुंदर पुरुष को प्राप्त करने में लगा रहता है।

👉पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन | Family and Marriage Life
मूलांक 6 वाले व्यक्तियों का दाम्पत्य जीवन सामान्यतः सुखमय व्यतीत होता है। आप रति क्रीड़ा में अत्यंत ही माहिर होते हैं। इस कारण वैवाहिक सम्बन्ध ( Marriage Life) में मिठास बनी रहती है। परन्तु यदि आपको अपने वैवाहिक सुख में कमी महसूस होती है तो आपके दाम्पत्य जीवन में तूफ़ान आ सकता है।
आपको विरह की अग्नि में जलना भी पड़ सकता है। यदि किसी कारण जीवन साथी के साथ अविश्वास पैदा जो जाय तो वैवाहिक जीवन कष्टप्रद भी हो जाता है।
प्रत्येक वस्तु को सुचारू रूप से सजाना सवारना आपका नित्यकर्म होता है । यहाँ तक कि आप अपने को सजाने संवारने पर भी घंटो लगा देते हैँ। आप अपने घर को पूर्ण रूप से व्यवस्थित रखना चाहते है। आप घर के सोफे तथा अन्य फर्नीचर भी पूरा सजा कर रखते है ।
घर में कई बार साफ़ सफाई को लेकर एक दूसरे के प्रति आरोप प्रत्यारोप के कारण परेशानी भी होती है। मूलांक 6 वालों को भाइयों बहनो और परिवार के अन्य सदस्यो के साथ कुछ मतभेद का सामना करना पड़ता है। संतान को लेकर चिंता बनी रहेगी खासकर उसके पढाई को लेकर। माता पिता का प्यार और स्नेह मिलता रहेगा।

👉मूलांक 6 वालों की आर्थिक स्थिति | Economic Status of Moolank 6
यदि आपके आर्थिक स्थिति की बात करे तो आपकी आर्थिक स्थिति में उतार चढाव होते हुए देखा गया है। आप आय से अधिक खर्च करते है और यह खर्च मुख्यतः भौतिक सुख, भोग विलास को लेकर होता है। आप अपने मेहनत के अनुरूप धनोपार्जन करते है।

👉मूलांक 6 वालो का स्वास्थ्य । Health of Moolank 6
मूलांक 6 वाले जातक का शरीर आकर्षक होता है। आपमें शारीरिक शक्ति तो अच्छी होती है परन्तु आत्म शक्ति की कमी होती है। आपको गला, नाक फ़ेफ़ड़े, छाती व गुप्त रोगों के होने की प्रबल संभावना रहती है। इनके अलावा शुगर, शुक्राणु या हृदय ( Heart Disease) से सम्बंधित रोग भी हो सकता है।
मूलांक 6 वालों के लिए अनियमित रक्त-संचार, दिल का धड़कना इत्यादि एक समस्या बन जाती है। मूलांक 6 वालों का मन विपरीत लिंगो के प्रति बना रहता है इस कारण कई बार इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिलता है आप गुप्त तथा एड्स जैसे घातक रोग के चपेट में आ सकते है।

👉अंक शास्त्र -मूलांक 6 वालों की शिक्षा | Education of Moolank 6
वैसे देखे तो शिक्षा के प्रति आपकी बहुत ज्यादा रूचि नहीं होती है। आप मेहनत के बल पर उत्तम शिक्षा प्राप्त करते है। आपमें अपने विचारों को मूर्त रूप देने की पूर्ण रूप से सक्षम नहीं होते है। इस कारण कई बार शिक्षा में ब्रेक होते हुए भी देखे गए हैं। लेकिन संगीत एवं चित्रकला में आपकी अच्छी रुचि होती है।

👉मूलांक 6 वालो का कार्यक्षेत्र | Profession of Moolank 6
यदि आपके कार्यक्षेत्र ( Profession ) के सम्बन्ध विचार करे तो मूलांक 6 वाले जातक संगीत, कला, होटल कंप्यूटर इत्यादि से जुडे कामों में मूलांक 6 वाले अच्छा कर सकते हैं। फ़िल्म, नाटक, रंगमंच, सोने चांदी हीरे आदि से संबंधित काम, खान-पान आदि से संबंधित काम करना आपके लिए शुभ रहेगा। वस्त्रों का व्यवसाय करना भी आपके लिए अच्छा रहेगा। आप नेता-अभिनेता, लेखक,केमिस्ट,जन सम्पर्क अधिकारी भी बन सकते है। आप एक उत्तम अधिकारी के पद पर काम कर सकते है। आप उस स्थल पर काम करना पसंद करते है जहां सभी प्रकार के सुख सुविधा मिले।

