Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

🌸🍁🌺💐🌻🕉️🌞🐚🌹🌷🚩

🕉️🚩जब अनुज लक्ष्मण जी ने भगवान राम जी को श्रेष्ठ आचरण के बारे में बताया

🚩🌷🌹🐚🌞🕉️🌻💐🌺🍁🌸

🕉️🚩भगवान श्रीराम अपने 14 वर्षों के वनवास के दौरान चित्रकूट में थे। एक दिन भगवान राम एवं माता सीता कुटिया के बाहर बैठे हुए थे। लक्ष्मणजी उनके चरणों में बैठे थे तभी श्रीराम ने कहा कि लक्ष्मण तुम एक बात का न्याय करो। लक्ष्मण जी बोले, प्रभु जैसी आपका आज्ञा। श्रीराम ने कहा कि मेरा कहना है कि मेरे चरण सुंदर हैं जबकि सीता कहती हैं उनके चरण सुंदर हैं। अब तुम दोनों के चरणों की पूजा करते हो, तुम ही निर्णय करो कि किसके चरण सुंदर हैं।

🌹🌷लक्ष्मणजी बोले आप मुझे इस धर्म संकट में मत डालिए। इसपर श्रीराम ने समझाया कि तुम बैरागी हो, निर्भय होकर कहो कि किसके चरण सुंदर हैं। राम के चरणों को दिखाते हुए लक्ष्मणजी बोले कि माता, इन चरणों से आपके चरण सुंदर हैं। इतना कहते हुए लक्ष्मण जी चुप हो गए और माता सीता खुश।

🌺🚩इस पर लक्ष्मण जी बोले माता अधिक खुश मत होना। भगवान राम के चरण हैं तभी आपके चरणों की कीमत है। इनके चरण न हों तो आपके चरण सुंदर नहीं लग सकते। अब राम जी खुश हो गए। इतना ही नहीं लक्ष्मणजी फिर बोले कि आप दोनों को खुश होने की जरूरत नहीं। आप दोनों के चरणों के अलावा भी एक चरण हैं, जिसके कारण ही आपके चरणों की पूजा होती है यानी आचरण।

🍁🌹लक्ष्मण जी बोले, आचरण की कोई कीमत नहीं। महाराज, आपके चरण सुंदर हैं तो उसका कारण है आपका महान आचरण। व्यक्ति के आचरण अच्छे हों तो उसका तन और मन दोनों ही सुंदर होता है और वह संसार में अपने नाम की अमिट छाप छोड़ जाता है। मन में प्रेम, त्याग, धर्म और माफ करने की भावना हो उसकी सुंदरता के आगे कोई भी नहीं टिक सकता।?
🌹🍁🚩🐚🕉️🌷🌺🌸🌞🌻💐

Recommended Articles

Leave A Comment