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कान का बहना (Ayurvedic remedy for otorrhoea)

      *कई कारणों से कानों में अक्सर फुंसियां हो जाती है और यही फुंसियां जब पककर फूट जाती हैं तो उनमें से मवाद निकलने लगता है। कभी-कभी फुंसियों का जख्म जल्दी न भरने के कारण उनमें से काफी समय तक मवाद बहता रहता है।*

      *कान में खुजली होने या कान में से मैल निकालने के लिये कान में तीली या कोई और चीज से कान को खुजलाने के कारण कान में जख्म बन जाता है। जख्म की वजह से कान में सूजन आ जाती है और उसके फूटने पर उसमें से मवाद बहने लगता है। कभी-कभी कान में चोट लग जाने की वजह से भी कान में से मवाद बहने लगता है। कई अनुभवियों और चिकित्सकों के मुताबिक वात (गैस) रोग के कारण भी कान में से मवाद बहने लगता है। जब पित्त के रोग के कारण कान में से मवाद बहता है तो उसका रंग पीला होता है। कफ (बलगम) के कारण कान में बहुत तेज खुजली होती है और उसके अन्दर से सफेद रंग का गाढ़ा मवाद बहता है।*

       *इस रोग में पहले तो शरीर पर छोटी-छोटी फुंसियां निकल आती हैं। फिर कुछ समय के बाद यही फुंसियां पककर फूट जाती हैं और इनमें से मवाद निकलने लगता है। कभी-कभी फुंसियों के फूटने के बाद जख्म बन जाता है और उसमें से मवाद के साथ खून भी आने लगता है।*

विभिन्न औषधियों से उपचार-

  1. नीम :

नीम के तेल में शहद मिलाकर रूई के फोहे पर इसे लगाएं, फिर कान को साफ करके इसके अन्दर फोहे को लगाएं इससे मवाद बहना ठीक हो जाता है।
नीम के तेल को रूई के फाहे से कान में लगाने से मवाद बहना ठीक हो जाता है।
नीम की पत्तियों को पानी में डालकर उबालकर छान लें। इस पानी से कान को अच्छी तरह से साफ करके रोजाना ताजे प्याज का रस बूंद-बूंद करके डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

  1. मानकन्द : मानकन्द (मानकचू) के फल को भूनकर उसका रस निकाल लें। इस रस की 2-3 बूंदें रोजाना कान में डालने से लाभ मिलता है।
  2. सरसो :

50 मिलीलीटर सरसो के तेल और 4 ग्राम मोम को किसी बर्तन में डालकर गर्म करने के लिये रख दें। जब पकने पर मोम पिघल जाये तो इसे आग पर से उतारकर इसके अन्दर 7 ग्राम पिसी हुई फिटकरी डालकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
सीप के जीवों के मांस को सरसों के तेल में डालकर पका लें। फिर इस तेल को कान में डालने से कान से मवाद बहना ठीक हो जाता है।
100 मिलीलीटर सरसो के तेल में 10 ग्राम रत्नजोत डालकर काफी देर तक पकाते रहें। जब रत्नजोत जलकर पूरी तरह से तेल में मिल जाये तो उस तेल को कपड़े में छानकर कान मे बूंद-बूंद करके डालने से कान में से मवाद बहने का रोग दूर हो जाता है।

  1. तिल : 10 मिलीलीटर तिल के तेल और 40 मिलीलीटर हुलहुल के रस को एक साथ मिलाकर आग पर पकाने के लिये रख दें। पकने के बाद जब बस तेल ही बाकी रह जाये तो इसे आग पर से उतारकर छान लें। इस तेल को कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  2. कली का चूना : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कली के चूने को गाय के पेशाब में मिलाकर कान में डालें और दवाई डालें कान को ऊपर की ओर करके लेट जाएं ताकि दवा बाहर ना निकल पाये। लगातार 3 दिन तक ऐसा करने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  3. हुरहुर : कान को अच्छी तरह से साफ करके उसके अन्दर सफेद हुरहुर के पत्तों का रस डालने से कान से मवाद बहना ठीक हो जाता है। ध्यान रहे कि कभी-कभी इसको कान में डालने से जलन भी होती है।
  4. जूही : जूही के पत्तों को पकाकर बनाये हुए तेल की 2 से 4 बूंदें कान मे डालने से लाभ मिलता है।
  5. माजूफल :

5 ग्राम माजूफल को पीसकर और कपड़े में छानकर 50 मिलीलीटर शराब में मिला लें। इसकी 2-2 बूंदें कान को साफ करके सुबह-शाम डालने से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
माजूफल को बारीक पीसकर सिरके में डालकर उबाल लें। उबलने के बाद इसे छानकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

