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🌻प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी के लक्षण, कारण, घरेलू उपाय

🍂प्रेगनेंसी में गर्भवती महिलाओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक दिक्कतें हो सकती हैं, गुर्दे की पथरी होना भी इनमें से एक है। उन्हें प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  होने से काफी परेशानी होती है, जिसकी वजह से वे कभी कभी तनाव ग्रसित हो जाती हैं।स्नेहा समूह

🌻इस ब्लॉग में हम प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी ) से जुड़ी सारी जानकारी दे रहे हैं, जिसकी मदद से गर्भवती महिलाएं इस दौरान तनाव मुक्त और सेहतमंद रह सकेंगी।

🌺1. गुर्दे की पथरी क्या होती है?
गुर्दे की पथरी ऑक्सलेट और कैल्शियम से बनी एक पत्थर जैसी ठोस संरचना होती है, जिसका आकार राई के दाने से लेकर गोल्फ बॉल जितना बड़ा हो सकता है। किडनी स्टोन मूत्रमार्ग या पेट के ऑपरेशन के ज़रिए मरीज के शरीर से निकाला जा सकता है। कई बार गर्भवती महिलाओं के गलत खानपान की वजह से, उन्हें प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी हो जाती है।

2. 🥀गर्भावस्था में गुर्दे की पथरी क्यों होती है? 🍃

🌺प्रेगनेंसी में ऑक्सलेट और कैल्शियम युक्त पदार्थ ज्यादा लेने से, खून में इनकी मात्रा अधिक हो जाती है। ऐसे में किडनी द्वारा खून को साफ करने के दौरान उसमें क्रिस्टल जमने लगते हैं, जिससे गुर्दे की पथरी बन सकती है।

🍃हालांकि प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन  होने के कई अन्य कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

🌺शरीर में पानी की कमी होना- अगर गर्भवती महिलाएं आवश्यकता से कम पानी पीती हैं, तो उन्हें गुर्दे में पथरी होने की संभावना ज्यादा होती है। दरअसल, शरीर में पानी की कमी होने की वजह से पेशाब में फॉस्फोरस, कैल्शियम और यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है और इसकी वजह से किडनी स्टोन होने का खतरा होता है।

🏵️आनुवांशिक कारण- अगर गर्भवती महिला के परिवार में किसी को प्रेगनेंसी में पथरी थी या है, तो इस दौरान उसे भी किडनी स्टोन हो सकता है। उदाहरण के लिए अगर गर्भवती महिला की मां को प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी हुई थी तो यह उसे भी हो सकती है।

🌺कैल्शियम की अधिक मात्रा लेना- ज्यादातर लोग प्रेगनेंसी में गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम लेने की सलाह देते हैं, जिसकी वजह से कई बार वे आवश्यकता से अधिक कैल्शियम ले लेती हैं। इससे रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है, जोकि प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन होने का कारण बन सकता है।

🍃ज्यादा देर तक पेशाब को रोकना- ज्यादा देर तक पेशाब रोकने की वजह से गुर्दे पर दबाव बनता है, जिससे गुर्दे की पथरी होने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को ज्यादा देर तक पेशाब नहीं रोकना चाहिए।स्नेहा आयुर्वेद ग्रुप

🍃गर्भाशय का फैलना- कई बार प्रेगनेंसी में गर्भाशय के फैलने की वजह से मूत्राशय पूरा खाली नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से किडनी स्टोन की संभावना बढ़ सकती है।

🥀मूत्र पथ में संक्रमण होना- प्रेगनेंसी के समय कई गर्भवती महिलाओं को मूत्र पथ में संक्रमण हो जाता है, जिसकी वजह से किडनी स्टोन होने की संभावना बढ़ सकती है।

🥀गुर्दे में रक्त प्रवाह की मात्रा अधिक बढ़ना- प्रेगनेंसी में गर्भवती महिलाओं के गुर्दे में रक्त प्रवाह ज्यादा होता है, जिससे मूत्र में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है। इससे उन्हें किडनी स्टोन होने की संभावना बढ़ सकती है।

3🍃. प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने के लक्षण क्या हैं?

🌼प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी ) के लक्षण सामान्य पथरी के लक्षणों से भिन्न नहीं हैं। कुछ सामान्य लक्षण नीचे बताए गए हैं-

🌹कमर या पेट में असहनीय दर्द होना
मूत्र से तेज़ गंध आना
सामान्य से ज्यादा या कम पेशाब
🍃पेशाब के साथ खून आना
बुखार आना
🌾उल्टी होना
अपच होना
🌾अगर महिलाओं को प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी) होने के उपरोक्त लक्षण महसूस हों, तो उन्हें डॉक्टर के पास ज़रूर जाना चाहिए।

4.🌺 प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी का पता कैसे लगाते हैं? 🍃

🌹अगर गर्भवती महिलाएं किडनी स्टोन के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर के पास जाती हैं, तो इसका पता लगाने के लिए निम्नलिखित जांच की जाती हैं-