अंक शास्त्र – मूलांक 6 की कमजोरी | Weakness of Moolank 6
आप अपना अधिकांश समय स्मार्ट दिखने में व्यतीत करते है।
आप बाह्य सुंदरता को ज्यादा महत्त्व देती है यह क्षणिक आनन्ददायक है अतः आतंरिक सुंदरता पर ध्यान दे तो अच्छा रहेगा।
केवल भोग विलास ही जिंदगी नहीं है समाज और परिवार को समझने की कोशिश करे।
गप्प सप्प में समय को व्यर्थ न गवाये।
समय को न पहचानना आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है।
अंक शास्त्र – मूलांक 6 वालों के लिए उत्तम सलाह | Best Advice for Moolank 6
आपको शुक्र ग्रह की उपासना करनी चाहिए।
माता दुर्गा की उपासना करने से आपकी समस्या शीघ्र ही समाप्त हो जायेगी।
प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि, मान सम्मान तथा यश की प्राप्ति होगी।
धूम्रपान करना एवं शराब का सेवन इनके लिए बहुत हानिपृद है
आपके लिए शुभ दिशा है दक्षिण – पूर्व अर्थात अग्नि कोण ।
आपके लिए शुभ धातु (Metal) है चांदी | silver.
आपके लिए मूलांक 2,3 6 तथा 9 वाले जातक सच्चे मित्र हो सकते है।
आपके लिए शुभ रंग सफेद तथा नीला हैं। यदि आप अपने ऑफिस तथा शयनकक्ष के पर्दे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग का प्रयोग निर्दिष्ट शुभ रंग में करे तो भाग्य आपका साथ देगा।
शुभ वर्ष, महीना, दिन तथा दिनांक | Good Year, Month, Day and Date
शुभ वर्ष – 2022 इत्यादि।
शुभ महीना – जून अगस्त
शुभ दिन – सोमवार, मंगलवार, बुधवार और शुक्रवार
शुभ दिनांक – 6, 15 तथा 24 तिथियां
शुभ रंग – सफेद तथा नीला…
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🔥मूलांक भाग्यांक 7 के प्रतिनिधि ग्रह केतु / Ketu हैं..🔥
👉इसलिए मूलांक 7 के व्यक्तियों पर केतु ग्रह की विशेषताओं का विशेष प्रभाव होता है। यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, और 25 को हुआ है तो आपका मूलांक 7 होगा और आप आजीवन 7 अंक से किसी न किसी रूप में प्रभावित होते रहेंगे।मूलांक 7 वाले गूढ़ विद्या और साहित्य में बहुत रूचि रखते है।

👉मूलांक 7 की स्वाभाविक विशेषताएं..
आप यह जान ले की मूलांक 7 का स्वामी ग्रह केतु है। इस मूलांक के सम्बन्ध में विद्वानों में किंचित मतभेद भी है कोई इसे नेपच्यून (वरुण) ग्रह का अंक तो कोई इसे चंद्रमा ( Moon ) का अंक भी मानते हैं। परन्तु अधिकांश विद्वानों के मत में केतु ग्रह मूलांक 7 का अधिष्ठाता ग्रह है।

मूलांक 7 वाले लोग दार्शनिक तथा श्रेष्ठ विचारक हो सकते है इनकी तर्कशक्ति बहुत ही मजबूत होती है। मूलांक सात वाले धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं पर रूढ़ियों एवं पूरानी रीतियों से दूर रहते हैं, धर्म के क्षेत्र में ये परिवर्तनशील विचारधारा रखते हैं, इन्हें धर्म में आडंबर पसंद नहीं है।

मूलांक सात वाले व्यक्ति स्वतंत्र विचार के होते है। इनका चित मन अशांत होता है। आप एक विचार अथवा स्थान पर पूरी तरह से टिक कर नहीं रह पाते है। आपके विचारो में प्रतिक्षण बदलाव संभव है। आपके मन में हमेशा कोई न कोई विचार चलते रहता है। यही नहीं आप नकारात्मक विचारो से किसी न किसी रूप में प्रभावित होते रहते है।

आप समाज या परिवार में स्पष्ट वक्ता के रूप में प्रतिष्ठित है। आप अपनी बात दृढ़तापूर्वक रखते है किसी से डरते नहीं है। आपमें आत्मविश्वास कूट कूट कर भरा होता हैं। मूलांक 7 वाले समाज में प्रतिष्ठित हो्ते है परन्तु कभी कभी साधारण बात को इतना बड़ा बना देते है की उसको संभालना मुश्किल हो जाता है।

यह समाज को खुले दिमाग से देखते हैं तथा समाज में हो रहे बदलाव का प्रभाव किस रूप में पड़ेगा पर अवश्य ही विचार करते है। यही कारण है की आप कवि, लेखक या कला प्रेमी होते हैं। आपको इस क्षेत्र में सफलता भी मिलती है।