  1. हल्दी :

3 ग्राम हल्दी, 10 ग्राम नीम के पत्तों का चूर्ण और 10 ग्राम लहसुन की कलियों को 200 मिलीलीटर सरसों के तेल में डालकर पका लें। इस तेल को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद का बहना ठीक हो जाता है।
10 ग्राम हल्दी और 200 ग्राम फिटकरी का बारीक चूर्ण बना लें। फिर कान को साफ करके यह चूर्ण रोजाना 2 से 3 बार डालने से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

  1. प्याज :

सफेद प्याज को गर्म राख के अन्दर दबाकर रख दें। कुछ समय बाद उस प्याज को निकालकर उसका रस निकाल लें। इस रस को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
प्याज के रस को थोड़ा सा गर्म करके उसकी 5-7 बूंदें कान में डालने से कान में दर्द, कान से मवाद बहना और बहरेपन का रोग ठीक हो जाता है।

  1. बछिया : कान में से अगर मवाद बहता हो तो कान के अन्दर बछिया का ताजा पेशाब डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  2. फिटकरी :

भुनी हुई 10 ग्राम फिटकरी और 1 ग्राम हल्दी को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को थोड़ा सा कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
फिटकरी के पानी से कान को धोने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

  1. सिंदूर : 10 ग्राम सिंदूर और 1 कली लहसुन की लेकर लगभग 60 मिलीलीटर तिल्ली के तेल में डालकर आग पर पकाने के लिये रख दें। जब पकने पर लहसुन जल जाये तो इस तेल को आग पर से उतारकर छान लें और एक शीशी में भर दें। इस तेल की 2 बूंदें रोजाना कान में डालने से कान से मवाद बहना, खुजली होना और कान में दर्द होना आदि रोग ठीक हो जाते हैं।
  2. दूब : हरी दूब (घास) के रस को छानकर 2 से 3 बूंद रोजाना 3 से 4 बार कान में डालने से मवाद बहना और बहरापन ठीक हो जाता है।
  3. केला : केले के पत्तों के रस में समुद्री फेन मिलाकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  4. कायफल : कायफल को पकाकर तेल बना लें। इस तेल को 3 से 4 बार कान में डालने से कान के रोग में लाभ होता है। यह दवाई कान में डालने से पहले कान को अच्छी तरह से साफ कर लें।
  5. चमेली : 500 मिलीलीटर चमेली के पत्तों के रस को 100 मिलीलीटर तिल के तेल में मिलाकर पकाने के लिए आग पर रख दें। जब पकने पर रस बिल्कुल जल जाये तो बचे हुये तेल को छानकर शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  6. निर्गुण्डी : निर्गुण्डी के तेल की 2-2 बूंदे कान में डालने से कान में से मवाद बहने के रोग से छुटकारा मिलता है।
  7. जामुन : जामुन और आम के मुलायम हरे पत्तों के रस में शहद मिलाकर बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  8. आम : 15-15 ग्राम आम और जामुन के पत्ते, मुलहठी और वटवृक्ष के पेड़ के पत्तों को लेकर 400 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। उबलने के बाद जब करीब 45 मिलीलीटर काढ़ा बाकी रह जाये तो उसे 100 मिलीलीटर सरसो के तेल में मिलाकर पका लें। इस तेल को छानकर बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद बहना ठीक हो जाता है।
  9. रसौत : रसौत को स्त्री के दूध के साथ पीसकर उसके अन्दर शहद और घी मिलाकर कान में डालने से बदबू के साथ मवाद आना बन्द हो जाता है।
  10. कत्था : कान को अच्छी तरह से साफ कर लें। फिर कत्थे को पानी में मिलाकर गुनगुना करके बूंद-बूंद करके कान में डालने या कत्थे का चूर्ण कान में डालने से कान में से मवाद का बहना ठीक हो जाता है।
  11. बच : 10 ग्राम बच के चूर्ण को 50 मिलीलीटर तिल के तेल में डालकर पका लें। फिर उसमें 3 ग्राम कपूर मिलाकर छानकर रख लें। इस तेल को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान का दर्द तथा मवाद आना बन्द हो जाता है।
  12. दारूहल्दी : दारूहल्दी के बारीक चूर्ण को कान में रोजाना थोड़ा-थोड़ा डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  13. शहद :

