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एलर्जी नजला जुकाम के घरेलू उपचार
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प्यारे साथीओं मौसम बदलते ही नजला जुकाम एलर्जी बहुत प्रेशान कर देती है । कई मित्र तो इस समस्या से दो- चार होते ही रहते है ।
कारण : वर्षा में भीगना, ओस या सर्दी लगना, देर तक भीगे कपड़े पहने रहना, एकाएक पसीना बंद हो जाना, बदहजमी, आदि l लक्षण : शरीर में सुस्ती, बदन में अंगड़ाई, जम्हाई आना, सिर में दर्द या भारीपन, आंखे लाल, छीकें आना, आंखो से पानी आना, खांसी बुखार, भूख कम हो जाना आदि l

एक घरेलु प्रयोग
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अदरक का रस एक या दो चम्मच ,
तुलसी के पत्तों का रस 1 चम्मच ,
एक चम्मच शहद ,
पाँच काली मिर्च

यह चारों को अाप मिक्श करके चाट लें । दिन में दो या तीन बार लेने से बहुत लाभ होगा ।

देशी गौमूत्र का नियमित सुबह शाम सेवन करें व नस्य ले

एक आयुर्वेदिक दवा जो आपको खुद बनानी पढैगी –
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सफेद फिटकरी को आक के दूध में घोटकर भस्म करलें + धतूरे के पत्तों के रस में घोटकर सुखा कर कुजे में डालकर भस्म करलें । + पुठकंडा के सर्वाग रस में घोटकर भस्म करलें । + घी ग्वार के रस में घोटकर भस्म कर लें । फिर इसे पीसकर कपड़छान करके काँच की हवाबंद शीशी में डाल कर रख लें । 250mg से 1Gm तक शहद से चटवाएं ।

•अगर कफ जमा हुआ है तो बहेड़ा छिलका का कपड़छान चूर्ण मिलाकर थोड़ा सफेद मुसबर की भस्म मिलाकर लेने से बहुत ही लाभ मिलेगा । यह अनूभूत प्रयोग है । शत् प्रतिशत लाभ मिलता है ।

• जो लोग यह न बना सकते हो वो महालक्षमी विलास रस 1 गोली
अगर साथ में बुखार हो तो त्रिभुवनकीर्ति रस 2 गोली ,
अगर खांसी है तो अभ्रक भस्म + सितोपलादि चूर्ण मिलाकर शहद से चाट लें ।
अगर आँखों में जलन है या पानी भी चलता है तो सप्तामर्त लौह ½ या 1 ग्राम के साथ लें ।

•पुदीन हरा की गोली को उबलते पानी में डालकर + नाक पर लगाने से बंद नाक खुल जाती है ।

•इलाची बीज ,नौशादर ,अजवायन ,कपूर टिकी को कपड़े में लपेट पोटली सी बनाकर पास रखें । बार-बार सूंघने से बहुत लाभ होगा ।

•नाक में रोगन बादाम या षडबिंदु तैल या पंचगव्य नासिका धृत का नश्य लेने से बेहद लाभ होता है ।

•कानों में सरसों का तैल गुनगुना करके जरूर डालें । तरावट आएगी खुश्की दूर होगी ।

•सिर पर रोगन खसखस और रोगन बादाम या रोगन ब्राह्मी का मालिश दिमाग की खुशकी दूर करेगी ओर दिमाग को ताकत देगी ।

तलवो की सर की व कान की मालिश(सरसो तेल या देशी गया का घी अतिमहत्वपूर्ण है

इसके इलावा आप नजली ,लयूक सपिसता,वासावलेह ,चयवनप्राश स्पैशल ,लक्षमी विलास रस नारदीय ,कफकेतु रस ,कनकासव आदि भी ले सकते है ।

👉 जब सुखी ठंडी हवा लग कर रोग आया हो, ठंडक महसूस होना, सिर दर्द, आँखों से पानी, छीकें आना, सूखी खांसी, बार – बार बेचैनी तथा भय , खुली हवा में अच्छा लगता है – ( एकोनाइट 30, 3 – 4 खुराक दिन भर में दें )

👉 चिडचिडापन , तेज सर दर्द के साथ नजला जुकाम , नाक से बहुत पानी बहने के साथ होठ सुखा होना – (ब्रायोनिया 30, दिन में 3-4 बार)

👉 हरा पीला स्राव , स्वाद न रहना , प्यास न हो – ( पल्साटिला 30 , दिन में 3-4 बार )

👉 सर्दी के कारण लगातार छीकें आती है , गर्म कमरे में जाने से बढ़ती है , नाक से बहुत ज्यादा पानी की तरह का जलनयुक्त स्राव , सिरदर्द , खांसी तथा आवाज बैठी हुई , आँखों में पानी – ( एलियम सीपा 30 , 2 -3 घंटे के अंतर पर )

👉 नाक से जख्म कर देने वाला स्राव , आँख व नाक में जलन , बेचैनी , थोड़ी – थोड़ी देर में थोडा – थोडा पानी पीने की इच्छा , कमजोरी , बुखार व सिरदर्द l सभी लक्षण गर्मी व गर्म चीजों के उपयोग से घटते हों – ( आर्सेनिक एल्ब 30 , 2 -2 घंटे के अंतर पर )

👉 गले में व सिर में दर्द , चेहरा तमतमाया हुआ , नींद गायब , खांसी-जुकाम – ( बेलाडोना 30 , दिन में 3 – 4 बार )

👉 जब नाक से गाढ़ा पीला या हरा , चिपचिपा बलगम निकले – ( कालि बाई 30 , दिन में 3 – 4 बार )

मेथी,हल्दी,लौंग,अजवायन,सौठ,चुना,दालचिनी,पान,गुलकंद,शहद,गुड़,कालीमिर्च,गिलोय,निम,तुलसी,एलोवेरा,गौमुत्र सभी एलर्जी को दूर करने वाली औषधि है सबसे सस्ती है गुनगुना पानी नियमित जीवन पर्यंत गुनगुने जल का सेवन कर हर प्रकार के संक्रमण से बच सकते हैं।
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