आप में दूसरों के मन की बात समझने की क्षमता होती है। आप शीघ्र ही लोगों को अपनी ओर आकृष्ट कर लेते है। मूलांक 7 के जातक दिमाग के तेज होते हैं इनकी स्मरण शक्ति भी सुदृढ़ होती है। समस्याओ से न ही घबराते है और न ही डर कर भागते है बल्कि उसका डटकर मुकाबला करते है। इसी कारण ऐसा व्यक्ति जो ठान लेते है उसे पूरा करके ही दम लेते है।

👉पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन | Family and Marriage Life..
आपका वैवाहिक जीवन प्रायः सुखी रहता हैं। मूलांक ७ से प्रभावित व्यक्ति का प्रेम सम्बन्ध ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाता। आपके स्वतंत्र विचार प्रेम सम्बन्ध को प्रभावित करते है। आप को ये प्रेम में दिखावापन पसंद नहीं है।आप परिवार और समाज के सम्बन्ध में सोचते है इस कारण आपका पारिवारिक सम्बन्ध अच्छा होता है।

भाई बहनों के साथ आपका व्यवहार अच्छा रहेगा। भाई बहनों के साथ मिलकर कोई व्यवसाय भी कर सकते है। आपकी मित्रता प्रायः स्थायी नहीं होती। सगे सम्बन्धियो से आप रिश्ते को बनाकर रखते है। माता पिता के साथ विचारो की भिन्नता हो सकती है लेकिन अपने माता-पिता के लिए आप हमेशा ही अच्छा सोचते है।

👉मूलांक भाग्यांक 7 वालों की आर्थिक स्थिति,Economic Status of Moolank 7..

यदि इनके आर्थिक स्थिति की बात करे तो आप अपने परिश्रम के बल पर धन अर्जित करेंगे। मेहनत के अनुरूप धन की प्राप्ति होगी। आप जितना कमाते है उसी के अनुसार खर्च भी करते है। लेकिन दान पुण्य आदि में काफी धन खर्च कर देते हैं। आप मोक्ष प्राप्त करने के लिए कुछ भी खर्च करने के लिए तैयार रहते है।

👉मूलांक भाग्यांक 7 वालो का स्वास्थ्य । Health of Moolank 7
स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से मूलांक 7 वाले शारीरिक रूप से कमजोर होते है। आप पेट की बिमारी से हमेशा परेशान रहेंगे। मस्तिष्क सम्बन्धी बिमारी जैसे डिप्रेशन आदि से पीड़ित हो सकते है। इसके आलावा अतिरिक्त रक्तचाप कम या ज्यादा होना, त्वचा रोग, नज़र कमजोर होना आदि रोगों के चपेट में आ सकते है।

👉मूलांक 7 वालों की शिक्षा | Education of Moolank 7..
मूलांक ७ वाले जातक की शिक्षा में रूचि होती है। आप के अंदर शिक्षा के प्रति प्रेम है इस कारण आप हमेशा कोई न कोई पढ़ाई करने की तलाश में होते है। स्वास्थ्य के कारण आपकी प्राथमिक शिक्षा में कुछ व्यवधान आ सकता है। परन्तु माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा में ज्यादा दिक्कत नहीं आती है।

आपको कोई न कोई विदेशी भाषा का ज्ञान होना चाहिए। विदेशी भाषा को आप अपना कैरियर भी बना सकते है। आपकी रूचि कला एवं गुप्त विद्या में भी होती है। आप गुप्त तथा धार्मिक ग्रंथों को पढना पसन्द करते है। आप परीक्षा में हमेशा सफल ही होंगे ऐसा नहीं है असफलता के बाद सफलता मिलना आपके लिए आयाम बात है।

👉मूलांक 7 के व्यक्तियों के अंदर अन्वेषणात्मक बुद्धि होती है इस कारण आप रिसर्च कार्य करके अच्छा नाम कमा सकते है। आपका झुकाव रहस्यमय एवं गूढ़ विद्याओं की ओर रहता है। आपकी बुद्धि अत्यंत तीक्ष्ण होती है इस कारण आप इंट्यूशन के माध्यम से अपने सामने वाले के चेहरा तक पढने में समर्थ होते है। ऐसा जातक इस अच्छा ज्योतिषी तथा आध्यात्मिक पुरुष भी हो सकता है।

👉मूलांक भाग्यांक 7 वालो का कार्यक्षेत्र…
यदि आपके कार्यक्षेत्र अथवा व्यवसाय की बात की करे तो मूलांक 7 वाले कल्पना-शक्ति व अपनी अभिव्यक्ति को कुशलता पूर्वक अभिव्यक्त करने के कारण की क्षमता के कारण लेखक, दार्शनिक आध्यात्मिक गुरु तथा कवि के रूप में अधिक सफल होते हैं। . इसके अलावा आप सरकारी अधिकारी, ज्योतिषी, डॉक्टर, अध्यापक, जज, सलाहकार तथा गाइड आदि के रूप में भी ये कार्य करने वाले होते है।