खून की जांच🍂- किडनी स्टोन का पता लगाने के लिए डॉक्टर खून की जांच कराने की सलाह देते हैं। अगर खून में कैल्शियम और यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, तो गर्भवती को किडनी स्टोन हो सकता है। इसके साथ ही इस जांच के ज़रिए यह भी पता लगाया जाता है कि गर्भवती की किडनी मे संक्रमण हुआ है या नहीं।

पेशाब की जांच-🥀 किडनी स्टोन का पता लगाने के लिए डॉक्टर पेशाब की जांच कराने की सलाह देते हैं। अगर जांच के दौरान पेशाब में खून या क्रिस्टल मिलते हैं, तो इसे किडनी स्टोन का लक्षण मान लिया जाता है, जिसके बाद डॉक्टर अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह देते हैं।

इमेजिंग परीक्षण🌺- इमेजिंग परीक्षण से किडनी, मूत्र मार्ग और मूत्राशय में पथरी का पता लगाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स रे और एमआरआई जांच शामिल हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए ये सभी टेस्ट काफी सुरक्षित माने जाते हैं।

5🌾. प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी का इलाज क्या है?)

🍂प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  का पता चलने पर डॉक्टर निम्न तरीके से इलाज कर सकते हैं-

मेडिकल उपचार- 🥀सबसे पहले डॉक्टर गुर्दे की पथरी की समस्या को कुछ दवाओं द्वारा घोल कर या तोड़कर बाहर निकालने की कोशिश करते हैं।

🌻सर्जिकल उपचार- सर्जिकल उपचार दो तरह के होते हैं- यूरेटेरोस्कोपी ) और यूरेटेरल स्टेंट प्लेसमेंट

🌾यूरेटेरोस्कोप- इस प्रक्रिया में कैमरा व लेजर युक्त एक छोटी सी ट्यूब को मूत्रमार्ग से होकर पेशाब की नली में डाला जाता है और रिमोट के ज़रिए किडनी तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद लेजर का इस्तेमाल करके पथरी के छोटे टुकड़े करके उसे बाहर निकाल लिया जाता है। इससे 1 सेमी तक की पथरी को तोड़ सकते हैं।
🌼यूरेटेरल स्टेंट प्लेसमेंट  इस प्रक्रिया में गुर्दे से मूत्र और पथरी के छोटे टुकड़ों को बाहर निकालने के लिए मूत्रमार्ग के माध्यम से पेशाब की नली में एक खोखली ट्यूब डाली जाती है। यह प्रक्रिया गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है या नहीं, इसकी पूरी जानकारी नहीं होने की वजह से उनपर पर इसका उपयोग नहीं किया जाता है।
6. 🌼प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी का घरेलू उपचार क्या है?

🍂गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  का घरेलू इलाज नीचे लिखे गए उपायों से कर सकती हैं-

🌾भरपूर मात्रा में पानी पीएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को रोज़ाना 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए। यह मूत्र में खनिजों और कार्बनिक पदार्थों को कम करने और धीरे धीरे किडनी स्टोन को बाहर निकालने में मदद करता है।

🌺तरबूज खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी से राहत पाने के लिए महिलाओं को रोज़ाना तरबूज खाना चाहिए, क्योंकि इसमें पानी की अधिक मात्रा होती है और इससे शरीर में तरल पदार्थों की कमी नहीं होती है।

🌾गर्म पानी में सेब का सिरका और शहद मिलाकर पीएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी ) से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को दो कप गर्म पानी में दो चम्मच सिरका और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन से चार बार पीना चाहिए।

🌻अनार का जूस पीएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथर से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को सुबह या शाम को एक कप ताजा अनार का जूस पीना चाहिए। अनार में मौजूद विटामिन बी, पौटेशियम और मैग्नीशियम गुर्दे की पथरी को बाहर निकालने में काफी हद तक कारगर हैं।

🍃तुलसी के जूस में शहद मिलाकर पीएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को रोज़ाना सुबह एक चम्मच तुलसी के जूस में एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। इसमें मौजूद मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्व किडनी स्टोन को खत्म करने में कारगर हैं।

🍃नींबू पानी पीएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को रोज़ाना नींबू पानी पीना चाहिए। इसके लिए वे दिन में तीन से चार बार नींबू पानी पी सकती हैं। इसमें मौजूद विटामिन बी-6 और मैग्नीशियम किडनी स्टोन को खत्म करने में सहायक हैं।

.🌷छाछ पीएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से दिन में तीन से चार गिलास छाछ पीनी चाहिए। यह शरीर में पानी की कमी पूरी करती है और इससे पथरी टूटकर पेशाब के रास्ते से बाहर निकल सकती है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन बी और पोटैशियम पथरी को गलाने में मदद करते हैं।स्नेहा समूह

🌺कुल्थी की दाल का पानी पीएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से कुल्थी की दाल का पानी पीना चाहिए। इसमें मौजूद विटामिन ए पथरी को तेज़ी से गलाकर पेशाब के रास्ते बाहर निकाल सकता है।

