अर्जुन एक औषधीय पेड़ है जो भारत में आसानी से पाया जाता है। इसे घवल, ककुभ और नदीसर्ज आदि नामों से भी जाना जाता है। अर्जुन की छाल अंदर से लाल रंग की होती है और पेड़ से उतारने पर चिकनी चादर की तरह उतरती है।
यह हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, अनियमित हृदय धड़कन व अत्यधिक रक्तस्त्राव के इलाज में लाभकारी है और साथ ही इससे हृदय को पोषण मिलता है।
कैसे उपयोग करें
तीन ग्राम चूर्ण की मात्रा सुबह-शाम दूध के साथ लेने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिलता है।
एक कप पानी में तीन ग्राम अर्जुन की छाल का चूर्ण डालकर उबालें। पानी की मात्रा आधी रहने पर इसे सुबह-शाम गुनगुना पी लें। इससे बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
एक कप दूध (बिना मलाई वाला) में एक कप पानी मिलाकर उबालें। इसमें आधा चम्मच अर्जुन की छाल का चूर्ण डालें। जब इस तरल की मात्रा आधी रह जाए तो गुनगुना होने पर पिएं। इसे 1-2 बार खाली पेट पीने से हृदय की धड़कन नियमित व व्यवस्थित रहती हैं।
चायपत्ती की बजाय इसकी छाल को पानी में उबालकर उसमें दूध व चीनी डालकर पीना हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।