👉मूलांक सात के जातकों को यात्रा, पर्यटन, सैर-सपाटा करना अच्छा लगता है। आप अच्छे वकील या न्यायाधीश, परामर्शदाता हो सकते हैं। आपको एजेंट का भी कार्य करते हुए देखा गया है। इन लोगों की सहनशक्ति अच्छी होती है। आपको यात्रा करना अच्छा लगता है इसलिए आपको मार्केटिंग के भी कार्य में खूब सफलता मिलती है।

👉मूलांक भाग्यांक 7 की कमजोरी…
अपने इष्ट मित्र से सलाह नहीं लेना या उनकी सलाह पर ध्यान न देना बहुत बड़ी कमजोरी है।
आप बहुत जल्द ही क्रोधित हो जाते हैं जिसके कारण कभी कभी बनता काम बिगड़ जाता है।
किसी कार्य में अपनी भावुकता को हथियार न बनाये।
आप बात बात में झगड़ा करने पर उतारू हो जाते है।
आप तुरंत फैसला नहीं ले पाते है यह आपके लिए बहुत बड़ी कमी है।
मूलांक भाग्यांक 7 वालों के लिए उत्तम सलाह
आपको केतु ग्रह की उपासना करनी चाहिए।
आपको हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए इनके शरण में जाने से आपकी समस्या शीघ्र ही समाप्त हो जायेगी।
प्रतिदिन नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि, मान सम्मान तथा यश की प्राप्ति होगी।
“ॐ गं गणपतये नमः” मन्त्र का जप करना चाहिए इससे आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और आप उत्तरोत्तर आगे बढ़ाते जाएंगे।
धूम्रपान करना एवं शराब का सेवन नहीं करे तो अच्छा रहेगा क्योकि केतु मोक्ष कारक ग्रह है और यदि आप कोई व्यसन करते है तो मुक्ति का मार्ग बंद हो जाएगा।
आपके लिए शुभ दिशा है ईशान कोण ( North East )
आपके लिए शुभ धातु (Metal) है सोना | Gold.
आपके लिए मूलांक 1,2 3 5 7 और 9 वाले जातक सच्चे मित्र हो सकते है।
इनके लिए 7, 16 व 25 तारीखे और रविवार, सोमवार और गुरुवार के दिन शुभ रहते हैं।
रंगों की बात करें तो इनके लिए हल्का पीला व काफ़ूरी रंग अनुकूल होते हैं
आपके लिए शुभ रंग हल्का पीला व लाल हैं। यदि आप अपने ऑफिस तथा शयनकक्ष के पर्दे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग का प्रयोग निर्दिष्ट शुभ रंग में करे तो भाग्य आपका साथ देगा।
👉शुभ वर्ष, महीना, दिन तथा दिनांक
शुभ वर्ष – 2023 इत्यादि।
शुभ महीना – जुलाई, अप्रैल, अगस्त
शुभ दिन – सोमवार, मंगलवार, बुधवार और शुक्रवार
शुभ दिनांक – 7,16 तथा 25 तिथियां
शुभ रंग – हल्का पीला व लाल….
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🔥मूल्यांकन वा भाग्यंक 8 के अनुसार..🔥

👉जिन बच्चों या व्यक्तियों का जन्म महीने की , 08, 17, 26, तारीख को हो उनका जन्मांक 8 आठ होता है | सूक्ष्म एवं विशेष गणना करने के लिए मूलांक निकालना चाहिए , जिसके लिए दिन, मास , वर्ष की गणना करनी चाहिए | जिन व्यक्तियों का जन्मांक 8 आठ होता है वह जातक शनि से प्रभावित रहता है |
👉जन्मांक आठ के जातक जन्म से ही एकांत प्रिय या एकाकी स्वभाव वाले व्यक्ति होते हैं तथा अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा से पूरा करते हैं | आठ अंक वाले जातक सकारात्मक स्वभाव वाले तथा रहस्यमई व्यक्ति होते हैं, तथा सभी कार्यों को अपनी निष्ठा व् लगन से कर लेते हैं, ये लोग अपने व्यवसाय में अपना एकाधिकार पसंद करते हैं | आठ मूलांक के जातक पुरुष ज्यादा विश्वास के काबिल एवं वफादार होते हैं |
👉आठ अंक के जातक प्रयोगशाला, शिक्षण संस्था , सेना आदि में नौकरी करना पसंद करते हैं |व्यवसाय के मामले में कृषि के यन्त्र निर्माण, उधोग, खनन कार्य, पेट्रोल, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर विकास कार्य आदि करना पसंद करते हैं ll
👉आठ अंक वाली स्त्रियाँ व् लड़कियों सर्वगुण संपन्न तथा साँवले रंग की मध्यम दर्जे की सुंदरतथा कला प्रेमी होती हैं | इस अंक की लड़कियों व स्त्रियों अपनी बौद्धिक क्षमता के कारण ही समाज व् अपने पति की चहेती बनी रहती है | आठ अंक की स्त्रियाँ अपने पति के सभी कार्यों में मदद कर सकती हैं |
👉जन्मांक आठ के जातकों को मूत्र सम्बन्धी रोग, घुटनों में दर्द, गठिया बाय, से सम्बंधित रोगों की संभावना रहती है | सभी प्रकार की परेशानियों के लिए जातक को नीलम को सोने की अँगूठी में फिट करवा कर शनिवार के दिन सांय दो घंटे ४० मिनट पहले शनि की होरा के समय पूजा घर में जाकर अँगूठी को दूध में व् गंगाजल में स्नान करवा कर शनिदेव के मंत्र “ ॐ सं शनिश्चराय नमः “ का उच्चारण १०८ बार करके अँगूठी को सिद्ध करके मध्य उँगली में पहनना चाहिए |

