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मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। यह बात कई बार आपके मुख से निकली होगी और बहुधा दूसरों के द्वारा भी सुनी होगी।। जीवन का बहुत बड़ा रहस्य इस साधारण सी लोकोक्ति में छिपा है। जिसका मन हार जाता है फिर चाहे दुनिया के कितने भी साधन और शक्ति उसके पास क्यों ना हो वह जरूर पराजित होता है।। कुछ ना होते हुए भी मनोबल जिसका बना हुआ है। वह एक दिन जरूर विजयी होता है। इंसान की वास्तविक ताकत तो उसका स्वयं का आत्मबल ही है।। मनोबल से हीन व्यक्ति तो निर्जीव ही है।शरीर कितना भी हृष्ट पुष्ट हो, आसान सा कार्य हो लेकिन शरीर को कार्य करने के लिए प्रेरित करने वाला तो मन ही है।। सारे कार्य मन के द्वारा ही तो संचालित होते हैं। मन से कभी भी हार मत मानना, नहीं तो आसान सा जीवन कठिन हो जाएगा। रिश्ते अगर दिल में हों तो तोड़ने से भी नहीं टूटते,और अगर दिमाग में हों तो जोड़ने से भी नहीं जुड़ते।।
ॐ शांति
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हमारी जिह्वा में सत्यता हो, चेहरे में प्रसन्नता हो और हृदय में पवित्रता हो तो इससे बढ़कर सुखद जीवन का और कोई अन्य सूत्र नहीं हो सकता। निश्चित समझिए असत्य हमें भीतर से कमजोर बना देता है।। जो लोग असत्य भाषित करते हैं उनका आत्मबल बड़ा ही कमजोर होता है। जो लोग अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं। वही सबसे अधिक असत्य का भाषण करते हैं।। हमें सत्य का आश्रय लेकर एक जिम्मेदार व्यक्ति बनने का सतत प्रयास करना चाहिए। उदासी में किये गये प्रत्येक कर्म में पूर्णता का अभाव पाया जाता है।। हमें प्रयास करना चाहिए कि प्रत्येक कर्म को प्रसन्नता के साथ किया जाना चाहिए। जीवन हमें उदासी और प्रसन्नता दोनों विकल्प प्रस्तुत करता है।। अब ये हमारे ऊपर निर्भर करता है। कि हमें क्या पसंद है। हम क्या चुनना चाहते हैं।। निष्कपट और निर्बैर भाव ही हृदय की पवित्रता है। जीवन में अगर कोई बहुत बड़ी उपलब्धि है तो वह पवित्र हृदय की प्राप्ति है। पवित्र हृदय से किये गये कार्य भी पवित्र ही होते हैं।। प्रभु स्वयं कहते हैं- निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र ना भावा।।

     *जय श्री राधे कृष्णा।।*


जब आप परेशान होते हो तो खुद को मन से कमजोर महसूस करते हो,

जब आप परेशानी को खुद पर हावी नहीं होने देते तब आप खुद को मन से मजबूत पाते हो,

परेशानियों से जीवन तो भरा हुआ है ही,
कदम-कदम पर कोई न कोई परेशानी तो आएगी ही,
जो आपको चिंता से ग्रसित करेगी,

परेशानियों का हल तो केवल आपकी मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है,

यदि आप खुद को परेशानियों से निकालना चाहोगे तो आपको स्वयं ही स्वयं की मदद करनी होगी,

अपने मन को मजबूत बनाओगे तो परेशानी आपको परेशान नहीं करेगी,
खुद को कमजोर मत बनाओ,यही आपकी परेशानी का सही मायने में हल है निर्णय आपका स्वयं विचार करें..!!
🙏🏿🙏🙏🏻जय जय श्री राधे🙏🏽🙏🏾🙏🏼

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