आत्मा की उन्नति के 100 तरीके
- सदा याद की यात्रा पर रहो।
- कभी भी बीती को याद नहीं करो।
- आगे के लिए कोई आश न रखो।
- शरीर निर्वाहार्थ कर्म करो, टाइम वेस्ट नहीं करो।
- कम से कम 8 घण्टा ईश्वरीय सेवा करो।
- ज्ञान की बारिश में भीगते रहो।
- ज्ञान-योग में आत्मा को डूबो कर रखो।
- अशरीरी बनने की प्रैक्टिस करते रहो।
- स्वदर्शन चक्र बुद्धि में घूमता रहे।
- बाप की महिमा के गीत गाते रहो।
- अपने को आत्मा निश्चय करो।
- स्वर्ग को याद करते रहो।
- शान्तिधाम को याद करते रहो।
- परमात्मा से मिलन मनाते रहो।
- ज्ञान स्नान करते रहो।
- बुद्धियोग बाप के साथ लगाओ।
- आशिक बन प्रभू माशूक के साथ रहो।
- परमात्म पढ़ाई पढऩे की मस्ती में रहो।
- निर्वाणधाम का अनुभव करते रहो।
- दधीचि ऋर्षि मिसल यज्ञ सेवा करते रहो।
- बाबा का संदेश देते रहो।
- बाबा के मिलन को याद करते रहो।
- जीते जी मरने की मौज में रहो।
- घर लौटने की खुशी में रहो।
- देही-अभिमानी बनकर रहो।
- बाप के सम्मुख बैठे रहो।
- देवी-देवता बनने की खुशी में रहो।
- रूहानी पथ पर चलते रहो।
- दफ्तर में भी याद करते रहो।
- देखो फुर्सत है, बाप की याद में बैठ जाओ।
- याद में बहुत कमाई है, उन्नति है।
- ट्रेन में सफर करते हो तो भी बाबा को याद करते रहो।
- शाम को घर का खाना आदि पकाते हो तो भी एक-दो को याद दिलाओ-आओ, हम अपने बाप की याद में बैठें।
- प्वाइंट भी एक-दो को सुनाओ।
- हम स्वदर्शन चक्रधारी, लाइट हाउस हैं इसी खुशी में रहो।
- बहुत गुल-गुल महारानी, पटरानी बनेंगे – इस समृति में रहो।
- सात रोज़ की भट्टी करो।
- कदम-कदम पर बाप से राय लेते रहो।
- अपनी कुटिया में भी खुश रहो।
- अनावश्यक इच्छायें छोड़ दो।
- दो रोटी मिली, बस, बाप को याद करो।
- वैकुण्ठ की बादशाही की खुशी में रहो।
- अपने यादगार मंदिर की खुशी में रहो।
- ज्ञान धन दान करते रहो।
- ज्ञान की बातों में रमण करते रहो।
- सुप्रीम रूह से स्वयं को रिझाते रहो।
- 84 जन्मों की हिस्ट्री-जॉग्राफी को याद करो।
- पाँच स्वरूपों की ड्रिल करते रहो।
- तीनों लोकों की सैर करो।
- ज्ञान का नेत्र खुला रखो।
- सदा सेवा में उपस्थित रहो।
- खूब पुरुषार्थ करते रहो।
- बाप को याद, प्यार नमस्ते करते रहो।
- श्रेष्ठ स्वमान की सीट पर रहो।
- सर्व को सम्मान देते रहो।
- सम्मान देकर उमंग-उल्हास में रहो।
- सर्व प्राप्तियों की समृति में रहो।
- एक बाप की सच्ची मुहब्बत में रहो।
- अपने आपसे रूह-रिहान करते रहो।
- किसी भी चीज़ में आसक्ति न हो।
- ज्ञान का मनन चिन्तन करते रहो।
- कर्म करते बाप को याद करते रहो।
- खाना आदि खाते भी बाप को याद करो।
- परमात्मा के साथ सर्व सम्बन्ध जोड़ लो।
- तकलीफ सहन करते भी याद करो।
- भ्रकुटी सिहांसन पर बैठो रहो।
- अपने पूज्य स्वरूप की स्मृति में रहो।
- रूहानी खुमारी में रहो।
- ड्रामा को साक्षी हो देखते रहो।
- पुरानी दुनिया से किनारे रहो।
- बहुत-बहुत-बहुत लव से याद करो।
- सदा सुहागिन बन कर रहो।
- बाप के गले में पड़े रहो।
- पुराने संस्कारो का संस्कार कर दो
- अपने सारे बोझ बाप को सौंप दो।
- आंखों को शीतल बना दो।
- सदा महावीर बनकर रहो।
- सदा ड्रामा पर अटल रहो।
- किसी से कोई शिकायत न करो।
- पवित्रता के वायब्रेशन फैलाते रहो।
- सबका धन्यवाद करते रहो।
- बाप जैसा गुणवान बनो।
83. मुसीबत में भी मुस्कराते रहो। - बापदादा की छत्रछाया में रहो।
- मायावी कागजी शेर को चींटी समझ मार दो।
- सदा बेफिकर बादशाह बनकर रहो।
- मनसा साकाश देते रहो।
- बापदादा के नयनों में समाए रहो।
- मस्तक से बाप का साक्षात्कार कराते रहो।
- सदा अव्यक्त स्थिति में रहो।
- फरिश्ता बन कर सकाश देते रहो।
- बाप समान अपकारी पर भी उपकार करो।
- सबकी दुआयें जमा करते रहो।
- बाप की याद में टाइम सफल करो।
- अज्ञान नींद से सदा जागते रहो।
- सबको बहुत नम्रता प्यार से समझाते रहो।
- प्रेमपूर्वक पवित्रता के सागर में समाये रहो।
- अपने स्वीटहोम लौटने की खुशी में रहो।
- संकल्प शक्ति को जमा करते रहो।
- यज्ञ की बड़े प्यार से सम्भाल करते रहो।
*ओम शान्ति* ✌️✌️✌️✌️