👉जन्माक आठ (8 ) के लिए अनुकूल :
समयावधि : 23 दिसंबर से 20 जनवरी तक का समय
अधिष्ठाता ग्रह : शनि
शुभ वार : शनिवार एवं शुक्रवार
तारीख : 8 , 17 और 26
मित्रता : मूलांक 4 , 6 , और 8 वाले व्यक्ति
रंग : काला , नीला
दिशा :पश्चिम
रत्न : नीलम
धातु : स्टील व् लोहा

👉जन्माक आठ (8 ) के लिए प्रतिकूल :
समयावधि : 21 मार्च से 20 अप्रैल तक का समय
अधिष्ठाता ग्रह :
शुभ वार : बुधवार
तारीख : 7, 16 , और 25
मित्रता : मूलांक 1, 2 और 9 वाले व्यक्ति
रंग : सुनहरा और हल्का हरा
दिशा : पूर्व
रत्न : मोती , मूंगा
धातु : चांदी और स्वर्ण…
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[🔱🔥मूल्यांकन एवं भाग्यांक ..9.. के अनुसार..🔥🔱

🔥👉अंकशास्त्र ( Numerology ) में मूलांक 9 के प्रतिनिधि ग्रह मंगल / Mars हैं इसलिए मूलांक 9 के व्यक्तियों पर मंगल ग्रह की विशेषताओं का विशेष प्रभाव होता है। यदि आपका जन्म किसी भी महीने के दिनांक 9, 18, और 27 को हुआ है तो आपका मूलांक 9 होगा और आप आजीवन 9 अंक से किसी न किसी रूप में प्रभावित होते रहेंगे। मूलांक 9 वाले व्यक्ति बहुत ही परिश्रमी, और क्रोधित होते है।

🔥👉मूलांक 9 की स्वाभाविक विशेषताएं | Characteristics of Moolank 9..

मूलांक 9 वाले व्यक्ति हरफनमौला स्वभाव के होते है। मंगल ग्रह उत्साह और ऊर्जा का कारक ग्रह है अत: मूलांक 9 वाले जातक उत्साही, उर्जावान एवं चुलबुल स्वभाव के होते हैं। आप शरीर से बलिष्ठ होते है। आपको हंसी-मजाक पसंद है। आप अपने मित्रो में काफी लोकप्रिय होते हैं

👉आप अपनी समस्याओं का समाधान खुद ही ढूंढने की हरसंभव कोशिश करते हैं। आप किसी भी परिस्थिति से निबटने का हिम्मत रखते हैं। आप सैद्धान्तिक तथा अनुशासन प्रिय हैं। आपका प्रारम्भिक काल संघर्षपूर्ण व्यतीत हो सकता है परन्तु संघर्ष ही जीवन है जैसे मूलमंत्र को अपनाकर आप अजेय बन जाते है।

👉मूलांक 9 वाले जातक विरोध का सहन नहीं कर पाते है। आपके के स्वभाव में मंगल ग्रह का प्रभाव होता है। आप जैसे लोग खेल कूद या सेना से संबंधी क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। आप साहसिक और दृढ इच्छा शक्ति के बल पर अनेक उपलब्धियाँ हासिल करते हैं।

👉आप हमेशा मान सम्मान की चाहत रखते है और अगर मान सम्मान न मिले तो आप बौखला जाते है। आप चैलेंज को हमेशा स्वीकार करते है भागते नहीं है। आपके जीवन में दुर्घटना भी बहुत आती है। आप किसी के अधीन काम करना पसंद नही करते।

🔥👉पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन | Family and Marriage Life..