शहद और नीम के गोंद को बराबर मात्रा में एक साथ मिलाकर कान में 2-2 बूंदें डालने से कान में से मवाद का बहना रुक जाता है।
कान में शहद डालने से कान की पीव और कान का दर्द नष्ट हो जाता है।

  1. समुद्रफेन : समुद्रफेन को बिल्कुल बारीक पीसकर उसका चूर्ण बनाकर कान में छिड़कने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  2. अमलतास :

100 ग्राम अमलतास के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर रख लें। इस काढ़े से कान को अन्दर तक धोने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
अमलतास का काढ़ा बनाकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना रुक जाता है।

  1. चूना : चूने के पानी में बराबर मात्रा में दूध मिलाकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  2. मेथी : मेथी के दानों को दूध में भिगो लें। फिर इनको दूध में से निकालकर पीस लें और गुनगुना करके कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  3. सहजना : सहजने के गोंद को पीसकर जरा-सी मात्रा में कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  4. सूरजमुखी : तेल में सूरजमुखी के पत्तों का रस मिलाकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  5. शाल : शाल के पेड़ की छाल को लेकर पीस लें। फिर उसे सरसों के तेल में डालकर अच्छी तरह से पका लें। इस तेल को कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  6. सिनुआर : सिनुआर (निर्गुण्डी) के पत्तों और जड़ को मिलाकर पकाए हुए तेल को रोजाना कान में डालने से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  7. सोनपत्ता : सोनपत्ता (सोनापाढ़ा) के पेड़ की छाल को पकाकर बने हुए तेल को साफ करके बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान से मवाद बहना ठीक हो जाता है।
  8. राई :

100 मिलीलीटर सरसों या तिल का तेल गर्म करें और जब इसमें उबाल आने लगे तो आंच बन्द कर दें। जब यह कुछ ठंडा हो जाए तो इसमें 10 ग्राम राई, 10 ग्राम लहसुन और 2 ग्राम कपूर डालकर ढककर रख दें। इसके बाद इसे छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को सुबह-शाम 4 से 5 बूंद कान में डालने से कान का घाव ठीक हो जाता है जिसके फलस्वरूप मवाद आना भी बन्द हो जाता है।
कान के घाव (जख्म) या फोड़े में कीड़े पड़ गये हों तो राई के 24 ग्राम चूर्ण में शहद मिलाकर लेप लगाने से सारे कीड़े नष्ट हो जाते हैं।

  1. इन्द्रजौ : इन्द्रजौ के पेड़ की छाल का चूर्ण कपड़े से छानकर कान में डालें और इसके बाद मखमली के पत्तों के रस की कुछ बूंदें कान में डालें। इससे लाभ मिलेगा।
  2. नींबू :

बिजौरा नींबू के रस में सज्जीखार मिलाकर कान में कुछ बूंदें डालें इससे कान का बहना रुक जाता है।
सुबह उठने के बाद पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से कान से मवाद बहना कम हो जाता है।
नींबू के रस में थोड़ी-सी सज्जीखार मिलाकर कान में डालने से कान में से बहने वाला पीव बन्द हो जाता है।
नींबू के 200 मिलीलीटर रस में सरसों या तिल का तेल मिलाकर अच्छी तरह उबाल लें। पकने पर छानकर बोतल में भरकर रख लें। उसमें से 2-2 बूंद कान में डालते रहने से कान से पीब बहना, खुजली और कान में दर्द तथा बहरेपन की शिकायत दूर हो जाती है।

  1. खैर : सफेद कत्थे का बारीक पाउडर गरम पानी में मिलाकर और उसकी पिचकारी के द्वारा धारा बनाकर कान में डालने के बाद कान साफकर लें और धो लें। इससे कान बहना बन्द हो जाता है।
  2. लहसुन :

लहसुन को सरसों के तेल में उबालकर कान में डालने से कान का दर्द, कान में घाव और कान से मवाद बहना ठीक हो जाता है।
4 कली लहसुन की 1 चम्मच सरसों के तेल में उबालकर कान में टपकाने से कान का दर्द, जख्म और मवाद बहना ठीक हो जाता है।

  1. लोध्र : कान में लोध्र की छाल का बारीक चूर्ण बनाकर छिड़कने से कान का दर्द दूर होता है।
  2. बबूल : बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कान में डालने से लाभ मिलता है इसके बाद एक सलाई लेकर उसमें बारीक कपड़ा या रूई लपेटकर धीरे-धीरे कान में इधर-उधर घुमाना चाहिए और फूली हुई फिटकरी को थोड़ा सा पानी मिलाकर कान में डालना चाहिए। इससे कान से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

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