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प्राण और चित्त शक्ति
योग में दो ऊर्जाओं की चर्चा होती है | एक ऊर्जा को हमलोग कहते हैं प्राणशक्ति, जिसका सम्बन्ध रहता है शरीर के साथ | यह स्थूल उर्जा है और इसका जो सूक्ष्म रूप है वह मन को संचालित करती है जिसे हमलोग कहते हैं चित्तशक्ति | इन्हीं दो को योग में सूर्य और चंद्र की शक्ति या पिंगला और ईड़ा कहा जाता है |
ये दोनों ऊर्जाएँ, शाररिक और मानसिक, हमारे संपूर्ण जीवन का संचालन करती है | लेकिन आज की परस्थिति कुछ ऐसी है कि प्राणशक्ति हर व्यक्ति में दुर्बल है और चित्तशक्ति हर व्यक्ति में चंचल है | प्राणशक्ति दुर्बल क्यों है? इसलिए कि जो आहार हम लेते हैं या जिस विचार से हम घिरे रहते हैं या जिस व्यवहार को हम देखते हैं, ये सब हमारे शरीर की उर्जा को कम करते हैं | आज के आहार में पोषक तत्व नहीं हैं जो पचास साल पहले रहते थे | आज कृत्रिम आहार अधिक हो गया है | आखिर अन्न ही प्राण है, जैसा कि कहा गया है – “प्राणो वा अन्नम्” |
उसी प्रकार अगर चित्तशक्ति में संतुलन रहे तो मन शांत रहता है |हर व्यक्ति का दिमाग हजार किलोमीटर की रफ्तार से घूमता रहता है, और विशेषकर आधुनिक बच्चों का | बच्चों के चित्त में जो चंचलता है वह आज उनके पूरे जीवन को, पूरे व्यवहार को प्रभावित कर रही है | बच्चे दिनभर मोबाइल से खेलते रहते हैं और वही उनके लिए यथार्थ हो जाता है |जब मोबाइल उनके हाथ से ले लो तब उन्हें समझ में नहीं आता कि हम किससे बात करें, क्या करें, कैसे खेलें | बड़ों का भी यही हाल है.. चार लोग एक साथ होटल जाते हैं भोजन करने को, पर कोई किसी से बात नहीं करता | सब अपना मोबाइल देखते रहते हैं |
उपरोक्त बातों में दो चीजें स्पष्ट दिखलाई देती है – प्राणो में दुर्बलता और मन में चंचलता | इसी के कारण परिवार में अनुशासनहीनता है, इसी की वजह से परिवार में दुर्बलता है | कोई किसी को सुधारने की हिम्मत नहीं रखता है अब | परिवार में कोई दूसरे को नहीं कह सकता कि तुम गलत कर रहे हो | सब लाचार हो गये हैं |
अब रहा इसका समाधान – तो “योग” जिसका मतलब हीं है जुड़ना, समन्वय स्थापित करना, – शरीर से मन का, मन से आत्मा का, आत्मा से परमात्मा का | प्राण से चित्त का, ईड़ा से पिंगला का | योग प्राण शक्ति बढ़ाता है और चित्त की चंचलता को कम करता है
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स्‍टूडेंट्स के लिए फायदेमंद पांच योग आसन
हेल्दी और पीसफुल लाइफ जीने के लिए स्‍टूडेंट्स को नियमित रूप से योग करना चाहिए. जानिए पांच ऐसे योग आसन जो आपकी ब्रेन और बॉडी दोनों को बनाएंगे परफेक्‍ट:

स्‍टूडेंट्स के लिए फायदेमंद पांच योग आसन

योग हर उम्र के व्‍यक्ति के लिए फायेदमंद होता है. हेल्दी और पीसफुल लाइफ जीने के लिए स्‍टूडेंट्स को नियमित रूप से योग करना चाहिए. योग पढ़ाई के प्रेशर का कम करने के साथ एकाग्रता को बढ़ाता है. जानिए पांच ऐसे योग आसन जो आपकी ब्रेन और बॉडी दोनों को बनाएंगे परफेक्‍ट:
प्राणायाम (Pranayama):
रोजाना प्राणायाम करने से दिमाग स्‍ट्रेस फ्री रहता है. आप अपनी पढ़ाई पर अच्‍छी तरह फोकस कर सकते हैं. सांस को धीमी गति से गहरी खींचकर रोकना व बाहर निकालना प्राणायाम के क्रम में आता है. प्राणायाम से हमारा मानसिक विकास भी होता है.
सुखासन (easy pose) :
इसे योग का सबसे आसान तरीका माना जाता हैं, जिसमें दोनों पैरों को क्रॉस करने के साथ पीठ को सीधा रखकर बैठना होता है. इस आसन में मेडिटेशन भी किया जाता है. लेकिन ध्‍यान रहे इस आसन में हाथ की मुद्रा भी बहुत जरूरी होती है. ये आसन आपकी ब्रेन पावर को बढ़ाने में कारगर है.
दंडासन (staff pose):
इस योग से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है. यह सिटिंग पॉश्‍चर के लिए बेहतरीन योग है. इसे रोजाना करने से शरीर के निचले हिस्‍से में लचीलापन भी आता है.
एक पदासन (a single leg stand):
पुराने समय में प्रार्थना के समस एक पदासन करते थे. इस आसन से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है साथ ही इससे हमारा मानसिक तनाव भी तनाव दूर होता है. यह आपके शरीर के आलस को दूर कर आपको फुर्तीला बनाता है. रोजाना इसे करने से आप अपने गुस्‍से पर कंट्रोल कर सकते हैं.
भुजंगासन (cobra pose):
यह आसन पेट के बल लेटकर किया जाता है. इससे आप खुद को स्लिम-ट्रिम बना सकते हैं. यही नहीं यह आपकी मसल्स के लिए काफी फायदेमंद है. बॉडी की फ्लेक्‍सिबिलिटी लाने में भी यह काम करता है.
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