मूलांक 9 वाले जातक का प्रारम्भिक जीवन कष्टमय होता है। आपको गिरने से चोट अवश्य ही लगता है। आप अपने सगे संबंधियों को खूब लाभ पहुंचाते हैं। भाई-बहनों के साथ वैचारिक भिन्नता तथा उसके कारण मनमुटाव होने की भी स्थितियां बनती रहती है।

👉आप विपरीत लिंग ( स्त्री या पुरुष ) के प्रति शीघ्र ही आकर्षित हो जाते है। आपके प्रेम सम्बन्ध स्थाई नहीं होते। अहंकार के कारण संबंधों में दरार होते हुए देखा गया है। आप सुन्दर नारी के तलाश में रहते है यदि सुन्दर स्त्री न मिले तो विवाहेतर सम्बन्ध से नकारा नहीं जा सकता। आप ऐसा जीवन साथी चाहते है जो हमेशा आपके अनुसार चले। आप भोग विलास में ज्यादा विशवास रखते है इस कारण दाम्पत्य जीवन में परेशानियां आती हैं। संतान सुख का भी अभाव देखा गया है। गृहस्थ जीवन में अपने जीवनसाथी के साथ प्रेमपूर्ण सम्बन्ध रहता है।

🔥👉मूलांक 9 वालों की आर्थिक स्थिति | Economic Status of Moolank 9..

मूलांक 9 वाले आर्थिक दृष्टि से मजबूत होते है। इनके पास जमीन जायदाद खूब होती है। आपको विरासत में जो जमीन मिलती है प्रायः आप उसमे वृद्धि ही करते है। स्थिति की बात की जाय तो इनकी आर्थिक स्थिति परिवर्तनशील रहती है।

👉आपको ससुराल पक्ष से भी धन मिलते हुए देखा गया है। आपको लड़ाई झगड़े वाले जमीन से भी धन मिल सकता है। आप खर्च करने में भी नही चूकते कभी कभी तो दिखाने के लिए अपने हैसियत से ज्यादा भी खर्च कर देते है।

🔥👉मूलांक 9 वालो का स्वास्थ्य | Health of Moolank 9…
स्वास्थ्य की दृष्टि से मूलांक 9 वाले जातक मुख्यतः सिर दर्द, चोट, रक्तविकार, बुखार, पेट का रोग आदि से परेशान होते हैं। मंगल अग्नि का कारक है अतः आपको जलने का खतरा बना रहता है और इस कारण आपको त्वचा सम्बंधी समस्या आ सकती है।

👉आप में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी होती है। इस कारण जब जब मौसम में परिवर्तन होता है आपको स्वास्थ्य से सम्बंधित कोई न समस्या आ ही जाती है। आपको किसी न किसी वजह से चोट अवश्य ही लगते रहता है। दुर्घटना के भी शिकार हो सकते है।

🔥👉मूलांक 9 वालों की शिक्षा | Education of Moolank 9..
👉मूलांक 9 वाले जातक तीक्ष्ण बुद्धि के होते है। आपकी तार्किक शक्ति बहुत ही प्रबल होती है। इस कारण आप अध्ययन में हमेशा अव्वल होते हैं। आप अपनी बौद्धिकता के बल पर जीवन में बहुत तरक्की करते हैं। वर्तमान समय में मूलांक 9 जातक कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल से संबंधित शिक्षा प्राप्त करते हुए देखा गया है।

👉आप टेक्निकल डिग्री जैसे इंजीनियरिंग इत्यादि की पढाई में ज्यादा सफल होते है। आप उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करने में सफ़ल रहते हैं। प्रारंभिक शिक्षा किंचित व्यवधान के साथ ही पूर्ण होता है। कई बार तो आपको शिक्षा बीच में ही छोडनी पड जाती है। विज्ञान में आपकी रुचि ज्यादा होती है। कला के क्षेत्र में भी आप अपना अध्ययन पूरा कर लेते है।

🔥👉मूलांक 9 वालो का कार्यक्षेत्र | Profession of Moolank 9..
👉मूलांक 9 वाले जातक .. टेक्निकल क्षेत्र में बहुत अच्छा करते है। ऐसे जातक प्राय इंजिनियर अथवा डाक्टर के क्षेत्र में अच्छा नाम कमाते हैं। आप अग्नि या बिजली से सम्बंधित कामों से जुड कर अच्छा लाभ कमा सकते है। आप साहस अथवा जोखिम भरा कामो में सफलता प्राप्त कर सकते है। राजनीति, टूरिज्म, घुडसवारी से जुडे काम भी कर सकते हैं। अध्यापन के क्षेत्र में ट्रेनिंग देने वाले कार्य में आप अच्छा नाम कमा सकते है। आप पुलिस तथा डिफेन्स में नौकरी करते हुए देखे गए है। आप व्यापार के क्षेत्र में अपना भाग्य अजमा सकते है निश्चित ही आपको सफलता मिलेगी।

🔥👉मूलांक 9 की कमजोरी..
क्रोध पर नियंत्रण नही कर पाना आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है।
आपका स्वभाव अहंकारी होने के कारण कभी कभी मित्र भी आपके शत्रु बन जाते है।
आप साहसिक और जोखिम भरा काम करने में विशवास रखते है यह अच्छी बात है परन्तु कभी कभी परेशानी का कारण भी बन जाता है।
आप गाड़ी तेज रफ़्तार से चलाते है जिसके कारण हमेशा दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है।
दुश्मन /शत्रु को कमजोर न समझे।