🍃गाजर खाएं- प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन) होने पर गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट में गाजर शामिल करनी चाहिए। गाजर में मौजूद विटामिन बी6 किडनी स्टोन को कम करता है और इसके साथ ही यह किडनी को स्वस्थ भी रखता है।

🍃करेला खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने पर गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट में करेला शामिल करना चाहिए। करेले में मौजूद पौटेशियम पथरी को कम करता है और किडनी को स्वस्थ बनाता है।

🥀हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि प्रेगनेंसी की शुरूआत में करेला नहीं खाना चाहिए, इसलिए इसको खाने से पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।

🌺केला खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने पर गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट में केला शामिल करना चाहिए। केले में मौजूद विटामिन बी-6, पौटेशियम और फाइबर पथरी को कम करने में सहायक हैं।

🍂मूली खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने पर गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट में मूली शामिल करनी चाहिए। मूली में मौजूद विटामिन बी-6 और मैग्नीशियम न सिर्फ पथरी को खत्म करते हैं, बल्कि नई पथरी बनने नहीं देते हैं।

🍂आलू खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने पर गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट में आलू शामिल करना चाहिए। आलू में मौजूद मैग्नीशियम पथरी को खत्म करने में कारगर है।

,🍃नारियल पानी पीएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी) होने पर गर्भवती महिलाओं को रोज़ाना नारियल पीना पीना चाहिए। इसमें मौजूद मैग्नीशियम किडनी स्टोन के आकार को कम करने में मददगार हैं।

7🍃. प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?

🍂प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने पर गर्भवती महिलाओं को नीचे लिखी गई चीज़ों से परहेज करना चाहिए-

🌼पालक न खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  होने पर गर्भवती महिलाओं को पालक नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, जिससे पथरी बढ़ सकती है।

🌺टमाटर न खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने पर गर्भवती महिलाओं को टमाटर से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसमें ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है और इससे पथरी बढ़ सकती है।स्नेहा आयुर्वेद ग्रुप

🍁बैंगन न खाएं- प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन होने पर गर्भवती महिलाओं को बैंगन नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद बीज पथरी को बढ़ा सकता है। इसके अलावा इसमें विटामिन सी की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिसकी वजह से पथरी बढ़ने का खतरा होता है।

🍁चने न खाएं- प्रेगनेंसी में किडनी स्टोन होने पर गर्भवती महिलाओं को चने नहीं खाने चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद फॉस्फोरस पथरी की समस्या को बढ़ा सकता है।

🌺आचार और चटनी न खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  होने पर गर्भवती महिलाओं को चटनी और आचार नहीं खाना चाहिए। इनमें बहुत ज्यादा तेल व मसाले मौजूद होते हैं, जो किडनी स्टोन की संभावना बढ़ाते हैं।

🌹फास्ट फूड न खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने पर गर्भवती महिलाओं को फास्ट फूड नहीं खाना चाहिए। दरअसल, इसमें मौजूद कोलेस्ट्राल और वसा, किडनी स्टोन की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

🥀पनीर न खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  होने पर गर्भवती महिलाओं को पनीर नहीं खाना चाहिए। दरअसल, इसमें मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम किडनी स्टोन को बढ़ा सकते हैं।

🍃आंवला न खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  होने पर गर्भवती महिलाओं को आंवला नहीं खाना चाहिए। इसमें कैल्शियम की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिससे किडनी स्टोन के बढ़ने की संभावना होती है।स्नेहा समूह

🌺चॉकलेट न खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  होने पर गर्भवती महिलाओं को चॉकलेट नहीं खानी चाहिए। इसमें कैफीन अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिससे पथरी के बढ़ने की संभावना होती है।

🌷सूखे मेवे न खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी) होने पर गर्भवती महिलाओं को सूखे मेवे नहीं खाने चाहिए। इसमें मौजूद कैल्शियम और फॉस्फोरस किडनी स्टोन का आकार बढ़ा सकते हैं।

8. 🌾प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी होने से कैसे बचे?

🌺प्रेगनेंसी की शुरूआत से ही गुर्दे की पथरी से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को नीचे लिखी गई सावधानियां अपनानी चाहिए-

🌺खूब पानी पीएं- प्रेगनेंसी की शुरूआत से ही गर्भवती महिलाओं को रोज़ाना 10 से 11 गिलास पानी पीना चाहिए।

🌼नमक कम खाएं- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को नमक कम खाना चाहिए।

🍃ज़रूरत से ज्यादा कैल्शियम न लें- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को ज़रूरत से ज्यादा कैल्शियम नहीं लेना चाहिए। उन्हें रोज़ाना 1000 से 1200 मिलीग्राम कैल्शियम ही लेनी चाहिए।

🍁व्यायाम करें- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को रोज़ाना व्यायाम करना चाहिए।

🍂कैफीन युक्त पदार्थ कम लें- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी (i) से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को कैफीन युक्त पदार्थ (चाय और कॉफी आदि) कम लेने चाहिए।

,🍃नशा न करें- प्रेगनेंसी में गुर्दे की पथरी  से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को नशा नहीं करना चाहिए।

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