प्रिय दोस्तो और साधकमित्रो,
आज समझने की कोशिस करते है कि रोग क्या है? और क्यो होता है? उसे हमेशा के लिए ना हो ऐसा कोई उपाय है? आसान और बिल्कुल मुफ्त में। घर बैठे बैठे।
तो जवाब है बहुत बड़ी हा । yes
उपाय है और आसान भी,👇🏻👇🏻
हमारे शरीर की गंदगी फेफड़ों और सांस के द्वारा, त्वचा के असंख्य छिद्रों द्वारा, पसीने के द्वारा तथा पेट की गंदगी मल-मूत्र के साथ बाहर निकलती रहती है।
यदि किसी कारणवश शरीर की गंदगी बाहर निकलने में अवरोध होता है तो प्रकृति को मजबूर होकर इस गंदगी को बाहर निकालने के लिए असाधारण रूप धारण करना पड़ता हे ।
प्रकृति के इसी असाधारण रूप को साधारण भाषा में “रोग“ कहते हैं और चिकित्सा विज्ञान की भाषा में मूल रोग के लक्षण कहते हैं। रोग का एक और नाम शरीर की अस्वाभाविक अवस्था होती है। सामान्यत: जब तक रोग
सुषुप्तावस्था में विजातीय द्रव्यों के रूप में शरीर के अंगों में व्याप्त रहता है रोग का न तो कोई नाम होता है और न ही उसकी कोई आकृति होती है किन्तु जैसे ही वह बाहर निकलने के लिए प्रकट रूप में आता है तो उसे विभिन्न नाम दे दिया जाता है।
जैसे हमारे शरीर में फोड़ा निकलने के बहुत पहले फोडे़ का बीज हमारे शरीर में मल के रूप में आरोपित हो चुका रहता है।
इसका कोई नाम पहचान नहीं होती है तथा यह शरीर में पड़े-पड़े वृद्धि करता रहता है और समय पाकर यही बीजरूपी जल फोड़ा बनकर शरीर से बाहर निकलता है। तब उसे विभिन्न नामों जैसे…. जहरबाद, कारबन्कल, चेचक, गलक, गूंगी,फोड़ा,गुमडा,पाइल्स, सिकंद आदि नामों से जाना जाता है।इसी प्रकार शरीर का संचित मल परिस्थितियों के अनुसार कभी ज्वर के रूप में प्रकट होता है तो कभी दस्तों के रूप में तथा कभी उल्टी, कभी जाड़ा, कभी एसिडिटी, ब्लड प्रेशर, तो कभी माइग्रेन और अन्य रोगों के रूप में उभरकर शरीर से बाहर आता है और हम मरीज़ बन जाते हैं।हर रोज नित नई दवाई लेने वाले मरीज़, और रोज समय पर दवाई लेकर ईश को कंट्रोल करने वाले एक लाचार इंसान। गर्व से बोलने वाले सुने है कि मैंने पांच साल से शुगर को कंट्रोल किया है। हा दवाई थोड़ी बढ़ गयी लेकिन कंट्रोल में है। ये तो हुआ रोग का कारण और कंट्रोल।
लेकिन फिर क्या ये रोग से बाहर आने का उपाय कया है??
जवाब है हा है ,
आधुनिक विज्ञान के पास अलग अलग रोग की अलग दवाई है,
जो लोग ले रहे है कंट्रोल करने को लेकिन ऐसी दवाई नही जो इस रोग से मुक्ति दिलाये हमेशा के लिए । इसी लिए सब से आसान और सटीक तरीका है आहार परिवर्तन और मलसंचय खत्म करना जिस की मदद से रोग देने वाले मुल कारण को खत्म किया जा सके, वो जिस की मदद से ,जिसके अपनाने से, ये जमा हुआ मल फिर नेचुरल आहर ,उपवास और संजीवनी क्रिया से बाहर निकाल देना और तँदुरस्ति से भरपूर एक नयी जिंदगी पाना ।
आप सभी को तंदुरस्ती से भरी
जिंदगी मुबारक।
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