🔥👉मूलांक 9 वालों के लिए उत्तम सलाह..
आपको मंगल ग्रह की उपासना करनी चाहिए।
हनुमान जी की उपासना करने से सभी समस्या शीघ्र ही समाप्त हो जायेगी।
प्रतिदिन नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि, मान सम्मान तथा यश की प्राप्ति होगी।
यदि स्वास्थ्य से परेशान है तो हनुमान अष्टक का पाठ करे।
घर में यदि क्लेश है तो मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करे सब ठीक हो जाएगा।
धूम्रपान एवं शराब का बिलकुल भी सेवन नहीं करे तो अच्छा रहेगा यदि इसका सेवन करते है तो अचानक कोई न कोई दुर्घटना घाट सकती है।
आपके लिए शुभ दिशा है दक्षिण ( South )..

🔥👉आपके लिए शुभ धातु (Metal) है सोना | Gold
मूलांक 9 का मूलांक 6 वाले व्यक्ति के साथ मित्रता रहती है। मूलांक 4 वाले व्यक्ति से आपको सचेत रहना चाहिए। इस अंक वाले व्यक्ति से आपकी मित्रता शत्रुता में भी बदल सकती है।
इनके लिए 9, 18 व 27 तारीखे और रविवार, मंगलवार, सोमवार और गुरुवार के दिन शुभ रहते हैं।
आपके लिए शुभ रंग लाल, नारंगी व गुलाबी हैं। यदि आप अपने ऑफिस तथा शयनकक्ष के पर्दे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग का प्रयोग निर्दिष्ट शुभ रंग में करे तो भाग्य आपका साथ देगा।
🔥👉शुभ वर्ष, महीना, दिन तथा दिनांक
शुभ वर्ष – 2016 इत्यादि।
शुभ महीना – सितंबर, जून
शुभ दिन – रविवार, मंगलवार, सोमवार और गुरुवार
शुभ दिनांक – 9,18 तथा 27 तिथियां
शुभ रंग – लाल व गुलाबी, नारंगी..
🔱⚜🔥🙏🏻🕉🙏🏻🔥⚜🔱💐
[: 🔱नाम से गुण मिलान क्या है..?👇

👉नाम के अनुसार गुण मिलान अंक ज्योतिष से किया जाता है। नाम के अनुसार गुण मिलान अंक ज्योतिष की कीरो विधि पर आधारित है। इसमें नामांक के ज़रिए दो प्रेम करने वाले व्यक्तियों के गुणों को मिलाया जाता है तथा उनका फलादेश ज्ञात किया जाता है। यह कुण्डली मिलान से भिन्न है। नामांक की गणना अंग्रेज़ी में दिए गए अक्षरों के आधार पर होती है। यहाँ A से लेकर Z तक सभी अक्षरों के लिए कुछ निश्चित अंक निर्धारित किए गए हैं। जैसे –

👉अक्षर अंक..👇
A, I, J, Q, Y 1
B, K, R 2
C, G, L, S 3
D, M, T 4
E, H, N, X 5
U, V, W 6
O, Z 7
M, P, F 8

👉नामांक को ज्ञात करने की विधि..
आप यह जान चुके हैं कि हर अंग्रेजी के अक्षर के लिए अंक निर्धारित है। इसलिए नामांक को निकालना आपके लिए आसान होगा। उदाहरण से समझिए, यदि किसी व्यक्ति का नाम RAJ है तो उपरोक्त तालिका के अनुसार R के लिए 2, A के लिए 1 और J के लिए भी 1 अंक निर्धारित है। अब हमें इन अंको का योग करना है। यहाँ 2+1+1= 4 होते हैं यानि राज का नामांक 4 हुआ। ऐसे ही यदि किसी व्यक्ति के नाम के अक्षरों का योग दहाई संख्या में आता है तो उन दो संख्याओं को अलग करके जोड़ा जाता है। उदाहरण – किसी व्यक्ति के नाम के अक्षरों का योग 16 आया है तो यहाँ 1 और 6 को जोड़ा जाएगा और जिसका नामांक 7 होगा।

👉नामांक और विशेषता..
नामांक 1 – जिन जातकों का नामांक 1 होता है, वे एक सफल व्यक्ति होते हैं। समाज में आपको मान-सम्मान और ख्याति प्राप्त होती है। दूसरें के सहयोग के लिए आप सदैव तत्पर रहते हैं। सामाजिक क्षेत्र में आपको बड़ी सफलता मिलती है।
👉नामांक 2 – 2 नामांक वाले व्यक्ति को जीवन में अधिक संघर्ष करना पड़ता है। आप राजनीतिज्ञ होते हैं लेकिन आप में निरंतरता की कमी दिखाई देती है। आयात एवं निर्यात से जुड़े व्यापार में आपको सफलता मिलती है।
👉नामांक 3 – इस नामांक के जातकों को करियर में सफलता पाने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है। हालाँकि आपके कार्यक्षेत्र में स्थिरता बनी रहती है।
👉नामांक 4 – इस नामांक की महिलाओं को रिलेशनशिप में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यदि आपका नामांक 4 है तो आपको शेयर मार्केट से दूरी बनाकर रखना चाहिए।
👉नामांक 5 – इस नामांक के व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं। समाज में आपको मान-सम्मान और पहचान मिलती है। आप सकारात्मक सोच के होते हैं और इसलिए हर क्षेत्र में सफलता की नींव रखते हैं।
👉नामांक 6 – इस नामांक के जातक मनोरंजन, डिज़ाइनिंग और कला के क्षेत्र में सफलता पाते हैं और विलासपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं।
👉नामांक 7 – इस नामांक के जातकों को प्रत्येक क्षेत्र में सावधानी से क़दम बढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह नामांक केवल कुछ ही लोगों के लिए अनुकूल होता है। इसमें कला और साहित्य के क्षेत्र से संबंध रखने वाले जातकों को सफलता मिलती है।
👉नामांक 8 – इस नामांक के जातक अच्छे योजनाकार होते हैं। परंतु वे किसी न किसी स्कैंडल में फँस जाते हैं। आप जीवन में कई प्रकार की बाधाओं का भी सामना करते हैं।
👉नामांक 9 – जिन जातकों का नामांक 9 होता है वे खुले विचार के होते हैं। आपको स्वतंत्रता अधिक रास आती है। आप रचनात्मक और दृढ़ निश्चयी होते हैं।

👉अंक ज्योतिष में नामांक का महत्व..👇
अंक विज्ञान की कीरो विधि में प्रत्येक अंक का एक विशेष महत्व होता है। ये अंक व्यक्ति के स्वभाव एवं व्यक्तित्व के बारे में बताते हैं। आइए इस बात को इस उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। अंक शास्त्र के नियम के अनुसार यदि प्रेमी का अंक 1 है और प्रेमिका का अंक भी 1 है तो दोनों के बीच समान भावना और प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। इससे उनके बीच टकराव की स्थिति देखने को मिलेगी। यदि इस स्थिति में प्रेमिका का अंक 2 होता है तो दोनों के बीच प्रेम बढ़ेगा। जबकि प्रेमी का अंक 1 हो और प्रेमिका का 3 तो प्रेम जीवन सुखद रहता है।

वहीं इसी स्थिति में यदि प्रेमिका का नामांक 4 हो तो दोनों के बीच अकारण विवाद होता रहता है। 5 अंक वाली प्रेमिका के साथ मौखिक रुप से वाद-विवाद होने की सम्भावना रहती है। 6 अंक वाली प्रेमिका 1 अंक के प्रेमी के साथ सुखी प्रेम जीवन का आनन्द लेती है। 7 अंक वाली प्रेमिका के साथ 1 अंक के प्रेमी का प्रेम जीवन सुखी होता है। वहीं 1 अंक के प्रेमी और 8 अंक वाली प्रेमिका के बीच प्रेम जीवन में कमी बनी रहती है। जबकि 9 अंक वाली प्रेमिका 1 अंक के प्रेमी के साथ सुखमय प्रेम जीवन का आनन्द लेती है। इसी प्रकार आप निम्न तालिका के माध्यम से प्रेमी जोड़े के बीच की अनुकूलता को देख सकते हैं

👉अंक अतिमित्र मित्र सम शत्रु..👇
1 —— 2,3,6,7,9 1,8 4,5
2 2,6,9 1,4,7 3,8 5
3 6,9 1,5 2,4,7 3,8
4 4,6 2,7,8,9 3,5 1
5 —— 3 4,6,7,8,9 1,2,5
6 2,3,4,6,9 1 5,7,8 ——
7 7,9 1,2,4,6 3,5,8 ——
8 —— 4,6 1,2,5,7,8,9 3
9 2,3,6,7,9 1,4 5,8 ——

👉नाम के अनुसार गुण मिलाना क्यों आवश्यक है?
कई बार प्रेम को लेकर हमारे ज़हन में कई तरह के सवाल उठते हैं। ये सवाल प्रेम की शुरुआत में अधिकतर परेशान करते हैं। साथी की विश्वसनीयता या उसके साथ भविष्य को लेकर हम बहुत सोचते हैं। ऐसे में नाम के अनुसार गुण मिलान टूल आपकी चिंता को दूर करता है। जिस प्रकार विवाह से पूर्व प्रेमी एवं वधु की जन्म कुण्डली को देखकर कुण्डली मिलान किया जाता है। ठीक उसी प्रकार नाम से भी दो प्रेमियों के बीच गुणों की अनुकूलता को परखा जा सकता है। इससे उनके प्रेम का फलादेश ज्ञात होता है।

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